ब्रिटेन के मुख्य चर्च ने बीबीसी के पूर्व
प्रस्तोता जिमी सेवाइल के बच्चों के यौन शोषण मामले में फसने के बाद उनसे
नाइट की उपाधि छीनने का मन बना लिया है और इस बाबत रोम स्थित वेटिकन चर्च
को पत्र लिखकर उसकी इजाजत मांगी है।
चर्च
के सूत्रों का कहना है कि ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप द्वारा नाइट
की उपाधि से नवाजे गए लोगों के निधन के साथ उनको दी गई उपाधि भी समाप्त हो
जाती है लेकिन वेस्टमिंस्टर के आर्कबिशप विंसेट निकोल्स ने रोम स्थित
वेटिकन के सर्वोच्च चर्च को पत्र लिखकर कहा है कि चूंकि सेवाइल के सताए
पीड़ित इस समय बेहद कष्ट में है इसलिए उनसे नाइट का दर्जा छीन लिया जाना ही
बेहतर है।
वेटिकन चर्च पर ब्रिटेन के आर्कबिशप के पत्र
का जवाब देने की तथा सेवाइल की नाइट पदवी छीनने की कोई बाध्यता नहीं है।
चर्च से जुड़े सूत्रों ने कहा है कि हो सकता है वेटिकन के लिए यह करना
असंभव नहीं हो लेकिन इससे पहले किसी व्यक्ति से उसे दी गई उपाधि वापस नहीं
ली गई।
तत्कालीन
पोप जान पाल द्वितीय ने 1990 में सेवाइल के मानवीय कार्यों को मद्देनजर
रखते हुए उन्हें संत ग्रेगोरी द ग्रेट के नाइट कमांडर की पदवी से नवाजा था।
सेवाइल ईसाई धर्म के कैथोलिक मत में बेहद आस्था रखते थे लेकिन उनपर आरोप
है कि बीबीसी के लोकप्रिय कार्यक्रम जिम विल फ्क्सि इट के प्रस्तोता रहते
हुए उन्होंने बच्चों का यौन शोषण किया था।
इस
मामले का खुलासा पिछले महीने उस वक्त हुआ जब कुछ महिलाओं ने उनपर आरोप
लगाए कि जब बचपन में वे बीबीसी स्टूडियो जाया करती थीं तो सेवाइल उनका यौन
शोषण करते थे। सेवाइल का पिछले साल निधन हो गया था।
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