पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज
मुशर्रफ पर गिरफ्तारी के डर से अदालत से ही फरार हो गए। कोर्ट की ओर से
मुशर्रफ की गिरफ्तारी के आदेश के बाद वो इस्लामाबाद हाईकोर्ट परिसर से निकल
भागे। मुशरर्फ कोर्ट से निकलने के बाद अपने सीधे अपने घर पहुंचे हैं और
उन्होंने सलाह-मश्विरा करने के लिए वकीलों को बुलाया है।
अज
जस्टिस शौकत अजीज ने जजों की गिरफ्तारी के मामले में मुशर्रफ की जमानत
खारिज करते हुए उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए। लेकिन गिरफ्तरी से पहले ही
मुशर्रफ कोर्ट परिसर से भाग निकले। बेल खारिज होते ही पुलिस उन्हें
गिरफ्तार करने जा रही थी। लेकिन मुशर्रफ अपने अंगरक्षकों के साथ बुलेट
प्रूफ गाड़ी से मौके से चले गए। मुशर्रफ आज सुनवाई के दौरान कोर्ट पहुंचे
थे। इस दौरान यहां भारी तादात में पुलिसकर्मी और रेजर्स मौजूद थे।
मुशर्रफ
पर 2009 में जजों को बंधक बनाने का केस दर्ज था। इसी केस में वो जमानत के
लिए हाईकोर्ट पहुंचे थे। लेकिन कोर्ट ने जमानत याचिका रद्द करते हुए उनकी
गिरफ्तारी के आदेश दे दिए। मुशर्रफ ने 3 नवंबर 2007 में जजों को नजरबंद
करने का आदेश दिया था। इस मामले में मुशर्रफ के खिलाफ 2009 में केस दर्ज
हुआ था।
बता दें कि मुशर्रफ ने सेना प्रमुख रहते हुए
पाकिस्तान सरकार का तख्ता पलट कर दिया था। कुछ साल तक विदेश में रहने के
बाद मुशर्रफ पिछले पखवाड़े ही पाकिस्तान लौटे थे। वापसी के बाद से ही
मुशर्रफ कोर्ट के चक्कर काट रहे थे, और जमानत ले रहे थे। इससे पहले मुशर्रफ
को चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य ठहराया जा चुका है। उन्होंने चार जगहों
से अपना नामांकन भरा था।
पाकिस्तान
के पूर्व राष्ट्रपति और तानाशाह करीब 5 साल बाद अपने वतन लौटे थे।
पाकिस्तान में 11 मई को ऐतिहासिक चुनाव होने जा रहे हैं। मुशर्रफ ने
पाकिस्तान लौटने से दो दिन पहले ही मुशर्रफ की पार्टी पीएमएलक्यू ने सिंध
उच्च न्यायालय से सुरक्षात्मक जमानत ले ली थी।
अगस्त
2008 में राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद से ही मुशर्रफ ब्रिटेन और
संयुक्त अरब अमीरात में निर्वासित जीवन बिता रहे थे। आतंकवाद निरोधी एक
अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के सिलसिले में
मुशर्रफ के खिलाफ 2011 में वारंट जारी किया था। वहीं पाक तालिबान प्रवक्ता
एहसानुल्लाह एहसान ने वीडियो जारी कर धमकी दी थी कि मुशर्रफ वापस लौटें तो
आतंकियों का मुख्य निशाना होंगे।
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