Saturday, October 27, 2012

टैक्स घोटाले में सिल्वियो बर्लुस्कोनी को 4 साल कैद की सजा

इटली की एक अदालत ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी को टैक्स घोटाले के एक मामले में चार साल कैद की सजा सुनाई। अदालत ने अमेरिकी फिल्मो को टेलीविजन पर दिखाए जाने के अधिकार खरीदने के एक मामले में बर्लुस्कोनी को दोषी करार दिया था। हालांकि 76 साल के बर्लुस्कोनी के जेल जाने की संभावना बहुत कम है क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे और इस प्रक्रिया में कई साल लग सकते है।
इसके अलावा इटली का कानून 70 साल से बड़ी उम्र के लोगों के साथ नरमी से पेश आता है और सिर्फ उन्हीं लोगो को जेल भेजा जाता है जो समाज के लिए खतरा हो सकते है। बर्लुस्कोनी के व्यवसाय से जुड़े कई मामलों में उनके खिलाफ जांच चल रही है।
अदालत ने जिस मामले में बर्लुस्कोनी को सजा सुनाई है उसमें अभियोजन पक्ष का कहना था कि फिल्म अधिकार खरीदने के लिए जो पैसे दिखाए गए थे उनका कुछ हिस्सा फंड बनाने में इस्तेमाल हुआ था। गौरतलब है कि बर्लुस्कोनी ने अगले साल होने वाले संसदीय चुनावों में अपनी पार्टी पीपुल्स आफ फ्रीडम (पीडीएल) की तरफ से प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी नहीं रखने की घोषणा की है।
पिछले साल नवंबर में इटली के खराब आर्थिक हालात के बीच प्रधानमंत्री पद छोडने वाले बर्लुस्कोनी ने बुधवार को रोम में संवाददाताओं से कहा कि वह एक बार फिर प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अब वह किसी युवा नेता को पीडीएल की तरफ से प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर देखना चाहते हैं और खुद महज सलाहकार की भूमिका में ही रहना चाहते हैं।
हालांकि बर्लुस्कोनी को पिछले साल नवंबर में इटली के खराब आर्थिक हालात से उपजे दबावों के चलते प्रधानमंत्री का पद छोडना पड़ा था, लेकिन अब भी वह दक्षिणपंथी रूझान वाली अपनी पार्टी के भीतर काफी अहम स्थान रखते हैं। इसके बावजूद उनकी नकारात्मक छवि के चलते उनकी लोकप्रियता में काफी गिरावट आयी है।


'नई अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था विकसित कर सकते हैं भारत, अमेरिका'

भारत-अमेरिका के द्विपक्षीय रिश्ते को असीमित बताते हुए एक शीर्ष अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि दुनिया के ये दो प्रमुख लोकतंत्र और सबसे प्रभावशाली ताकतें एक नई अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था विकसित करने में मदद कर सकती हैं।
विदेश उपमंत्री विलियम बर्न्सन ने सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस में 'द युनाइटेड स्टेट्स एंड इंडिया- अ वीटल पार्टनरशिप इन चेंजिंग वर्ल्ड' विषय पर शुक्रवार को कहा कि काफी कुछ संभव है क्योंकि हमने रणनीतिक सहयोग को गहरा बनाया है और अपने आर्थिक व आपसी सम्बंधों को मजबूत किया है। लेकिन हमें अपनी साझेदारी को सावधानीपूर्वक ढ़ालना है। आगे की प्रगति न तो स्वचालित है और न पूर्व निर्धारित।
बर्न्स ने कहा कि दो गर्वीले, मुखर लोकतंत्रों के बीच की साझेदारी को पटरी पर बनाए रखने के लिए दृष्टि और दृढ़ प्रतिबद्धता की जरूरत है। यह कुछ हदतक किसी साइकिल पर सवार होने जैसा है। जहां या तो आप पैडल चलाते रहिए, या गिरने के लिए तैयार रहिए।
बर्न्सक ने कहा कि ऐसा क्षण कभी नहीं रहा जब भारत और अमेरिका एक-दूसरे के लिए ज्यादा मायने रखे हों। उन्होंने कहा कि ऐसा क्षण भी कभी नहीं रहा जब हमारे बीच की साझेदारी बाकी दुनिया के लिए मायने रखी हो।
बर्न्सु ने कहा कि दुनिया के दो प्रमुख लोकतंत्रों और सबसे प्रभावी ताकतों के रूप में भारत और अमेरिका एक नई अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था विकसित कर सकते हैं।
बर्न्सा ने कहा कि इस तरह की कोई व्यवस्था जिसमें अन्य लोकतांत्रिक देश फल-फूल सकें, मनुष्य की गरिमा बढ़ सके, गरीबी मिट सके, व्यापार में वृद्धि हो, हमारा पर्यावरण संरक्षित हो, हिंसक चरमवाद समाप्त हो, जनसंहार के हथियारों के फैलाव पर लगाम लगे, और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में नए मोर्चे तलाशे जाएं। यह क्षण और आशा हमारे सामने है।


ड्रोन हमलों को लेकर यूएस अफसरों ने की इमरान से पूछताछ

पाकिस्तानी सरजमीं पर होने वाले अमेरिकी ड्रोन हमलों का विरोध पूर्व क्रिकेटर और राजनेता इमरान खान को उस समय महंगा पड़ गया जब अमेरिकी आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें न्यू यॉर्क जाने वाले विमान से उतारकर काफी देर तक पूछताछ की।
इमरान ने अपने ट्विटर पेज पर इस बारे में जानकारी देते हुए लिखा कि अमेरिकी आव्रजन अधिकारियों ने कनाडा में मुझे न्यूयार्क जाने वाले विमान से उतार लिया और ड्रोन हमलों को लेकर मेरे रुख पर पूछताछ की। इमरान ने कहा कि ड्रोन हमलों को लेकर मेरी प्रतिक्रिया जगजाहिर है। इन हमलों को तुरंत रोका जाना चाहिए। 
जियो न्यूज ने बताया है कि टोरंटो के पीयरसन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर इमरान के साथ यह बदसलूकी की गई हालांकि पूछताछ के बाद उन्हें न्यूयार्क जा रही उड़ान पकड़ने दी गई ओर अपने नियत समय से साढ़े चार घंटे की देरी से इमरान तथा उनके साथ सफर कर रहे दूसरे पाकिस्तानी नेता न्यूयार्क पहुंचे।
इमरान खान की पार्टी (पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ) के प्रवक्ता शफ्कत महमूद ने अमेरिकी अधिकारियों के इस रवैये पर कड़ा एतराज व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी पार्टी इमरान खान से टोरंटो एयरपोर्ट पर की गई बदसलूकी की कड़ी निंदा करती है। अमेरिका को इसके लिये माफी मांगनी चाहिए। अमेरिकी अधिकारियों ने इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इंकार कर दिया है।


सेवाइल से नाइट की उपाधि वापस ले सकता है वेटिकन चर्च

ब्रिटेन के मुख्य चर्च ने बीबीसी के पूर्व प्रस्तोता जिमी सेवाइल के बच्चों के यौन शोषण मामले में फसने के बाद उनसे नाइट की उपाधि छीनने का मन बना लिया है और इस बाबत रोम स्थित वेटिकन चर्च को पत्र लिखकर उसकी इजाजत मांगी है।
चर्च के सूत्रों का कहना है कि ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप द्वारा नाइट की उपाधि से नवाजे गए लोगों के निधन के साथ उनको दी गई उपाधि भी समाप्त हो जाती है लेकिन वेस्टमिंस्टर के आर्कबिशप विंसेट निकोल्स ने रोम स्थित वेटिकन के सर्वोच्च चर्च को पत्र लिखकर कहा है कि चूंकि सेवाइल के सताए पीड़ित इस समय बेहद कष्ट में है इसलिए उनसे नाइट का दर्जा छीन लिया जाना ही बेहतर है।
वेटिकन चर्च पर ब्रिटेन के आर्कबिशप के पत्र का जवाब देने की तथा सेवाइल की नाइट पदवी छीनने की कोई बाध्यता नहीं है। चर्च से जुड़े सूत्रों ने कहा है कि हो सकता है वेटिकन के लिए यह करना असंभव नहीं हो लेकिन इससे पहले किसी व्यक्ति से उसे दी गई उपाधि वापस नहीं ली गई।
तत्कालीन पोप जान पाल द्वितीय ने 1990 में सेवाइल के मानवीय कार्यों को मद्देनजर रखते हुए उन्हें संत ग्रेगोरी द ग्रेट के नाइट कमांडर की पदवी से नवाजा था। सेवाइल ईसाई धर्म के कैथोलिक मत में बेहद आस्था रखते थे लेकिन उनपर आरोप है कि बीबीसी के लोकप्रिय कार्यक्रम जिम विल फ्क्सि इट के प्रस्तोता रहते हुए उन्होंने बच्चों का यौन शोषण किया था।
इस मामले का खुलासा पिछले महीने उस वक्त हुआ जब कुछ महिलाओं ने उनपर आरोप लगाए कि जब बचपन में वे बीबीसी स्टूडियो जाया करती थीं तो सेवाइल उनका यौन शोषण करते थे। सेवाइल का पिछले साल निधन हो गया था।

सेक्स पार्टिज़ के लिए बदनाम इटली के पूर्व प्रधानमंत्री को सज़ा

इटली की एक अदालत ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी को टैक्स घोटाले के एक मामले में चार साल कैद की सजा सुनाई।
अदालत ने अमेरिकी फिल्मों को टेलीविजन पर दिखाए जाने के अधिकार खरीदने के एक मामले में बर्लुस्कोनी को दोषी करार दिया था। हालांकि, 76 साल के बर्लुस्कोनी के जेल जाने की संभावना बहुत कम है, क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे और इस प्रक्रिया में कई साल लग सकते है। इसके अलावा इटली का कानून 70 साल से बड़ी उम्र के लोगों के साथ नरमी से पेश आता है और सिर्फ उन्हीं लोगो को जेल भेजा जाता है जो समाज के लिए खतरा हो सकते है।
बर्लुस्कोनी के व्यवसाय से जुड़े कई मामलों में उनके खिलाफ जांच चल रही है। अदालत ने जिस मामले में बर्लुस्कोनी को सजा सुनाई है उसमें अभियोजन पक्ष का कहना था कि फिल्म अधिकार खरीदने के लिए जो पैसे दिखाए गए थे उनका कुछ हिस्सा फंड बनाने में इस्तेमाल हुआ था। गौरतलब है कि बर्लुस्कोनी ने अगले साल होने वाले संसदीय चुनावों में अपनी पार्टी पीपुल्स आफ फ्रीडम (पीडीएल) की तरफ से प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी नहीं रखने की घोषणा की है। पिछले साल नवंबर में इटली के खराब आर्थिक हालात के बीच प्रधानमंत्री पद छोडने वाले बर्लुस्कोनी ने बुधवार को रोम में संवाददाताओं से कहा कि वह एक बार फिर प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि अब वह किसी युवा नेता को पीडीएल की तरफ से प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर देखना चाहते हैं और खुद महज सलाहकार की भूमिका में ही रहना चाहते हैं। हालांकि बर्लुस्कोनी को पिछले साल नवंबर में इटली के खराब आर्थिक हालात से उपजे दबावों के चलते प्रधानमंत्री का पद छोडना पड़ा था, लेकिन अब भी वह दक्षिणपंथी रूझान वाली अपनी पार्टी के भीतर काफी अहम स्थान रखते हैं। इसके बावजूद उनकी नकारात्मक छवि के चलते उनकी लोकप्रियता में काफी गिरावट आयी है।
बर्लुस्कोनी ने बुंगा बुंगा पार्टियों के लिए बदनाम हैं। उनकी पार्टी में एक नाबालिग लड़की रूबी उनके लिए मुसीबत भी बन गई है। बर्लुस्को़नी पर नाबालिग लड़की के साथ अवैध संबंधों का आरोप है। उनेक बारे में यहां तक खबरें छपीं कि बुर्लस्को्नी के घर में पूरा हरम बना हुआ था, जहां से 17 लड़कियां निकाली गई थीं। उस वक्‍ वो प्रधानमंत्री थे और मामला दब गया। हालांकि, उन्होंईने अपने इस शौक को कभी नहीं छुपाया नहीं बल्कि कई बार तो खुद को 70 साल का सुपरमैन तक कह दिया। इसी शौक की वजह से उन्हों ने प्रधानमंत्री पद भी छोड़ना पड़ा।


चर्चा: सच्चाई जिंदल के दावे में है या जी न्यूज की सफाई में!

