बेदाग छवि का झंडा बुलंद करने वाली गुजरात
की मोदी सरकार में अरबों की गड़बड़ी हुई है। ये खुलासा सीएजी की रिपोर्ट
में हुआ है। विपक्ष के हमले से बचने के लिए सरकार ने इस रिपोर्ट को सत्र के
आखिरी दिन विधानसभा में पेश किया। लेकिन विपक्ष सरकार की इस चालाकी से
बिफर गया। उसने मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार की तमाम सीमाएं लांघने का आरोप
लगाया है।
इस
रिपोर्ट के मुताबिक एस्सार स्टील कम्पनी लिमिटेड के कब्जे वाली जमीन का
अतिक्रमण विनियमित करने में हुई देरी से सरकारी खजाने को 238 करोड़ 50 लाख
रुपये का नुकसान हुआ। बिजली खरीद करार की शर्त नहीं मानने वाली निजी
कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया। इसकी वजह से 160.26 करोड़ का नुकसान हुआ।
सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड में खुले टेंडर में सही बोली लगाने वाले
को काम नहीं दिया गया। इससे 45.09 करोड़ ज्यादा खर्च हुए। किसानों को
सिंचाई का लाभ नहीं मिल सका।
इसके
अलावा भी राज्य सरकार के तमाम मंत्रालयों में वित्तीय गड़बड़ियों को इस
रिपोर्ट में उजागर किया गया है। इस रिपोर्ट के सामने आते ही विपक्ष ने मोदी
सरकार पर हमला बोल दिया। विपक्ष का आरोप है कि विपक्ष के तमाम विधायकों को
निलंबित करने के बाद, सत्र के आखिरी दिन सीएजी रिपोर्ट को विधानसभा में
रखना मोदी सरकार की नीयत का सुबूत है। मोदी सरकार उद्योगपतियों के हाथ में
खेल रही है। लेकिन सरकार सारे आरोपों को खारिज कर रही है।
सरकार के प्रवक्ता नितिन पटेल ने कहा कि
सरकार ने किसी भी प्रकार का गलत काम नहीं किया है। सीएजी की रिपोर्ट सिर्फ
कुछ बातों का संकेत ही देती है। यह सब रिपोर्ट पीएसी के सामने रखी जाएगी।
अगर उसमें कोई गलत निकले तो विपक्ष हंगामा मचाए।
No comments:
Post a Comment