दिल्ली के अरबपति नेता दीपक भारद्वाज
हत्याकांड में दिल्ली पुलिस ने प्रदीप नाम के एक आदमी को हिरासत में ले
लिया है। बताया जा रहा है कि प्रदीप वही शख्स है जिसने दोनों शूटर्स
पुरुषोत्तम और सुनील को वारदात के लिए हथियार मुहैया कराए थे। फिलहाल
प्रदीप से वसंत कुंज थाने में पुलिस पूछताछ कर रही है।
पुलिस
ने सोमवार को इस मामले में 4 अहम आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन
पुलिस अब तक इस कत्ल का मकसद पता नहीं लगा पाई है। लेकिन सूत्रों की मानें
तो राकेश नाम के एक पायलट ने कत्ल के लिए एक करोड़ रुपए की सुपारी ली थी।
पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।वहीं पुलिस ने दीपक भारद्वाज के बड़े बेटे हितेश भारद्वाज से वसंत विहार
थाने में पूछताछ की। पूछताछ के दौरान पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किए गए
आरोपियों और हितेश को एक साथ बिठाकर सवाल-जवाब किए। इस बीच दिल्ली पुलिस आज
सभी आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश करेगी।
क्या तीन हजार करोड़ के मालिक दीपक भारद्वाज
को मारने के लिए एक करोड़ रुपए की सुपारी दी गई? क्या दीपक भारद्वाज के
कत्ल की सुपारी ट्रांसफर भी की गई थी? दिल्ली में हड़कंप मचा देने वाले इस
हत्याकांड में 4 लोगों की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस इन दो सवालों से
माथापच्ची कर रही है। आईबीएन को मिली जानकारी के मुताबिक जिन चार लोगों को
पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उन्हें दीपक भारद्वाज को मारने के लिए एक करोड़
का बजट दिया गया था। ये बजट दिया था इस केस की तहकीकात में सामने आए एक नए
और पांचवे किरदार राकेश ने। राकेश एक एयरलाइंस में पायलट है। उस पर पहले
से ही धोखाधड़ी और अपहरण का केस दर्ज है।
दिल्ली
के मुखर्जी नगर के करीब धीरपुर इलाके के एक गांव में रहने वाला राकेश ही
वो किरदार है जिसकी वजह से दिल्ली पुलिस अब तक दीपक भारद्वाज मर्डर केस को
पूरी तरह सुलझाने का दावा नहीं कर सकी है। दरअसल 4 आरोपियों की गिरफ्तारी
के बाद अब पुलिस के रडार पर राकेश है। उसकी तलाश में नरेला इलाके में
लगातार छापेमारी की जा रही है। राकेश ही वो आखिरी कड़ी है जिसके हाथ में
आने के बाद पुलिस को कई सवालों का जवाब मिल जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी
के मुताबिक नरेला में रहने वाले राकेश की गिरफ्तार हुए 4 आरोपियों से
अच्छी दोस्ती थी। अक्सर ये सभी लोग राकेश के घर पर पार्टी किया करते थे।
कोई बड़ा अपराध करने की बात कही जाती थी।
सूत्रों
की मानें तो इसी दौरान करीब डेढ़ महीना पहले राकेश ने अपने घर आए लड़कों
को एक सनसनीखेज बात कही। उसने कहा कि मुझे एक जगह से सुपारी मिल रही है।एक
बड़े आदमी को कत्ल करना है। इसके लिए एक करोड़ रुपए तक खर्च किए जा सकते
हैं। एक करोड़ रुपए की रकम सुनने के बाद ही ये तय कर लिया गया था कि दीपक
भारद्वाज की हत्या सभी मिलकर करेंगे। इसके बाद तय ये भी किया गया कि हत्या
भी स्टाइल में की जाएगी।
आम
तौर पर प्रोफेशनल अपराधी ऐसी सुपारी मिलने पर छोटी गाड़ियों का इस्तेमाल
करते हैं, लेकिन इस केस में उन्होंने बड़ी लक्जरी कार खरीदने का फैसला
किया। 8 लाख रुपए देकर स्कॉडा कार खरीदी गई। पहले ये तय किया गया कि हत्या
के बाद स्कॉडा मौके पर ही छोड़ दी जाएगी, लेकिन बाद में ये प्लान बदल दिया
गया।
अमूमन हत्या के लिए इस्तेमाल की
जाने वाली कार कभी अपराधी अपने नाम से नहीं खरीदते, लेकिन इस केस में सभी
आरोपी पुलिस से बच जाने के इतने भरोसे में थे कि छोटी-छोटी गलतियां करते
गए। इन गलतियों ने ही पुलिस के सामने एक और सवाल खड़ा कर दिया है। क्या
दीपक भारद्वाज की सुपारी भी ट्रांसफर की गई थी?
सुपारी
ट्रांसफर यानि हत्या के लिए सुपारी लेने वाला गैंग जब किसी दूसरे को हत्या
का ठेका दे दे। पुलिस को शक है कि 3 हजार करोड़ रुपए के मालिक दीपक
भारद्वाज की हत्या की सुपारी दरअसल किसी और ने ली और फिर उस शख्स ने राकेश
से संपर्क साधा। यानि सुपारी की असली रकम एक करोड़ रुपए से ज्यादा भी हो
सकती है। आरोपियों से पूछताछ के दौरान पुलिस को एक और सनसनीखेज जानकारी
मिली है। सूत्रों की मानें तो हत्या को अंजाम देने के लिए दीपक भारद्वाज के
सिक्योरिटी अफसर को भी कुछ पैसे दिए गए थे। उससे कहा गया था कि तुम तय
वक्त पर रिजॉर्ट पर मत रहना। इसके बाद ही दीपक का पीएसओ कापसखेड़ा चला गया
था।
सूत्रों
के मुताबिक दीपक के पीएसओ को ये रकम खुद पुरुषोत्तम ने दी थी। यही वजह है
कि जब 26 मार्च की सुबह स्कॉडा कार से पुरुषोत्तम और सुनील नीतेश कुंज
पहुंचे तो दीपक का पीएसओ मौके पर नहीं था। बड़ी ही आसानी के साथ उन्होंने
दीपक भारद्वाज को गोली मारी और फरार हो गए। लेकिन सीसीटीवी में कैद
तस्वीरों ने उनकी गिरफ्तारी तय करा दी। अब तलाश राकेश की है। राकेश की
गिरफ्तारी से ही ये साफ हो पाएगा कि दीपक भारद्वाज को मारने के लिए एक
करोड़ रुपए का इंतजाम किसने किया। क्या वो उनका ही कोई करीबी है?
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