Tuesday, April 30, 2013

सोनिया के उकसाने पर सांसदों ने मुझे बोलने नहीं दिया: सुषमा

लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा है कि बीजेपी स्पीकर की बुलाई गई किसी भी बैठक में शामिल नहीं होगी। दरअसल सुषमा स्वराज आज जब संसद में बयान दे रही थीं तो उस दौरान कुछ कांग्रेसी सांसदों ने टोकाटाकी की। जिससे सुषमा स्वाराज नाराज हो गई हैं। सुषमा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर निशाना साधा और कहा है कि सोनिया को संसदीय परंपरा में विश्वास नहीं है। सुषमा स्वराज ने कहा है कि लोकसभा में उन्हें न बोलने देने के लिए सोनिया ने अपने सांसदों को उकसाया है।
सुषमा ने सोनिया गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सोनिया गांधी सब कुछ खुद ही संचालित करती हैं। सुषमा ने आरोप लगाया कि सर्वदलीय बैठक में कुछ भी तय हो, लेकिन संसद में वहीं होता है तो सोनिया चाहती हैं। सुषमा ने कहा कि जब आज उन्होंने सदन में बोलना शुरू किया तो सबकुछ ठीकठाक चल रहा था, लेकिन अचानक सोनिया के इशारे पर वहां हंगामा शुरू हो गया। साथ ही सुषमा ने कहा कि अब बीजेपी ने निर्णय लिया है कि वो अब स्पीकर की बुलाई गई किसी भी बैठक में हिस्सा नहीं लेगी।
सोनिया के उकसाने पर सांसदों ने मुझे बोलने नहीं दिया: सुषमा

सज्जन कुमार बरी, फैसले के बाद जज पर जूता उछला

कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के दामन पर 29 साल पहले लगा दंगे का एक दाग आज अदालत ने धो दिया। 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक केस से सज्जन कुमार को दिल्ली की कड़कड़ड़ूमा अदालत ने बरी कर दिया। सज्जन पर दिल्ली कैंट इलाके में पांच लोगों की मौत का मामला चल रहा था। कोर्ट ने सज्जन को तो बरी कर दिया, लेकिन उन्ही के साथ आरोपी बनाए गए बाकी पांच लोगों को दोषी करार दिया। जाहिर है कोर्ट के इस फैसले से दंगा पीड़ित खुश नहीं हैं।
दिल्ली के सिखों को वो मंजर नहीं भूलता जब 31 अक्टूबर 1984 को देश की राजधानी की सड़कों पर इंदिरा गांधी की हत्या का बदला पूरी कौम से लिया गया, सिखों के खिलाफ हिंसा दो दिनों तक बेरोकटोक चलती रही। वो मारे जाते रहे, जिंदा जलाए जाते रहे। 29 साल से उसी जख्म के साथ वो उन दंगों में इंसाफ की कानूनी जंग लड़ रहे हैं। 30 अप्रैल का दिन उनके लिए मायूसी लेकर आया, क्योंकि दिल्ली में कड़कड़डूमा की अदालत ने दंगों की आग से घिरे कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दिल्ली कैंट के राजनगर इलाके में एक ही परिवार के पांच सिखों की हत्या के इल्जाम से बरी कर दिया।
सज्जन कुमार बरी, फैसले के बाद जज पर जूता उछला
अतिरिक्त सेशंस जज जे आर आर्यन ने फैसला सुनाया कि सज्जन कुमार को हम बरी करते हैं, बाकी पांच आरोपियों को दंगा फैलाने का दोषी करार दिया जाता है। इसमें से तीन दोषियों पर हत्या यानि धारा 302 का दोष भी साबित हो गया है, 6 मई को उनकी सजा के ऐलान पर बहस की शुरुआत होगी।



29 साल पुराना केस, 3 साल तक चली सुनवाई, 17 गवाह और 3 चश्मदीद। सीबीआई ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दंगों का मुख्य साजिशकर्ता बताया था। उनपर हत्या, आपराधिक साजिश और भीड़ को भड़काने जैसे संगीन इल्जाम थे, लेकिन वो बरी हो गए और दूसरे पांच सह-आरोपियों को दोषी ठहरा दिया गया। पूर्व पार्षद बलवान खोखर, पूर्व विधायक महेंद्र यादव, किशन खोखर, गिरधारी लाल और कैप्टन भागमल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
जाहिर है सज्जन कुमार के बाइज्जत बरी होते ही दंगों के पीड़ित भड़क उठे, कोर्ट के बाहर हंगामा बरपा हुआ तो कोर्ट रूम के भीतर ही जज पर एक जूता तक उछाल दिया गया। अपने परिवार के पांच लोगों को दिल्ली कैंट के इस दंगे में खोने वाली जगदीश कौर ने इंसाफ मिलने तक अदालत में ही धरने पर बैठ गईं। दंगा पीड़ितों का कहना था कि उनके साथ इंसाफ नहीं हुआ।
गौरतलब है कि बाहरी दिल्ली से सांसद रहे कांग्रेस के धुरंधर नेता सज्जन कुमार 1984 में अपने सिख अंगरक्षकों के हाथों तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्याकांड के बाद चर्चा में आए थे। उसके बाद पूरे देश में हुए सिख विरोधी दंगों में 11 हजार सिख मारे गए अकेले दिल्ली में दंगाइयों ने 4 हजार सिखों को मार डाला था। दिल्ली पुलिस पर इस केस पर आंखें मूंदने और कांग्रेस नेताओं को बचाने के संगीन आरोप लगे। 2005 में जस्टिस जी टी नानावटी आयोग की सिफारिश पर ही सज्जन कुमार के खिलाफ ये मामले दर्ज किए गए थे। 2005 से दंगों के केस सीबीआई के पास है, लेकिन सबूतों के अभाव में सज्जन कुमार ज्यादातर मामलों में बरी हो चुके हैं, अब उनके खिलाफ सिर्फ एक केस बचा है, दिल्ली के सुल्तानपुरी में हुए दंगों में भी वो मुख्य आरोपी हैं, ये केस दिल्ली हाई कोर्ट में है। इसके अलावा नांगलोई दंगा केस में भी आरोपों के घेरे में वो हैं लेकिन इस केस में अब तक चार्जशीट तक दाखिल नहीं हो सकी है। 29 सालों से इंसाफ का इंतजार जारी है।

गुड़गांव: 23 साल की लड़की से गैंगरेप, एक गिरफ्तार

दिल्ली से सटे गुड़गांव के सोहना इलाके में एक 23 साल की लड़की के साथ उसके दोस्तों ने गैंग रेप की वारदात को अंजाम दिया। पीड़ित लड़की की शिकायत के बाद पुलिस ने लड़की के एक दोस्त को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि दूसरा आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है।
पीड़ित लड़की के मुताबिक वो सोमवार को देवेंद्र नाम के अपने दोस्त के साथ उसकी एसयूवी गाड़ी में दिल्ली से गुड़गांव आई थी। देवेंद्र के साथ उसका दोस्त भी मौजूद था। तीनों शॉपिंग करने के लिए सहारा मॉल गए। शॉपिंग के बाद देवेंद्र ने कहा कि उसकी बहन सोहना में रहती है और उसे एटीएम कार्ड देने जाना है। पीड़ित लड़की अपने दोस्तों पर भरोसा किया गाड़ी में उनके साथ सोहना के लिए निकल पड़ी। तब तक शाम हो चुकी थी। पीड़ित लड़की की माने तो एक सुनसान जगह पर उसके दोस्त ने गाड़ी रोक दी और फिर दोनों ने उसके साथ बलात्कार किया। उसके बाद दोनों आरोपी लड़की को गाड़ी से फेंककर फरार हो गए।
गुड़गांव: 23 साल की लड़की से गैंगरेप, एक गिरफ्तार
पीड़ित लड़की के मुताबिक वो किसी तरह अपने घर पहुंची और मंगलवार को पुलिस से अपने दोस्तों की घिनौनी करतूत की शिकायत की। लड़की कि शिकायत के बाद उसका मेडिकल टेस्ट कराया गया। बलात्कार की पुष्टि के बाद पुलिस ने दोनों आरोपी लड़कों के खिलाफ गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कर देवेंद्र को गिरफ्तार कर लिया। जबकि उसके दोस्त की तलाश में गुड़गांव पुलिस की दो टीमें छापेमारी कर रही है।

मुंबईवासियों का सपना होगा सच, आज मोनोरेल का ट्रायल

मुंबई का मोनोरेल का सपना जल्द ही पूरा होने वाला है। आज से मोनोरेल का ट्रायल रन होने जा रहा है। वर्सोवा से घाटकोपर जाने वाली 11 किमोमीटर की लाइन पर अभी सिर्फ 3 किलोमीटर तक का ट्रायल रन होना है। इस बीच 2007 में शुरू इस प्रोजेक्ट की कीमत 2356 करोड से बढ़कर लगभग 3893 करोड़ तक पहुंच गई है।
कई बार बढ़ी सीमा
मुंबईवासियों का सपना होगा सच, आज मोनोरेल का ट्रायल
मुंबई के लोगों का सपना है कि वो भी दिल्ली और कोलकता की तरह फर्राटे से दौड़ने वाली मेट्रो का सफर करें। एमएमआरडीए ने साल 2005 में मुंबई में मोनोरेल चलाने की घोषणा की थी। लेकिन इसका काम शुरु होने में ही दो साल का लम्बा वक्त लगा। काम शुरु हुआ 2007 में, एमएमआरडीए ने उस समय वर्सोवा से घाटकोपर तक 11 किलोमीटर का काम पूरा करने की समय सीमा रखी दिसंबर 2010 तक। लेकिन पिछले तीन सालों में काम पूरा करने की सीमा लगभग 7 बार बढ़ाई गयी। सबसे पहले दिसंबर 2010 तक काम पूरा करने का लक्ष्य, फिर समय सीमा फरवरी 2011 की गई, इसके बाद दिसंबर 2011 तक समय बढ़ाया गया। कुछ सिविल वर्क पूरा नहीं होने के कारण इसे फिर बढ़ाकर मार्च 2012 किया गया। समय को बदलकर दिसंबर 2012 रखा गया।
महाराष्ट्र दिवस पर ट्रायल
अब सातवीं बार इसे महाराष्ट्र दिवस यानी 1 मई तय किया गया है | मेट्रो प्रोजेक्ट के इस पहले चरण की कीमत लगभग 2356 करोड रुपए थी। लेकिन काम समय सीमा में पूरा नहीं होने के कारण प्रोजेक्ट में लगभग 1500 करोड रुपए का इजाफा हो गया। आज प्रोजेक्ट की कुल कीमत लगभग 3893 करोड रुपए हो गई है।

पाक डॉक्टरों का दावा-'ब्रेन डेड' नहीं सरबजीत, हालत नाजुक

लाहौर के जिन्ना अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे सरबजीत सिंह के ब्रेन डेड होने की खबर को पाकिस्तानी डॉक्टरों ने खारिज कर दिया है। हालांकि डॉक्टरों ने ये भी कहा कि उनकी हालत और बिगड़ गई है। मंगलवार की सुबह और शाम को सरबजीत के घरवालों ने उन्हें देखा। घरवालों से डॉक्टरों ने सरबजीत का लाइफ स्पोर्ट सिस्टम हटाने की इजाजत भी मांगी, लेकिन घर वाले इस पर राजी नहीं हुए। सरबजीत की बहन और बेटियां आज वापस लौट रहे हैं।
जिन्ना अस्पताल में भर्ती सरबजीत का इलाज कर रहे मेडिकल बोर्ड के मुताबिक मंगलवार को सरबजीत की हालत सुधरने की बजाय और बिगड़ गई। ताजा सीटी स्कैन में सरबजीत की हालत में कोई सुधार नहीं पाया गया है। उनका ब्लड प्रेशर और गिर गया है। सरबजीत के परिवार ने बताया था कि सरबजीत का ब्रेन डेड हो चुका है, ऐसा उन्हें वहां के डॉक्टरों ने बताया था, लेकिन सरबजीत का इलाज कर रहे डॉक्टरों के पैनल ने कहा है कि सरबजीत का ब्रेन डेड नहीं हुआ है। कोमा में गए मरीज की दिमागी हालत को मापने के ग्लासगो लेवल पर सरबजीत का स्केल 5 है, जबकि अधिकतम 15 होता है, लेकिन डॉक्टरों ने ये भी कहा कि सरबजीत की हालत बेहद नाजुक है।
पाक डॉक्टरों का दावा-'ब्रेन डेड' नहीं सरबजीत, हालत नाजुक
वहीं मंगलवार को सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने पाकिस्तान सरकार से गुजारिश की है कि भारतीय डॉक्टरों को इलाज में मदद के लिए पाकिस्तान बुलाया जाए। इससे पहले सरबजीत को बेहतर इलाज के लिए भारत भेजने की मांग को पाकिस्तान ने ठुकरा दिया था। उधर डॉक्टरों ने सरबजीत को वेंटिलेटर से हटाने की परिवार से इजाजत मांगी है। भारत में विदेश राज्यमंत्री परणीत कौर के मुताबिक मुझे दुख है इस खबर को सुनकर। दलबीर कौर ने अपने भाई के बारे में बहुत संघर्ष किया है। पाकिस्तान ने इलाज के लिए बाहर ना भेज कर गलत किया। अगर उनके शरीर को वापस भारत लाना पड़े तो हम परिवार की मदद करेंगे।
दूसरी तरफ सरबजीत का परिवार बुधवार सुबह भारत लौट रहा है। पाकिस्तान में बम धमाकों के आरोपी भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह पर कोट लखपत जेल में शुक्रवार को कुछ कैदियों ने हमला कर दिया था, जिसमें वो बुरी तरह जख्मी हो गए थे।

