नई दिल्ली। एक बार फिर नियमों-कानूनों के चलते देश में बापू को लेकर बहस
छिड़ गयी है। देश में राष्ट्रपिता के नाम से संबोधित किये जाने वाले
महात्मा गांधी को सरकार 'राष्ट्रपिता' की उपाधि नहीं दे सकती क्योंकि
संविधान के नियम इस बात की इजाजत नहीं देते हैं। देश का संविधान एजुकेशनल
और मिलिट्री टाइटल के अलावा कोई और उपाधि नहीं देता है।
यह मसला उस समय सामने आया जिस समय आरटीआई के तहत लखनऊ की 11वीं छात्रा ऐश्वर्या ने गृहमंत्रालय से इस बाबत सवाल पूछा था जिसके जवाब में होम मिनिस्टरी ने यह बात कही है औऱ नियम-कानूनों की दुहाई दी है।
मालूम हो कि ऐश्वर्या ने कई आरटीआई दाखिल कर पूछा था कि गांधीजी को 'राष्ट्रपिता' क्यों कहा जाता है? जब उसे बताया गया कि गांधीजी को ऐसी कोई उपाधि नहीं दी गई है, तो उसने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता घोषित करने के लिए प्रार्थना की थी।
जिसके जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा कि संविधान की धारा 8(1) एजुकेशनल और मिलिट्री टाइटल के अलावा कोई और उपाधि नहीं दे सकती है इसलिए ऐसा कर पाना बहुत असंभव है।
यह मसला उस समय सामने आया जिस समय आरटीआई के तहत लखनऊ की 11वीं छात्रा ऐश्वर्या ने गृहमंत्रालय से इस बाबत सवाल पूछा था जिसके जवाब में होम मिनिस्टरी ने यह बात कही है औऱ नियम-कानूनों की दुहाई दी है।
मालूम हो कि ऐश्वर्या ने कई आरटीआई दाखिल कर पूछा था कि गांधीजी को 'राष्ट्रपिता' क्यों कहा जाता है? जब उसे बताया गया कि गांधीजी को ऐसी कोई उपाधि नहीं दी गई है, तो उसने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता घोषित करने के लिए प्रार्थना की थी।
जिसके जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा कि संविधान की धारा 8(1) एजुकेशनल और मिलिट्री टाइटल के अलावा कोई और उपाधि नहीं दे सकती है इसलिए ऐसा कर पाना बहुत असंभव है।
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