अरविंद केजरीवाल का बिजली सत्याग्रह
कुछ रंग लाता दिख रहा है। बिजली की बढ़ी दरों पर दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी
रेग्युलेट्री कमीशन आज जनता की राय जानने के लिए बैठक करेगा तो दूसरी ओर
अरविंद और उनकी टीम डीईआरसी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करने वाली है। हालांकि
कानून के जानकारों की मानें तो डीईआरसी अपनी गलती तो सुधार सकती है, लेकिन
कानूनन फैसले में बदलाव नहीं कर सकती।
आसमान
छूते बिजली के बिलों ने दिल्लीवालों के पसीने छुड़ा दिए हैं। बिजली की
बढ़ी कीमतों को लेकर लोगों में गुस्सा है। राहत पाने के लिए हर तरफ लोग
गुहार लगा रहे हैं। लोगों की शिकायतों और राजनीतिक बवाल के बाद अब डीईआरसी
स्लैब में सुधार की तैयारी कर रही है लेकिन जानकारों की मानें तो कानूनन
डीईआरसी यानि दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन आदेश को नहीं बदल
सकती। कानून के मुताबिक डीईआरसी फैसले पर पुनर्विचार कर सकती है लेकिन तभी
सुधार कर सकती है अगर कोई गलती साफ साफ दिखाई दे।
डीईआरसी की नई योजना के मुताबिक पहले स्लैब
में बदलाव कर 0 से 200 यूनिट तक की बिजली को 3 रुपये 70 पैसे प्रति यूनिट
के हिसाब से ही फिक्स किया जाएगा। 200 से 400 यूनिट तक का रेट 5 रुपये 70
पैसा रखा जाएगा यानि दूसरे स्लैब में बिजली की दर में एक रुपये का इजाफा
जबकि 400 से ज्यादा यूनिट के लिए 6 रुपये 40 पैसे के हिसाब से बिल देना
होगा।
बिजली
की दरों में बदलाव, स्लैब में बदलाव का फैसला यूं ही जल्दबाजी में नहीं
लिया जाता। इसके पीछे लंबी सोच होती है लिहाजा जानकारों को राहत की गुंजाइश
कम ही दिख रही है। 8 अक्टूबर को डीईआरसी बिजली की दरों पर सीधे लोगों से
संवाद करेगा, उनके सुझाव लेगा।
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