राहत या आफत! पेट्रोल 3 रुपए सस्ता, दूध 2 रुपए महंगा

महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चौतरफा घिरी सरकार के खिलाफ बिगड़ते माहौल के बीच तेल कंपनियों ने पेट्रोल तीन रुपए सस्ता कर दिया है। पेट्रोल को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किए जाने के बाद ये अब तक की सबसे बड़ी एकमुश्त कटौती है। तेल कंपनियों का दावा है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें गिरने और रुपए के मजबूत होने से पेट्रोल सस्ता किया गया है। वहीं, बिना सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर के दाम में भी 54 रुपए की कटौती की गई है।
तेल कंपनियों ने पेट्रोल में एकमुश्त 3 रुपए की कटौती की है। मंगलवार रात से दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 66 रुपए 9 पैसे से घटकर 63 रुपए 9 पैसे हो गई है। इससे पहले 16 अप्रैल को पेट्रोल के दाम 1 रुपये 20 पैसे घटाए गए थे। मार्च से लगातार चौथी बार पेट्रोल की कीमतों में कटौती की गई है। 2 मार्च से अब तक कीमतों में कुल 7 रुपए 65 पैसे की कटौती की जा चुकी है। तेल कंपनियों की मानें तो अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत घटने से पेट्रोल के दाम घटाए गए हैं।
राहत या आफत! पेट्रोल 3 रुपए सस्ता, दूध 2 रुपए महंगा
इंडियन ऑयल का कहना है कि 16 अप्रैल से अब तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पेट्रोल की कीमत 116 डॉलर प्रति बैरल से घटकर 107 डॉलर प्रति बैरल हो गई है। इस दौरान रुपए-डॉलर एक्सचेंज रेट में भी सुधार हुआ है। इस कारण तेल कंपनियों ने ये फायदा आम आदमी तक पहुंचाने का फैसला किया है। हालांकि इस दौरान तेल कंपनियों ने डीजल के दाम में कोई कटौती नहीं की है। जबकि तेल कंपनियों के मुताबिक डीजल पर उन्हें फिलहाल 3.80 रुपये प्रति लीटर, केरोसिन पर 27.93 रुपये प्रति लीटर और घरेलू रसोई गैस की बिक्री पर 379 रुपये प्रति सिलेंडर का नुकसान हो रहा है।
माना जा रहा है कि डीजल के दाम न बढ़ाने की वजह पांच मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव हैं। गौरतलब है कि कर्नाटक पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली का गृह राज्य भी है। पेट्रोल के अलावा सरकार ने बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में 54 रुपए की कटौती की है। दिल्ली में गैर सब्सिडी वाला सिलेंडर अब 901 रुपये की जगह 847 रुपये में मिलेगा। दूसरे शहरों में सिलेंडर की कीमतें सेल्स टैक्स या वैट के चलते अलग-अलग होंगी।
उधर, पेट्रोल भले ही सस्ता हो गया हो, लेकिन अमूल ने दिल्ली-एनसीआर में आज से अपना दूध 2 रुपए महंगा कर लोगों को झटका दे दिया। अमूल के फुल क्रीम मिल्क की कीमत 40 रुपए से बढ़कर 42 रुपए प्रति लीटर हो गई है, जबकि टोंड मिल्क 30 रुपए से बढ़कर 32 रुपए और डबल टोंड मिल्क का दाम 26 रुपए से बढ़कर 28 रुपए हो गया है। अमूल कंपनी ने दाम बढ़ाने के पीछे महंगाई में बढ़ोतरी और ज्यादा खरीद लागत का हवाला दिया है। अमूल के इस कदम के बाद अब देशभर की डेयरी कंपनियां दूध और इससे बने उत्पाद की कीमतें बढ़ाने की तैयारी में हैं।

कर्नाटक में इकलौती चुनावी रैली में राहुल पर बरसे मोदी

बेंगलुरू में रविवार को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी इकलौती चुनावी रैली की। मोदी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो घूम-घूम कर सत्ता मांग रहे हैं। माना जा रहा है कि कर्नाटक में बीजेपी की पतली हालत को देखते हुए ही मोदी ने और सभाएं ना करने का फैसला किया है।
मोदी ने लोगों से एक बार फिर कर्नाटक में बीजेपी को जिताने की अपील की। मोदी ने कहा कि हम लोगों का एक संस्कार होता है। मां जो कहती है उसे हम मानते है लेकिन कांग्रेस में मां कहती है कि बेटा सत्ता जहर होती है लेकिन बेटा कर्नाटक में घूम घूम कर कहता है कि हमें सत्ता दे दो।
कर्नाटक में इकलौती चुनावी रैली में राहुल पर बरसे मोदी
मोदी के इन तेवरों के बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर वो कर्नाटक में सिर्फ एक ही रैली क्यों कर रहे हैं। दरअसल मोदी ने कर्नाटक से जानबूझकर दूरी बना रखी है। वहां बीजेपी की हालत पहले से ही पतली है और मोदी अपने मिशन 2014 पर कर्नाटक की हार का साया नहीं पड़ने देना चाहते। हालांकि कर्नाटक बीजेपी चाहती थी कि मोदी कम से कम दर्जन भर चुनावी रैलियां संबोधित करें। लेकिन मोदी जोखिम नहीं लेना चाहते इसीलिए उन्होंने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 140 उम्मीदवार तय करने के लिए हुई बीजेपी चुनाव समिति की बैठक से भी किनारा कर लिया था। राज्य में बीजेपी की पांच साल की सरकार में घोटालों और गुटबाजी के चलते सत्ता विरोधी लहर चरम पर है। मोदी के धुआंधार प्रचार से पार्टी के खिलाफ वोटों के ध्रुवीकरण का भी खतरा है। ऐसे में मोदी को डर है कि बीजेपी हारी तो उनकी छवि कमजोर हो जाएगी।
उधर कर्नाटक में अपनी जीत की संभावना से उत्साहित कांग्रेस, मोदी मुद्दे को तवज्जो देना नहीं चाहती। पार्टी नेता और सूचना-प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि कौन व्यक्ति किस पार्टी के लिए प्रचार करता है ये उनका फैसला है। जहां तक जादू की बात है तो 8 मई को फैसला हो जाएगा।
दिल्ली की कुर्सी पर नजरें गड़ाए मोदी देशभर में अपनी ब्रांडिग कर रहे हैं। वे मध्यप्रदेश और दिल्ली में भी चुनाव प्रचार करेंगे। लेकिन वे अपने राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत कर्नाटक की हार के तमगे से नहीं करना चाहते। उत्तरप्रदेश में भी बीजेपी की बुरी हालत को भांपकर मोदी ने एक भी रैली नहीं की थी।

UAE के राष्ट्रपति का आदेश, मिस्र के 103 कैदी होंगे रिहा

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायेद अल नाहयान ने विभिन्न मामलों में सजायाफ्ता मिस्र के 103 कैदियों को रिहा करने के आदेश दिए हैं। खलीफा ने इन सजाओं के कारण उन पर पड़े वित्तीय बोझ के मामले को भी जल्द निपटाने की प्रतिबद्धता जताई।
समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएम के अनुसार खलीफा द्वारा मिस्र के 103 सजायाफ्ता कैदियों को क्षमा करना दर्शाता है कि वह कैदियों को एक नई जिंदगी शुरू करने का मौका देना चाहते हैं और उनके परिवारों की पीड़ा का अंत करना चाहते हैं।

23 साल पहले गलती से पाकिस्तान में सरबजीत ने रखा कदम!

भिखिविंड, पंजाब के तरणतारण जिले का छोटा सा कस्बा, 23 साल पहले इसी कस्बे का एक नौजवान गलती से पाकिस्तान गया। अब वो पाकिस्तान के अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। सरबजीत का ये कस्बा गुस्से में है। पाकिस्तान में सरबजीत पर हुए हमले ने इस कस्बे में रहने वालों लोगों को हिला दिया है। लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन दिल में एक ही डर है सरबजीत का इलाज पाकिस्तान में अच्छे से नहीं होगा। लोगों का कहना है कि पाकिस्तान इलाज ही क्यों करना चाहेगा? असल में तो सरबजीत की हत्या की साजिश ही जेल अधिकारियों के मिलीभगत से की गई।
कस्बा भीखीविंड में लोगों ने पाकिस्तान का पुतला फूंका। लोगों का कहना है कि पाक सरबजीत के परिवार और भारत का बेवकूफ बना रहा है। लोग सरबजीत के लिए दुआ मांग रहे हैं। भारत सरकार पर नरमी के आरोप बरत रहे हैं। पाकिस्तान की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं। सरकार का कहना है कि वो कोशिशें कर रही हैं। लेकिन मांग इससे ज्यादा की हो रही है। मांग सरबजीत के विदेश में इलाज कराने की हो रही हैं।
23 साल पहले गलती से पाकिस्तान में सरबजीत ने रखा कदम!
बीजेपी नेता बलबीर पुंज के मुताबिक कुछ समय पहले भी ऐसा ही हुआ था पर अगर तभी भारत नें कठोरता से पूरे मसले को एड्रेस किया होता तो आज शायद सरबजीत के साथ ऐसा न होता। सरबजीत को तुरंत भारत वापस लाना चाहिए और यहां पर ठीक तरह से उसका इलाज कराना चाहिए। वहीं जेडीयू नेता शिवानंद तिवारी के मुताबिक इसकी पूरी जवाबदेही पाकिस्तान की है। पाकिस्तान की सरकार को खेद व्यक्त करना चाहिए।



भारत सरकार इस पूरे मामले पर सिर्फ गंभीरता से नजर बनाए रखने के अलावा कुछ और करती नजर नहीं आ रही है। हांलाकि वो विपक्ष को ये सलाह भी दे रही है कि इस मसले पर वो सियासत ना करे। कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला के मुताबिक सरबजीत पर राजनैतिक फायदा लेने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। बेहतर यह होगा की हम यह कोशिश करें की सरबजीत के परिवार को फायदा कैसे हो। लेकिन फिलहाल तो सरबजीत का परिवार पाकिस्तान में भटकता नजर आ रहा है। वो इंसाफ की गुहार लगा रहा है। सरबजीत की सलामती की दुआ कर रहा है। क्या पाकिस्तान सरकार पर इस गुहार को कोई असर होगा।
मालूम हो कि सरबजीत पर हमले ने पाकिस्तानी जेलों में बंद भारतीयों की सुरक्षा का मुद्दा गरमा दिया है। सरबजीत को पाकिस्तान की सरकार जासूस कहती है, और सरबजीत का कहना है कि भटक कर पाकिस्तान की सीमा में चला गया। सच क्या है पता नहीं, लेकिन खुफिया एजेंसियों के शह और मात के खेल में जीते जागते इंसानों को दोनो ही देश भुलाते रहे हैं।
जिंदगी और मौत के बीच झूलते सरबजीत सिंह को पाकिस्तान भारत का जासूस कहता है। उसके परिवार का दावा है कि उसे गलत पहचान की सजा मिली। उसे जिस धमाके के लिए सजा मिली-वो मनजीत नाम के शख्स ने किया था। सरबजीत के साथ गलत पहचान की ये दास्तां पिछले साल जून 2012 में भी दोहराई गई। खबर आई कि तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सरबजीत को माफी दे दी, उसे छोड़ दिया जाएगा। लेकिन पहचान बदलते देर नहीं लगी। सरबजीत की जगह छोड़ा गया सुरजीत सिंह। वतन से लौटते ही सुरजीत ने ये कह कर धमाका कर दिया कि वो पाकिस्तान में भारत का जासूस था। खुफिया जानकारी जुटाने के लिए वो 85 बार पाकिस्तान गया-लेकिन 86वीं बार पकड़ा गया।
सुरजीत का दावा सही है या गलत कोई नहीं जानता लेकिन उसके बयान ने भारत पाकिस्तान के बीच चलने वाले जासूसी के खेल को सुर्खियों में ला दिया। ये वो कहानी है जिसके बारे में Raw के पूर्व अधिकारी बी रमन ने तफ्सील से खुलासा किया है।उन्होंने खुलासा किया है कि राजीव गांधी ने ऑर्डर दिया था कि हर बार जब यहां दहशतगर्द हमले होते थे, तो पाकिस्तान में इसके जवाबी हमले होने चाहिए। पाकिस्तान की जेलों में बंद ज्यादातर भारतीय कैदी 80 और 90 के शुरुआती दशक में वहां पकड़े गए थे। यही वो दौर था जब भारत में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का फैलाया खालिस्तानी आतंकवाद चरम पर था।
जानकारों की मानें तो इसका जवाब देने के लिए भारतीय खुफिया एजेंसी RAW ने दो खुफिया ऑपरेशन ग्रुप बनाया। पहले ग्रुप काउंटर इंटेलिजेंस टीम-X को पाकिस्तान में आम जगहों पर जवाबी हमलों की जिम्मेदारी दी गई। दूसरे ग्रुप काउंटर इंटेलिजेंस टीम-J को खालिस्तानी आतंकियों और टार्गेट पर हमले का जिम्मा मिला। जानकारों का कहना है कि इस मकसद के लिए बहुत से लोगों को जासूसी की ट्रेनिंग दी गई, कई मिशन में कामयाब रहे, बहुत से पकड़े गए, लेकिन कोई नहीं जानता कि सरबजीत, सुरजीत जैसे तमाम कैदी इस प्लान का हिस्सा थे या नहीं। हालांकि सुरजीत की मानें तो पकड़े जाने के बाद तमाम जासूसों को भुला दिया गया, उन्हें पाकिस्तानी जेलों में सड़ने के लिए छोड़ दिया गया।

आखिरकार 14 दिन बाद थम गई सिवनी की ‘गुड़िया’ की सांसें

मध्य प्रदेश के सिवनी की रेप पीड़ित गुड़िया की सांसे आखिरकार थम गई। पिछले 14 दिनों से गुड़िया का नागपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा था। कल शाम दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई। गुड़िया के पड़ोसी पर बलात्कार का आरोप लगा था। नागपुर के केयर अस्पताल के डॉक्टरों ने गुड़िया को बचाने की कोशिश की लेकिन वो कामयाब न हो सके। मंगलवार शाम से उसकी हालात खराब होनी शुरू हो गई थी। गुड़िया की मौत सोमवार शाम 7.45 मिनट पर हुई।
17 अप्रैल, 2013 को मध्य प्रदेश के सिवनी गांव में गुड़िया के साथ बलात्कार किया गया था। आरोप पड़ोस में रहनेबाले फिरोज पर लगा। जिसे पुलिस ने कुछ ही दिनों के बाद बिहार के भागलपुर से गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी फिरोज ने गुड़िया की गला दबाकर मारने की कोशिश की थी। तब से गुड़िया की हालत काफी खराब बनी हुई थी। बच्ची का गला दबाने की वजह से उसका ब्रेन काम नहीं कर रहा था और उसे लगातार वेंटिलेटर पर रखा गया था। अच्छे इलाज के लिए गुड़िया को एयर एंबुलेंस के जरिए नागपुर के केयर अस्पताल में लाया गया था। लेकिन गुड़ियां के हालात में कोई सुधार नहीं हुआ। आखिरकार उसने इस दुनिया से अलविदा कह दिया।
आखिरकार 14 दिन बाद थम गई सिवनी की ‘गुड़िया’ की सांसें
5 साल की मासुम गुड़ियां की मौत के बाद उसके माता-पिता सक्ते में हैं और मांग कर रहे है कि जो दर्द और जख्म उनकी मासूम बच्ची ने झेले हैं। उससे कई गुणा ज्यादा दर्द और जख्म उस आरोपी को मिले, जिसकी वजह से आज गुड़ियां इस दुनिया में नही है।

