विकिलीक्स ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा
गांधी को लेकर एक नया खुलासा किया है। विकिलीक्स का दावा है कि 1974 में
पहले परमाणु परीक्षण के बाद भारत ने पाकिस्तान को परमाणु तकनीक देने की
पेशकश की थी। 22 जुलाई 1974 को परमाणु परीक्षण के बाद उस वक्त प्रधानमंत्री
रहीं इंदिरा गांधी ने संसद में बयान दिया था।
विकिलीक्स
के मुताबिक अपने बयान में इंदिरा गांधी ने बताया था कि उन्होंने पाकिस्तान
प्रधानंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो से कहा था कि अगर वो चाहें तो भारत अपनी
परमाणु तकनीक पाकिस्तान को देने के लिए तैयार है। विकिलीक्स के मुताबिक
अमेरिकी दूतावास ने इंदिरा गांधी के बयान के हवाले से ये बात कही थी।
इंदिरा ने बयान दिया था, ‘’मैंने अपनी चिट्ठी में पाकिस्तान के
प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भटुटो को इस परीक्षण के शांतिपूर्ण और आर्थिक
मकसद की जानकारी दी और अगर वो चाहें तो हम अपनी परमाणु तकनीक पाकिस्तान के
साथ साझा करने को तैयार हैं। साथ ही इस तकनीक को दूसरे देशों के साथ भी
साझा करने को तैयार हैं ताकि सब देशों के बीच इस मुद्दे पर आपसी समझ और
भरोसा कायम किया जा सके।‘’
हालांकि
भुट्टो ने इंदिरा गांधी के आश्वासन को ये कहते हुए नकार दिया था कि भारत
ने पहले भी कई आश्वास दिए थे लेकिन उन पर वो खरा नहीं उतरा। भुट्टो ने कहा
कि परमाणु परीक्षण किसी परमाणु हमले से कम नहीं है। मालूम हो कि इससे पहले
विकिलीक्स ने दावा किया था कि इमरजेंसी के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा
गांधी के घर अमेरिकी भेदिया मौजूद था। ये संदेश अमेरिकी दूतावास ने अपनी
सरकार को भेजा था, एक अंग्रेजी अखबार में छपी विकिलीक्स की खबर के मुताबिक
उसी जासूस ने अमेरिकी एजेंसियों को बताया था कि संजय गांधी और आर के धवन
तानाशाही मिज़ाज के हैं और हर हाल में इंदिरा सरकार को बचाना चाहते हैं।
हालांकि कांग्रेस ने एक बार फिर आरोपों को सिरे से खारिज किया।
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