उद्योगपति और कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल ने दावा किया कि जी न्यूज के एडीटर सुधीर चौधरी और जी बिजनेस के एडीटर समीर अहलूवालिया ने उनकी कंपनी से 100 करोड़ की रिश्वत मांगी। आरोप है कि ये रिश्वत कोयला घोटाले में जिंदल की कंपनी के खिलाफ खबर न दिखाने के एवज में मांगी गई, लेकिन सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया ने सफाई देते हुए कहा है कि खबर रोकने के बदले रिश्वत की पेशकश उल्टा जिंदल की तरफ से की गई थी। जबकि नवीन जिंदल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाकयदा स्टिंग ऑपरेशन दिखाया है। दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है।
लेकिन, सवाल ये है कि क्या वाकई खबरों की सौदेबाजी होती है या सिर्फ ये कीचड़ उछालने की एक कोशिश है? एजेंडा में बात इसी पर-क्या मीडिया में भी मौजूद है भ्रष्टाचार और क्या मीडिया को भी अपने अंदर मौजूद भ्रष्टाचार को उजागर नहीं करना चाहिए? आरोप है कि जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड से जुड़ा कोयला घोटाले का सच दबाने के लिए जी नेटवर्क की टीम नवीन जिंदल को ब्लैकमेल कर रही थी। जी न्यूज कोयला के कारोबार में चल रहे गोलमाल पर एक सिरीज काला पत्थर दिखा रहा है।
जिंदल का दावा है कि इस सीरीज में उनके कारोबार पर कालिख पोतने की कोशिश सोच समझ कर छेड़ी गई और फिर खबर रुकवाने के लिए बतौर विज्ञापन 100 करोड़ रुपये मांगे गए। जेएसपीएल के चेयरमैन नवीन जिंदल के मुताबिक 24 सितंबर से जब दुबारा दुष्प्रचार शुरु हुआ तो कंपनी बोर्ड ने फैसला किया कि इस मुद्दे को उजागर किया जाए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिंदल ने स्टिंग ऑपरेशन की सीडी जगजाहिर की। बातचीत में 100 करोड़ के लेन देन की बात हो रही है। 
गौरतलब है कि ये स्टिंग दिल्ली पुलिस के पास है। पुलिस इसकी फॉरेंसिक जांच करवा रही है। जी का दावा है कि नवीन जिंदल खबरों का सौदा करना चाहते थे। रिश्वत देने की जिंदल की इसी कोशिश को जी न्यूज बेनकाब करना चाहता था। जेएसपीएल की तरफ से 15 सितंबर को भेजे गए समझौते के ई-मेल के बाद ही सौदेबाजी से पर्दा उठाने के लिए ही डमी कॉन्ट्रैक्ट तैयार किया गया। सच्चाई जिंदल के दावे में है या फिर सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया की सफाई में, ये तो अब पुलिस की जांच में ही सामने आएगा। पुलिस सुधीर चौधरी से दो बार पूछताछ कर चुकी है।
ब्रॉ़डकास्ट एडीटर्स एसोसिएशन सुधीर चौधरी को कोषाध्यक्ष पद से हटा चुका है, लेकिन इस घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या मीडिया के अंदर भी मौजूद है भ्रष्टाचार, क्या पेड न्यूज का चलन बढ़ गया है या फिर कुछ घटनाओं के सहारे पूरी मीडिया को बदनाम करने की साजिश हो रही है?
हमारा एजेंडा साफ है, अपनी खामियों को भी पूरी ताकत के साथ उजागर करे मीडिया। बातचीत के मौजूद हैं जिंदल ग्रुप के डायरेक्टर एचआर राजीव भदौरिया, वरिष्ठ वकील अमन लेखी, ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन के महासचिव एन के सिंह. स्टूडियो में मौजूद हैं पूर्व पत्रकार रोहित बंसल, वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी और वरिष्ठ पत्रकार प्रंजॉय गुहा ठाकुरता।



तस्वीरें: मनमोहन मंत्रिमंडल से किसकी छुट्टी,किसका प्रमोशन!

कैबिनेट का बहुप्रतीक्षित और बहुचर्चित फेरबदल रविवार को हो सकता है। इससे पहले राजनीतिक सरगर्मियां चरम पर पहुंच गई हैं। अभी तक केंद्र के 5 मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं। कुछ नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं जबकि कुछ का प्रमोशन भी हो सकता है। पढ़ें मंत्रिमंडल फेरबदल से जुड़ी हलचलें एक नजर में।

Friday, October 26, 2012

लड़कियां कैसे करती हैं फ्लर्टिंग?

मदद की मांग करे
कॉलेज में आपकी दोस्त हो या दफ्तर में कोई सहकर्मी या फिर कोई ऐसी लड़की जिसकी आपकी बस मामूली जान-पहचान है अगर लड़की आपसे हर काम में मदद मांगती रहती है तो फिर मामला दोस्ती से आगे का है। अगर लड़की चाहती है तो हर काम में आप उसके साथ जाएं, उसकी मदद करें या फिर काम आसान करने का सुझाव दें, भले ही वो मामूली काम हो तो समझ जाइए लड़की आपमें दिलचस्पी ले रही है। फ्लर्ट करने के दौरान लड़की हर मौके पर आपका साथ पाने की कोशिश करती है।
सजना और संवरना
अगर लड़की अचानक ही तैयार हो कर और सज-संवर कर ऑफिस या कॉलेज आने लगे, तो वह आपका ध्‍यान अपनी ओर खींचना चाहती है। यही नहीं मान लीजिये कि आप उसे अपने साथ कहीं चलने को कहते हैं और वह खूब सज-संवरकर आती है, तो वह आपसे अपने बारे में तारीफें सुनना चाह रही होती है। ये इशारे आपसे कह रहे हैं कि ये सिलसिला चलता रहना चाहिए इसमें ब्रेक लगाने की कोई जरूरत नहीं है।
मैं ही मैं
जब लड़की आपसे बातचीत के दौरान अपने हाथों को जरूरत से ज्यादा हिला रही हो, कुछ ऐसी बातें जहां हाथ हिलाने की जरूरत नहीं है और फिर भी वो हाथों के जरिए आपको कुछ समझाने की कोशिश करे तो इसका मतलब है कि वो फ्लर्ट कर रही है। जानकारों के मुताबिक ऐसा करते वक्त लड़की यही चाहती है कि आपका ध्यान उससे हटने न पाए और इस दौरान लड़की की नेल पॉलिश या हाथों में पहनी गई चूड़ी की तारीफ करने पर वो शरमा जाए तो समझिए आपकी तो निकल पड़ी। लड़कियां अपने सिर के बालों से लेकर अपनी चाल-ढाल तक से इस बात का एहसास करा सकती हैं कि वो किसी लड़के पर डोरे डाल रही हैं। बस जरूरत है उन इशारों को पहचानने की।
करीबी बनाती है
लड़की को अगर आप पर पूरा भरोसा होगा तो आपको प्यार के सागर में उतारने के लिए वो इस आखिरी तीर का इस्तेमाल जरूर करेगी। अगर लड़की आपके बालों में हाथ फिराती है। आपके पांवों से पांव सटाकर बैठती है या फिर आपके बात करते - करते आपके कंधों पर अपना सिर रख देती है तो इशारा साफ है। प्यार की गाड़ी पूरी रफ्तार से दौड़ने के लिए तैयार है। सिग्नल भी ग्रीन है, और मौका भी हाथ में है।


Thursday, October 25, 2012

जिंदल का स्टिंग ऑपरेशन, खबर रोकने के लिये जी न्‍यूज ने मांगा 100 करोड़

कोल ब्‍लॉक आबंटन को लेकर चल रहे खुलासों के दौर में अब एक नया और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। खुद इस घोटाले की कालिख झेल रहे कांग्रेस सांसद और बड़े उद्योगपति नवीन जिंदल ने इस बार एक स्टिंग ऑपरेशन के जरिये खलमली मचा दी है। उन्‍होंने आरोप लगाया है कि कोल ब्‍लॉक आबंटन में उनके खिलाफ खबरें रोकने के लिये जी न्‍यूज ने उनसे 100 करोड़ रुपये की पेशकश की थी।
प्रेस कांफ्रेंस के माध्‍यम से नवीन जिंदल ने कहा कि कोल ब्‍लॉक मामले में जी न्‍यूज उनके खिलाफ गलत खबर दिखा रहा था। जिंदल ने कहा कि जब इसके लिये हमने न्‍यूज चैनल से बात की तो मुझसे 20 करोड़ रुपये मांगे गये। बाद में ये रकम बढ़ाकर 100 करोड़ कर दी गई।
नवीन जिंदल ने जी न्‍यूज के संपादक सुधीर चौधरी और जी बिजनेस के संपादक समीर आहलूवालिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि 13, 17 और 19 सितंबर को कंपनी के लोगों के साथ मीटिंग हुई जिसमें उनके करोड़ों की रकम मांगी गई। नवीन जिंदल ने सबूत के तौर पर प्रेस कांन्फ्रेंस में संपादकों से हुई बातचीत के टेप भी जारी किए। इन टेपों में नवीन जिंदल और संपादकों के बीच बातचीत होते हुए स्पष्ट दिखाया गया है। वहीं इस संबंध में चैनल का कहना है कि ये सब जी न्‍यूज को बदनाम करने की साजिश है।
जी न्‍यूज का कहना है कि जिंदल ने चैनल को खरीदने और खबरों को रोकने की कोशिश में नाकाम होने के बाद यह साजिश रची है। जबकि जिंदल के मुताबिक‍ स्टिंग रोकने के लिए जी न्यूज ने उनसे 100 करोड़ रुपए मांगे गए और पैसे नहीं देन पर बदनाम करने की धमकी दी। इस बाबत दिल्ली पुलिस में उन्होंने एक केस दर्ज कराया है। जिंदल ने कांफ्रेंस में कहा कि हम जैसे कई लोग है जिन्‍हें बदनाम किया जा रहा है। चैनल के बारे में बोलते हुए जिंदल ने कहा कि चैनल का मकसद सच सामने लाना नहीं बल्कि 100 करोड़ रुपये कैसे बनाए जाएं इसपर ध्‍यान था।



तस्वीरों में: पूनम ने साइन की पहली एडल्ट फिल्म

बिकनी गर्ल पूनम पांडे का नया धमाका,  ट्विटर पर सुर्खियां बटोरने वाली पूनम पांडे ने ऐलान किया है वो अपनी पहली लेकिन एडल्ट फिल्म करने जा रही हैं। उनकी फिल्म खासकर वयस्कों में ध्यान रख कर बनायी गयी है। फिल्म में उनके कई हॉट और स्पाइसी दृश्य होंगे। पूनम पांडे ने कहा है कि उन्हें पता है कि भारतीय लोग पोर्न फिल्मों को काफी पसंद करते हैं इसलिए उन्होंने स्पाइसी सीन वाली फिल्मसाइन की है। पूनम ने अपनी सफलता पर खासी खुशी जाहिर की है।

यह क्या.. राखी-पूनम के बीच फंसे केजरीवाल



 अरे आप चौंकिये मत...लेकिन यही सच्चाई है... इन दिनो इंडिया अंगेस्ट करप्शन के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल केवल कांग्रेस और भाजपा के बीच बहस का मुद्दा नहीं बने हैं बल्कि अब वो आयटम गर्ल राखी सावंत और बिकनी गर्ल पूनम पांडे के बीच भी हॉट टॉपिक बन गये हैं।
दशहरे के मौके पर दिल्ली पहुंची आयटम गर्ल राखी सावंत ने अरविंद केजरीवाल से मिलने की इच्छा जाहिर की है। वो उनसे मिलकर चंद सवालात करना चाहती हैं। राखी ने कहा कि अगर केजरीवाल उनसे नहीं मिलते हैं तो फिर वो मीडिया के जरिये अरविंद से सवाल करेंगी जिनका जवाब केजरीवाल को देना ही होगा। राखी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल मुद्दे से भटक गये हैं उन्हें भी सत्ता का आकर्षण भा गया है। इसलिए वो उनसे मिलना चाहती हैं।
तो वही आपको बताते चले कि जब अन्ना हजारे ने अरविंद का साथ छोड़ते हुए कहा था कि अरविंद अपने आंदोलन में उनकी फोटो का इस्तेमाल ना करें तो पूनम पांडे ने ट्विटर पर लिखा था कि अरविंद अन्ना की जगह उनकी फोटो का इस्तेमाल कर सकते हैं।
फिलहाल राखी और पूनम दोनों के बीच में अरविंद केजरीवाल फंस चुके हैं अब सबको केजरीवाल के पक्ष का इंतजार का है सभी यह जानने को इच्छुक हैं बहुतों की बोलती बंद करने वाले अरविंद केजरीवाल इन आयटम गर्लस को कैसे शांत कराते हैं?


बापू को राष्ट्रपिता नहीं कह सकते!