29 साल बाद इंसाफ का दिन, सज्जन पर फैसला आज

29 साल बाद 1984 सिख दंगों में आज इंसाफ का दिन है। दिल्ली कैंट इलाके में हुए दंगों की सुनवाई कर रही दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले में कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार समेत 6 लोग आरोपी हैं। सीबीआई के मुताबिक सज्जन कुमार 1984 दंगों की साजिश के कर्ताधर्ता थे, जिन्होंने भीड़ को उकसाया और दिल्ली पुलिस दंगाइयों को रोकने की बजाए चुपचाप तमाशा देखती रही।
सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए बने नानावती आयोग की सिफारिशों के आधार पर सीबीआई ने 2010 में चार्जशीट फाइल की थी। चार्जशीट में सीबीआई ने पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार, पूर्व एमएलए महेंद्र यादव और पूर्व पार्षद बलवान खोखर समेत 6 लोगों पर हत्या, दंगा फैलाने, डकैती, संपत्ति का नुकसान करने, विभिन्न समुदाय के बीच दुश्मनी फैलाने, आपराधिक षड़यंत्र रचने आदि की धाराओं के तहत आरोप तय किया था। सज्जन कुमार मुख्य आरोपी हैं। उनपर भीड़ को उकसाने के भी आरोप लगे।
29 साल बाद इंसाफ का दिन, सज्जन पर फैसला आज
मालूम हो कि अंतिम बहस पर जिरह के दौरान सीबीआई ने दलील दी कि गवाहों के बयान पूरी तरह से विश्वसनीय हैं। सीबीआई ने पुलिस और सज्जन कुमार पर मिलीभगत का भी आरोप लगाया। सीबीआई के मुताबिक सज्जन कुमार के उकसाने पर ही भीड़ ने सिखों का कत्लेआम किया और दंगा-फसाद कर घरों में लूटपाट की थी।
सीबीआई ने दलील दी कि दिल्ली पुलिस ने जानबूझकर सिख दंगों के दौरान कार्रवाई नहीं की जो उसे पुलिस की भूमिका में करनी चाहिए थी। पुलिस ने हमलावारों के अंदर डर भी पैदा नहीं किया और आंख बंद कर सबकुछ देखती रही।
सीबीआई के मुताबिक बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने के बावजूद दिल्ली पुलिस ने महज पांच मौतों का ही केस बनाया। इसमें भी उसने गवाहों को अदालत में पेश नहीं किया जिसकी वजह से आरोपी बरी होते गए। साथ ही इस मामले में अहम गवाहों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ऐसे ही पीड़ितों में से एक निरप्रीत हैं। 1984 में वो महज 16 साल की थी। 1 नवंबर, 1984 को दंगाइयों ने उनके पिता की हत्या कर दी। निरप्रीत के मुताबिक इसके एक दिन बाद ही उन्होंने कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार को राजनगर इलाके में भड़काऊ भाषण देते देखा। पुलिस ने निरप्रीत को गवाह नहीं बनाया। लेकिन बाद में वो सज्जन के खिलाफ सीबीआई की अहम गवाह बनी।
निरप्रीत का कहना है कि गवाह बनते ही उनपर मुसीबतों को एक और पहाड़ टूट पड़ा। 45 साल की हो चुकी निरप्रीत का कहना है कि सज्जन कुमार की मुखालफत उन्हें पंजाब भागने पर मजबूर कर दिया। फिलहाल वो सारे मामलों में बरी हो चुकी हैं। निरप्रीत का कहना है कि उन्हें फंसाया गया। सज्जन '84 दंगा मामले में पहले ऐसे बड़े चेहरा होंगे जिनपर आज फैसला आएगा। यही नहीं दंगों की जांच के लिए बने नानावटी कमीशन की रिपोर्ट आने के बाद ये पहला अदालती फैसला होगा

सरबजीत पर हमले में जेल अफसरों का भी हाथ: पूर्व गुप्तचर

भारत के एक पूर्व गुप्तचर ने सोमवार को कहा कि लाहौर की कोट लखपत जेल में सरबजीत पर हुआ हमला सुनियोजित है और जेल अधिकारियों की मिलीभगत से इसे अंजाम दिया गया है। यह गुप्तचर दो दशकों तक पाकिस्तान की जेल में बंद रहा था। गुप्तचर ने दावा किया कि 1977 में उसे अपदस्थ प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो का कत्ल करने के लिए ब्लैंक चेक दिया गया था। उन्होंने कहा कि फांसी की सजा पाए किसी कैदी के लिए जेल अधिकारियों की मिलीभगत के बगैर इस तरह का हमला करना असंभव है। भुट्टो को अपदस्थ किए जाने के बाद उस समय लाहौर जेल में ही रखा गया था।
भारतीय जासूस होने के आरोप में 1976 से लेकर 1996 तक पाकिस्तान की विभिन्न जेलों में कैद काटने वाले इलाही ने कहा कि उस देश में मौत की सजा पाए कैदियों को अत्यंत कड़ी निगरानी में रखा जाता है। पाकिस्तान के मौजूदा राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ समय गुजारने वाले इलाही ने कहा कि ऐसे कैदियों को उनके सेल से दिन में सिर्फ आधे घंटे के लिए चहलकदमी के लिए निकाला जाता है और इस दौरान उनकी हथकड़ी लगी होती है। इसलिए फांसी की सजा पाए कैदी पर हमला करना असंभव है।
सरबजीत पर हमले में जेल अफसरों का भी हाथ: पूर्व गुप्तचर
26 अप्रैल को सरबजीत पर हुए कातिलाना हमले के आरोप में पाकिस्तानी अधिकारियों ने दो कैदियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। वे दोनों भी फांसी की सजा पाए कैदी हैं। बुरी तरह जख्मी सरबजीत अभी कोमा में हैं और लाहौर के जिन्ना अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। इलाही ने कहा कि सुरक्षा अत्यंत कड़ी रहती है। चहलकदमी करते समय कैदी की निगरानी में कई लोग मौजूद रहते हैं। एक ही समय में फांसी की सजा पाए दो कैदी नहीं निकाले जाते हैं। उन्हें बारी-बारी से बाहर निकाला जाता है। एक कैदी के सेल में बंद होने तक दूसरा प्रतीक्षा करता रहता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों का यह दावा कि मौत की सजा पाए दो कैदियों ने हमला किया गले नहीं उतरता।

कोलगेट विवाद: इस्तीफा दे सकते हैं एएसजी हरिन रावल

देश के एडिशनल सॉलीसिटर जनरल हरिन रावल इस्तीफा दे सकते हैं। उन्होंने अटॉर्नी जनरल पर सीबीआई रिपोर्ट में बदलाव कराने के आरोप लगाए थे। गौरतलब है कि रावल ने सॉलीसिटर जनरल वाहनवती को एक चिट्ठी लिखकर कहा था कि कोयला घोटाले में उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
दूसरी तरफ शिवसेना के संजय राउत ने कहा कि वो कानून मंत्री अश्विनी कुमार का इस्तीफा मांग रहे हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कानून मंत्री के पीछे-पीछे खड़े हैं। उनका समर्थन है। प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उनको भी इस्तीफा देना चाहिए। राउत के मुताबिक जब कोयला और खनन मंत्रालय मनमोहन सिंह के पास था तबसे सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हुआ।
वहीं दूसरी तरफ आज बीजेपी की संसदयीय दल की बैठक चल रही है। जिसमें कोल स्कैम पर सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले और एएसजी हरिन रावल के खत को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई जा रही है। बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी के मुताबिक कोयले की कालिख को कानून के कपड़े से पोंछने की कोशिश है। आज कानून को सुरक्षाकवच बनाने वाले बेनकाब हो चुके हैं। ये साफ हो चुका है कि पीएम और उनके मंत्री गुनहगार हैं।
कोलगेट विवाद: इस्तीफा दे सकते हैं एएसजी हरिन रावल
वहीं एएसजी के बयान पर सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी का कहना है कि मामला न्यायालय में है। उन्होंने कहा कि संसद एक आदमी की वजह से ठप नहीं है। विपक्ष नहीं चाहता है कि संसद की कार्यवाही चले। वहीं वकील माजिद मेमन के मुताबिक जो कानूनी अधिकारियों के बीच विभेद सामने आ रहे हैं। उन्हें अपने बीच मुद्दों को साफ करना चाहिए। ये मुद्दा सुलझाया जा सकता है। इससे विरोधियों को बोलने का मौका मिल रहा है।
वहीं कांग्रेस के जगदंबिका पाल का कहना है कि बीजेपी का पीएम और कानून मंत्री का इस्तीफा मांगना गैर जिम्मेदाराना है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले इस्तीफा मांगना उचित नहीं है।

एडिशनल सॉलिसीटर के खत ने सरकार को डाला मु्श्किल में

कोयला खदान आबंटन मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होगी। आज सीबीआई निदेशक के हलफनामे पर सुनवाई होनी है। लेकिन इससे पहले एक चिट्ठी ने सरकार की मुश्किल बढ़ा दी है। एडिशनल सॉलिसीटर जनरल हरिन रावल ने अटॉर्नी जनरल जी ई वाहनवती को चिट्ठी लिखकर कहा है कि इस मामले में उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है।
अपनी चिट्ठी में हरिन का दावा है कि अटॉर्नी जनरल स्टेटस रिपोर्ट के बारे में सबकुछ जानते हुए भी अनजान बनने की कोशिश कर रहे हैं। हरिन रावल का ये खुलासा वाहनवती के उस दावे को झुठला रहा है जिसमें उन्होंने 12 मार्च को कहा था कि वो स्टेटस रिपोर्ट के बारे में कुछ नहीं जानते थे।
कोयला खदान आबंटन घोटाले में अहम सुनवाई से पहले सियासी गलियारों में काफी हलचल रही। दरअसल सरकार की मुश्किल बढ़ाई है एक चिट्ठी ने। ये चिट्ठी एडिशनल सॉलिसीटर जनरल हरिन रावल ने अटॉर्नी जनरल जी ई वाहनवती को लिखी है। इस चिट्ठी में हरिन ने लिखा है कि कोयला घोटाला केस में उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है। हरिन का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने जो हलफनामा दाखिल किया था, उस पर अटॉर्नी जनरल की सहमति थी।
आपको बता दें कि इस मामले में सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने जो हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है, वो अदालत में एडिशनल सॉलिसीटर जनरल हरिन रावल के दावे के एकदम उलट है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने पिछले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करके बताया कि-
1- 8 मार्च को जो स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई, उसे कानून मंत्री को दिखाया गया था।
2- उस रिपोर्ट को प्रधानमंत्री कार्यालय और कोयला मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों ने भी देखा।
3-कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने सीबीआई से ये रिपोर्ट दिखाने की मांग की थी।
4-सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चूंकि ये जांच, सरकार के कामकाज को लेकर है, इसलिए जांच रिपोर्ट किसी राजनेता को नहीं दिखाई जानी चाहिए, और अगर ऐसा हुआ है तो सीबीआई निदेशक खुद हलफनामा देकर बताएं।
5. लेकिन 12 मार्च 2013 को जब सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया था, तब उस वक्त कोर्ट में मौजूद एडिशनल सॉलीसीटर जनरल हरिन रावल ने जबानी बताया था कि सीबीआई की जांच रिपोर्ट किसी को भी नहीं दिखाई गई है।
जाहिर है सीबीआई का हलफनामा और हरिन रावल का दावा एक दूसरे के एकदम उलट हैं। इसी वजह से हरिन कह रहे हैं कि उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है। हरिन रावल तब कोर्ट में सीबीआई की तरफ से वकील थे, लेकिन अब सीबीआई एक निजी वकील यू ललित की सेवाएं ले रही है।
अब, जब आज सीबीआई के हलफनामे पर सुप्रीम कोर्ट में बहस होनी है, उससे ठीक एक दिन पहले हरिन रावल की चिट्ठी ने विपक्ष को सरकार पर हमले का एक और मौका दे दिया। बीजेपी ने इसे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मामला बताया है। बीजेपी ने दो अहम सवाल उठाए हैं।
1. आखिर एडिशनल सॉलीसिटर जनरल हरिन रावल ने कोर्ट में झूठ क्यों बोला।
2. सरकार के वकील एटॉर्नी जनरल जी ई वाहनवती ने सच क्यों नहीं बताया।
हरिन की चिट्ठी के बाद पीएमओ ने एक अहम बैठक बुलाई जिसमें आज सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई और सरकार की तरफ से दी जाने वाली दलीलों पर चर्चा हुई। इस बैठक में कानून मंत्री अश्विनी कुमार भी शामिल थे। सूत्रों के मुताबिक हो सकता है आज की सुनवाई के दौरान कोर्ट में न तो हरिन रावल हों न ही वाहनवती। इनके बजाय सॉलिसीटर जनरल मोहन परासरण और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल पारस कुहद सरकार का पक्ष रख सकते हैं।

चोरी फिर सीनाजोरी! लद्दाख में चीन ने गाड़ा एक और तंबू

लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी में पहले ही घुसपैठ कर बैठे चीन के हौंसले बढ़ते ही जा रहे हैं। भारत की आपत्ति को दरकिनार करते हुए चीनी सैनिकों ने दौलत बेग ओल्डी में एक और टेंट लगा लिया है। इस तरह इस इलाके में अब चीन ने कुल 5 टेंट लगा लिए हैं। भारत के तमाम एतराजों के बावजूद चीनी सैनिकों ने ये हरकत की है।
चीन ने अभी तक इस इलाके से वापस जाने का कोई संकेत नहीं दिया है। हालांकि भारत की तरफ से कूटनीतिक कोशिशें जारी हैं, लेकिन चीन इस बार पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दे रहा है। भारत और चीन के बीच दो बार ब्रिगेडियर स्तर की फ्लैग मीटिंग भी हो चुकी है। लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकल सका है। चीन के सैनिक भारतीय सीमा में करीब 19 किलोमीटर अंदर तक घुस आए हैं।
चोरी फिर सीनाजोरी! लद्दाख में चीन ने गाड़ा एक और तंबू
सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन की अध्यक्षता में चाइना स्टडी ग्रुप ने बैठक कर इस मुद्दे पर चर्चा की। इस बैठक में रक्षा, गृह और विदेश मंत्रालय के सचिव भी मौजूद थे। चीन के जिद्दी रवैये की वजह से अब तक दोनों देशों के बीच मसले को सुलझाने के लिए तीसरी फ्लैग मीटिंग नहीं हो सकी है।
चीन के इसी रवैये के चलते सीमा को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। चीन के सैनिकों को दौलत बेग में घुसपैठ किए दो हफ्ते हो चुके हैं। भारत के तमाम एतराज के बावजूद वो इलाके से जाने को तैयार नहीं है। उधर, भारत के जवान भी पास ही में डेरा जमाए हुए हैं और चीनी सैनिकों की हर हरकत पर नजर रखे हुए हैं।

एकता कपूर के घर और दफ्तर पर इनकम टैक्स का छापा

टीवी क्वीन और फिल्म प्रोड्यूसर एकता कपूर के घर और ऑफिस पर आयकर विभाग का छापा पड़ा है। एकता के परिवार में जितने भी सदस्य हैं, सबके यहां छापे पड़ रहे हैं। इसे आईटी की बड़ी रेड बताया जा रहा है। एकता कपूर, उनके पिता जितेंद्र के घर और बालाजी टेलीफिल्म्स के दफ्तर पर आयकर विभाग ने छापा मारा है।
बताया जा रहा है कि बालाजी टेलीफिल्म्स पर छापे की कार्रवाई उनकी आने वाली फिल्मों को लेकर हो रही है। बालाजी के दफ्तर पर टैक्स चोरी और खातों में गड़बड़ियों का आरोप है। छापे की शुरुआत सुबह 9 बजे से हुई।
एकता कपूर के घर और दफ्तर पर इनकम टैक्स का छापा
एकता के जूहू निवास, बालाजी टेलीफिल्म्स के ऑफिस और स्टूडियो के अलावा एकता और उनके भाई तुषार कपूर के लिंक रोड स्थित निजी दफ्तर पर भी रेड मारी गई है। कुल 8 जगहों पर छापे की कार्रवाई चल रही है। छापे की कार्रवाई बड़े पैमाने पर चल रही है और इस टीम में करीब 100 लोग शामिल हैं।
एकता कपूर का सितारा लंबे समय से बुलंदी पर है। उनके बनाए धारावाहिक तो हिट हुए ही हैं, फिल्मों में भी उन्हें जबरदस्त सफलता मिली है। इन दिनों उनकी प्रोड्यूस की गई फिल्म शूटआउट एट वडाला की खासी चर्चा है। इससे पहले रिलीज हुई डायन भी एकता ने प्रोड्यूस की थी।

