नई दिल्ली। अब किसी महिला को अश्लील
एसएमएस, एमएमएस या ईमेल भेजने वाले भी अब कानून के दायरे में आ जाएंगे।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महिला अशोभनीय चित्रण (प्रतिबंध) कानून 1986 में इस
आशय के संशोधन के प्रस्ताव को गुरुवार को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
गुरुवार
को जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार इस कानून के दायरे में आडियो
विजुअल दृश्य, आडियो और इलेक्ट्रानिक माध्यम को भी शामिल किया गया है। अभी
तक यह कानून प्रिंट मीडिया में प्रकाश सामग्रियों पर ही लागू होता था। पर
इंटरनेट, मल्टी मीडिया, केबल टेलीविजन के आने के बाद इस कानून का दायरा
बढ़ाकर इस नए माध्यम को भी शामिल किया गया है।
विज्ञप्ति
के अनुसार अब इंटरनेट, केबल टेलीविजन, मल्टी मीडिया के जरिए किसी महिला को
अश्लील संदेश न देने या उसके चित्रण पर किसी को जेल भी हो सकती है।
संशोधित विधेयक में अभियुक्त को अधिकतम तीन साल तक कारावास की सजा सुनाई जा
सकती है और 50 हजार से एक लाख रुपये तक का अर्थदंड सुनाया जा सकता है।
वही
दूसरी बार गलती करने पर अर्थदंड एक लाख से पांच लाख रुपये के बीच और कम से
कम दो साल से सात साल तक की सजा सुनाई जा सकती है। नए संशोधन के तहत
इंस्पेक्टर के नीचे रेंक का पुलिस अधिकारी अभियुक्त की तलाशी नहीं ले सकता
है।
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