नई दिल्ली। एक बार फिर नियमों-कानूनों के चलते देश में बापू को लेकर बहस छिड़ गयी है। देश में राष्ट्रपिता के नाम से संबोधित किये जाने वाले महात्मा गांधी को सरकार 'राष्ट्रपिता' की उपाधि नहीं दे सकती क्योंकि संविधान के नियम इस बात की इजाजत नहीं देते हैं। देश का संविधान एजुकेशनल और मिलिट्री टाइटल के अलावा कोई और उपाधि नहीं देता है।
यह मसला उस समय सामने आया जिस समय आरटीआई के तहत लखनऊ की 11वीं छात्रा ऐश्वर्या ने गृहमंत्रालय से इस बाबत सवाल पूछा था जिसके जवाब में होम मिनिस्टरी ने यह बात कही है औऱ नियम-कानूनों की दुहाई दी है।
मालूम हो कि ऐश्वर्या ने कई आरटीआई दाखिल कर पूछा था कि गांधीजी को 'राष्ट्रपिता' क्यों कहा जाता है? जब उसे बताया गया कि गांधीजी को ऐसी कोई उपाधि नहीं दी गई है, तो उसने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता घोषित करने के लिए प्रार्थना की थी।
जिसके जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा कि संविधान की धारा 8(1) एजुकेशनल और मिलिट्री टाइटल के अलावा कोई और उपाधि नहीं दे सकती है इसलिए ऐसा कर पाना बहुत असंभव है।

ये हैं स्वास्थ्य के प्रति महिलाओं की कुछ बुरी आदतें

पूरी दुनियाभर में महिलाएं ही एक ऐसी इंसान होती हैं जो अपने परिवार का अच्‍छी तरह से ख्‍याल रख सकती हैं। लेकिन यह बात जानकर आचर्य होता है कि महिलाएं खुद ही अपने स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति लापरवाह होती हैं। आज यहां पर हम कुछ ऐसी अस्‍वस्‍थ्‍य आदतों की बात करेंगे, जो महिलाएं अपनी रोज की दिनचर्या में अक्‍सर करती हैं।
1. भारी इयररिंग पहनना - महिलाओं को तरह-तरह के आभूषण पहनने का बहुत शौक होता है। जिनमें से उन्‍हें इयररिंग बहुत ही पसंद होते हैं। कान में लंबे और भारी इयररिंग पहन कर सो जाना या फिर दिनभर उसी को पहने रहने से इनकी संख्‍या कॉस्‍मैटिक सर्जनों के पास बढती जा रही है। क्‍योंकि दिनभर भारी इयररिंग पहनने से कानों पर जोर पडता है और वह फट जाते हैं। अगर आपको भारी झुमके पहनना ही है, तो रोज की बजाए केवल कभी कभार ही पहना करें और अगर पहने भी तो, उसमें एक चेन सपोर्ट के लिये जरुर होनी चाहिये।
2. क्रैश डाइट- आजकल जीरो फिगर के चक्‍कर में लड़कियां बहुत ही गलत ढंग से डाइटिंग कर रही हैं। जिससे उनकी सेहत पर गलत असर पड रहा है। इससे उनका वजन तो जल्‍द कम हो जाता है लेकिन साथ में मिलती हैं अनेको प्रकार की बीमारियां।
3. भारी हैंड बैग टांगना- कुछ महिलाएं जरुरत से ज्‍यादा सामान अपने बैग में भर कर चलती हैं, जिससे उनकी गदर्न और पीछे के स्‍वास्‍थ्‍य पर गलत असर पड़ता है। इसलिये अपने बैग में फालतू का बोझ ना भरें। अगर आपको लैपटॉप ले जाना हो तो, उसके लिये पीठ पर रखने वाले बैग का ही चुनाव करें।
4. अल्‍ट्रा टाइट जींस पहनना- माना की स्‍किनी जींस का ट्रेंड बडी ही तेजी से फैल चुका है, लेकिन यह स्‍वास्‍थ्‍य के लिहाज से बहुत ही खतरनाक है। रिसर्च के अनुसार पता चला है कि टाइट जींस पहनने से वेजाइनल यीस्‍ट इंफेक्‍शन, ब्‍लैडर इंफेक्‍शन और पैरों में खून जमने जैसी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं। साथ ही टाइट जींस पहन कर कभी भी भोजन नहीं करना चाहिये।
5. हाई हील- महिलाओं को हाई हील पहनना बहुत पसंद होता है, लेकिन इसको पहनने से कई दुष्‍प्रभाव सामने आते हैं। ऐसा करने से घुटनों, ऐडियों और रीढ़ की हड्डी में दर्द होना बहुत ही आम बात हो जाती है। हमेशा ध्‍यान रखें की जूते वही पहने जो शरीर को सपोर्ट दे ना की दर्द।
6. सिन्‍थेटिक अंडरवियर पहनना- हम सभी जानते हैं कि जननांगो की स्वच्छता बहुत महत्वपूर्ण है। सिन्‍थेटिक अंडरवियर जल्‍दी सूखती नहीं है, जिससे यीस्‍ट इंफेक्‍शन, गीलेपन की वजह से खुजली होना तथा बदबू आने का डर हमेशा बना ही रहता है। कभी-कभार सिन्‍थेटिक अंडरवियर पहनना कोई बुरा नहीं है लेकिन रोजाना पहनने के लिये सूती अंडरवियर का चुनाव करें।
7. सही ब्रा ना पहनना- सही ब्रा ना केवल अच्‍छा शेप देती है बल्कि ब्रेस्‍ट को सपोर्ट भी देती है। सही फिटिंग की ब्रा ना पहनने से पीठ दर्द और गर्दन दर्द को बुलावा दे सकती है। साथ ही शरीर में खून के दौरे को भी प्रभावित कर सकती है। इसलिये हमेशा सही फिटिंग की ही ब्रा खरीदें।


क्रेडिट कार्ड के इस्‍तेमाल में बरतें सावधानियां

क्‍या आप क्रेडिट कार्ड होल्‍डर हैं। अगर हां तो यह लेख जरूर पढ़ें, क्‍योंकि क्रेडिट कार्ड को लेकर जरा सी लापरवाही से आपको अच्‍छा खासा चूना लग सकता है। हम यहां आपको क्रेडिट कार्ड के प्रति भय नहीं पैदा कर रहे हैं, बल्कि आपको बताने जा रहे हैं कि क्रेडिट कार्ड का सही इस्‍तेमाल कैसे करें।
क्रेडिट कार्ड खास तौर से उन लोगों के लिए जरूरी वस्‍तु बन चुका है, जो लोग अपने शहर से बाहर रह रहे हैं। अचानक कब कौन सी जरूरत आन पड़े कुछ कहा नहीं जा सकता। ऐसे में क्रेडिट कार्ड आपके लिए सहायक साबित हो सकता है। उसकी कीमत चुकाने के लिए आपको पर्याप्‍त समय मिलता है। लेकिन यदि मूल्‍य सही समय पर नहीं चुकाया या फिर कार्ड का बिल चुकाने में देरी की, तो यही कार्ड आपके जी का जंजाल बन जाता है। यही कारण है कि कई बार लोग इसे सरंडर कर देते हैं।
खरीददारी करने से लेकर बिल चुकाने तक इन बातों का ध्‍यान रखें और क्रेडिट कार्ड का मजा लें-
1 . क्रेडिट कार्ड स्‍वैप करने से पहले अपनी जेब और आने वाली सैलरी व खर्च को जरूर ध्‍यान में रखें।
2. अलग-अलग बैंको के ढेर सारे कार्ड रखने के बजाय एक या दो बैंकों के कार्ड ही इस्‍तेमाल करें।
3. यदि बैंक आपको क्रेडिट लिमिट बढ़ाने के लिए कहता है तो बिना वजह क्रेडिट लिमिट न बढ़ायें।
4. क्रेडिट कार्ड का बिल सही समय पर भरें। एक दिन की भी देरी आप पर अतरिक्‍त बोझ डाल सकती है।
5. अगर आपके पास पूरे बिल भरने के पेसे नहीं हैं, तो कम से कम नूनतम राशि जरूर जमा कर दें। न्‍यूनतम राशि वो राशि होती है, जिसके जमा करने के बाद बैंक आपसे लेट पेमेंट चार्ज नहीं लेता है। आपको सिर्फ इंटरेस्ट रेट देना होता है।
6. जितना हो सके बकाया राशि को आगे की तारीख की तरफ न बढ़ाएं।
8. कोई भी नई खरीदारी से पहले पुराने बिल को जमा कर दें।
9. क्रेडिट कार्ड व बैंक कस्‍टमर केयर का नंबर हमेशा अपने मोबाइल में सेव करके रखें। यदि आपका कार्ड गुम हो जाये तो तुरंत कस्‍टमर केयर को कॉल करके उसे ब्‍लॉक करायें।
10. अपने स्टेट्मेंट के हमेशा चेक करें और यह सुनिश्चित करें की सारे ट्रान्‍सैक्‍शन सही हैं।
11. क्रेडिट कार्ड पर ऋण सीमा के साथ कई अन्य सुविधाएं जैसे यात्रा बीमा, हवाई अड्डे की सुविधाओं का मुफ्त में फायदा उठाने का मौका आदि का प्रलोभन दिया जाता है। पहले आप यह सुनिश्चित करें की वाकई आपको इनकी जरूरत हैं।
12. क्रेडिट कार्ड से नकद निकालने से बचें, क्योकि इसका इंटरेस्ट रेट काफ़ी जायद होता है, केवल आपातकालीन परस्थिति में ही नकद निकालें। उसे भी समय पर भुगतान जरूर कर दें।

7 चीजें जो लड़कियां हमेशा रखती हैं अपने पर्स में।

लड़की और उसका पर्स, दोंनो ही एक विचित्र पहेली है। लड़कियों को अपने बैग से सबसे ज्‍यादा प्‍यार होता है क्‍योंकि उसमें रखी होती हैं उनकी सबसे जरुरी चीजें। जरुरी चीजें यानी की मेकअप का समान, मोबाइल, शीशा और ना जाने क्‍या-क्‍या। ये भले ही घर की चाभी साथ लाना भूल जाएं, लेकिन क्‍या मजाल है कि इनके पर्स से एक भी मेकअप का समान गायब हो जाए। इसी तरह से ऐसी बहुत सी और चीजें हैं, जिनके बारे में आज हम आपको बताएंगे।
कौन सी हैं वे चीजें-
1. नैप्‍किन या वेट वाइप्‍स - धूल-मिट्टी और प्रदूषण के प्रकोप से बचने के लिये यह अपने पास गीली नैप्‍किन जरुर रखती हैं। यह नहीं चाहती कि इनका चेहरा हमेशा अनफ्रेश और गंदा दिखे इसलिये यह हमेशा नैप्‍किन साथ में रखती हैं। अगर मेकअप गढ़बढ़ हो जाए तो भी ये वेट वाइप से उसे आराम से पोंछ सकती हैं।
2. कंघी- जब भी आप किसी लड़की के बैग में झांकेगे तो आप को एक कंघी जरुर मिलेगी। ये भले ही कुछ जरुरी ससान, जैसे ऑफिस का एक्‍सेस कार्ड या घर की कुंजी भले लाना भूल जाएं लेकिन कंघी लाना कभी नहीं भूलेंगी।
3. डियो या पर्फ्यूम- तन की बदबू किसी भी लड़की के लिये एक बुरे सपने से कम नहीं होती है। इसलिये वे हमेशा अपने बैग में खुशबूदार पर्फ्यूम रखना नहीं भूलती हैं। अगर ऑफिस में मीटिंग या किसी डेट पर जाना हो, तब तो आप उनसे इस बात की उम्‍मीद कर ही सकते हैं कि उनके पास यह जरुरी समान होगा ही।
4. सनस्‍क्रीन लोशन- धूप की वजह से इनकी नाजुक त्‍वचा कहीं काली ना पड़ जाए इसके लिये पर्स में हमेशा एक सनस्‍क्रीन की ट्यूब जरुरी होगी। एक बार लगाने के बाद भी लड़कियों को यह पर्याप्‍त नहीं लगता इसलिये वह इसे बैग में रख कर घूमती हैं।
5. शीशा- अगर हीरा महिलाओं का बेस्‍ट फ्रेंड है, तो शीशा उनका बॉयफ्रेंड। जी हां, यह बात बिल्‍कुल सच है। लड़की के बैग में चाहे दूसरी मेकअप की चीजे हो या ना हो, लेकिन उसके पास एक छोटा सा शीशा जरुर होगा। अगर गलती से शीशा लाना भूल जाएं तो मोबाइल की स्‍क्रीन या वॉशरूम के शीशे से काम चला लेती हैं।
6. बेसिक मेकअप- बेसिक मेकअप में काजल और लिप ग्‍लॉस तो आम होता ही है। लेकिन कई औरते ऐसी भी होती हैं जो अपने साथ पूरी की पूरी मेकअप कि दुकान ले कर चलती हैं। मजे की बात तो यह है कि कोई भी महिला अपना घर मेकअप किये बगैर नहीं छोड़ती है।
7. मोबाइल फोन- लड़कियों को भले ही भारी भरकम गैजेट का शौक ना हो, लेकिन उन्‍हें मोबाइल रखने का बड़ा शौक होता है। वे मोबाइल के बिना नहीं जी सकती। मोबाइल मतलब ढेर सारी गौसिप और जरुरी दोस्‍तों के कॉल्‍स।


जानिये पुरुषों की गंदी आदत?