प्रधानमंत्री में आत्मसम्मान हो तो इस्तीफा दें: बीजेपी

कोलगेट में स्टेटस रिपोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट की कठोर टिप्पणी के बाद बीजेपी ने प्रधानमंत्री पर हमला तेज कर दिया है। बीजेपी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इस्तीफे की मांग की है। बीजेपी का कहना है कि अगर प्रधानमंत्री में जरा भी आत्मसम्मान है तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट खुद तो सरकार से कह नहीं सकता कि सरकार हट जाए। सरकार को जिम्मेदारी लेते हुए चले जाना चाहिए।
बीजेपी के नेता राजीव प्रताप रूडी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि उनका भरोसा तोड़ा गया है। इसके बाद भी अगर प्रधानमंत्री अपनी कुर्सी नहीं छोड़ते तो बहुत दुःख की बात है। उन्हें तुरंत अपने पद से देश के हित में और लोकतंत्र के हित में इस्तीफा दे देना चाहिए। इसके बाद उनका अपने पद में बने रहना सही नहीं है।
प्रधानमंत्री में आत्मसम्मान हो तो इस्तीफा दें: बीजेपी
वहीं कांग्रेस के नेता जगदम्बिका पाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है। फैसला नहीं दिया है। सरकार इस तरह की टिप्पणी पर गौर करती है ताकि दुबारा इस तरह की गलती नहीं हो।
वहीं बीजेपी नेता बलबीर पुंज के मुताबिक प्रधानमंत्री को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। अब तो सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया। इससे बड़ा और क्या हो सकता है। अगर प्रधानमंत्री में जरा भी आत्मसम्मान है तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट खुद तो सरकार से कह नहीं सकता कि सरकार हट जाए। सरकार को जिम्मेदारी लेते हुए चले जाना चाहिए।

ये सरकार आजादी के बाद की सबसे भ्रष्ट सरकार: सुषमा

सुप्रीम कोर्ट की कोलगेट में टिप्पणी के बाद केंद्र सरकार पूरी तरह से बैसाखी पर आ गई है और विपक्ष ने उस पर हमला बोल दिया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने सरकार पर जमकर हमला बोला।
सुषमा ने कहा कि विपक्ष का रवैया गैरजिम्मेदाराना नहीं है, बल्कि 15वीं लोकसभा की सरकार आजादी के बाद की सबसे भ्रष्ट सरकार है और इस वजह से संसद की कार्यवाही ठप है। पीएम पर निशाना साधते हुए सुषमा ने कहा कि मनमोहन कहते हैं कि देश का सिर शर्म से झुक रहा है, लेकिन घोटालों पर उनकी नजर नहीं जाती।
ये सरकार आजादी के बाद की सबसे भ्रष्ट सरकार: सुषमा
सुषमा ने कहा कि हर सत्र से पहले सरकार का घोटाला उजागर होता है। सरकार चाहती है कि विपक्ष भ्रष्टाचार के विषयों को उठाए ही नहीं। घोटाले के विषयों को नहीं उठाए। सुषमा ने आरोप लगाते हुए कहा कि घोटाले में लिप्त लोग बचने के लिए हुडदंग करते हैं। कोयला घोटाले में रिपोर्ट मंत्री ने बंद कमरे में बदल दी।

sc की टिप्पणी से हिली सरकार, PM-शिंदे ने की बैठक

कोयला घोटाले की स्टेटस रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आड़े हाथ लेते हुए इसे चिंताजनक बताया तो इस टिप्पणी के बात केंद्र सरकार में खलबली मच गई है। कांग्रेस पार्टी में हलचल मच गई है। संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ, गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बात की। इससे पहले सूचना प्रसारण मंत्रालय मनीष तिवारी, शिंदे और प्रधानमंत्री ने मुलाकात की थी।
दूसरी तरफ सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि वित्त विधेयक पास कराने के बाद सरकार संसद सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर सकती है। सूत्रों का कहना है कि अगर गतिरोध बना रहा तो ये फैसला लिया जा सकता है। इसके बाद सवाल ये भी उठ रहा है कि इसके बाद सरकार में नैतिक बल बचा है कि वो विपक्ष का हमला झेलते रहे और संसद की कार्यवाही को चलाते रहे।
विपक्ष का कहना है कि सिर्फ कानून मंत्री के इस्तीफे से कोई बात नहीं बनती है। पीएम की भी जिम्मेदारी बनती है। दूसरी तरफ अटकले ये लगाई जा रही है कि वर्तमान हालात को देखते हुए कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक आज हो सकती है।
sc की टिप्पणी से हिली सरकार, PM-शिंदे ने की बैठक
वहीं विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर कुछ भी बोलने से बचते दिखे और उन्होंने कहा कि फिलहाल फैसला सुनाया जा रहा है।

CBI हलफनामे पर SC सख्त, कहा- हमारा भरोसा टूटा

कोयला घोटाले पर सीबीआई के हलफनामे को लेकर सरकार की किरकिरी और बढ़ गई है। सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामे में सरकारी दखल को लेकर सख्त टिप्पणियां की हैं। इसे लेकर हो रही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से सीबीआई को सियासी दवाब से मुक्त करने को कहा।
आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुरू होते ही कोर्ट ने सख्त रूख अपनाते हुए कहा कि हलफनामे की बातें बहुत ही चिंताजनक हैं। जिस तरह से स्टेटस रिपोर्ट को सरकार के लोगों से शेयर किया गया है उससे पूरी प्रक्रिया को झटका लगा है। सरकार ने हमारा भरोसा तोड़ा है। कोर्ट ने कहा कि स्टेटस रिपोर्ट सरकार से साझा करने से हमारी जांच की बुनियाद हिल गई है।
CBI हलफनामे पर SC सख्त, कहा- हमारा भरोसा टूटा<a href='http://khabar.ibnlive.in.com/livestreaming/IBN7/'><font color=red>LIVE</font></a>
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिस तरह से स्टेटस रिपोर्ट को शेयर किया गया है। उससे कोर्ट का भरोसा टूटा है। सुप्रीम कोर्ट ने कठोर टिप्पणी करते हुए सीबीआई से पूछा कि सुप्रीम कोर्ट को जांच रिपोर्ट को सरकार से साझा करने को अंधेरे में क्यों रखा गया? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा पहला काम ये होना चाहिए की सीबीआई को राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त करना चाहिए। सीबीआई को स्वतंत्र करना जरूरी है।
वहीं बीजेपी के नेता राजीव प्रताव रूडी ने कहा कि ये सामान्य स्थिति में टिप्पणी नहीं हो रही है। स्टेटस रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित है। इस मामले में देश के पीएम का नाम जुड़ा है।

Sunday, April 28, 2013

चीनी घुसपैठ पर PM ने तोड़ी चुप्पी, कहा-हमारे पास है योजना

भले ही लद्दाख में चीनी सैनिकों की घुसपैठ पर देश में हंगामा मचा हो, लेकिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस मामले को ज्यादा तूल देने के पक्ष में नहीं हैं। प्रधानमंत्री का कहना है कि स्थिति पर ज्यादा तूल नहीं देना चाहते। हालात को संभाला जा सकता है। राष्ट्रपति भवन में सैन्य अलंकरण समारोह के बाद पीएम ने संवाददाताओं से ये बात कही।
उन्होंने लद्दाख में चीनी सेना के घुसपैठ के मसले पर कहा कि हमारे पास एक योजना है, हम इस स्थिति पर ज्यादा तूल नहीं देना चाहते। हमें भरोसा है कि इस समस्या को सुलझाया जा सकता है। ये एक स्थानीय समस्या है और बातचीत जारी है।
गौरतलब है कि 15 अप्रैल से चीनी सैनिक भारत के लद्दाख में दस किलोमीटर भीतर तक घुसपैठ करके बैठे हैं। अब चीन ने दादागिरी दिखाते हुए इलाके को अपना हिस्सा बताया और पीछे हटने से इनकार कर दिया है। चीन का दावा है कि जिस इलाके में उसने चौकी बनाई है वो उसका हिस्सा है। भारतीय सेना के मुताबिक 15 अप्रैल की रात को डीबीओ सेक्टर यानि दौलत बेग ओल्डी इलाके में चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की और भारतीय सीमा के 10 किलोमीटर के अंदर चौकी बना ली। लेकिन चीन इसे अपना हिस्सा बता रहा है।
चीनी घुसपैठ पर PM ने तोड़ी चुप्पी, कहा-हमारे पास है योजना
चीन की प्रवक्ता के बयान के मुताबिक उन्होंने भारत के इलाके में एक इंच भी दखल नहीं किया। उन्होंने कहा, मैं फिर कहना चाहती हूं कि चीनी दस्ते सीमा पर द्विपक्षीय समझौते के मुताबिक ही अपने इलाके में सामान्य गश्त कर रहे हैं। उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा कभी पार नहीं की। दोनो पक्षों को एक दूसरे के हित का ख्याल रखना चाहिए। दोनो पक्षों को सीमा विवाद सुलझाने के लिए हालात के मद्दनजर, जो प्रक्रिया है उसके तहत साथ काम करने की जरूरत है।
सिर्फ यही नहीं सेना के सूत्रों के मुताबिक इस घुसपैठ के 5 दिन बाद भी चीन ने वास्तविक रेखा नियंत्रण का उल्लंघन किया था। 21 अप्रैल को चीन के दो हेलीकॉप्टर भारतीय सीमा के अंदर तक घुस आए थे। अब जबकि चीन ने पीछे हटने से साफ इनकार कर दिया है।

केजरीवाल की ‘आप’ ने शीला को सौंपी 10 लाख चिट्ठियां

दिल्ली में बिजली और पानी के बिलों को मुद्दा बनाने वाली अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने दिल्लीवासियों के 10 लाख असहयोग पत्र मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को सौंप दिए। इस सिलसिले में अरविंद केजरीवाल के अनशन के दौरान मुख्यमंत्री ने चिट्ठियां लेने से इनकार कर दिया था। अब उन्हें चिट्ठी देने में कामयाब होने के बाद आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया है कि 19 मई को वो दिल्ली के विधायकों का घेराव करेगी।
आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल खुश हैं कि बिजली-पानी के बिलों को नजायज बताने वाले उनके मिशन का पहला चरण पूरा हो गया। बिल न देने के करीब 10 लाख दिल्लीवालों के असहयोग पत्रों को मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं से स्वीकार कर लिया। अरविंद केजरीवाल ने इसे अपनी लंबी लड़ाई की छोटी सी जीत करार दिया है।
केजरीवाल की ‘आप’ ने शीला को सौंपी 10 लाख चिट्ठियां
बिजली-पानी आंदोलन के मंच से अरविंद केजरीवाल ने 19 मई को दिल्ली के विधायकों का घेराव करने का ऐलान भी किया। केजरीवाल ने बिजली-पानी के अनियमित बिलों के लिए विधायकों को जिम्मेदार ठहराया है जिन्होंने उनका विरोध नहीं किया।
आम लोगों से जुड़े मुद्दे उठाकर अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी की मुहिम से फिलहाल लोगों को जोड़ने में सफल दिख रहे हैं हालांकि ये सवाल अब भी है कि दिल्ली के विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी इस समर्थन को वोट में कितना तब्दील कर पाती है। दिल्लीवालों का असहयोग पत्र शीला दीक्षित को सौंप तो दिया है लेकिन देखने वाली बात ये होगी कि दिल्ली की मुख्यमंत्री इन पत्रों का जवाब कैसे देती हैं।

आजम का हमला, मुझे फंसाना चाहते थे सलमान खुर्शीद!

समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने अमेरिका में अपने साथ हुई बदसलूकी को नया हवा दे दी है। भारत लौटते ही उन्होंने आरोप लगाया है कि विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के इशारे पर उन्हें बोस्टन धमाके में फंसाने की साजिश की गई। कांग्रेस ने उनके बयान को हास्यास्पद और बेतुका बताया है।
रविवार की रात समाजवादी पार्टी नेता आजम खान अमेरिका से भारत वापस लौट आए। दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचते ही उन्होंने विदेश में हुई बेईज्जती के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बोस्टन हवाई अड़्डे पर जो कुछ हुआ, वो उनके खिलाफ साजिश के तहत हुआ। उन्होंने कहा कि उन्होंने बोस्टन धमाके से जोड़कर फंसाने की साजिश थी।
आजम खान ने इस घटना के पीछे विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद का हाथ बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि सलमान खुर्शीद उनसे नफरत करते हैं और इसी वजह से उन्होंने रामपुर में जौहर यूनिवर्सिटी का बिल पास होने नहीं दिया और अब उसी वजह से उनके खिलाफ बोस्टन में साजिश रची गई।
आजम का हमला, मुझे फंसाना चाहते थे सलमान खुर्शीद!
आजम खान के मुताबिक 12 सदस्यों के डेलिगेशन में सिर्फ उन्हीं के पास डिप्लोमैटिक पासपोर्ट था और बोस्टन एयरपोर्ट पर पहुंचने से सिर्फ 24 घंटे पहले उनको और उनके परिवार को अमेरिकी दूतावास ने 10 साल का वीजा दिया था। लेकिन इसके बावजूद उन्हें बिना किसी वजह के बोस्टन एयरपोर्ट पर करीब 20 मिनट तक अकेले एक कमरे में रोककर रखा गया। इस दौरान अमेरिकी अधिकारियों ने उनसे कोई सवाल नहीं किया।
उधर कांग्रेस ने आजम खां के इस बयान को बेतुका करार दिया है। सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि आजम खान उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। अगर वो इस तरह की प्रतिक्रिया देते हैं तो मैं उस पर टिप्पणी करके उसको सुशोभित करना उचित नहीं समझता। समाजवादी पार्टी और खुद आजम खां इस मसले को सियासी मुद्दा बनाने की कोशिश में हैं। यही वजह है कि एक तरफ जहां पार्टी के नेता अमेरिका की मुखालफत करने में जुट गए हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस भी उनके निशाने पर है।
जानकारों का कहना है कि ये एक तीर से दो निशाना लगाने जैसी बात है। कोशिश इस बात की है कि अमेरिका विरोध के नाम पर मुस्लिम सेंटीमेंट सतह पर आ जाए और कांग्रेस को किनारे भी कर दिया जाए। लेकिन आजम खां को इसबात का भी जवाब देना होगा कि अमेरिका के धुर विरोधी होने के बाद भी उन्होंने हॉवर्ट का न्यौता क्यूं कबूल किया और अगर ये मसला सिर्फ मुसलमानों से जुड़ा है तो यूपी के चीफ सेक्रेटरी जावेद उस्मानी इस कथित बदसलूकी से कैसे बच गए?

