सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल बीजेपी
अध्यक्ष नितिन गडकरी पर निशाना साधें, उससे पहले ही खुद बीजेपी सांसद राम
जेठमलानी अपनी पार्टी के अध्यक्ष के खिलाफ मैदान में उतर आए हैं। जेठमलानी
ने साफ कहा कि अगर केजरीवाल गडकरी के खिलाफ सबूत पेश करते हैं तो बीजेपी
अध्यक्ष को अपना पद छोड़ देना चाहिए। जेठमलानी ने यहां तक कहा कि अगर
केजरीवाल सबूत पेश करते हैं तो वो गडकरी के खिलाफ केजरीवाल का ही साथ
देंगे।
बताया
जाता है कि जेठमलानी के इन तेवरों के पीछे 2014 में बीजेपी के ओर से
प्रधानमंत्री पद के दावेदारों में छिड़ी जंग असल कारण है। मोदी को पीएम पद
का उम्मीदवार बनाने के लिए राम जेठमलानी ने गडकरी को चिट्ठी लिखी थी। लेकिन
गडकरी ने ऐसी किसी भी चिट्ठी की जानकारी होने से साफ इनकार कर दिया।
गडकरी के इनकार करते ही वरिष्ठ वकील राम
जेठमलानी ने बीजेपी अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। जेठमलानी ने यह
चिट्ठी 27 सितंबर को लिखी थी जब बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक
सूरजकुंड में चल रही थी।आईबीएन नेटवर्क को मिली जेठमलानी की चिट्ठी में
पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए गए हैं।
चिट्ठी
में जेठमलानी ने नरेंद्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार बनाए जाने की वकालत
की थी। इस वरिष्ठ वकील ने कहा कि बीजेपी के कई नेता काले धन के खिलाफ
मुहिम में दिल से आगे नहीं आ रहे। पार्टी प्रवक्ताओं पर इस बात का दबाव है
कि वे काले धन के मुद्दे पर ज्यादा जोर न दें।
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