भ्रष्टाचार के आरोपों से आजिज
अरविंद केजरीवाल ने एक अहम फैसला किया है। केजरीवाल ने तय किया है कि आईएसी
के जिन कार्यकर्ताओं पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं, उनकी जांच
कराई जाएगी। अंजलि दमानिया, प्रशांत भूषण और मयंक गांधी की जांच होगी।
केजरीवाल
के मुताबिक आरोपों की जांच तीन पूर्व जज करेंगे। अब तक आईएसी के तीन
कार्यकर्ताओं पर राजनीतिक दलों की तरफ से आरोप लगाए गए हैं। आईएसी के अंजलि
दमानिया, प्रशांत भूषण और मयंक गांधी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं।
इनकी जांच आईएसी के घोषित लोकपाल और दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस
एपी शाह की अध्यक्षता में बनी तीन सदस्यों की कमेटी करेगी।
जांच करने वाली समिति में जस्टिस ए पी शाह
के अलावा जस्टिस बी एम मर्लापल्ले और जस्टिस जसपा सिंह शामिल हैं। मालूम हो
कि प्रशांत भूषण और शांति भूषण पर जमीन संबंधी गड़बड़ियों के आरोप लगते
रहे हैं तो ऐसे ही आरोप अंजलि दमानिया पर भी लगे हैं। अरविंद केजरीवाल का
कहना है कि उनकी संस्था की तरफ से लगातार ऐसे आरोपों की जांच कराने की मांग
की जाती रही है, लेकिन सरकार कभी जांच करवाती नहीं। ऐसे में नेता बेवजह
आरोप दोहराते रहते हैं। इसलिए अब इन आरोपों की खुद जांच कराने के सिवाय
आईएसी के पास कोई दूसरा चारा नहीं है।
दूसरी
तरफ केंद्रीय मंत्री नारायण सामी ने अरविंद केजरीवाल के उन आरोपों को सिरे
से खारिज कर दिया है जिसमें अरविंद ने कहा था कि सरकार उन लोगों के फोन
टैप कर रही है। नारायण सामी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल कच्चे सबूतों पर
आरोप लगा रहे हैं।
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