मुंबई: पत्नी ने कर दी एपीआई पति की हत्या, गिरफ्तार

मुंबई के मरोल में असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या के आरोप में पत्नी को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि पत्नी ने एपीआई नंदकिशोर तकशालकर की हत्या हथौड़े और पत्थर से कर दिए। पुलिस ने पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की तहकीकात जारी है।
पुलिस के मुताबिक एपीआई नंदकिशोर तकशालकर की हत्या में पत्नी ने हथौड़े और पत्थर का इस्तेमाल किया। नंदकिशोर अक्सर शराब के नशे में अपनी पत्नी पार्वती के साथ मारपीट करता था। बताया जा रहा है कि नंदकिशोर काफी शक्की मिजाज का था और हमेशा पार्वती को परेशान करता था। हत्या के एक दिन पहले भी दोनों में जमकर झगड़ा हुआ था। तब पुलिस ने बीचबचाव किया था, लेकिन आरोप है कि बाद में पत्नी ने उसकी हत्या कर दी।
मुंबई: पत्नी ने कर दी एपीआई पति की हत्या, गिरफ्तार

गतिरोध तोड़ने को मीरा कुमार आज करेंगी पार्टी नेताओं से बात

टेलीकॉम और कोयला घोटाले पर संसद में जारी गतिरोध थमता नजर नहीं आ रहा। संसद चलने देने की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अपील भी विपक्ष को शांत करने में कामयाब नहीं हो पा रही है। बीजेपी का साफ कहना है कि जब तक प्रधानमंत्री और कानून मंत्री अश्विनी कुमार का इस्तीफा नहीं होता, वो संसद नहीं चलने देगी। प्रधानमंत्री और कानून मंत्री के इस्तीफे पर अड़ी बीजेपी ने 4 और 5 मई को देश भर में प्रदर्शन करने की घोषणा की है। इस बीच लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार आज सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से मिलकर गतिरोध दूर कराने की कोशिश करेंगी।
बीजेपी प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर के मुताबिक बीजेपी संसद से लेकर सड़क तक 4 और 5 मई को जोरदार प्रदर्शन और धरणा पूरे देश में करेगी। भ्रष्टाचार के खिलाफ देश के सभी राज्यों में प्रदर्शन होगा। मालूम हो कि बजट सत्र के दूसरे हिस्से में एक दिन भी संसद नहीं चल पाई है। दस मई तक चलने वाले इस सत्र के दौरान सरकार के लिए वित्त विधेयक को पास कराना बड़ी चुनौती है। इसके अलावा महत्वाकांक्षी खाद्य सुरक्षा और भूमि अधिग्रहण बिल भी पास कराना सरकार की प्राथमिकता में है।
गतिरोध तोड़ने को मीरा कुमार आज करेंगी पार्टी नेताओं से बात
लेकिन विपक्ष के रुख को देखते हुए सरकार के लिए इन बिलों को पास कराना आसान नहीं होगा। शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सारे मामले को कोर्ट के विचाराधीन बताते हुए विपक्ष से संसद चलने देने की अपील की थी।
कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी के मुताबिक विपक्ष को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए। बहरहाल संसद में जारी गतिरोध को ख़त्म करने के लिए सोमवार यानि आज मीरा कुमार सभी दलों के नेताओं से मिल सकती हैं। इसके अलावा संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ के भी लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज समेत तमाम नेताओं से मुलाक़ात की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक़ बीजेपी ने सरकार को केवल वित्त विधेयक पारित करवाने के लिए सहयोग का भरोसा दिया है। वित्त विधेयक पर 6 और 7 मई को संसद में चर्चा होनी है।

सज्जन पर केस चलाने पर फैसला आज, बचेंगे या फंसेंगे?

84 सिख दंगों के आरोपी कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में हुए दंगों पर आज दिल्ली हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। इसके अलावा कैंट इलाके में हुए सिख विरोधी दंगों पर दिल्ली की एक अदालत मंगलवार को अपना फैसला सुनाएगी। इन दोनों मामले में सज्जन कुमार मुख्य आरोपी हैं।
1984 सिख विरोधी दंगों में फंसे कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के लिए आने वाले दो दिन बेहद अहम हैं। 29 और 30 अप्रैल को सज्जन कुमार पर दो फैसले आने हैं। पहला मामला सुल्तानपुरी इलाके में हुए दंगों का है, जहां एक आदमी की मौत हुई थी। सज्जन कुमार पर निचली अदालत में इस केस को लेकर आरोप तय हो चुके हैं और इसके खिलाफ उन्होंने जुलाई 2010 में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मामले की सुनवाई के बाद पिछले साल दिसंबर में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाई कोर्ट सोमवार को इसी मामले में आरोपी सज्जन कुमार पर अपना फैसला सुनाएगा।
सज्जन पर केस चलाने पर फैसला आज, बचेंगे या फंसेंगे?
वकील एच एस फुल्का के मुताबिक इस में अभी सिर्फ चार्ज फ्रेम हुए हैं। लेकिन इस फैसले की टाइमिंग को लेकर इंसाफ के इंतजार में बैठे लोगों की चिंता बढ़ गई है। दरअसल 30 अप्रैल को कैंट इलाके में हुए दंगों को लेकर भी निचली अदालत में फैसला आना है। नानावती कमीशन की रिपोर्ट के बाद 2005 में सज्जन कुमार पर सुल्तानपुरी और दिल्ली कैंट दंगों के मामलों में बतौर आरोपी केस दर्ज हुआ था। 30 साल से इंसाफ की लड़ाई लड़ने वालों को डर है कि सोमवार को आने वाला फैसला, कहीं निचली अदालत के फैसले पर असर न डाल दे।
वकील एच एस फुल्का की माने तो दोनों मामले में कई पहलू हैं। केस में तो फर्क पड़ सकता है। फैसले को टाला भी जा सकता है। सज्जन कुमार अब तक खुद को बेगुनाह बताते रहे हैं। लेकिन अदालत का फैसला ही उनकी बेगुनाही का सबूत होगा और उनका राजनीतिक भविष्य भी तय करेगा।

सरबजीत पर हमला आईएसआई की साजिश: जैनुल आबिदीन

अजमेर दरगाह के दीवान जैनुल आबिदीन ने पाकिस्तान की कोटलखपत जेल में भातीय कैदी सरबजीत पर हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह के दीवान का कहना है कि सरबजीत पर हमले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता।
सरबजीत पर हमले को गैर इस्लामिक हरकत करार देते हुए उन्होंने पूछा है कि निहत्थे पर हमले के मामले में पाकिस्तान के उलेमा चुप क्यों हैं? उनके मुताबिक भारत से पाकिस्तानी उच्चायोग को हटा देना चाहिए। वहीं पाकिस्तान के जाने माने मानवाधिकार कार्यकर्ता अंसार बर्नी ने सरबजीत पर हमले के पीछे गहरी साजिश का शक जताया। बर्नी के मुताबिक इसके पीछे साजिश लगती है। पाकिस्तान सरकार सरबजीत को रिहा नहीं कर रही थी। अंतरराष्ट्रीय दबाव की वजह से उसे फांसी भी नहीं दे पा रही थी। लिहाजा उस पर हमले से चुनाव के दौरान कट्टरपंथी तत्वों का समर्थन हासिल करने की कोशिश हो सकती है।
सरबजीत पर हमला आईएसआई की साजिश: जैनुल आबिदीन

विश्व रिकॉर्डधारी स्टंटमैन शैलेंद्र की दर्शकों के सामने मौत

गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करा चुके पश्चिम बंगाल के होमगार्ड शैलेंद्र नाथ राय की रविवार को दर्शकों के सामने ही मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। शैलेंद्र नाथ राय के नाम तार पर अपने बाल के सहारे के लटकते हुए सर्वाधिक दूरी तय करने का विश्व रिकॉर्ड दर्ज था।
49 साल के शैलेंद्र नाथ राय ने रविवार को अपना ही रिकॉर्ड तोड़ने के लिए दार्जीलिंग के सिलीगुड़ी में तिस्ता नदी के ऊपर 70 फिट की ऊंचाई पर 600 फिट लंबे तार से अपने बाल के एक गुच्छे को बांध लिया। सेवक कोरोनेशन पुल से शुरू करते हुए नदी को लगभग 40 प्रतिशत तक पार कर चुके शैलेंद्र नाथ राय तार में फंस गए और हिलने डुलने की अवस्था में नहीं रह गए। खुद को छुड़ाने के प्रयास करते हुए शैलेंद्र की मौत हो गई जबकि असहाय दर्शक उन्हें मरता देखते रहे।
विश्व रिकॉर्डधारी स्टंटमैन शैलेंद्र की दर्शकों के सामने मौत
शैलेंद्र का स्टंट देखने वहां इकट्ठा हुए दर्शकों ने शैलेंद्र के तार में फंस जाने के बाद शुरुआत में तो उनका काफी उत्साहवर्धन किया, लेकिन लाख कोशिश करने के बावजूद छूट पाने में उन्हें असमर्थ देख वे शोर मचाने लगे और आगे बढ़ने लगे। कुछ ही देर बाद शैलेंद्र ने हिलना डुलना बंद कर दिया और वह वहीं लगभग 45 मिनट तक लटके रहे। इसके बाद ही पुलिस उन्हें नीचे उतार सकी।
शैलेंद्र को तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों ने बताया कि उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई। सिलीगुड़ी के पुलिस आयुक्त के जयरामन ने कहा कि शैलेंद्र होम गार्ड थे और रविवार को छुट्टी पर थे। शैलेंद्र ने एक मार्च 2011 को राजस्थान के नीमराणा किले पर एक जिप वायर पर अपने बालों के गुच्छे के सहारे सर्वाधिक दूरी 82.5 मीटर तय कर अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज करवाया था। पिछले साल उन्होंने अपने बालों की चोटी के बल पर 40 टन के ट्रेन को खींचकर सबको हैरान कर दिया था और सबकी वाहवाही लूटी थी।

मोदी का राहुल पर वार, कहा-घूम-घूम कर मांग रहे हैं सत्ता

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरू में अपनी इकलौती चुनावी रैली की। मोदी ने यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो घूम-घूम कर सत्ता मांग रहे हैं। वहीं माना जा रहा है कि कर्नाटक में बीजेपी की पतली हालत को देखते हुए ही मोदी ने और सभाएं नहीं करने का फैसला किया।
कर्नाटक में अपनी इकलौती रैली में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस पर जमकर गरजे। परिवारवाद का आरोप लगाया। राहुल पर निशाना साधा और फिर दोहराया कि कांग्रेस भरोसे के लायक नहीं। मोदी ने लोगों से एक बार कर्नाटक में बीजेपी को जिताने की अपील की। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम लोगों का एक संस्कार होता है। मां जो कहती है उसे हम मानते हैं, लेकिन कांग्रेस में मां कहती है कि बेटा सत्ता जहर होता है। लेकिन बेटा कर्नाटक में घूम घूम कर कहता है कि हमें सत्ता दो।
मोदी का राहुल पर वार, कहा-घूम-घूम कर मांग रहे हैं सत्ता
मोदी के इन तेवरों के बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर वो कर्नाटक में सिर्फ एक ही रैली क्यों कर रहे हैं। दरअसल मोदी ने कर्नाटक से जानबूझकर दूरी बना रखी है। वहां बीजेपी की हालत पहले से ही पतली है और मोदी अपने मिशन 2014 पर कर्नाटक की हार का साया नहीं पड़ने देना चाहते। हालांकि कर्नाटक बीजेपी चाहती थी कि मोदी कम से कम दर्जन भर चुनावी रैलियां संबोधित करें। लेकिन मोदी जोखिम नहीं लेना चाहते। इसीलिए उन्होंने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 140 उम्मीदवार तय करने के लिए बीजेपी चुनाव समिति की बैठक से भी किनारा कर लिया था।
गौरतलब है कि राज्य में बीजेपी की पांच साल की सरकार में घोटालों और गुटबाजी के चलते सत्ता विरोधी लहर चरम पर है। मोदी के धुंआधार प्रचार से पार्टी के खिलाफ वोटों के ध्रुवीकरण का भी खतरा है। ऐसे में मोदी को डर है कि बीजेपी हारी तो उनकी छवि कमजोर हो जाएगी। उधर कर्नाटक में अपनी जीत की संभावना से उत्साहित कांग्रेस, मोदी मुद्दे को तवज्जो देना नहीं चाहती।
कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी के मुताबिक कौन किस पार्टी के लिए प्रचार करता है ये उनका फैसला है। लेकिन जादू की बात है तो 8 मई को फैसला हो जाएगा। दिल्ली की कुर्सी पर नजरें गड़ाए मोदी देशभर में अपनी ब्रांडिग कर रहे हैं। वे मध्यप्रदेश और दिल्ली में भी चुनाव प्रचार करेगें। लेकिन अपने राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत कर्नाटक की हार के तमगे से नहीं करना चाहते। उत्तरप्रदेश में भी बीजेपी की बुरी हालत को भांपकर मोदी ने एक भी रैली नहीं की थी।

डॉक्टर भी नाउम्मीद, सरबजीत के बचने की संभावना बेहद कम!

लाहौर के जिन्ना अस्पताल में भर्ती भारतीय कैदी सरबजीत की हालत में कोई कोई सुधार नहीं है। सरबजीत की हालत नाजुक बनी हुई है। रविवार को अस्पताल में भारतीय अधिकारियों को सरबजीत से मिलने की इजाजत दी गई। रविवार को सरबजीत के परिवार ने उससे मुलाकात की। वहीं सरबजीत का इलाज कर रहे डॉक्टर का कहना है कि सरबजीत के बचने की संभावना बेहद कम है।
गौरतलब है क लाहौर के जिन्ना अस्पताल में सरबजीत जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है। तीन दिन गुजर चुके हैं मौत और जिंदगी के बीच फासला कम होता जा रहा है। सरबजीत की हालत बेहद गंभीर और नाजुक है। सरबजीत की हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा है। रविवार को वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान में दाखिल होने के बाद सरबजीत की दो बेटियां, पत्नी और बहन एक कार से लाहौर के जिन्ना अस्पताल पहुंचे। सरबजीत की छोटी बेटी पूनम ने तो अपनी जिंदगी में सिर्फ दूसरी बार पिता को देखा, सबसे ज्यादा भावुक वो ही थी। परिवार को सरबजीत की तस्वीर खींचने की इजाजत भी नहीं मिली। करीब 10-15 मिनट वहां बिताने के बाद बाहर आई सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने बताया कि सरबजीत का चेहरा सूजा हुआ था। उसकी हालत नाजुक है।
डॉक्टर भी नाउम्मीद, सरबजीत के बचने की संभावना बेहद कम!
सरबजीत का इलाज कर रहे डॉक्टरों का भी कहना है कि सरबजीत के बचने की उम्मीद धुंधली पड़ती जा रही है। डॉक्टरों के मुताबिक सरबजीत के सिर में 3 सेंटीमीटर से बड़ा खून का थक्का मिला है। खून के इस थक्के को निकालने के लिए तुरंत सर्जरी की जरूरत है। सरबजीत के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को काफी नुकसान पहुंचा है। पिछले तीन दिन से कोमा में पड़े सरबजीत की हालत कोमा स्केल में 5 आंकी गई है। आपको बता दें कि कोमा स्केल को 3 से 15 के बीच मांपा जाता है। 3 कोमा स्केल का मतलब बेहद खतरनाक हालत होता है।
कोमा स्केल में सरबजीत की स्थिति को देखते हुए जिन्ना हॉस्पिटल के डॉक्टरों के भी होश उड़े हुए हैं। सूत्रों की मानें तो जिन्ना हॉस्पिटल के मेडिकल बोर्ड ने रविवार को ये तय किया है कि कोमा को देखते हुए सरबजीत की फिलहाल सर्जरी नहीं की जा सकती। न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. संजय शर्मा के मुताबिक जब चोट लगती है तो मास सूज जाता है। खून जम जाता है। इसमें वही स्थिति दिमाग के अंदर हो जाती है। खून धमनी से लॉक करने लगता है। ब्रेन को दबाने लगता है। ये ऑपरेशन से ही ठीक होता है लेकिन खून ज्यादा बह रहा हो तो मुश्किल हो जाता है।
उधर पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को सरबजीत सिंह से मिलने की इजाजत मिल गई। रविवार को भारतीय उच्चायोग के अधिकारी लाहौर के जिन्ना अस्पताल में सरबजीत को देखने के लिए पहुंचे। भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान से मांग की थी कि सरबजीत की हालत को देखते हुए उसकी हालत पर नजर बनाए रखने के लिए उससे लगातार मिलने की इजाजत दी जाए। सरबजीत के इलाज के लिए जिन्ना हॉस्पिटल में एक अलग आईसीयू यूनिट तैयार की गई है। सुरक्षा को देखते हुए लोगों को इस यूनिट के पास जाने की सख्त मनाही है।

Friday, April 26, 2013

..जब ब्रैडमैन ने सिर्फ 22 गेंदों में ठोंक दी थी सेंचुरी!