हर इंसान के अंदर कोई ना कोई बुरी आदत जरुर होती है। चाहे वह पुरुष हो या फिर महिला, उनके अंदर कोई एक आदत ऐसी बुरी जरुर होगी जो दूसरों के लिये बरदाश से बाहर होगी। खैर, आज हम यहां महिलाओं की नहीं बल्कि पुरुषों की गंदी आदतों के बारे में बात करेंगे। क्‍योंकि आदमी चाहे अमेरिका का हो या फिर इंडिया का, दोनों में एक जैसी गंदी आदतें देखने को मिलेंगी। तो देर किस बात आइये जानते हैं पुरुषों की उन गंदी आदतों के बारे में जिन्‍हें महिलाएं बिल्‍कुल नहीं झेल सकती।
क्‍या हैं यह गंदी आदतें -
1. फ्लर्टिंग करना - मर्दों में फ्लर्टिंग करने की आदत बिल्‍कुल आम होती है। मर्दों की भींड में शायद ही आपको एकआद कोई ऐसा आदमी मिल जाए जो फ्लर्टिंग ना करता हो। ये ना तो समय देखते हैं और ना ही जगह, इनकी आंखें लड़की पर पड़ी नहीं कि शुरु हो जाते हैं फ्लर्टिंग करना। चाहे पुरुषा शादी-शुदा हो या फिर सिंगल, अगर उसने कोई सुंदर सी कन्‍या बगल से जाते देखी तो वह उसे घूरे बिना नहीं रह सकता।
2. पबलिक में पेशाब करना- पुरुषों को जहां भी जगह दिखाई देती है, वहीं पर खड़े हो जाते हैं। इन्‍हें इस बात के लिये कोई रोकता भी नहीं और यह इस बात की परवाह भी नहीं करते । यह गंदी और चीप आदत उनकी लाइफस्‍टाइल का एक हिस्‍सा बन चुकी है जो अब कभी नहीं जाएगी।
3. ब्रेस्‍ट की ओर घूरना- पुरुषों की यह आदत इतनी बुरी होती है कि कोई भी महिला इससे चिढ़ जाती है। यह बात बताना बहुत मुश्‍किल है कि पुरुष ऐसा आखिर करते क्‍यों हैं। आप खुद ही सोंचिये कि आप किसी काम से अपने सहकर्मी के पास केवल बात करने जाती हैं और वह पहले आपके ब्रेस्‍ट की ओर देखता है और फिर बाद में आपकी आंखों की ओर। यकीन मानिये दिनभर में आपके लिये इससे बुरा और कुछ नहीं हो सकता।
4. अपने गुप्तांग छूना- लड़के आखिर ऐसा काम क्‍यों करते हैं? अगर इसका जवाब यह है कि वे केवल अपनी अंडावियर को ठीक कर रहे थे, तो वे आखिर ऐसी अंडरवियर पहनते ही क्‍यों हैं, जो परेशानी पैदा करे? उन्‍हें समझना होगा कि लोंगो के सामने अपने गुप्‍तांग छूना बहुत ही गंदी आदत है और यह आदत महिलाओं के सामने बुरा प्रभाव छोड़ती है।
5. शेव ना करना- ऐसे भी कई पुरुष होते हैं जिन्‍हें रोजाना शेव करना पसंद नहीं होता। छोटी दाढ़ी कभी-कभार कुछ लोंगो पर अच्‍छी लगती है लेकिन वही दाढी़ जब बडी़ हो जाती है तो ऐसा लगता है कि उस आदमी का मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है। इसलिये जब भी आपको समय मिले तो शेव कर लीजिये क्‍योंकि इससे देखने वालों को परेशानी होने लगती है।
6. तेज आवाज में डकार लेना- हम जानते हैं कि पुरुष में महिलाओं की तरह अदाएं नहीं होतीं, लेकिन उन्‍हें यह समझना होगा कि पबलिक में किस तरह से बरताव किया जाता है। भोजन करने के बाद आपके तेज़ आवाज़ में डकार लेने से वहां पर बैठे कई लोंगो का मन खराब हो जाता है।
7. गालियां बकना- दूसरों के सामने बात-बात पर गाली बकना मानों लड़कों का जन्‍म सिद्ध अधिकार हो। अगर आप लड़कों के ग्रुप में गलती से भी खड़ी हो जाएंगी तो यकीन मानिये कि आप वहां पर दो मिनट से ज्‍यादा देर तक नहीं रह सकती। लड़कों को इस बात का ध्‍यान रखना चाहिये कि वह किस के सामने खड़े हैं और वह उनसे उम्र में कितना बड़ा है। दोस्‍तों के सामने गाली बकना कोई बुरी बात नहीं है लेकिन महिलाओं, बच्‍चों और बजुर्गो के सामने बात करने समय थोड़ा ध्‍यान देना चाहिये।


किस टाइप के लड़को से नफरत करती हैं लड़कियां?

हर लड़के को लड़कियों के बारे में कुछ बाते जरुर पता होनी चाहिये। जिसमें से उन्‍हें इस जरुरी बात का ज्ञान होना चाहिये, कि लड़कियों को लड़को में कौन सी चीज़े खास पसंद होती हैं और कौन सी नापसंद। भले ही आदत अनुसार लड़को को हर तरह की लड़कियां पसंद आ जाती हों, पर हर लड़की को हर लड़का पसंद आ जाए, कोई जरुरी नहीं है। अगर कोई लड़की किसी लड़के में किसी भी किसम का मीन-मेख देख लेती है, तो उसे बिना वक्‍त गवाए मन ही मन छोड़ने की तैयारी करने लगती है। लड़कियां बड़ी जल्‍दी ही लड़को की कैटगरी बनाने लगती हैं, इसलिए अगर आपको जानना है कि आप किसी तरह की कैटगरी में आते हैं, तो इस लेख को जरुर पढ़े।
आदतें जो पसंद नहीं लड़कियों को
1. जो खुद की चलाते हों- वह दिन बीत गए जब केवल लड़के ही बोलते थे और बेचारी लड़कियां सुनती रहती थीं। इसलिए अगर आपने अगली बार अपनी गर्लफ्रेंड को किसी बात पर चुप करवाया या उसपर हक जमाने की कोशिश की, तो वह आपको पक्‍का छोड़ देगी। हर लड़की को ये अच्‍छा लगता है कि वह अपनी होशियारी और काबीलियत की वजह से पहचानी जाए। पर जब कोई लड़का उसे अपनी नज़रो में छोटा दिखाने की कोशिश करे तो उसे बुरा लगने लगता है। वैसे भी लड़कियों को बॉस बनने में अच्‍छा लगता है, इसलिए इस बात की इज्‍जत करें।
2. माचो या रफ एंड टफ लड़के- अगर आप अपनी बॉडी बना कर यह सोंचते हैं कि आपको इससे कोई लड़की मिल जाएगी, तो आपको अपनी सोंच बदलने की जरुरत है। वह लड़के जो केवल अपनी बॉडी पर ही ध्‍यान देते हैं और माचो टाइप का लुक रखते हैं, लड़कियों दा्रा खास पसंद नहीं किये जाते। लड़कियों को यह लगता है कि ऐसे लड़के बहुत गुस्‍सैल होते हैं, जो अपनी पत्‍तनी और बच्‍चे का ठीक से ख्‍याल नहीं रख पाएंगे। हर लड़की अपने लिए केवल एक ढंग कर पढ़ा-लिखा और स्‍लिम पर्सनैलिटी वाला लड़का चाहती है, न की कोई बॉडी गार्ड। वे लड़के जो बाहर से टफ लगते हों, पर अंदर दिल नरम होता हो लड़कियों को कभी-कभार पसंद आ जाते हैं।
3. जो केवल सेक्‍स की चाह रखते हों- वे लड़के जो लड़कियों से थोड़ी दोस्‍ती हो जाने पर दूसरे ही पल उनसे शारीरिक संबध बना लेना चाहते हैं, उनसे लड़कियां दूर भागती हैं। किसी भी रिलेशनशिप में लड़को की प्राथमिक्‍ता सेक्‍स होती है, पर वहीं पर लड़कियां इन सब से परे केवल प्‍यार और रोमांस को प्राथमिक्‍ता देती हैं। ऐसा नहीं है कि उन्‍हें सेक्‍स से कोई परेशानी है पर वे लड़के जो दिन भर इसी के बारे में दिमाग चलाते हैं, उनसे लड़कियों को जरुर थोड़ी परेशानी है। इसलिए आपके लिए अच्‍छा होगा कि पहले प्‍यार और रोमांस के बारे में सोंचे और बाद में बाकी बातों को एहमियत दें।

चक्रव्यूह का ख्याल 2003 में ही आ गया था: झा



दशहरे के मौके पर प्रदर्शित हुई फिल्म चक्रव्यूह के बारे में निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा ने कहा कि उन्हें नक्सली समस्या पर बनी फिल्म चक्रव्यूह का ख्याल साल 2003 में ही आ गया था जिसे उन्होंने अब जाकर अंजाम दिया है। प्रकाश झा ने कहा कि वो चाहते थे कि उनकी फिल्म के जरिये लोग देश की जटिल और गंभीर समस्या को समझे। नक्सली समस्या ने आज देश में विकट रूप इख्तियार कर लिया है।
प्रकाश झा ने कहा कि लेकिन उनकी इच्छा है कि  वो भी दूसरे निर्माता-निर्देशकों की तरह 100 करोड़ कमाये। झा ने हंसते हुए बीबीसी से कहा कि हर किसी की इच्छा नहीं होती कि वो पैसे कमाये तो अगर ऐसे में मैने करोड़ो की बात कही तो लोगों को हैरान नहीं होना चाहिए।
आपको बता दें प्रकाश झा निर्देशित फिल्म चक्रव्यूह दशहरे के मौके पर सिनेमाघरों में पहंची है। फिल्म में नक्सलियों की समस्या को दिखाया गया है, देश के ज्वलंत मु्द्दे पर बनी यह फिल्म में अभय देओल, अर्जुन रामपाल, ईशा गुप्ता, ओम पुरी, मनोज बाजपेयी, अंजलि पाटिल, चेतन पंडित, समीरा रेड्डी की मुख्य भूमिका है। समीक्षकों ने भी चक्रव्यूह को गंभीर मु्द्दे पर बनी अच्छी फिल्म बतायी है और कहा है कि यह फिल्म उन लोगों को अच्छी लगेगी जो दिमाग से सोचते हैं

शिदें, सोनिया और पवार तो 'बेताल' हैं: ठाकरे



मुंबई। एक बार फिर से शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के तरकश के तीर बाहर आये हैं। दशहरे के अवसर पर भी शिवसेना सुप्रीमो ने विरोधियों पर निशाना साधा। ठाकरे ने कहा कि शरद पवार, सुशील कुमार शिंदे किसी बेताल से कम नहीं हैं। ठाकरे का यह रिकार्ड संदेश वार्षिक दशहरे की रैली में प्रसारित हुआ क्योंकि शिव सेना  प्रमुख अपनी बीमारी के कारण इस रैली में शामिल नहीं हो पाये थे।
ठाकरे ने कहा कि कृषि मंत्री शरद पवार और गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे तो देश के 'बेताल हैं जो देश की नहीं केवल अपनी चिंता करते हैं। शिवसेना प्रमुख ने कहा कि देश को ऐसे `भूत-प्रेतों` से छुटकारा मिलना चाहिए।  आज महंगाई, भ्रष्टाचार ने देश को कंगाल कर दिया है। पड़ोसी देश गिद्ध की तरह भारत पर नजरें टिकाये बैठे हैं और देश की सरकार केवल अपनी जेबें भर रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि पांच का गिरोह मतलब सोनिया, राहुल, प्रियंका, राबर्ट वाड्रा और अहमद पटेल को तो खत्म होना चाहिए। उन्होंने अपने बेटे, शिवसेना कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और शिवसेना युवा इकाई प्रमुख और पोते आदित्य के लिए समर्थन मांगा।

फैजाबाद में सांप्रदायिक फसाद, पथराव व आगजनी के बाद कर्फ्यू

उत्तर प्रदेश में दुर्गा मूर्ति विसर्जन यात्रा के दौरान संवेदनशील जिलों में शामिल फैजाबाद नगर, बारांबकी और गोरखपुर जिलों में हुए बवाल में पुलिस कर्मियों समेत करीब नौ लोग घायल हो गए हैं। इस दौरान उपद्रवियों ने तोड़फोड़, पथराव और आगजनी की। बड़ी संख्या में सरकारी और गैर सरकारी वाहनों को तोड़ा और दर्जनों दुकानें फूंक दीं। तनाव के मद्देनजर फैजाबाद जिला प्रशासन ने स्कूल-कॉलेज बंद रखने के आदेश दिए और फैजाबाद नगर के मंदिरों के कपाट नहीं खुले। नगर में बुधवार रात से ही व्याप्त तनाव को देखते हुए स्कूल, कॉलेज बंद कर दिये गए हैं। हालांकि अयोध्या में स्थिति सामान्य है और वहां मदिरों में पारम्परिक ढंग से पूजा अर्चना चल रही है। नगर में पुलिस गश्त बढा दी गई है। आपराधिक दंड संहिता की धारा 144 का कडाई से पालन किया जा रहा है।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को चौक में दो बार लाठीचार्ज करना पडा। इसके अलावा कोतवाली क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया वही इस मामले में आईजी कानून व्यवस्था ने बताया कि बवाल के मद्देनजर सभी जिलों में सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। और फिलहाल वहा के हलात नियत्रंण में है। यहा के सभी स्कूलो को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा प्रदेश के डीजीपी एसी शर्मा मौके पर है। प्राप्त जानकारी के अनुसार फैजाबाद में विसर्जन यात्रा के दौरान चौक में हुए टकराव ने सांप्रदायिक रूप ले लिया। इसके बाद दोनों पक्षों से आगजनी व तोड़फोड़ की गई। इसमें दर्जनों बाइक तहस-नहस हुई और एक दर्जन दुकानें राख हो गई। नगर में जगह-जगह नारेबाजी और पथराव का दौर देर तक चला।
दरअसल, विसर्जन यात्रा गुप्तारघाट जा रही थी। सायं चार बजे चौक क्षेत्र के मां हठ्ठी महरानी मंदिर के पास समुदाय विशेष के लोगों ने शोभायात्रा देखने आई महिलाओं से अभद्रता की। विरोध पर कहासुनी और मारपीट होने लगी। इसके बाद पथराव शुरू हो गया। कई पत्थर मूर्तियों पर भी लगे। इसको लेकर दोनों समुदायों में टकराव के बाद भगदड़ मच गई। घटना को लेकर पूरे शहर में तल्खी बढ़ी और माहौल तनावपूर्ण हो गया। चौराहे-चौराहे पर नारेबाजी व पथराव होने लगा। पुलिस व पीएसी की टुकडियां मुख्य मार्गो पर लोगों को भगाकर स्थिति नियंत्रित करने में लगी रहीं। हालात को देखते अर्द्धसैनिक बल की गश्त बढ़ा दी गई। चौक क्षेत्र में पुलिस की बाइक जलाई तो नगर मजिस्ट्रेट व पुलिस जिप्सी तोड़ दी गई। पथराव में दरोगा का सिर भी फटा। रुदौली में विसर्जन यात्रा के दौरान अलुहाना गांव के पास अबीर गुलाल उड़ाने को लेकर कहासुनी में पुलिस बाइक फूंकी गई। पथराव में सीओ अनिल कुमार को चोट आई।
यहां विसर्जन यात्रा पीएसी आने के बाद शुरू हो सकी। विरोध में भेलसर के पास लोगों ने चार घंटा राजमार्ग रोका। भदरसा में विसर्जन यात्रा के दौरान अबीर गुलाल उड़ाने पर कहासुनी के बाद दर्जनों दुकानें फूंक दी गईं। कुछ अराजकतत्वों ने भोला कसौधन पर चाकू से वार कर दिया। जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। विरोध में भरतकुंड के पास रोडवेज बस व दमकल वाहन जलाया गया। यहां भी विसर्जन यात्रा रोक दी गई है। वही प्रदेश के बाराबंकी के मोहम्मदपुर खाला के भटुआमऊ मार्ग से सुबह दुर्गा मूर्ति विसर्जन जुलूस को समुदाय विशेष के लोगों के रोके जाने पर भड़के लोगों ने मार्ग जामकर प्रदर्शन किया। डीएम व एसपी ने मामला सुलझाने की कोशिश की तो दोनों पक्ष के लोग भड़क गए और एक-दूसरे पर पथराव किया। आईजी कानून व्यवस्था ने बताया कि बवाल के मद्देनजर सभी जिलों में सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं।

