Saturday, October 27, 2012

चर्चा: सच्चाई जिंदल के दावे में है या जी न्यूज की सफाई में!

उद्योगपति और कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल ने दावा किया कि जी न्यूज के एडीटर सुधीर चौधरी और जी बिजनेस के एडीटर समीर अहलूवालिया ने उनकी कंपनी से 100 करोड़ की रिश्वत मांगी। आरोप है कि ये रिश्वत कोयला घोटाले में जिंदल की कंपनी के खिलाफ खबर न दिखाने के एवज में मांगी गई, लेकिन सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया ने सफाई देते हुए कहा है कि खबर रोकने के बदले रिश्वत की पेशकश उल्टा जिंदल की तरफ से की गई थी। जबकि नवीन जिंदल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाकयदा स्टिंग ऑपरेशन दिखाया है। दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है।
लेकिन, सवाल ये है कि क्या वाकई खबरों की सौदेबाजी होती है या सिर्फ ये कीचड़ उछालने की एक कोशिश है? एजेंडा में बात इसी पर-क्या मीडिया में भी मौजूद है भ्रष्टाचार और क्या मीडिया को भी अपने अंदर मौजूद भ्रष्टाचार को उजागर नहीं करना चाहिए? आरोप है कि जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड से जुड़ा कोयला घोटाले का सच दबाने के लिए जी नेटवर्क की टीम नवीन जिंदल को ब्लैकमेल कर रही थी। जी न्यूज कोयला के कारोबार में चल रहे गोलमाल पर एक सिरीज काला पत्थर दिखा रहा है।
जिंदल का दावा है कि इस सीरीज में उनके कारोबार पर कालिख पोतने की कोशिश सोच समझ कर छेड़ी गई और फिर खबर रुकवाने के लिए बतौर विज्ञापन 100 करोड़ रुपये मांगे गए। जेएसपीएल के चेयरमैन नवीन जिंदल के मुताबिक 24 सितंबर से जब दुबारा दुष्प्रचार शुरु हुआ तो कंपनी बोर्ड ने फैसला किया कि इस मुद्दे को उजागर किया जाए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिंदल ने स्टिंग ऑपरेशन की सीडी जगजाहिर की। बातचीत में 100 करोड़ के लेन देन की बात हो रही है। 
गौरतलब है कि ये स्टिंग दिल्ली पुलिस के पास है। पुलिस इसकी फॉरेंसिक जांच करवा रही है। जी का दावा है कि नवीन जिंदल खबरों का सौदा करना चाहते थे। रिश्वत देने की जिंदल की इसी कोशिश को जी न्यूज बेनकाब करना चाहता था। जेएसपीएल की तरफ से 15 सितंबर को भेजे गए समझौते के ई-मेल के बाद ही सौदेबाजी से पर्दा उठाने के लिए ही डमी कॉन्ट्रैक्ट तैयार किया गया। सच्चाई जिंदल के दावे में है या फिर सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया की सफाई में, ये तो अब पुलिस की जांच में ही सामने आएगा। पुलिस सुधीर चौधरी से दो बार पूछताछ कर चुकी है।
ब्रॉ़डकास्ट एडीटर्स एसोसिएशन सुधीर चौधरी को कोषाध्यक्ष पद से हटा चुका है, लेकिन इस घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या मीडिया के अंदर भी मौजूद है भ्रष्टाचार, क्या पेड न्यूज का चलन बढ़ गया है या फिर कुछ घटनाओं के सहारे पूरी मीडिया को बदनाम करने की साजिश हो रही है?
हमारा एजेंडा साफ है, अपनी खामियों को भी पूरी ताकत के साथ उजागर करे मीडिया। बातचीत के मौजूद हैं जिंदल ग्रुप के डायरेक्टर एचआर राजीव भदौरिया, वरिष्ठ वकील अमन लेखी, ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन के महासचिव एन के सिंह. स्टूडियो में मौजूद हैं पूर्व पत्रकार रोहित बंसल, वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी और वरिष्ठ पत्रकार प्रंजॉय गुहा ठाकुरता।



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