टी-20 का सबसे तेज शतक ठोकने वाले वेस्टइंडीज के क्रिस गेल को ‘महामानव’ जैसे विशेषण से सुशोभित किया जा रहा था। लेकिन क्रिकेट इतिहास के महानतम बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन ने एक समय सिर्फ 22 गेंदों में शतक ठोक डाला था।
गेल ने आईपीएल छह में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की ओर से खेलते हुए पुणे वॉरियर्स के खिलाफ सिर्फ तीस गेदों में शतक बनाया था। गेल ने ओवरआल 66 गेंदो में 17 छक्को और 13 चौकों की मदद से नाबाद 175 रन बनाए थे। गेल की इस पारी की सभी जगह चर्चा हो रही है। लेकिन ब्रैडमैन ने एक समय इससे भी तेज गति से बल्लेबाजी करते हुए शतक बनाया था।
..जब ब्रैडमैन ने सिर्फ 22 गेंदों में ठोंक दी थी सेंचुरी!
उस समय एक ओवर आठ गेंदो का होता था और ब्रैडमैन का शतक सिर्फ 22 गेंदों में बना था। वह मैच ब्लैकहीथ इलेवन और लिथगो इलेवन के बीच ब्लैकहीथ शहर में खेला गया था। इस मैच का आयोजन ब्लैकहीथ विकेट की शुरूआत के अवसर पर किया गया था। इस मैच के लिए ब्रैडमैन और उनके न्यूसाउथ वेल्स जोड़ीदार आस्कर वेडेल बिल ब्लैकहीथ टीम के लिए अतिथि के रूप में खेले थे।
ब्रैडमैन ने पहले ओवर में आठ गेंदों में 6, 6, 4, 2, 4, 4, 6 और एक रन का स्कोर करते हुए कुल 33 रन बटोर डाले थे। दूसरे ओवर में स्ट्राइक फिर ब्रैडमैन के पास थी। इस ओवर में उन्होंने 6, 4, 4, 6, 6, 4, 6 और 4 रन का स्कोर करते हुए कुल 40 रन बटोरे यानि 16 गेंदों में ब्रैडमैन 73 रन बना चुके थे।
तीसरे ओवर की शुरूआत में बिल ने पहली गेंद पर एक रन लिया। ब्रैडमैन ने फिर लगातार दो छक्के मारे और फिर अगली गेंद पर एक रन लिया। बिल ने अगली गेंद पर एक रन लेकर स्ट्राइक ब्रैडमैन को सौंप दी। ब्रैडमैन ने अंतिम तीन गेंदों पर चौका, चौका और छक्का लगाया। इस ओवर में 29 रन पड़े, जिसमें 27 रन ब्रैडमैन के बल्ले से निकले। ब्रैडमैन ने इस तरह 22 गेंदों में शतक जड़ डाला था।
ब्रैडमैन ने अपने शतक में दस छक्के और नौ चौके लगाए। उन्होंने इस मैच में कुल 256 रनों की पारी खेली थी। जिसमें 14 छक्के और 29 चौके शामिल थे।

जिस्मफरोशी का ऐसा अड्डा देख पुलिस के भी उड़े होश!

कर्नाटक के मैसूर में पुलिस ने जिस्मफरोशी के एक बड़े रेकैट का भंडाफोड़ किया है। लेकिन इस दौरान पुलिस के होश भी उड़ गए। जिस जगह पर ये धंधा चल रहा था, वहां जिस्म के दलालों ने ऐसे इंतजाम किए थे कि पुलिस भी चकरा गई। छापेमारी के दौरान पुलिस को एक के बाद झटके लगते रहे और नए नए खुलासे होते रहे।
एक पक्की सूचना के आधार पर की गई कार्रवाई के बाद एक होटल के कमरों और तहखाने में छुपी 2 नाबालिग लड़कियों सहित कुल 10 लड़कियों को छुड़वाकर इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। सभी लड़कियां पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से वेश्यावृति के लिए लाई गई थीं। छापे की इस कार्रवाई को सीआईडी की एंटी ट्रैफिकिंग स्क्वाड और ओदानंदी सेवा समिति नाम के संगठन ने मिलकर अंजाम दिया।
जिस्मफरोशी का ऐसा अड्डा देख पुलिस के भी उड़े होश!
चारों तरफ उत्तेजित तस्वीरें
इस संगठन को एक सूचना मिली थी कि मैसूर-हुन्सुर रोड पर येल्वाला के पास स्थित एक होटल में वेश्यावृत्ति का यह धंधा चल रहा है। जब अधिकारियों ने छापा मारा तो उनके भी होश उड़ गए क्योंकि इस होटल की बनावट को देखकर ही ऐसा लग रहा था की इसे वेश्यावृति के काम के लिए ही बनाया गया था। गेट से अंदर एंट्री करते ही चारों तरफ उत्तेजित करने वाली तस्वीरें लगी थीं।
छुपने के लिए खास तहखाने
होटल के भीतर एक ख़ास तहखाना भी बनाया गया था जिसमें इन लड़कियों को छुपाया जाता था। ये तहखाने 6 फीट X 3 फीट के थे। इन्हें इतनी ख़ुफ़िया तरीके से बनाया गया था कि अधिकारियों को इसे खोजने में करीब आधे घंटे का समय लग गया।
अलर्ट रहने के लिए अलार्म
ये लोग इस कदर शातिर थे कि हर कमरे और जगह-जगह पर अलार्म भी लगवाए थे, ताकि छापे जैसी कार्रवाई के दौरान पहले से ही लड़कियों को सचेत कर दिया जाए। कुछ अलार्म तो ऐसे भी लगे थे जिसकी सहायता से लड़कियों किसी पर संदेह होने पर इन्हें दबाकर पहले ही होटल के मालिक और दूसरों सचेत कर सकती थीं।
पानी के टैंक में छुपा था एक
जिन चार लोगों को छापे की इस कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया गया था, उसमें से एक पानी के टैंक में छुपा हुआ मिला। इसका पता भी तभी लग पाया जब जांच अधिकारियों को उसकी एक चप्पल इस पानी के टैंक के पास मिली।
बिना पासपोर्ट बांग्लादेश से आईं
छापे के दौरान इस होटल से पुलिस ने कई कंडोम और नकदी जब्त की है। पुलिस ने जिस्मफरोसी के लिए आई इन सभी लड़कियों को पुनर्वास और सुधार केंद्र में भेज दिया है। जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि बांग्लादेश से आई इन लड़कियों के पास पासपोर्ट नहीं है और यहां वे अवैध रूप से सीमा पार करके आई थीं।
पुलिस अब लोकेश शेट्टी, सतीश पुजारी और नवीन नाम के शख्स की तलाश कर रही है। कहा जा रहा है कि इस सेक्स रैकेट के पीछे इस होटल के कर्ता-धर्ता हैं। लेकिन छापे की सूचना मिलने के बाद ये फरार हो गए। पुलिस को शक है कि इस गिरोह के तार प्रदेश के दूसरे हिस्सों से जुड़े हैं।

अमेरिका में आजम से बदसलूकी! वापस लौटने की दी धमकी

उत्तर प्रदेश सरकार के नगर विकास मंत्री आजम खान के साथ अमेरिका में बदसलूकी का मामला सामने आया है। आजम खान का आरोप है कि बोस्टन एयरपोर्ट पर जांच के दौरान अमेरिकी अधिकारियों ने उनके साथ बदसलूकी की। जांच के दौरान उन्हें थोड़ी देर के लिए हिरासत में भी लिया गया। डिप्लोमैटिक पासपोर्ट होने के बावजूद उन्हें जांच के नाम पर परेशान किया गया।
गौरतलब है कि कुंभ मेले के सफल आयोजन पर हार्वर्ड विश्वविद्यालय में व्याख्यान देने के लिए 24 अप्रैल को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ आजम खान भी अमेरिका गए हैं। आज देर रात उन्हें व्याख्यान देना है। आजम के निजी सचिव मुक्तिनाथ झा ने गुरुवार देर रात बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। आजम ने बताया कि उनके पास डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होने के बावजूद लोगान हवाईअड्डे पर अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें अपमानित, शर्मिंदा और परेशान किया।
अमेरिका में आजम से बदसलूकी! वापस लौटने की दी धमकी
आजम ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों के रवैये से आहत होने की वजह से वह विरोध स्वरूप अब हार्वर्ड में व्याख्यान के अलावा अन्य कार्यक्रमों में शिरकत नहीं करेंगे और तय कार्यक्रम से पहले स्वदेश लौट आएंगे। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक अमेरिका से मुख्यमंत्री सहित आजम और अन्य की 28 अप्रैल की रात वापसी तय थी।
इस घटना से सपा में रोष है। सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि हमारे यूपी के वरिष्ठ नेता के साथ इस तरह का व्यवहार हम निंदा करते हैं। विदेश मंत्री पहले अमेरिका सरकार से माफ़ी मंगवाएं। सरकार कायर है चाहे चीन का मामला हो, चाहे लंका का या अमरीका का, सरकार कुछ नहीं कर रही है। सपा प्रवक्ता राम आसरे कुशवाहा ने कहा कि आज़म खान के साथ जो हुआ हम उसकी निंदा करते हैं। निश्चित रूप से भारत इसका विरोधी है। पहले तो आप न्यौता देते हैं और उसके बाद अपमान करते हैं। हमारे यहां भी अमेरिका से लोग आते हैं लेकिन हम उनका अपमान नहीं करते क्योंकि वो हमारे मेहमान हैं।
सपा नेता कमल फारूखी ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि चाहे शाहरुख खान हो या आज़म खान, अमेरिका मुसलमानों के साथ इस तरह का व्यवहार करता है। अगर वो यही करते हैं तो उनके अफसरों के साथ भी ऐसा ही करना चाहिए।
मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महल ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अमेरिका को अपने बर्ताव में तब्दीली लानी होगी। आजम खान के साथ इस तरह का बर्ताव अगर मुसलमान होने की वजह से हुआ है तो इसकी खिलाफत करते हैं। अगर यूएस से कोई आता है तो हम उसके साथ अच्छा सलूक करते हैं, लेकिन शाहरुख़ खान और बाकी लोगों के साथ इस तरह का बर्ताव गलत है। सीएम अखिलेश खुद वहां हैं। उन्हें यूएस के अधिकारियों से बात करनी चाहिए

मोदी ने पहली बार खुलेआम जताई पीएम बनने की इच्छा!

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रधानमंत्री बनने की अपनी इच्छा का खुला इजहार किया। हरिद्वार में बाबा रामदेव के आचार्यकुलम् स्कूल का उद्घाटन करने पहुंचे नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे केवल हिंदुओं के नेता नहीं हैं। गुजरात की तरह अगर उन्हें पूरे देश का साथ मिल जाए तो विकास का नया दौर शुरू हो सकता है। इस मौके पर मौजूद कई संतों ने एक सुर में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे योग्य व्यक्ति करार दिया।
माना जाता है कि शिक्षा से राजनीति को दूर रखना चाहिए, लेकिन हरिद्वार में बाबा रामदेव के आचार्यकुलम् के उद्घाटन के मौके पर शुक्रवार को सिर्फ और सिर्फ राजनीति हुई। उद्घाटन के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया था। इस मौके पर पतंजलि योग पीठ में मुरारी बापू और अरविंद भाई ओझा समेत कई कथावाचक और संत जुटे थे और सभी ने शिक्षाशास्त्र के बजाय राजनीतिशास्त्र पर प्रवचन दिया। एक ही सुर था-नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे योग्य व्यक्ति हैं। अगुवाई कर रहे थे बाबा रामदेव।
मोदी ने पहली बार खुलेआम जताई पीएम बनने की इच्छा!
जवाब में मोदी ने भी समाज में संतों की भूमिका को सराहा और बाबा रामदेव की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि दो साल पहले दिल्ली के रामलीला मैदान में बाबा रामदेव और उनके समर्थकों का दमन करने में केंद्र सरकार ने अंग्रेजों को भी पीछे छोड़ दिया। रामदेव को भी उनकी तरह तमाम झूठे मामलों में फंसाया गया है। मोदी ने दावा किया कि वे सिर्फ हिंदुओं के नेता नहीं हैं बल्कि सबका भला चाहते हैं। गुजरात में उनके 12 साल के शासनकाल में एक भी दंगा नहीं हुआ। अब वे गुजरात की तरह, पूरे देश का भला चाहते हैं।
साफ है कि मोदी दिल्ली की ओर बढ़ने की इच्छा जता रहे थे। लेकिन दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता ने तुरंत मोदी के दावों पर सवाल उठाते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। बाबा रामदेव के आचार्यकुलम् में प्राचीन गुरुकुल परंपरा के तहत 12वीं तक शिक्षा दी जाएगी। हालांकि कंप्यूटर और लैपटॉप का भी सहारा लिया जाएगा। वैसे, इसके उद्घाटन के लिए मोदी का सहारा लेकर रामदेव ने साफ कर दिया है कि अपनी पार्टी बनाकर चुनाव लड़ने का ऐलान वो भुला चुके हैं। अब अगले चुनाव तक वे मोदीनामा ही बांचेंगे।

मोदी ने पहली बार खुलेआम जताई पीएम बनने की इच्छा!