Tuesday, October 23, 2012

हुड्डा की गैरहाजरी में घर में क्यों घुसे केजरीवाल


अरविन्द केजरीवाल और इंडिया अगेन्सट करप्शन के उनके सहयोगी पहले से ही जानते थे कि मकान नम्बर 9, पण्डित पंत मार्ग, नई दिल्ली हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुडडा का सरकारी आवास नहीं बल्कि उनके सांसद पुत्र दीपेन्द्र सिंह हुड्डा का सरकारी निवास है। फिर भी जबरदस्ती प्रवेश करने का प्रयास किया जाना अत्यन्त निंदनीय, अलोकतांत्रिक और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में एक नई ओछी हरकत है। यह कहना है कि हरियाणा के संसदीय कार्य मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला का। चंडीगढ़ में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री दिल्ली में उपस्थित भी नहीं थे और वे अपने घोषित कार्यक्रम के अनुसार चंडीगढ़ में ही सरकारी कार्यक्रमों में भाग ले रहे थे। निवास पर केवल पारिवारिक सदस्य ही मौजूद थे।
इस प्रकार गुण्डागर्दी करना, निवास में जबरदस्ती प्रवेश करने का प्रयास करना और पुलिस बैरियरस को तोडऩे की कोशिश करना न्यूनतम मानवीय शालीनता तथा संवेदनशीलता की कमी को ही नहीं दर्शाता बल्कि लक्षित व्यक्तियों के परिवारों के अधिकारों के पूर्ण हनन को भी दर्शाता है। सुरजेवाला ने कहा कि इंडिया अगेन्सट करप्शन के लगभग 150 कार्यकर्ताओं जिनमें से अधिकतर नरसंहार, आगजनी एवं एक मारूति कार्यकारी की हत्या के कारण मारूति उद्योग लिमिटेड द्वारा नौकरी से निकाले गए श्रमिक थे उन्होंने पुलिस बैरियर तोड़कर, बड़े पैमाने पर हिंसा फैलाई।
सुरजेवाला ने भी केजरीवाल से पूछे सवाल
पूर्व आईपीएस वाई.पी. सिंह, कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह और इंडिया अगेन्सट करप्शन की एक पूर्व कार्यकर्ता एनी कोहली के बाद अब सुरजेवाला ने भी केजरीवाल पर प्रश्नों की बौछार की है। उन्होंने कहा कि क्या लोकतंत्र को रौंदते हुए कुछ हजार कार्यकर्ताओं को केजरीवाल या उसके परिवार के सदस्यों के पारिवारिक आवासों में जबरदस्ती घुस जाना चाहिए? क्या इन नेताओं की सार्वजनिक चालबाजियों को उद्देश्य मुद्दों को उठाना है या फिर रोजाना धीरे-धीरे कम होती जा रही अपनी लोकप्रियता के कारण खबरों में बने रहना का प्रयास मात्र है? क्या एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में शालीनता एवं लोकतंत्र सार्वजनिक विरोध की कसौटी एवं सैद्घान्तिक आधार नहीं होने चाहिए? क्या सरासर गुंडागर्दी करके और घरों में जबरदस्ती प्रवेश करने का प्रयास करके नेताओं के परिवारों के अधिकारों को रौंदना उचित है? ये कुछ प्रश्न हैं, जिनका उत्तर अरविन्द केजरीवाल तथा उनके सहयोगियों को स्वयं को तथा आम आदमी को देना चाहिए। सुरजेवाला ने कहा कि हमें विश्वास है कि लगातार किया जा रहा मीडिया प्रचार का यह प्रयास एक सच्चे आत्मनिरीक्षण के साथ समाप्त हो जाएगा।

नितिन गडकरी की कंपनी को मिल रहे फंड पर उठे सवाल

नितिन गडकरी की कंपनी पूर्ति पावर एंड शुगर लिमिटेड में फंड को लेकर सवाल उठाए गए हैं टाइम्स ऑफ इंडिया अखभार में छपी खबर में ये खुलासा किया गया है.
खबर के मुताबिक पूर्ति में फंड का बड़ा जरिया कंस्ट्रख्शऩ कंपनी आईडियल रोड बिल्डर्स यानि आईआरबी से मिला लोन है.
खब के मुताबिक आईआरबी वहीं कंपनी है जिसे 1995 से लेकर 1999 के बीच महाराष्ट्र में नितिन गडकरी के लोक निर्माण मंत्री रहते ठेके मिले थे बाद में आईआरबी ग्रुप ने पूर्ति में निवेश किया.
ज्यादातर पते हैं फर्ज़ी
आईआरबी के अलावा पूर्ति में 16 कंपनियों के शेयर हैं इन सभी 16 कंपनियों में से ज्यादातर के पते फर्ज़ी पाए गए हैं. कुछ कंपनियों के एड्रेस चॉल के नाम पर हैं वहीं कुछ की ई मेल आईडी भी एक पाई गई है.
खास बात ये है कि ये कंपनियां गडकरी के करीबी सहयोगियों की हैं. अखबार का दावा है कि पूर्ति में इनवेस्ट करने वाली कंपनियों के डायरेक्टरों में गडकरी के ड्राइवर एकाउंटेंट और कंपनियों के दो कर्मचारी शामिल हैं.
कंपनी के फंड्स का बहुत बड़ा हिस्सा कंस्ट्रक्शन कंपनी आइडियल रोड बिल्डर्स (आईआरबी) से मिला लोन है. आईआरबी वही कंपनी है, जिसे गडकरी के महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी मंत्री रहने के दौरान मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे समेत कई सड़कों के ठेके मिले थे.
कंपनी रजिस्ट्रार के पास से मिले पते की छानबीन में पता चला कि पूर्ति ग्रुप की शेयरहोल्डर्स कंपनियों में से पांच तो अंधेरी-कुर्ला रोड पर स्थित स्लम एरिया के एक कमरे के पते पर रजिस्टर्ड हैं.
चार अन्य कंपनियों का पता झुग्गीवासियों के लिए एसआरए स्कीम के तहत बनाई जा रही एक निर्माणाधीन बिल्डिंग का दिया गया है.
खास बात यह है कि ये कंपनियां गडकरी के करीबी सहयोगियों की हैं. 2010-11 के रिकॉर्ड्स बताते हैं कि पूर्ति में इन्वेस्ट करने वाली कंपनियों के डायरेक्टर में गडकरी का ड्राइवर, अकाउंटेंट और कंपनी के ही दो कर्मचारी शामिल हैं.

Monday, October 22, 2012

फ्री डाउनलोड कीजिए टॉप 5 मोबाइल एंटीवायरस







अवास्‍त पीडीए एडीशन (Avast! PDA Edition)
अगर आप पॉम ओएस स्‍मार्टफोन या फिर विंडो सीई बेस विंडो फोन का प्रयोग रहें हैं तो अवास्‍त पीडीए एडीशन एंटीवायरस फोन में डाउनलोड कर सकते हैं। अवास्‍त के नए एंटीवायरस को ALWIL सॉफ्टवेयर कंपनी ने बनाया है। आप चाहें तो इसे अपने स्‍मार्टफोन और पॉकेट पीसी में भी डाउनलोड कर सकते हैं।


अवीरा एंटीवर मोबाइल (Avira AntiVir Mobile)
अवीरा एंटीवर मोबाइल एक प्रोफेशनल एंटीवॉयरस है, अगर आप अपने फोन में रोज ढेरों मेल या फिर इंटरनेट से जुड़े कई काम करते हैं तो अवीरा आपके मोबाइल को पूरी सुरक्षा देगा। अवीरा को पॉकेट पीसी और स्‍मार्टफोन दोनों में डाउनलोड किया जा सकता है। अविरा इंटरनेट पर दो वर्जन में उपलब्‍ध है पहला पेबल वर्जन है जिसमें लिए आपको कुछ एमाउंट पे करना होगा और दूसरा फ्री वर्जन जिसे 30 दिनों तक फ्री में प्रयोग किया जा सकता है।


कैसपरस्‍काई मोबाइल सिक्‍योरिटी (Kaspersky Mobile Security)
कैसपरस्‍काई मोबाइल सिक्‍योरिटी स्‍मार्टफोन के लिए एक कंप्‍लीट पैकेज है। इसमें एंटी थेफ्ट प्रोटेक्‍शन के साथ वायरस प्रोटेक्‍शन, फायरवॉल प्रोटेक्‍शन और एसएमएस, ईएमएस और एमएमएस का प्रोटेक्‍शन भी दिया गया है।


 नारटन स्‍मार्टफोन सिक्‍योरिटी (Norton Smartphone Security)
नारटन स्‍मार्टफोन सिक्‍योरिटी इंटनेट मार्केट में जाना माना एंटीवायरस है। नारटन के पूरे पैकेज में एंटी स्‍पैम, फायरवाल के अलाव सिमेंटेक पैकेज भी दिया गया है जो आपके स्‍मार्टफोन वायरस के हमले से सेव रखता है।


ईसेट मोबाइल एंटीवॉयरस (ESET Mobile Antivirus)
ईसेट में फल इंट्रीगेट रियल टाइम प्रोटेक्‍शन दिया गया है जो किसी भी तरह के मालवेयर यानी वायरस से आपके फोन को प्रोटेक्‍ट करता है। ईसेट आपके फोन की मैमोरी को स्‍कैन करने के कई ऑप्‍शन देता है जैसे फुल स्‍कैन, इंटरनल मैमोरी स्‍केन अगर आप सिर्फ एक फोल्‍डर या फाइल को स्‍कैन करना चाहते हैं जो ईसेट में वो भी कर सकते हैं। ईसेट न केवल आपके फोन में इंटरनली प्रोटेक्‍शन प्रोवाइड करता है बल्‍कि वाईफाई और ब्‍लूटूथ प्रोटेक्‍शन भी देता है।

जानिये 10 सिर वाले रावण के दस रहस्‍य?

