दिल्ली से पटना जा रही जनसाधारण
एक्सप्रेस के मुसाफिर उत्तर प्रदेश में लूटपाट के शिकार हो गए। लुटेरों ने न
केवल मुसाफिरों के साथ मारपीट की, बल्कि लूट के बाद मुसाफिरों को ट्रेन के
नीचे धक्का भी दे दिया। इस घटना में पांच मुसाफिर घायल हो गए। जिनमें से
एक की हालत गंभीर है।
उत्तर
प्रदेश में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। हालत ये हैं कि सूबे से
गुजरने वाली ट्रेनों के मुसाफिर भी महफूज नहीं हैं। दिल्ली से पटना जा रही
जनसाधारण एक्सप्रेस में एतमादपुर में मुसाफिरों की जान पर बन आई। एतमादपुर
के पास ट्रेन में सात-आठ गुंडे सवार हो गए और मौका मिलते ही इन सभी ने
मुसाफिरों पर हमला कर दिया। मुसाफिरों के साथ मारपीट शुरू कर दी, मुसाफिरों
के पैसे छीन लिए गए और लूट के बाद 5 यात्रियों को चलती ट्रेन से धक्का दे दिया।
घायल यात्री भोला के मुताबिक 7-8 लड़के आए और कहने लगे खड़े हो जाओ। हमें
खड़ा कर मारा-पीटा। जेब तलाश की और एक हजार रुपये ले लिए और गेट पर ले जाकर
धक्का दे दिया। इस हमले में कुछ मुसाफिरों को बुरी तरह चोटें आई हैं।
हालांकि रेल पुलिस का दावा है कि लूटपाट की इस घटना में केवल एक शख्स को
मामूली चोट लगी है। वारदात की खबर मिलने के बाद रेलवे पुलिस ने ट्रेन को
इटावा में रोक कर बदमाशों की तलाश शुरू कर दी, लेकिन लूटपाट के इरादे से
ट्रेन में सवार गुंडे पुलिस के आने का इंतजार कर रहे होंगे। ये बात समझ से
परे है।
पीड़ितों
का दावा है कि बदमाश पूरी तैयारी से आए थे। उन्होंने मुसाफिरों पर हमला
करने के लिए लाठी, डंडे और रॉड के अलावा हाथ में कुछ पहन भी रखा था। इस
वारदात ने रेलवे पुलिस की पोल भी खोल दी है। सरकार हर वाकये के बाद सुरक्षा
सख्त करने के दावे करती है। हर साल बजट से पहले रेलवे की सुरक्षा अचूक
बनाने के दावे किए जाते हैं और इसी आड़ में रेल भाड़ा बढ़ाने के बहाने भी
ढूंढे जाते हैं, लेकिन मामूली गुंडे तमाम दावों की कलई बार-बार खोलते रहते
हैं। क्या इस घटना से रेल महकमा कोई सबक लेगा?
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