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रधानमंत्री बनने की अपनी इच्छा का खुला इजहार किया। हरिद्वार में बाबा रामदेव के आचार्यकुलम् स्कूल का उद्घाटन करने पहुंचे नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे केवल हिंदुओं के नेता नहीं हैं। गुजरात की तरह अगर उन्हें पूरे देश का साथ मिल जाए तो विकास का नया दौर शुरू हो सकता है। इस मौके पर मौजूद कई संतों ने एक सुर में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे योग्य व्यक्ति करार दिया।
माना जाता है कि शिक्षा से राजनीति को दूर रखना चाहिए, लेकिन हरिद्वार में बाबा रामदेव के आचार्यकुलम् के उद्घाटन के मौके पर शुक्रवार को सिर्फ और सिर्फ राजनीति हुई। उद्घाटन के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया था। इस मौके पर पतंजलि योग पीठ में मुरारी बापू और अरविंद भाई ओझा समेत कई कथावाचक और संत जुटे थे और सभी ने शिक्षाशास्त्र के बजाय राजनीतिशास्त्र पर प्रवचन दिया। एक ही सुर था-नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे योग्य व्यक्ति हैं। अगुवाई कर रहे थे बाबा रामदेव।
मोदी ने पहली बार खुलेआम जताई पीएम बनने की इच्छा!
जवाब में मोदी ने भी समाज में संतों की भूमिका को सराहा और बाबा रामदेव की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि दो साल पहले दिल्ली के रामलीला मैदान में बाबा रामदेव और उनके समर्थकों का दमन करने में केंद्र सरकार ने अंग्रेजों को भी पीछे छोड़ दिया। रामदेव को भी उनकी तरह तमाम झूठे मामलों में फंसाया गया है। मोदी ने दावा किया कि वे सिर्फ हिंदुओं के नेता नहीं हैं बल्कि सबका भला चाहते हैं। गुजरात में उनके 12 साल के शासनकाल में एक भी दंगा नहीं हुआ। अब वे गुजरात की तरह, पूरे देश का भला चाहते हैं।
साफ है कि मोदी दिल्ली की ओर बढ़ने की इच्छा जता रहे थे। लेकिन दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता ने तुरंत मोदी के दावों पर सवाल उठाते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। बाबा रामदेव के आचार्यकुलम् में प्राचीन गुरुकुल परंपरा के तहत 12वीं तक शिक्षा दी जाएगी। हालांकि कंप्यूटर और लैपटॉप का भी सहारा लिया जाएगा। वैसे, इसके उद्घाटन के लिए मोदी का सहारा लेकर रामदेव ने साफ कर दिया है कि अपनी पार्टी बनाकर चुनाव लड़ने का ऐलान वो भुला चुके हैं। अब अगले चुनाव तक वे मोदीनामा ही बांचेंगे।

मोदी ने पहली बार खुलेआम जताई पीएम बनने की इच्छा!


हरियाणा: एक और टीचर भर्ती घोटाला, हुड्डा सरकार पर आरोप

हरियाणा में शिक्षकों की भर्ती के मामले में चौटाला सरकार के बाद हुड्डा सरकार भी फंसती दिख रही है। यहां बीते 6 सालों में करीब 15 हजार शिक्षकों की भर्ती पर सवाल उठने लगे हैं। आरोप है कि इन शिक्षकों की भर्ती के लिए लोगों से लाखों रुपये घूस लिए गए। इतना ही नहीं हाईकोर्ट के दखल के बाद प्रदेश में करीब 7 हजार दूसरे शिक्षकों का भविष्य भी अधर में लटक गया है। भिवानी जिले के रहनेवाले आनंद का आरोप है कि 2011 में टीचर की नौकरी के लिए उनसे 5 लाख रुपए घूस ली गई थी। बाद में उन्होंने इस भ्रष्टाचार की शिकायत स्थानीय पुलिस, सीबीआई और फिर हाईकोर्ट से की। लेकिन उनका कहना है कि सरकार ने मामले की जांच कराने की जगह उन्हें नौकरी से ही सस्पेंड कर दिया।
हरियाणा में अब भी 35 हजार ऐसे बेरोजगार हैं, जिनका शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने के बावजूद नौकरी के लिए आवेदन स्वीकार नहीं किया गया। इनकी जगह पर हरियाणा सरकार 6 साल पहले भर्ती किए गए 15 हजार गेस्ट टीचरों से ही काम ले रही है। गौरतलब है कि पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट पहले ही हरियाणा सरकार को गेस्ट टीचरों की जगह पर मापदंडों के आधार पर दोबारा नियुक्ति करने का आदेश दे चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने 30 मार्च 2012 को हरियाणा सरकार को आदेश दिया था कि वो 322 दिन के भीतर 15 हजार टीचरों के पदों पर मापदंडों के आधार पर नियुक्ति करे। मापदंड था आवेदकों का टीचर पात्रता परीक्षा में पास होना। बावजूद इसके हरियाणा सरकार अब तक टीचरों की भर्ती शुरू नहीं कर सकी है। सरकार के इस रवैये के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अदालत की अवमानना का केस भी चल रहा है।
हरियाणा: एक और टीचर भर्ती घोटाला, हुड्डा सरकार पर आरोप

जश्न में मातम, 20 बारातियों की सड़क हादसे में मौत

ओडिशा के पर्वतीय इलाके रायगडा में सड़क हादसे में करीब 20 लोगों की मौत हो गई है। हादसा एक ट्रैक्टर के पहाड़ी से नीचे पलट जाने के कारण हुआ। हादसे में 43 लोग घायल हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक ट्रैक्टर से लगी ट्रॉली में लगभग 60 लोग सवार थे। ये सभी लोग एक विवाह समारोह से लौटकर घर जा रहे थे। लेकिन रास्ते में ट्रैक्टर का एक टायर फट जाने के कारण संतुलन बिगड़ गया और ट्रैक्टर पलट गया।
जश्न में मातम, 20 बारातियों की सड़क हादसे में मौत
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हादसे पर दुख जताया है और दुर्घटना में घायल लोगों के उपचार का सारा खर्च सरकार की ओर से कराने के ऐलान किया है। फिलहाल अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।

भोपाल में गिरी अस्पताल की छत

मध्य प्रदेश के भोपाल में कस्तूरबा गांधी अस्पताल का पिछला हिस्सा गिर गया है। मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है। मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है।
  भोपाल में गिरी अस्पताल की छत
<a href='http://khabar.ibnlive.in.com/photogallery/4720/'><font size=3><font color=red> तस्वीरों में देखें: भोपाल में गिरी अस्पताल की छत </font></font size></a>

कानून मंत्री अश्विनी कुमार नहीं देंगे इस्तीफा: यूपीए

सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई के खुलासे के बाद विपक्ष ने प्रधानमंत्री और कानून मंत्री के इस्तीफे का दबाव बढ़ा दिया है। विपक्ष का आरोप है कि प्रधानमंत्री जांच से खुद को बचाने के लिए कानून मंत्रालय का इस्तेमाल कर रहे थे। हालांकि सरकार ने कानून मंत्री अश्वनी कुमार के इस्तीफे से साफ इंकार किया है। सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई का हलफनामा पेश होते ही सियासी गलियारों में ये सवाल गूंजने लगा। हलफनामे का हवाला देते हुए बीजेपी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री कानून मंत्रालय का इस्तेमाल करके खुद को सीबीआई जांच से बचाना चाहते थे। पार्टी ने साफ किया कि वो प्रधानमंत्री और कानून मंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़ी रहेगी।
विपक्ष के चौतरफा हमले से बौखलाई सरकार ने आनन-फानन में यूपीए सहयोगियों की बैठक बुलाई। सोनिया गांधी की अगुवाई में हुई इस बैठक में प्रधानमंत्री और संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ के साथ शरद पवार, फारुक अबदुल्ला, अजित सिंह और खुद अश्वनी कुमार ने भी शिरकत की। बैठक के बाद अश्वनी कुमार ने कहा कि
कानून मंत्री अश्विनी कुमार नहीं देंगे इस्तीफा: यूपीए
मैने कुछ गलत नहीं किया है सच की जीत होगी। उधर, सरकार ने भी साफ कर दिया अश्वनी कुमार का इस्तीफा नहीं होगा। लेकिन अश्वनी कुमार को मिला ये अभयदान फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई यानी 30 अप्रैल तक ही है। सूत्रों के मुताबिक गली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट का रुख ही कानून मंत्री का भविष्य तय करेगा।

पाक: वेंटिलेटर पर सरबजीत सिंह, हालत नाजुक

पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में 22 सालों से बंद भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह पर जानलेवा हमला हुआ है। कैदियों के हमले में सरबजीत के सिर में गंभीर चोटें आईं हैं। जेल अधिकारियों ने सरबजीत को लाहौर के जिन्ना अस्पताल में भर्ती कराया है जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों के मुताबिक सरबजीत के लिए अगले 24 घंटे बेहद अहम हैं। सरबजीत पर हमले की खबर से पंजाब के तरनतारन में रह रहे उनके परिवार की चिंता बढ़ गई है। सरबजीत की रिहाई के लिए मुहिम चला रही उनकी बहन दलबीर कौर ने हमले के पीछे साजिश की आशंका जताई है।
पाक: वेंटिलेटर पर सरबजीत सिंह, हालत नाजुक
लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद सरबजीत सिंह पर जेल के ही दो कैदियों ने हमला किया। कैदियों ने सरबजीत पर ईंटों और ब्लेड से हमला किया और उसकी जमकर पिटाई की। इस हमले में सरबजीत के सिर में गंभीर चोटें आईं। सरबजीत पर ये हमला उस वक्त हुआ जब कैदियों को एक घंटे के ब्रेक के लिए जेल की कोठरी से बाहर लाया गया था। जेल अधिकारियों ने सरबजीत को गंभीर हालत में लाहौर के जिन्ना अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कराया, जहां उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है।
सरबजीत की हालत इतनी गंभीर है कि अस्पताल में उसकी सर्जरी की तैयारी चल रही है। लेकिन खून ज्यादा बहने की वजह से डॉक्टर फिलहाल सर्जरी नहीं कर पा रहे। भारत में संसद पर आतंकी हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी की सजा के बाद से ही कोट लखपत जेल में सरबजीत की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। लेकिन इसके बावजूद सरबजीत पर ये हमला हो गया। भारत ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग ने अपने दो अधिकारियों को सरबजीत का हाल जानने के लिए मौके पर भेजा है। भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि सरबजीत को हर संभव इलाज दिया जाए और उसकी हर संभव मदद की जाए।

लद्दाख से वापस न जाने पर अड़ा चीन, रिश्ते में दरार

बीते 15 अप्रैल से चीनी सैनिक लद्दाख में घुसपैठ किए बैठे हैं। भारत सरकार और सेना की लगातार कोशिशों के बाद भी वो अपने इलाके में वापस लौटने को तैयार नहीं हैं। जबकि भारत सरकार का रुख अब भी नरम दिख रहा है। भारतीय विदेश मंत्री तो यहां तक कह रहे हैं कि मौजूदा तनाव का असर चीनी प्रधानमंत्री की प्रस्तावित भारत यात्रा पर नहीं पड़ेगा। दो-दो बार आला अफसरों की फ्लैग मीटिंग फेल हो चुकी है और सरकार है कि अब भी नरम सुर में ही बात कर रही है।
दरअसल चीनी घुसपैठ का ये पहला मामला नहीं है। लेकिन ये पहली बार हो रहा है कि चीनी सेना दो दो फ्लैग मीटिंगों के बाद भी वापस लौटने को तैयार नहीं। संसद से सड़क तक बार बार सवाल उठने के बाद सरकार ने फौजी हरकत तेज की है। लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी इलाके में दो और एयर बॉर्न यूनिट तैनात करने की तैयारी है। आटीबीपी की लद्दाख स्काउट टीम वहां पहले ही भेजी जा चुकी है।
लद्दाख से वापस न जाने पर अड़ा चीन, रिश्ते में दरार
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि चीन इस वक्त आंतरिक समस्याओं से जूझ रहा है। ध्यान बंटाने के लिए वो भारत को निशाना बना रहा है। लेकिन विशेषज्ञ इस पक्ष में हैं कि चीन को जवाब देना चाहिए। विपक्ष भी सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग कर रहा है।
चीन की इस हरकत को उनके प्रधानमंत्री ली केचांग की अगले महीने होने वाली भारत यात्रा से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। दरअसल जब भी कोई बड़ा चीनी नेता भारत दौरे पर होता है तो चीनी इस तरह का दबाव बनाते हैं। प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ और राष्ट्रपति हू जिंताओ की यात्राओं से पहले भी ऐसा हो चुका है। मकसद साफ है अपनी शर्तों पर बातचीत।
वहीं चीन की प्रवक्ता का ताजा बयान आया है जिसमें उन्होंने फिर दोहराया है कि हमने भारत के इलाके में एक इंच भी दखल नहीं की। उनका कहना है कि मैं फिर कहना चाहती हूं कि चीनी दस्ते सीमा पर द्विपक्षीय समझौते के मुताबिक ही अपने इलाके में सामान्य गश्त कर रहे हैं। उन्हें लाइन ऑफ कंट्रोल कभी नहीं पार की। दोनों पक्षों को एक दूसरे के हित का ख्याल रखना चाहिए। दोनों पक्षों को सीमा विवाद सुलझाने के लिए हालात के मद्देनजर, जो प्रक्रिया है उसके तहत साथ काम करने की जरूरत है।

दिल्ली: महज 180 रुपए के लिए युवक की बेरहमी से हत्या

दिल्ली में 180 रुपये के लिए एक शख्स की हत्या कर दी गई। मामला दिल्ली के पॉश इलाके आईएनए कॉलोनी का है। यहां 180 रुपये के लिए पहले तो एक युवक को बुरी तरह पीटा गया। इसके बाद उसे तीसरी मंजिल से नीचे धक्का दे दिया गया।
आईएनए कॉलोनी में रहने वाला दीपक अपने ही घर के पास स्थित मार्किट के ‘आंगन रेस्टोरेंट’ में अपने मामा और ममेरे भाई के साथ खाना खाने गया था। दीपक के घरवालों की माने तो रेस्टोरेंट मालिक और उसके साथियों ने खाने के 180 रुपये का बिल ना चुकाने की वजह से भाई और मामा की पिटाई कर दी, फिर दीपक को पीटते हुए घर तक लाए।
दिल्ली: महज 180 रुपए के लिए युवक की बेरहमी से हत्या
घरवालों ने रेस्टोरेंट मालिक को 180 रुपये देकर बात को साधने की भी कोशिश की लेकिन फिर भी रेस्टोरेंट मालिक और उसके साथियों ने दीपक को दुबारा पकड़ लिया और जमकर पिटाई की और बाद में उसे तीसरी मंजिल से गिरा दिया।
दीपक के भाई अजय के मुताबिक उनके शरीर पर चोटों के निशान थे। तीन जगह से सर भी फटा हुआ था। सिर पर एक जगह तो हथौड़े से मारे जाने के निशान भी थे। मुझे नहीं पता की उन्होनें खाना खाने के बाद बिल दिया या नहीं लेकिन बस उसके बाद से वो लोग मारते मारते उन्हें घर तक ले आए। तीसरी मंजिल से दीपक सीधा नीचे खड़ी कार पर आकर गिरा, गंभीर हालत में दीपक को हॉस्पिटल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई।
वहीं दिल दहला देने वाली इस पूरी वारदात पर दिल्ली पुलिस कुछ भी कहने से साफ साफ बच रही है। हालांकि पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।