दशहरे के उपलक्ष्‍य में सभी लोग रावण के वध यानी उसके मरने की बात तो करते हैं, लेकिन उसके जीवन के बारे में कोई नहीं पूछता। हमीरपुर यूपी की कीर्ति दीक्षित, (जो एक सरकारी कर्मचारी हैं और इस समय दिल्‍ली के सागरपुर में रह रही हैं) बता रही हैं रावण से जुड़े 10 रहस्‍य।
कहते हैं- इक लख पूत सवा लख नाती। ता रावण घर दिया न बाती। रावण को प्रकांड पंडित वरदानी राक्षस जिसे कालजयी कहा जाता था। लेकिन कैसे वो कालजयी जिसके बल से त्रिलोक थर-थर कांपते थे एक स्त्री के कारण समूल मारा गया। वो भी वानरों की सेना लिये एक मनुष्य से। इन बातों पर गौर करें तो ये मानना तर्क से परे होगा। लेकिन रावण के जीवन के कुछ ऐसे रहस्य हैं, जिनसे कम ही लोग परिचित होंगे।
कैसे हुआ रावण का जन्‍म
रावण एक ऐसा योग है जिसके बल से सारा ब्रम्हाण्ड कांपता था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वो रावण जिसे राक्षसों का राजा कहा जाता था वो किस कुल की संतान था। रावण के जन्म के पीछे के क्या रहस्य है? इस तथ्य को शायद बहुत कम लोग जानते होंगे। रावण के पिता विश्वेश्रवा महान ज्ञानी ऋषि पुलस्त्य के पुत्र थे। विश्वेश्रवा भी महान ज्ञानी सन्त थे। ये उस समय की बात है जब देवासुर संग्राम में पराजित होने के बाद सुमाली माल्यवान जैसे राक्षस भगवान विष्णु के भय से रसातल में जा छुपे थे।
वर्षों बीत गये लेकिन राक्षसों को देवताओं से जीतने का कोई उपाय नहीं सूझ रहा था। एक दिन सुमाली अपनी पुत्री कैकसी के साथ रसातल से बाहर आया, तभी उसने विश्वेश्रवा के पुत्र कुबेर को अपने पिता के पास जाते देखा। सुमाली कुबेर के भय से वापस रसातल में चला आया, लेकिन अब उसे रसातल से बाहर आने का मार्ग मिल चुका था। सुमाली ने अपनी पुत्री कैकसी से कहा कि पुत्री मैं तुम्हारे लिए सुयोग्य वर की तलाश नहीं कर सकता इसलिये उसे स्वयं ऋषि विश्वेश्रवा के पास जाना होगा और उनसे विवाह का प्रस्ताव स्वयं रखना होगा।
पिता की आज्ञा के अनुसार कैकसी ऋषि विश्वेश्रवा के आश्रम में पहुंच गई। ऋषि उस समय अपने संध्या वंदन में लीन थे आंखें खोलते ही ट्टषि ने अपने सामने उस सुंदर युवती को देखकर कहा कि वे जानते हैं कि उसके आने का क्या प्रयोजन है? लेकिन वो जिस समय उनके पास आई है वो बेहद दारुण वेला है जिसके कारण ब्राह्मण कुल में उत्पन्न होने के बाद भी उनके पुत्रा राक्षसी प्रवृत्ति के होंगे।
तब कैकसी ऋषि चरणों में गिरकर बोली आप इतने महान तपस्वी हैं तो उनकी संतान ऐसी कैसे हो सकती है आपको संतानों को आशीर्वाद अवश्य ही देना होगा। तब कैकसी कि प्रार्थना पर ऋषि विश्वेश्रवा ने कहा कि उनका सबसे छोटा पुत्र धर्मात्‍मा प्रवृत्ति का होगा। इसके अलावा वे कुछ नही कर सकते। कुछ समय पश्चात् कैकसी ने एक पुत्र को जन्म दिया जिसके दस सिर थे। ऋषि ने दस शीश होने के कारण इस पुत्र का नाम दसग्रीव रखा।
इसके बाद कुंभकर्ण का जन्म हुआ जिसका शरीर इतना विशाल था कि संसार मे कोई भी उसके समकक्ष नहीं था । कुंभकर्ण के बाद पुत्री सूर्पणखा और फिर विभीषण का जन्म हुआ। इस तरह दसग्रीव और उसके दोनो भाई और बहन का जन्म हुआ।

'हम समझते थे कि सिर्फ कांग्रेस के दामाद हैं वाड्रा'

इंडिया अगेंस्ट करप्शन के सदस्य अरविंद केजरीवाल सियासत में कदम रख चुके हैं। अगले महीने वो अपनी राजनीतिक पार्टी के नाम का ऐलान करने वाले हैं। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के आरोपों पर केजरीवाल का कहना है कि दिग्विजय सिंह के सवाल का जवाब देना जरूरी नहीं है। वो देश के खिलाफ षड़यंत्र कर रहे हैं।
आईबीएन7 संवाददाता विक्रांत यादव से बातचीत में अरविंद ने कहा कि वो सारे सवालों के जवाब देने को तैयार हैं, लेकिन दिग्विजय सिंह के सवाल नहीं, उनकी चाल समझने की जरूरत है। उनकी सरकार ने सभी तरह की जांच करवा ली है। मुझसे जुड़ी सारी फाइलें उनके पास है। फिर वो सवाल क्यों पूछ रहे हैं। क्या उनकी सरकार को पता नहीं है?
 केजरीवाल ने कहा कि कोयला घोटाला, लोकपाल बिल, रॉबर्ट वाड्रा व डीएलएफ के संबंध और सलमान खुर्शीद के घोटाले पर प्रधानमंत्री जवाब दे दें तो मैं भी दिग्विजय के सवालों का जवाब दे दूंगा। अगर प्रधानमंत्री से वो इन सवालों के जवाब नहीं दिलवा सकते हैं तो फिर देश की जनता के सामने बहस करवा लें। अगर दिग्विजय सिंह बहस के लिए तैयार हैं तो कांग्रेस से सर्टिफिकेट लेकर आएं और आईएसी की तरफ से कुमार विश्वास को जहां भी बहस के लिए बुलाएंगे वो चले जाएंगे।
अरविंद ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उनको सोनिया गांधी के साथ कभी भी चाय पीने की इच्छा नहीं रही थी। ऐसे में वो भला क्यों एनएसी में जाने के लिए दिग्विजय सिंह से सिफारिश लगवाएंगे। अरविंद ने कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियां एक हैं। पब्लिक में ये अलग-अलग दिखती हैं। बीजेपी अध्यक्ष गडकरी पर सवाल उठता है तो शरद पवार बचाव करते हैं। वाड्रा पर आरोप लगते हैं तो शरद यादव, अखिलेश यादव बचाव करते हैं। दूसरी पार्टियां भी वाड्रा के बचाव में आ जाती हैं। हम तो समझते थे कि वाड्रा सिर्फ कांग्रेस के दामाद हैं, लेकिन वो तो सारी पार्टियों के दामाद निकले। उन्होंने कहा कि गडकरी के खिलाफ जितने सबूत उनके पास थे उतना खुलासा उन्होंने किया है।
अरविंद ने कहा कि दिग्विजय सिंह कहते हैं कि उनके पास वाजपेयी और आडवाणी के परिवार के खिलाफ सबूत हैं लेकिन वे पेश नहीं करेंगे। भला क्यों? क्या नेताओं के बीच सांठगांठ है कि कोई किसी के परिवार के खिलाफ सबूत नहीं पेश करे।

पूर्व नेशनल चैंपियन मछली बाजार में बेच रही हैं थैलियां

ओलंपिक में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को करोड़ों रुपये के ईनाम दिए गए। क्रिकेट खिलाड़ी करोड़ों कमाते हैं लेकिन इसी मुल्क में कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं जो तंगहाली में जीने को मजबूर हैं। एक वक्त पावर लिफ्टिंग की नेशनल चैंपियन रही गीता बाई भी ऐसी ही खिलाड़ी हैं जो सरकार की अनदेखी के चलते गरीबी में दिन काट रही हैं।
एक जमाने में देश की जानी मानी पावर लिफ्टर खिलाड़ी रही गीता बाई इन दिनों मुफलिसी में जीने को मजबूर है। पावर लिफ्टिंग की राष्ट्रीय चैंपियन रही गीता ने अलग-अलग राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 3 गोल्ड, 11 सिल्वर और 16 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। लेकिन आज गीताबाई मैंगलोर के मछली मार्केट में पॉलीथिन बैग बेच कर अपना गुजारा कर रही हैं। 
पूर्व एथलीट गीता बाई का कहना है कि मैं कर्नाटक की सबसे बेहतरीन खिलाड़ी थी। मैं बस इतना चाहती हूं कि सरकार मुझे नौकरी दे दे। अगर सरकार ने ऐसा नहीं किया तो शायद इसी गरीबी में मैं मर जाऊंगी। मेरे जैसे कई ऐसे खिलाड़ी गांव में रहते हैं सरकार को उनकी तरफ तवज्जो देनी चाहिए।
कुछ दिन पहले तमिलनाडु की एथलीट संथी सौंदराजन के बारे में भी ऐसी ही खबर आई थी। 11 अंतरराष्ट्रीय और 50 राष्ट्रीय मेडल जीत चुकी संथी पत्थर की खान में काम कर अपना पेट पाल रही है। पूर्व एथलीटों की शिकायत है कि सरकार सिर्फ उन्हीं खिलाड़ियों पर ध्यान देती है जो ओलंपिक या एशियन गेम्स में नाम कमाते हैं।
दक्षिण कन्नड़ जिला प्रशासन ने प्लास्टिक की थैलियों पर रोक लगा दी है। ऐसे में अगर सरकार ने गीता की मदद नहीं की तो उसकी मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। कर्नाटक की गीता बाई हो या तमिलनाडु की मशहूर एथलीट संथी सौंदराजन, हमने हमेशा देखा है राज्य सरकारे या फिर केंद्रीय सरकार ऐसे एथलीट्स को नजर अंदाज करती है। पर अब वक्त आ गया है की सरकार को एक नोश्नल स्पोर्ट्स पॉलिसी बनानी चाहिए ताकि गीता जैसे हजारों खिलाडियों को सड़क पर इस तरह से अपनी जिंदगी नहीं बितानी पड़े।

Sunday, October 21, 2012

डीजीसीए ने किंगफिशर एयरलाइंस का लाइसेंस संस्पेंड किया

भारी कर्ज में डूबी किंगफिशर एयरलाइंस का लाइसेंस शनिवार को निलंबित कर दिया गया। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने किंगफिशर एयरलाइंस द्वारा निर्धारित समय में नोटिस का जबाब नहीं देने के बाद उसका लाइसेंस निलंबित कर दिया।
डीजीसीए के एक अधिकारी ने बताया कि कर्मचारियों की हड़ताल के बाद अचानक उडानें रद्द कर देने के किंगफिशर के फैसले के मद्देजनर गत पांच अक्टूबर को कारण बताओ नोटिस भेजा गया था। नोटिस का जवाब नहीं मिलने के बाद उसका लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है।

अधिकारी ने बताया कि किंगफिशर को शनिवार को अपनी कंपनी की भावी योजनाओं के बारे रिपोर्ट देने के लिए बुलाया गया था लेकिन किसी के नहीं आने के बाद उसका लाइसेंस निलंबित करने का निर्णय लिया गया। अधिकारी ने कहा कि अब डीजीसीए की अनुमति के बगैर किंगफिशर उड़ान नहीं भर सकेगी।
दूसरी ओर किंगफिशर एयरलाइंस की ओर से शुक्रवार को एक बयान में कहा गया कि कर्मचारियों के काम पर नहीं आने के कारण उसे पांच नवंबर तक के लिए आंशिक तालाबंदी का फैसला लेना पड़ा था। लेकिन अब वेतन भुगतान समेत सभी मुद्दों पर कर्मचारियों के साथ हुई सकारात्मक बैठक के बाद ऐसी संभावनाएं बन रही है कि तालाबंदी जल्दी खत्म करके उड़ानें छह नवंबर को बहाल कर दी जाएं।
किंगफिशर ने कहा है कि ऐसा तभी संभव है जब डीजीसीए इस संबंध में कंपनी की ओर से मांगी गई योजना रिपोर्ट को मंजूरी दे देता है। वेतन भुगतान नहीं होने की स्थिति में कर्मचारियों और पायलटों के हड़ताल पर चले जाने के कारण कंपनी को एक अक्टूबर से आशिंक तालाबंदी की घोषणा करनी पड़ी थी।
जाने माने उद्योगपति विजय माल्या के स्वामित्व वाली किंगफिशर का गठन 2005 में हुआ था। अपने गठन के बाद से यह कंपनी लगातार घाटे में चल रही है और आज की तारीख में इसका घाटा बढकर 8 हजार करोड़ रूपए तक पहुंच चुका है। इसमें 420 करोड़ रूपए का बकाया कर भुगतान भी शामिल था।

'सेना के साथ झड़प में मारा गया गद्दाफी का बेटा'

लीबिया की नेशनल कांग्रेस ने कहा है कि पूर्व तानाशाह दिवंगत मोहम्मद गद्दाफी का बेटा खामिस सरकारी सुरक्षा बलों के साथ हुई झड़प में घायल होने के बाद मारा गया।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार लीबिया के नेशनल कांग्रेस के प्रवक्ता उमर हमिदान ने टेलीविजन पर कहा कि खामिस की राजधानी त्रिपोली से 170 किलोमीटर दूर बानी वालिद शहर में सरकारी बलों के साथ झड़प में घायल हो जाने के बाद शनिवार को मौत हो गई।
इस बीच लीबिया के प्रधानमंत्री कार्यालय ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि सरकारी सुरक्षा बलों ने गद्दाफी सरकार के प्रवक्ता मूसा इब्राहिम को त्रिपोली से 70 किलोमीटर दूर तारहौना शहर से गिरफ्तार किया है।
गद्दाफी को पिछले साल 20 अक्टूबर को ही विद्रोहियों ने उनके गृह नगर सिरते में अपने कब्जे में लेकर उनकी हत्या कर दी थी।


ईरान से अकेले बातचीत की योजना नहीं: अमेरिका

वाशिंगटन। अमेरिका ने न्यूयार्क टाइम्स अखबार में छपी इस खबर का खंडन किया है कि ओबामा प्रशासन परमाणु मुद्दे पर ईरान के साथ अकेले में बैठक करने पर सहमत हो गया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता टामी वाइटर ने एक बयान में कहा कि इस मुद्दे का समाधान खोजने के लिए अमेरिका सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों और जर्मनी के साथ मिलकर काम करता रहेगा।
वाइटर ने कहा कि इस बात में कोई सच्चाई नहीं है कि अमेरिका और ईरान अकेले में बात करने पर सहमत हो गए हैं या उनकी अमेरिकी चुनावों के बाद ऐसी कोई योजना है। हम सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों और जर्मनी के साथ ईरान मुद्दे का कूटनीतिक समाधान खोजने के लिए काम कर रहे हैं। इससे पहले न्यूयार्क टाइम्स ने ओबामा प्रशासन के अधिकारियों के हवाले से दावा किया था कि अमेरिका और ईरान अकेले में बात करने के लिए सहमत हो गए हैं। अखबार के मुताबिक 2009 में ओबामा का कार्यकाल शुरू होते ही अमेरिकी और ईरानी अधिकारियों के बीच गुप्त बैठकें शुरू हो गई थी। जिसके परिणामस्वरूप दोनों देश अब अकेले में बात करने पर सहमत हुए हैं।

