बीएसपी लीडर दीपक भारद्वाज की मर्डर मिस्ट्री तो सुलझ चुकी है लेकिन इस
गुत्थी के सुलझने के बाद जो बातें सामने आई हैं वो बेहद ही चौंकाने वाली
हैं. अपने पिता की हत्या करने वाले बेटे नितेश भारद्वाज की माने तो उसका
पिता अपने से 35 साल छोटी महिला के साथ संपर्क में था.
नितेश ने पूछताछ में कबूला कि वो अपने पिता के व्यवहार से दुखी था. नितेश
ने बताया कि उसके पिता ने परिवार को द्वारका में फ्लैट दे रखा था लेकिन
परिवार के फार्महाउस जाने पर पाबंदी थी.
नितेश ने पुलिस को ये भी बताया कि उसका पिता खुद से 35 साल छोटी उम्र की महिला के संपर्क में था और उसे शक था कि उसका पिता उस महिला को सारी जायदाद सौंप देगा. पुलिस के मुताबिक नाजायज रिश्ते से प्रॉपर्टी बचाने के लिए बेटे ने पिता को मौत के घाट उतारने का फैसला किया.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक दीपक भारद्वाज अपनी पत्नी को तलाक देने का फैसला कर चुके थे. इसके लिए वो एक वकील से भी बात कर रहे थे. इत्तेफाक से वो वकील नितेश का जानने वाला निकला और नितेश को सब कुछ पता चल गया.
इसी के बाद बाप के लिए उसके मन में इस कदर नफरत भर गई कि उसने अपने बाप को ही मार डालने का फैसला कर लिया. उसने ये भी सोचा था कि पिता की मौत के बाद संपति उसे और उसके भाई तो मिल जाएगी.
दीपक भारद्वाज की हत्या के बाद महंत प्रतिभानंद पुलिस की पकड़ से दूर विदेश भाग जाना चाहता था. जिसके लिए उसने बाकायदा पासपोर्ट का आवेदन कर रखा था. लेकिन पासपोर्ट नहीं बन सका और उसकी सारी साजिश पर पानी फिर गया.
फिलहाल महंत को छोड़कर साजिश में शामिल हर शख्स पुलिस की गिरफ्त में है. पुलिस ने बलजीत के पास से भारी रकम बरामद की है और झज्झर में नहर से देशी कट्टा भी बरामद किया है.
पुलिस बुधवार को नितेश और उसके वकील साथी बलजीत को अदालत में पेश करेगी.
क्या है पूरा मामला?
26 मार्च को बीएसपी लीडर दीपक भारद्वाज की उनके ही फार्महाउस पर गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. नौ अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने अरबपति कारोबारी दीपक भारद्वाज की हत्या की गुत्थी सुलझा ली. पुलिस की माने तो दीपक भारद्वाज के छोटे बेटे नितेश ने ही अपने पिता को मारने की सुपारी दी थी.
पुलिस के मुताबिक नितेश ने अपने एक वकील दोस्त के साथ मिलकर पिता को मारने के लिए 5 करोड़ की सुपारी दी थी. पुलिस ने बताया कि दोनों ने महंत प्रतिभानंद से संपर्क साधा.
जिसके बाद महंत ने शूटर पुरुषोत्तम को भारद्वाज की हत्या के लिए एक करोड़ रुपए दिए. बाद में पुरुषोत्तम ने चार दोस्तों के साथ मिलकर दीपक भारद्वाज को मौत के घाट उतार दिया.
नितेश ने पुलिस को ये भी बताया कि उसका पिता खुद से 35 साल छोटी उम्र की महिला के संपर्क में था और उसे शक था कि उसका पिता उस महिला को सारी जायदाद सौंप देगा. पुलिस के मुताबिक नाजायज रिश्ते से प्रॉपर्टी बचाने के लिए बेटे ने पिता को मौत के घाट उतारने का फैसला किया.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक दीपक भारद्वाज अपनी पत्नी को तलाक देने का फैसला कर चुके थे. इसके लिए वो एक वकील से भी बात कर रहे थे. इत्तेफाक से वो वकील नितेश का जानने वाला निकला और नितेश को सब कुछ पता चल गया.
इसी के बाद बाप के लिए उसके मन में इस कदर नफरत भर गई कि उसने अपने बाप को ही मार डालने का फैसला कर लिया. उसने ये भी सोचा था कि पिता की मौत के बाद संपति उसे और उसके भाई तो मिल जाएगी.
दीपक भारद्वाज की हत्या के बाद महंत प्रतिभानंद पुलिस की पकड़ से दूर विदेश भाग जाना चाहता था. जिसके लिए उसने बाकायदा पासपोर्ट का आवेदन कर रखा था. लेकिन पासपोर्ट नहीं बन सका और उसकी सारी साजिश पर पानी फिर गया.
फिलहाल महंत को छोड़कर साजिश में शामिल हर शख्स पुलिस की गिरफ्त में है. पुलिस ने बलजीत के पास से भारी रकम बरामद की है और झज्झर में नहर से देशी कट्टा भी बरामद किया है.
पुलिस बुधवार को नितेश और उसके वकील साथी बलजीत को अदालत में पेश करेगी.
क्या है पूरा मामला?
26 मार्च को बीएसपी लीडर दीपक भारद्वाज की उनके ही फार्महाउस पर गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. नौ अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने अरबपति कारोबारी दीपक भारद्वाज की हत्या की गुत्थी सुलझा ली. पुलिस की माने तो दीपक भारद्वाज के छोटे बेटे नितेश ने ही अपने पिता को मारने की सुपारी दी थी.
पुलिस के मुताबिक नितेश ने अपने एक वकील दोस्त के साथ मिलकर पिता को मारने के लिए 5 करोड़ की सुपारी दी थी. पुलिस ने बताया कि दोनों ने महंत प्रतिभानंद से संपर्क साधा.
जिसके बाद महंत ने शूटर पुरुषोत्तम को भारद्वाज की हत्या के लिए एक करोड़ रुपए दिए. बाद में पुरुषोत्तम ने चार दोस्तों के साथ मिलकर दीपक भारद्वाज को मौत के घाट उतार दिया.
No comments:
Post a Comment