कर्नाटक में BJP के हाथ से फिसलती दिख रही है सत्ता: सर्वे

कर्नाटक में इस बार बाजी कांग्रेस के हाथ में जाती दिख रही है। वोटों का आंकड़ा कांग्रेस के पक्ष में बैठता दिख रहा है और बीजेपी को सबसे अधिक नुकसान हो रहा है। आईबीएन7 के लिए सीएसडीएस ने 75 सीटों पर ये सर्वे किया। सर्वे के दायरे में 294 पोलिंग स्टेशन थे और 4198 लोगों से सवाल पूछे गए। जो नतीजे सामने आए उसके मुताबिक कांग्रेस को सबसे ज्यादा 37 फीसदी सीटें मिल रही हैं जो पिछले चुनाव के मुकाबले 2 फीसदी का फायदा है। जबकि बीजेपी को 11 फीसदी का नुकसान है और उसे 23 फीसदी वोट ही मिलने वाले हैं। जेडीएस को 1 फीसदी के फायदे के साथ 20 फीसदी वोट मिल रहे हैं। येदुरप्पा की नई केजेपी को 7 फीसदी वोट मिलेंगे।
इस वोट प्रतिशत के आधार पर चेन्नई मैथमेटिकल इंस्टीट्यूट के निदेशक राजीव करंदीकर ने जो सीटों का अनुमान लगाया है वो कांग्रेस के चेहरे पर मुस्कान लाने वाला है। कांग्रेस को 117 से 129 के बीच सीटें मिलने का अनुमान है तो बीजेपी को 39 से 49 सीटें और जेडीएस को 34 से 44 सीटें, अन्य को 14 से 22 सीटें ही मिलेंगी।
कर्नाटक में BJP के हाथ से फिसलती दिख रही है सत्ता: सर्वे
हालांकि एक चौंकाने वाली बात ये कि कांग्रेस को फायदा जरूर हो रहा है, लेकिन बतौर मुख्यमंत्री जनता की पहली पसंद एच डी कुमारस्वामी हैं। 2008 में उन्हें 20 फीसदी, 2009 में 19 फीसदी और 2013 उन्हें पसंद करने वाले 18 फीसदी हैं। जबकि येदुरप्पा उनके बाद दूसरे नंबर पर हैं 2013 में उन्हें 10 फीसदी लोग मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं हालांकि 2008 और 2009 के मुकाबले उनकी लोकप्रियता का ग्राफ गिरा है।
दरअसल कांग्रेस को जो फायदा हो रहा है वो बीजेपी का नुकसान है। सीएसडीएस के सर्वे में एक अहम सवाल ये भी था क्या बीजेपी को एक और मौका मिलना चाहिए। सिर्फ 21 फीसदी ने कहा हां, जबकि 57 फीसदी ने कहा ना, और 22 फीसदी की कोई राय ही नहीं थी। जहां तक राजनीति पर हावी जातिवाद का सवाल है तो यहां भी विभाजन साफ है। जिसकी जो जाति है उसे उसके सबसे अधिक वोट मिल रहे हैं। वोकालिगा के बीच एचडी कुमारस्वामी को 39 फीसदी वोट मिल रहे हैं, जबकि लिंगायत से महज 10 फीसदी, ओबीसी और अनुसूचित जातियों से भी उन्हें 15 और 13 फीसदी वोट मिल रहे हैं। जबकि येदुरप्पा को अपने लिंगायत समुदाय से 22 फीसदी वोट ही मिल रहे हैं। वोकलिगा से तो महज 4 फीसदी और बाकी समुदायों में भी वो कोई खास फायदा हासिल करते नहीं दिख रहे।

कर्नाटक में BJP के हाथ से फिसलती दिख रही है सत्ता: सर्वे


हरिद्वार में गूंजा मोदी का मंत्र, रामदेव संग की जुगलबंदी

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी आज हरिद्वार पहुंचे। मोदी यहां योग गुरु बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ में होने वाले एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बुलाए गए। इस दौरान मोदी की कई संतों के साथ मुलाकात भी की। मोदी आज पहले देहरादून पहुंचे और फिर उसके बाद हरिद्वार पहुंचे।
यहां मोदी ने रामदेव के आचार्यकुलम का उदघाटन किया। इसके बाद दोनों ने एक साथ हवन यज्ञ किया। इस दौरान यहां बड़ी संख्या में साधु संत भी मौजूद थे। रामदेव के पतंजलि योगपीठ में आचार्यकुलम नाम से गुरुकुल की शुरुआत की गई है। इसके लिए रामदेव ने मोदी को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया था। रामदेव के गुरुकुल में बच्चों को वैदिक ज्ञान के साथ आधुनिक शिक्षा दी जाएगी।
हरिद्वार में गूंजा मोदी का मंत्र, रामदेव संग की जुगलबंदी
हालांकि इस कार्यक्रम में मोदी को बुलाने से इस बात के कयास लगना शुरू हो गए हैं कि कहीं गुरुकुल के बहाने मोदी को गुरुमंत्र देने की तैयारी तो नहीं। बाबा रामदेव का कहना है कि जहां तक नरेंद्र भाई मोदी का प्रश्न है, इस निराशा भरे देश के वातावरण में वो आशा विश्वास के साथ साहस के प्रतीक बन कर उभरे हैं।
रामदेव भले ही मोदी के स्वागत के लिए पलकें बिछाए बैठे हैं लेकिन कांग्रेस को ये मेल कतई रास नहीं आ रहा। हालांकि कांग्रेस ने फैसला किया है कि वो हरिद्वार आ रहे मोदी को काले झंडे नहीं दिखाएगी। उत्तराखंड कांग्रेस ने मोदी के हरिद्वार दौरे का विरोध करने का फैसला वापस ले लिया है।
इससे पहले उत्तराखंड कांग्रेस ने मोदी के हरिद्वार आने पर उन्हें काले झंडे दिखाने का ऐलान किया था, लेकिन पार्टी ने मोदी का विरोध करने का इरादा बदल दिया। उत्तराखंड कांग्रेस के प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप के मुताबिक कांग्रेस मोदी का विरोध नहीं करेगी। हमने मोदी को काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन करने का कार्यक्रम रद्द कर दिया है।
हाल ही में मोदी ने केरल के प्रसिद्ध श्री नारायण मठ का भी दौरा किया था, जिसका लेफ्ट समेत दूसरे दलों ने विरोध किया था। फिलहाल अब मोदी रामदेव के योगपीठ आ रहे हैं जहां उनकी मुलाकात कई साधु संतों से भी हो सकती है। इस कार्यक्रम में मोदी का आना भले ही निजी हो लेकिन इसके राजनीतिक मायने निकालने से इनकार नहीं किया जा सकता। गौरतलब है कि कुंभ में संत सम्मेलन के दौरान भी मोदी की मांग उठी थी। अब मोदी की हरिद्वार में संतों के बीच सभा को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उनकी आगे की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।

अमेरिका में आजम से बदसलूकी! वापस लौटने की दी धमकी

उत्तर प्रदेश सरकार के नगर विकास मंत्री आजम खान के साथ अमेरिका में बदसलूकी का मामला सामने आया है। आजम खान का आरोप है कि बोस्टन एयरपोर्ट पर जांच के दौरान अमेरिकी अधिकारियों ने उनके साथ बदसलूकी की। जांच के दौरान उन्हें थोड़ी देर के लिए हिरासत में भी लिया गया। डिप्लोमैटिक पासपोर्ट होने के बावजूद उन्हें जांच के नाम पर परेशान किया गया।
गौरतलब है कि कुंभ मेले के सफल आयोजन पर हार्वर्ड विश्वविद्यालय में व्याख्यान देने के लिए 24 अप्रैल को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ आजम खान भी अमेरिका गए हैं। आज देर रात उन्हें व्याख्यान देना है। आजम के निजी सचिव मुक्तिनाथ झा ने गुरुवार देर रात बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। आजम ने बताया कि उनके पास डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होने के बावजूद लोगान हवाईअड्डे पर अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें अपमानित, शर्मिंदा और परेशान किया।
अमेरिका में आजम से बदसलूकी! वापस लौटने की दी धमकी
आजम ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों के रवैये से आहत होने की वजह से वह विरोध स्वरूप अब हार्वर्ड में व्याख्यान के अलावा अन्य कार्यक्रमों में शिरकत नहीं करेंगे और तय कार्यक्रम से पहले स्वदेश लौट आएंगे। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक अमेरिका से मुख्यमंत्री सहित आजम और अन्य की 28 अप्रैल की रात वापसी तय थी।
इस घटना से सपा में रोष है। सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि हमारे यूपी के वरिष्ठ नेता के साथ इस तरह का व्यवहार हम निंदा करते हैं। विदेश मंत्री पहले अमेरिका सरकार से माफ़ी मंगवाएं। सरकार कायर है चाहे चीन का मामला हो, चाहे लंका का या अमरीका का, सरकार कुछ नहीं कर रही है। सपा प्रवक्ता राम आसरे कुशवाहा ने कहा कि आज़म खान के साथ जो हुआ हम उसकी निंदा करते हैं। निश्चित रूप से भारत इसका विरोधी है। पहले तो आप न्यौता देते हैं और उसके बाद अपमान करते हैं। हमारे यहां भी अमेरिका से लोग आते हैं लेकिन हम उनका अपमान नहीं करते क्योंकि वो हमारे मेहमान हैं।
सपा नेता कमल फारूखी ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि चाहे शाहरुख खान हो या आज़म खान, अमेरिका मुसलमानों के साथ इस तरह का व्यवहार करता है। अगर वो यही करते हैं तो उनके अफसरों के साथ भी ऐसा ही करना चाहिए।
मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महल ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अमेरिका को अपने बर्ताव में तब्दीली लानी होगी। आजम खान के साथ इस तरह का बर्ताव अगर मुसलमान होने की वजह से हुआ है तो इसकी खिलाफत करते हैं। अगर यूएस से कोई आता है तो हम उसके साथ अच्छा सलूक करते हैं, लेकिन शाहरुख़ खान और बाकी लोगों के साथ इस तरह का बर्ताव गलत है। सीएम अखिलेश खुद वहां हैं। उन्हें यूएस के अधिकारियों से बात करनी चाहिए।

CBI ने पेश किया हलफनामा, लपेटे में कानून मंत्री-पीएमओ

कोयला घोटाले में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है। जिसमें सीबीआई ने माना है कि स्टेटस रिपोर्ट पर कानून मंत्री ने उनसे राय साझा की। सीबीआई ने दो पेज का हलफनामा दाखिल किया है। हलफनामे में कहा गया है कि स्टेटस रिपोर्ट कानून मंत्री को दिखाया गया था। हालांकि उस रिपोर्ट में कोई फेरबदल नहीं किया गया था।
सीबीआई ने आज सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर स्वीकार किया कि उसने कोयला ब्लॉक आवंटन मामले की जांच से संबंधित स्थिति रिपोर्ट कानून मंत्री अश्विनी कुमार, प्रधानमंत्री कार्यालय और कोयला मंत्रालय के सचिवों से साझा की थी।
CBI ने पेश किया हलफनामा, लपेटे में कानून मंत्री-पीएमओ
सीबीआई के निदेशक रंजीत सिन्हा ने अपने दो पृष्ठ के हलफनामे में जांच संबंधी स्थिति रिपोर्ट को साझा करने की बात स्वीकार की। हलफनामे में कहा गया है कि जांच एजेंसी ने कानून मंत्री और पीएमओ और कोयला मंत्रालय के सचिव स्तर के अधिकारियों के कहने पर उनसे रिपोर्ट साझा की थी।
दूसरी तरफ प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार के कई लोगों ने स्टेटस रिपोर्ट को देखा। कानून मंत्री, पीएमओ के दफ्तर के लोगों ने, कोल मंत्रालय के दफ्तर के लोगों ने स्टेटस रिपोर्ट देखी। भूषण के मुताबिक हलफनामा में ये नहीं बताया गया है कि सरकार के लोगों ने क्या बदलाव मांगे और रिपोर्ट में क्या बदलाव किए गए। साथ ही और कौन कौन लोग थे जिन्होंने ये रिपोर्ट मांगी और देखी, ये भी हलफनामा में नहीं बताया गया है।
मालूम हो कि पिछले कई दिनों से खबर आ रही थी कि कोयला घोटाले में सीबीआई डायरेक्टर ने कानून मंत्री और नारायण सामी से मुलाकात की। स्टेटस रिपोर्ट तय करने के लिए सीबीआई ने सरकार से संपर्क किया। प्रशांत भूषण ने कहा कि हलफनामा जितना बताता है उतना छिपाता है। सही ड्राफ्ट रिपोर्ट में क्या था और इस रिपोर्ट में क्या है? ये नहीं बताया गया है।
वहीं सीबीआई चीफ रंजीत सिन्हा ने बताया कि मंत्री से मिलने में कोई रोक नहीं है। उन्होंने कहा कि उनको जो कहना था अदालत में कह दिया है। फिलहाल इस मामले में अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी।

सरकार का ऐलान, इस्तीफा नहीं देंगे अश्विनी कुमार

कोयला घोटाले में सीबीआई की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिए जाने के बाद दिल्ली में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई। इसे लेकर यूपीए सरकार में बैठकों का दौर शुरू हो गया। विपक्ष की मांग पर सरकार ने साफ कर दिया कि कानून मंत्री इस मसले पर इस्तीफा नहीं देंगे। संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने ऐलान किया कि कानून मंत्री इस्तीफा नहीं देंगे।
इस राजनीतिक सरगरमी के बीच सबसे पहले कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की। इस दौरान कानून मंत्री को बाहर इंतजार कर रही मीडिया का सामना करना पड़ा। कानून मंत्री मीडिया से बचने की कोशिश करते नजर आए। हालांकि बार-बार पूछे जाने के बाद उन्होंने इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
सरकार का ऐलान, इस्तीफा नहीं देंगे अश्विनी कुमार
इसे लेकर यूपीए ने सहयोगी दलों के साथ बैठक की। इसमें शरद पवार, फारूख अब्दुल्ला और अजित सिंह को भी बुलाया गया। इस बैठक में कानून मंत्री अश्विनी कुमार भी उपस्थित थे। इसके अलावा बैठक में यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और अहमद पटेल मौजूद थे।



सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नीत यूपीए सरकार सुप्रीम कोर्ट में 30 अप्रैल को होनेवाली सुनवाई का इंतजार कर रही है। इसके बाद ही किसी तरह का फैसला लिया जाएगा। फिलहाल सरकार ने अश्विनी कुमार के इस्तीफे से इनकार कर दिया है।
टीएमसी सांसद सुखेंदु रॉय शेखर के मुताबिक हम पीएसी चेयरमैन से मांग करेंगे कि वो सीबीआई डायरेक्टर को समन करके पूरी जानकारी लें। उसके बाद आगे की नीति तय की जाए। अगर कानून मंत्री ही कानून तोड़ता है तो उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। सरकार तमाम जांच एजेसियों के माध्यम से घोटालों को दबाने की कोशिश कर रही है। वहीं कानून मंत्री अश्विनी कुमार का कहना है कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है।
बीजेपी के प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि सीबीआई के हलफनामे से सरकार का वास्तविक चेहरा सामने आ गया है। इससे साफ पता चलता है कि यूपीए सरकार राजनीतिक कारणों के लिए सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है। वहीं बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी का कहना है कि सरकार ने सीबीआई रिपोर्ट में दखलअंदाजी की। कानून मंत्री ने पीएम को बचाने के लिए ऐसा किया। पीएम इस्तीफा दें। वहीं बीजेपी नेता जशवंत सिंह ने कहा कि अगर सीबीआ ने कहा है कि उसने रिपोर्ट कानून मंत्री से साझा की है तो इसकी जवाबदेही सीधे प्रधानमंत्री और कानून मंत्री की है।