पाकिस्तान की पंजाब प्रांत की सरकार ने
आजकल एक अजीबो-गरीब पहल शुरू की है। पहल के तहत माली और चपरासियों सहित सभी
सरकारी कर्मचारियों की नागरिकता की जांच की जाएगी और यह जानने की कोशिश की
जाएगी कि इनमें से किसी ने दोहरी नागरिकता लेने की कोशिश तो नहीं की।
पाकिस्तान
के अखबार ‘डान’ ने पंजाब सरकार की इस पहल को बेतुका बताया है। डान में छपे
एक लेख में कहा गया है कि क्या ऐसा हो सकता है कि पौधों को पानी देता कोई
माली या चाय देता कोई चपरासी दोहरी नागरिकता के बारे में सोचे या उसके पास
दोहरी नागरिकता हो।
लेख में कहा गया कि सांसदों और विधायकों के
दोहरी नागरिकता रखने पर रोक लगाए जाने के बाद उन्होंने आम लोगों यहां तक कि
माली और चपरासी जैसे सबसे नीचे के दर्जे पर काम करने वाले कर्मचारियों को
भी अपने साथ लपेटने की कोशिश में इस तरह की बेतुकी पहल की शुरूआत की है।
समाचार
पत्र के अनुसार पंजाब सरकार की इस अजीबोगरीब पहल की सबसे निराशाजनक बात यह
है कि इसमें सरकार के आला अफसरों के साथ साथ निचले दर्जे के कर्मचारियों
जैसे माली और चपरासी तक को भी शामिल कर लिया है। पाकिस्तानी नागरिकों को
कुछ अन्य देशों की नागरिकता रखने का भी अधिकार प्राप्त है। प्रांतीय सरकार
इस बात से वाकिफ है इसके बावजूद यह बेढंगी पहल की गई है।
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