आतंकवादियों को घुसपैठ में मदद कर रहा पाक: शिंदे

केंद्रीय गृह मंत्री सुशीलकुमार शिंदे ने देश में सीमापार से घुसपैठ में आतंकवादियों की मदद करने पर आपत्ति उठाते हुए रविवार को पाकिस्तान पर निशाना साधा। पुलिस स्मृति दिवस पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम से इतर शिंदे ने कहा, "हमें जानकारी मिली है कि पाकिस्तान आतंकवादियों को हमारे क्षेत्र में प्रवेश करने में मदद कर रहा है। हमारे पास खुफिया जानकारी है। लेकिन हम सतर्क हैं।"
उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने सभी सुरक्षा बलों को त्योहारों के मौसम में अतिरिक्त चौकसी बरतने और शांति सुनिश्चित करने का निर्देश जारी किया था। केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों के लिए बने एक स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करने के तुरंत बाद उन्होंने कहा, "मैं लोगों से भी अपील करता हूं कि वे अतिरिक्त सावधानी बरतें।"

जम्मू एवं कश्मीर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक समूचे राज्य में शांति नहीं लौट आती, तब तक सुरक्षा बलों को वापस नहीं बुलाया जा सकता। उन्होंने कहा, "जब मैं जम्मू एवं कश्मीर में था, स्थानीय लोगों ने मुझे कश्मीर घाटी से सेना को हटाने के लिए कहा। लेकिन मैंने उनसे कहा कि जब तक स्थिति शांतिपूर्ण नहीं हो जाती, हम ऐसा नहीं कर सकते। हम सेना तभी हटाएंगे जब माहौल शांतिपूर्ण हो जाएगा।"
गौरतलब है कि सुरक्षा उपायों का जायजा लेने के लिए शिंदे ने पिछले सप्ताह जम्मू एवं कश्मीर का दौरा किया था। केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने शनिवार को भारत-बांग्लादेश सीमा का दौरा किया था और वहां की स्थिति का जायजा लिया।

पढ़ें: दिग्विजय के सवालों का आईएसी ने दिया ये जवाब!

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन के नेता अरविंद केजरीवाल से 27 सवाल पूछे हैं। दिग्विजय से इस हमले पर अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम ने सीधे-सीधे जवाब देने के बजाय गेंद जनता के पाले में डाली है। संगठन की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि जनता ही तय करेगी कि दिग्विजय के सवालों का जवाब दिया जाए या नहीं।
‘‘दिग्विजय सिंह ने आज हमसे कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं। जिन सवालों के जवाब उन्होंने मांगे हैं उन सारे सवालों के जवाब सरकार के पास पहले से ही हैं। जनता के पास पहले से ही हैं। देश का गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और दूसरी सभी जांच एजेंसियां लंबे समय से हमारे पीछे लगी हुई हैं। इन सारे सवालों के जवाब दिग्विजय सिंह को प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री से पूछने चाहिए थे। उनके पास तो इनके सारे जवाब हैं।’’
‘‘मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए लिए बार-बार ये सवाल उठा दिए जाते हैं। इन सवालों को उठा कौन रहा है? वही दिग्विजय सिंह, जो अन्ना हजारे जी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का एजेंट कहते हैं? वही दिग्विजय सिंह जो रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ की लूट को जायज ठहराते हैं? वही दिग्विजय सिंह जो कोयला घोटाले और टू जी स्पेक्ट्रम घोटाले को घोटाला मानने को ही तैयार नहीं हैं? ’’
‘‘इन लोगों की वजह से देश में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और अपराध लगातार बढ़ रहा है। जो लोग इन सबके लिए जिम्मेदार हैं वही लोग इन मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बार-बार हमें तू-तू, मैं-मैं की राजनीति में उलझाना चाहते हैं। आंदोलन में कुछ भी ढंका-छिपा नहीं है। हम ये सारे सवाल भ्रष्टाचार से दुखी जनता के बीच रख रहे हैं। अब जनता यह तय करेगी कि हमें दिग्विजय सिंह के सवालों की तू-तू, मैं-मैं में समय गंवाना चाहिए या फिर उस समय का सदुपयोग देश को बचाने के लिए करना चाहिए।’’



केजरीवाल की पीसी में महिला का हंगामा, पहचान पर सवाल!

गाजियाबाद में अरविंद केजरीवाल की प्रेस कांफ्रेंस के दौरान रविवार को खुद को अन्ना का समर्थक बताने वाली एक महिला ने हंगामा खड़ा कर दिया। खुद को अन्ना की समर्थक कहने वाली एनी कोहली नाम की महिला ने अरविंद केजरीवाल से कुछ तीखे सवाल पूछे। उन्होने केजरीवाल से देश के सामने अपनी पहचान साफ करने को कहा। कोहली ने अरविंद से पूछा कि क्या वो राजनीतिज्ञ हैं या फिर कोई समाजिक कार्यकर्ता?
कोहली के सवाल पर अरविंद ने कहा है कि वो राजनीतिक क्रांतिकारी हैं। जबकि महिला का कहना है कि अरविंद ने उनके किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। एनी कोहली का कहना है कि उनका अरविंद के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
एनी कोहली के मुताबिक वो और उनके साथ आए सभी कार्यकर्ता अन्ना के समर्थक हैं। जबकि अरविंद का कहना है कि वो एनी कोहली को नहीं जानते हैं। मैंने उनको पहली बार देखा है। मैं उनके सवालों का जवाब देने को आया लेकिन उनके पास सवाल ही नहीं थे। केजरीवाल ने कहा कि हर आंदोलन की अपनी योजना होती है। 



यश चोपड़ा का अंतिम संस्कार आज, शोक में डूबा बॉलीवुड

 
यश चोपड़ा (1932-2012) हाल ही में 80 साल के हुए यश चोपड़ा जब अपने जन्म दिन के मौके पर सामने आए थे तो उनके हाव भाव से साफ था कि वो बिल्कुल स्वस्थ और तंदरुस्त हैं। इसके बाद 10 अक्टूबर की रात अमिताभ बच्चन के जन्म दिन के मौके पर वो आखिरी बार सार्वजनिक तौर पर देखे गए लेकिन इसके अगले ही दिन उनकी तबियत बिगड़ गई।
सांस में तकलीफ और बेचैनी के चलते 13 अक्टूबर को उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती किया गया। खबर आई कि उन्हें डेंगू हो गया है लेकिन रविवार शाम करीब साढ़े 5 बजे जैसे ही खबर आई कि यश चोपड़ा साहब हमारे बीच में नहीं रहे तो बॉलीवुड में शोक की लहर फैल गई।
खबर मिलते ही शाहरुख खान, दिलीप कुमार, अनिल कपूर, मधुर भंडारकर, संजय दत्त, कुणाल कोहली समेत तमाम सितारे लीलावती अस्पताल पहुंच गए। जबकि अमिताभ बच्चन, सलमान खान, प्रियंका चोपड़ा, ऐश्वर्या राय समेत कई कलाकार उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए यशराज स्टूडियो में पहुंचे।
यश चोपड़ा ने अपने 50 साल के फिल्मी करियर में 53 फिल्में बनाईं जिनमें से 22 फिल्मों का उन्होंने खुद निर्देशन किया। 1959 में धूल का फूल बतौर निर्देशक उनकी पहली फिल्म थी और ‘जब तक है जान’ उनकी आखिरी फिल्म है जो 13 नवंबर को दीवाली के दिन रिलीज हो रही है।
1973 में यशराज फिल्म्स के नाम से खुद का प्रोडक्शन हाउस खोला। यश चोपड़ा का जन्म 27 सितंबर 1932 को लाहौर में हुआ था। विभाजन के बाद उनका परिवार पंजाब के जालंधर में बस गया। जालंधर में मौजूद उनके परिवार में इस दुखद खबर के बाद शोक का माहौल है।
यश चोपड़ा के पार्थिव शरीर को बीती रात उनके जुहू स्थित बंगले पर लाया गया। करीब एक घंटे तक रखने के बाद उन्हें यशराज स्टूडियो ले जाया गया जहां दोपहर 12 बजे तक लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे। तीन बजे विले पार्ले के पवन हंस श्मशान भूमि में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। 50 साल तक हमें खुशी के लम्हें देने वाले किंग ऑफ रोमांस को आखिरी सलाम।
अमिताभ बच्चन को महानायक बनाने में यश चोपड़ा का बड़ा रोल था। यश जी आखिरी बार बच्चन साहब के 70 वे जन्म दिन पर ही नजर आए थे। अमिताभ बच्चन ने उन्हें याद करते हुए अपने ब्लॉ़ग में पुरानी यादों और आखिरी मुलाकात दोनों को सहेजा है। इस ब्लॉग में अमिताभ ने यश चोपड़ा के संघर्ष के दिनों को भी याद किया
जब उनके पास बस एक छोटा सा ऑफिस होता था, जिसमें फर्नीचर के नाम पर बस दो कुर्सियां होती थीं।
बता दें कि यश चोपड़ा का पार्थिव शरीर अभी यशराज स्टूडियो में रखा गया है जहां उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है। अंतिम दर्शन दोपहर 12 बजे तक होंगे उसके बाद तीन बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।


Saturday, October 20, 2012

भारत-चीन युद्ध के 50 साल बाद किसकी ताकत कितनी?



आर्थिक मोर्चे पर चीन और भारत के बीच कांटे की टक्कर मानी जाती है, लेकिन सामरिक मामलों में चीन कहीं आगे है। भारत न सिर्फ हथियारों के मामले में काफी पीछे है बल्कि चीन से लगने वाली सीमा पर ढांचागत विकास के मामले में भी भारत को बहुत कुछ करना बाकी है।
चीन से जंग हुए आज पचास साल हो गए हैं। उस वक्त भारत हथियारों से लेकर तैयारियों के मोर्चे पर मात खा गया था। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि अब भारत की तैयारियां किस हाल में हैं क्योंकि जब भी भारत की सैन्य ताकत की बात होती है तो मुकाबला चीन से ही होता है।
किसकी ताकत कितनी
- चीन के पास 23 लाख थल सैनिक हैं तो भारत के पास केवल 13 लाख थल सैनिक हैं।
- चीन की वायुसेना में 1800 लड़ाकू विमान हैं जबकि भारत के पास करीब 1000 लड़ाकू विमान हैं
- चीन ने हाल ही में देश में ही तैयार किया गया पांचवी पीढी का स्टेल्थ लड़ाकू विमान दुनिया के सामने लाकर अपनी हवाई ताकत दिखाई। जबकि भारत के पास इस श्रेणी का विमान 2022 से पहले नहीं आ पाएगा।
- चीन के पास 13 हजार किलोमीटर तक मार करने वाली डांग फेंग-5 और इसी सीरीज की दूसरी मिसाइलें हैं। भारतीय सेना के बेड़े में साढ़े सात हजार किलोमीटर तक मार करने वाली मिसाइलें हैं।
- युद्धपोत के मामले में भी चीन काफी आगे है। चीन के पास 75 युद्धपोत हैं तो भारत के पास सिर्फ 27 युद्धपोत हैं।
- हाल ही में चीन ने अपना लियाओनिंग नाम का पहला लड़ाकू विमान वाहक पोत नौसैनिक बेड़े में शामिल किया है जबकि इसी टक्कर का विक्रामादित्य पोत भारत को अगले साल तक मिल पाएगा।
- परमाणु हथियारों के मामले में भी चीन आगे ही है। चीन के पास 150 से 200 परमाणु हथियार हैं जबकि भारत के पास 50 से 90 परमाणु हथियार हैं।
- भारत ढांचागत विकास के मोर्चे पर भी चीन से बहुत पीछे है। चीन ने भारत की सीमा से लगे अपने इलाकों में बेहतरीन सड़कें बना दी हैं जबकि सरहद पर भारत की तैयारियों पर जानकारों से लेकर रक्षा मामलों की संसदीय समिति भी सवाल उठा चुकी है। हालांकि जानकार ये भी मानते हैं कि अब हालात 1962 से काफी अलग हैं।
भारत और चीन के बीच बीते कई सालों से सीमा विवाद सुलझाने को लेकर बातचीत चल रही है। लेकिन तेरह दौर की विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता के बावजूद निकट भविष्य में किसी नतीजे की उम्मीद नहीं है।



