कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन के नेता अरविंद
केजरीवाल से 27 सवाल पूछे हैं। दिग्विजय से इस हमले पर अरविंद केजरीवाल और
उनकी टीम ने सीधे-सीधे जवाब देने के बजाय गेंद जनता के पाले में डाली है।
संगठन की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि जनता ही तय करेगी कि
दिग्विजय के सवालों का जवाब दिया जाए या नहीं।
‘‘दिग्विजय सिंह ने आज हमसे कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं। जिन सवालों के जवाब उन्होंने मांगे हैं उन सारे सवालों के जवाब सरकार के पास पहले से ही हैं। जनता के पास पहले से ही हैं। देश का गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और दूसरी सभी जांच एजेंसियां लंबे समय से हमारे पीछे लगी हुई हैं। इन सारे सवालों के जवाब दिग्विजय सिंह को प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री से पूछने चाहिए थे। उनके पास तो इनके सारे जवाब हैं।’’
‘‘दिग्विजय सिंह ने आज हमसे कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं। जिन सवालों के जवाब उन्होंने मांगे हैं उन सारे सवालों के जवाब सरकार के पास पहले से ही हैं। जनता के पास पहले से ही हैं। देश का गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और दूसरी सभी जांच एजेंसियां लंबे समय से हमारे पीछे लगी हुई हैं। इन सारे सवालों के जवाब दिग्विजय सिंह को प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री से पूछने चाहिए थे। उनके पास तो इनके सारे जवाब हैं।’’
‘‘मुद्दों
से ध्यान भटकाने के लिए लिए बार-बार ये सवाल उठा दिए जाते हैं। इन सवालों
को उठा कौन रहा है? वही दिग्विजय सिंह, जो अन्ना हजारे जी को राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का एजेंट कहते हैं? वही दिग्विजय सिंह जो रॉबर्ट
वाड्रा और डीएलएफ की लूट को जायज ठहराते हैं? वही दिग्विजय सिंह जो कोयला
घोटाले और टू जी स्पेक्ट्रम घोटाले को घोटाला मानने को ही तैयार नहीं हैं?
’’
‘‘इन लोगों की वजह से देश में
भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और अपराध लगातार बढ़ रहा है। जो लोग इन सबके लिए
जिम्मेदार हैं वही लोग इन मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बार-बार हमें
तू-तू, मैं-मैं की राजनीति में उलझाना चाहते हैं। आंदोलन में कुछ भी
ढंका-छिपा नहीं है। हम ये सारे सवाल भ्रष्टाचार से दुखी जनता के बीच रख रहे
हैं। अब जनता यह तय करेगी कि हमें दिग्विजय सिंह के सवालों की तू-तू,
मैं-मैं में समय गंवाना चाहिए या फिर उस समय का सदुपयोग देश को बचाने के
लिए करना चाहिए।’’
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