इंडिया अगेंस्ट करप्शन के सदस्य
अरविंद केजरीवाल सियासत में कदम रख चुके हैं। अगले महीने वो अपनी राजनीतिक
पार्टी के नाम का ऐलान करने वाले हैं। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के
आरोपों पर केजरीवाल का कहना है कि दिग्विजय सिंह के सवाल का जवाब देना
जरूरी नहीं है। वो देश के खिलाफ षड़यंत्र कर रहे हैं।
आईबीएन7
संवाददाता विक्रांत यादव से बातचीत में अरविंद ने कहा कि वो सारे सवालों
के जवाब देने को तैयार हैं, लेकिन दिग्विजय सिंह के सवाल नहीं, उनकी चाल
समझने की जरूरत है। उनकी सरकार ने सभी तरह की जांच करवा ली है। मुझसे जुड़ी
सारी फाइलें उनके पास है। फिर वो सवाल क्यों पूछ रहे हैं। क्या उनकी सरकार
को पता नहीं है?
केजरीवाल ने कहा कि कोयला घोटाला, लोकपाल
बिल, रॉबर्ट वाड्रा व डीएलएफ के संबंध और सलमान खुर्शीद के घोटाले पर
प्रधानमंत्री जवाब दे दें तो मैं भी दिग्विजय के सवालों का जवाब दे दूंगा।
अगर प्रधानमंत्री से वो इन सवालों के जवाब नहीं दिलवा सकते हैं तो फिर देश
की जनता के सामने बहस करवा लें। अगर दिग्विजय सिंह बहस के लिए तैयार हैं तो
कांग्रेस से सर्टिफिकेट लेकर आएं और आईएसी की तरफ से कुमार विश्वास को
जहां भी बहस के लिए बुलाएंगे वो चले जाएंगे।
अरविंद ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उनको
सोनिया गांधी के साथ कभी भी चाय पीने की इच्छा नहीं रही थी। ऐसे में वो भला
क्यों एनएसी में जाने के लिए दिग्विजय सिंह से सिफारिश लगवाएंगे। अरविंद
ने कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियां एक हैं। पब्लिक में ये अलग-अलग दिखती
हैं। बीजेपी अध्यक्ष गडकरी पर सवाल उठता है तो शरद पवार बचाव करते हैं।
वाड्रा पर आरोप लगते हैं तो शरद यादव, अखिलेश यादव बचाव करते हैं। दूसरी
पार्टियां भी वाड्रा के बचाव में आ जाती हैं। हम तो समझते थे कि वाड्रा
सिर्फ कांग्रेस के दामाद हैं, लेकिन वो तो सारी पार्टियों के दामाद निकले।
उन्होंने कहा कि गडकरी के खिलाफ जितने सबूत उनके पास थे उतना खुलासा
उन्होंने किया है।
अरविंद
ने कहा कि दिग्विजय सिंह कहते हैं कि उनके पास वाजपेयी और आडवाणी के
परिवार के खिलाफ सबूत हैं लेकिन वे पेश नहीं करेंगे। भला क्यों? क्या
नेताओं के बीच सांठगांठ है कि कोई किसी के परिवार के खिलाफ सबूत नहीं पेश
करे।
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