BBC के एक और प्रस्तोता पर लगा यौन उत्पीड़न का आरोप

लंदन। ब्रिटेन और विश्व की सबसे अग्रणी प्रसारण सेवा ब्रिटिश ब्राडकास्टिंग कार्पोरेशन (बीबीसी) के पूर्व प्रस्तोता जिमी सेवाइल के कई दशक पूर्व नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न मामले की आंच अभी ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि इससे मिलते जुलते दूसरे मामले का भी पता चला है।
ब्रिटिश दैनिक गार्डियन की गुरुवार को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ पत्रकार जॉन सिम्पसन ने 1999 में लिखी अपनी आत्मकथा में दावा किया था कि ‘अंकल डिक’ के उपनाम से प्रसिद्ध एक बेहद लोकप्रिय प्रस्तोता ने नाबालिग बच्चों का यौन शोषण किया था। बकौल सिम्पसन बीबीसी के वरिष्ठ अधिकारियों को इस प्रकरण की खबर थी लेकिन उन्होंने तब भी चुप्पी साधे रखी।
ब्रिटेन में इन दिनों सेवाइल मामले ने तहलका मचाया हुआ है। सेवाइल चार दशकों तक बीबीसी के अग्रणी प्रस्तोता रह चुके थे और साल 2011 में उनका निधन हो गया था। उनपर दस महिलाओं ने गत माह आरोप लगाया था कि 60 और 70 के दशक में जब वो नाबालिग लड़कियां थीं और बीबीसी के कार्यक्रमों में शामिल होने उसके स्टूडियो जाती थीं तो सेवाइल ने कथित तौर पर उनका यौन उत्पीड़न किया करते थे। सेवाइल पर सोमवार को एक नया आरोप यह लग गया कि उन्होंने एक अखबार वाले लड़के का भी उत्पीडन किया था।
सिम्पसन ने अपनी पुस्तक ‘स्ट्रेंज प्लेसिस क्वेशचनेबल पीपल’ में बताया था 50 और 60 के दशक में बच्चे सप्ताह दर सप्ताह बीबीसी स्टूडियो जाने और अंकल डिक से मिलने की प्रतियोगिता जीता करते थे। डिक उनको स्टूडियो में घुमाते फिराते और उसके बाद कथित तौर पर उनका यौन शोषण करते। बच्चों के माता पिता ने जब इस संबंध में बीबीसी से शिकायत की तो बीबीसी के महानिदेशक कार्यालय ने जवाब दिया कि देश के इतने लोकप्रिय व्यक्ति के संबंध में इस सरीखे आरोपों को देशवासी पचा नहीं पाएंगे।

भारत की कमजोरी अर्थव्यवस्था है, सेना नहीं: चीनी दैनिक

भारत की कमजोर नब्ज अर्थव्यवस्था है, सेना नहीं। यह बात चीन के एक सरकारी दैनिक में कही गई। इसमें कहा गया कि भारत अपने सैन्य बल से अपनी सीमा को बचा सकता है लेकिन चीन के प्रभाव को रोक नहीं सकता है। 'पीपुल्स डेली' के एक स्तम्भ में कहा गया है कि भारत के पास आर्थिक विकास मंक तेजी लाने और पूर्वोत्तर के लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने के सिवा दूसरा कोई चारा नहीं है।
वरिष्ठ सम्पादक दियांग देंग ने कहा अपने स्तम्भ में लिखा है कि भारत अपनी सैन्य शक्ति के बल पर चीन से लगी अपनी सीमा को बचा सकता है लेकिन चीन के प्रभाव को चाह कर भी टाला नहीं जा सकता। भारत अभी इस प्रभाव के दबाव में है। स्तम्भ में लिखा गया है कि भारत की कमजोर नब्ज अर्थव्यवस्था है, सैन्य शक्ति नहीं।
स्तम्भ में कहा गया कि 1962 में हुए भारत चीन युद्ध के 50 साल बीत चुके हैं। अधिकतर युवा चीनियों को इसकी धुंधली जानकारी ही है लेकिन भारतीयों को यह अभी तक याद है। स्तम्भ में कहा गया है कि भारतीयों को अब भी इस बात की चिंता सताती है कि चीन उससे वह क्षेत्र वापस ले लेगा जो उसने भारत से जीत कर 50 साल पहले उसे लौटा दिया था।

देह व्यापार में रंगे हाथों पकड़ी गई KKR की चीयरलीडर्स

आईपीएल सिर्फ क्रिकेट का खेल नहीं है। यह ब्लैकमनी, रंगीन रात, सेक्स और पार्टियों का खेल है। हम देखे चुके हैं कि आईपीएल मैच खत्म होने के बाद दोनों टीमें हाई प्रोफाइल पार्टियों में शिकरत करती हैं जहां उन्हें वो सब कुछ नसीब होता है, जिसे कोई आम आदमी भी चाहकर नहीं प्राप्त कर सकता है। चाहे वह उस शहर में प्रतिबंधित हो या ना हो, लेकिन आईपीएल खिलाड़ियों के लिए यहां सब फ्री और प्रतिबंधित नहीं है। खिलाड़ी पार्टी में ड्रिंक, लड़की, मॉडल और चीयरलीडर्स में मशगूल रहते हैं।
जैसे-जैसे रात जवां होती है, खिलाड़ी एक मॉडल या एक लड़की और एक चीयरलीडर्स को लेकर रूम में चले जाते हैं और फिर यहां असली खेल शुरू होता है। और हां सबसे महत्वपूर्व बात कि ये सब पुलिस की निगरानी में होता है। आईपीएल के सीजन जब खत्म होते हैं तो टीमों के चीयरलीडर्स इन पार्टियों की चकाचौंध से खुद को बाहर निकाल नहीं पाती हैं, और ऐशोआराम के लिए वो अपनी जिस्म का सौदा करने लगती हैं।
पुणे क्राइम ब्रांच ने बुधवार को ऐसी ही एक चीयरलीडर को गिरफ्तार किया जो वेश्यावृत्ति के धंधे में लिप्त थी। कहा जा रहा है कि ये बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान की आईपीएल टीम कोलकाता नाइट राइडर्स से ताल्लुक रखती है। पुलिस के मुताबिक, मुंबई में रहने वाली चीयरलीडर मॉडलिंग भी करती है। पुलिस को एक टिप मिली कि चीयरलीडर ग्राहक खोज रही है। पुलिस ने फर्जी ग्राहक बनकर उसकी दलाल से फोन पर बात की। बाद में फर्जी ग्राहक को चीयरलीडर के कमरे में भेजा। इसके बाद पुलिस ने चीयरलीडर को गिरफ्तार किया। चीयरलीडर और दलाल के साथ फर्जी ग्राहक की सारी बातें पुलिस ने रिकॉर्ड कर ली है। उनके मुताबिक चीयरलीडर ने कहा था कि वह ग्राहकों से 2 घंटे के लिए 1.5 लाख रुपए लेगी।
ऐसा नहीं है कि आईपीएल टीमों की चीयरलीडर्स ही सिर्फ गलत काम करती हैं। टीम के खिलाड़ी भी कम नहीं हैं जो इन पर मरते हैं। पिछले साल मुंबई टीम की चीयरलीडर रह चुकी दक्षिण अफ्रीकी मॉडल गैबरीला पास्कालोटो ने पार्टियों में क्रिकेटरों की पोल खोली थी। किक्रेटरों की पोल खोलने पर टूर्नामेंट आयोजकों ने इस चीयरगर्ल की छुट्टी कर दी थी। गैबरीला का कहना था कि 'जेंटलमैन गेम्स' में शामिल कई सितारा क्रिकेटरों के रंग-ढंग मैच के बाद बदल जाते हैं। आईपीएल पार्टियों में लार टपकाते, लड़कियों के इर्दगिर्द मंडराते और सीरियल किसर के रूप में उन्हें देखा जा सकता है। गैबरीला ने ब्लॉग पर लिखा था कि असली मौजमस्ती तो वीआईपी कमरों में होती है, जहां खिलाड़ी और देर रात तक पार्टी करने वाले स्कैंडल कर सकते हैं। वो पहले आपका चेहरा देखते हैं, फिर आपके पेट के ऊपर, फिर पीठ के नीचे देखते हैं, फिर दोबारा पेट के ऊपर देखते हैं। वो लोग हमें मांस के टुकड़ों की तरह समझते हैं। गैबरीला ने कुल 8 खिलाड़ियों का नाम लिया था। इनमें 4 ऑस्ट्रेलियाई, एक दक्षिण अफ्रीकी तथा तीन भारतीय खिलाड़ियों के नाम शामिल थे।

दिग्विजय ने केजरीवाल को फिर भेजी चिट्ठी, पूछे 27 सवाल

दिग्विजय सिंह ने केजरीवाल को अपने सवालों की फहरिस्त भेज दी है। दिग्विजय सिंह ने अरविंद केजरीवाल से 27 सवाल पूछे हैं। ये सवाल केजरीवाल की नौकरी, एनजीओ और आंदोलन से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कुछ निजी सवाल भी पूछे हैं। दिग्विजय ने केजरीवाल से सवाल किए हैं कि
- क्या ये सच है कि 20 साल की IRS की नौकरी के दौरान आपकी पोस्टिंग दिल्ली से बाहर नहीं हुई?
- क्या आपकी पत्नी का ट्रांसफर कभी दिल्ली से बाहर नहीं हुआ?
- आपने अपनी स्टडी लीव की रिपोर्ट सरकार को क्यों नहीं दी?
- क्या आप बिना इजाजत स्टडी लीव पर चले गए?
- आपका एक बार चंडीगढ़ ट्रांसफर हुआ, लेकिन आपने ज्वाइन नहीं किया?
- क्या ये सच है कि चंडीगढ़ ट्रांसफर के बाद VRS लेने की कोशिश की?
- क्या सरकारी नौकरी करते हुए आपने NGO बनाने की इजाजत ली?
- क्या NGO कबीर को फोर्ड फाउंडेशन से तकरीबन दो करोड़ रुपये मिले?
- क्या इस पैसे का इस्तेमाल भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में हुआ?
- सरकारी नौकरी करते हुए विदेशी संस्था से पैसे लेने की इजाजत ली?
- आपके किसी वेबसाइट पर दानदाताओं के नाम क्यों नहीं?
- क्या ये सच है कि आप दो करोड़ रुपये लेकर अन्ना के पास गए थे और अन्ना ने पैसे लेने से इनकार कर दिया?
- आपकी कोर कमेटी के एक सदस्य ने 20 करोड़ की धांधली का आरोप लगाया, आपने इसका जवाब क्यों नहीं दिया?
- आप अमेरिकी NGO आवाज के साथ रिश्तों का खुलासा करेंगे?
- अमेरिकी NGO आवाज ने आपको किस तरह की मदद दी?
- क्या ये सच है कि आपने दिल्ली में तहरीर चौक जैसे की बात कही है?
- क्या ये सच है कि IAC के लिए पैसा डाइवर्ट किया?
- आपने आजतक नरेंद्र मोदी के खिलाफ सवाल क्यों नहीं उठाए?
- आपने कभी बीजेपी शासित राज्यों में भ्रष्टाचार की बात क्यों नहीं की?
- आपने बिजली बिल नहीं देने वाले का कनेक्शन जोड़ा, क्या ये आपराधिक मामला नहीं बनता?
- क्या ये सच है कि मयंक गांधी दक्षिण मुंबई में एक प्रपोजल लेकर गए थे जिस पर आपत्ति उठी थी?
- क्या प्रपोजल को BMC के जरिए गलत तरीके से पास कराया गया जिसपर शिवसेना का अधिकार?
- क्या ये सच है कि मयंक गांधी IAC को फंड देते हैं?
- आपने कानून मंत्री के ट्रस्ट पर सवाल उठाए, लेकिन अन्ना के ट्रस्ट पर सवाल नहीं उठाए?
- मान लीजिए आपके IAC का सदस्य गड़बड़ी करता है तो आप जिम्मेदारी लेते हुए IAC से इस्तीफा देंगे?
इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने अरविंद केजरीवाल को लिखी चिट्ठी में केजरीवाल को खुद की सेवा करने वाला ऐसा महत्वाकांक्षी व्यक्ति करार दिया, जो लोकतंत्र का सम्मान नहीं करता।
चिट्ठी में दिग्विजय ने आरोप लगाया कि केजरीवाल राष्ट्रीय सलाहकार परिषद में आना चाहते थे। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने एनएसी को एजेंडा छीनने की कोशिश की। दिग्विजय का दावा है कि केजरीवाल उनके पास एनएसी की सदस्यता के लिए सिफारिश करवाने आए थे। लेकिन सोनिया गांधी ने केजरीवाल की जगह उनकी गुरु अरुणा राय को एनएसी में जगह दी।
दिग्विजय ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने अपनी महत्वाकांक्षा के लिए अन्ना हजारे का इस्तेमाल किया।

Friday, October 19, 2012

खुर्शीद को कांग्रेस की नसीहत, ‘सोच-समझकर बयान दें’

नई दिल्ली। अपने खिलाफ आरोपों से बौखलाए कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल पर दिए विवादास्पद बयान को उनकी पार्टी कांग्रेस ने गंभीरता से लिया है। आज जब इस बारे में पार्टी के मुख्य प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी से सवाल पूछा गया तो उन्होंने खुर्शीद को नसीहत देते हुए कहा कि हर किसी को अपने बयान सोच-समझकर देने चाहिए।
गौरतलब है कि सलमान खुर्शीद ने कल कहा था कि बहुत दिन से उनके हाथों में कलम है। उन्हें वकीलों का मंत्री बनाया गया था और कहा गया था कि वो कलम से काम करें लेकिन वो अब लहू(खून) से भी काम करेंगे। केजरीवाल के फर्रूखाबाद जाकर प्रचार करने पर सलमान खुर्शीद ने कहा कि अरविंद फर्रूखाबाद जाएं लेकिन लौट कर भी आएं फर्रूखाबाद से। सलमान ने ये भी कहा कि सवाल करने वाले भूल जाएंगे कि सवाल कैसे पूछा जाता है।
गुरुवार को पार्टी प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी ने सलमान का नाम तो नहीं लिया लेकिन कहा कि हर किसी को कुछ भी कहने से पहले सोच-समझकर बोलना चाहिए। उधर, बीजेपी नेता बलबीर पुंज ने कहा है कि सलमान खुर्शीद के ट्रस्ट के बारे में बहुत गंभीर शिकायतें आई हैं। वैसे तो वो बड़े शिष्ट आचरण के व्यक्ति माने जाते हैं लेकिन यह मामला सामने आते ही वो खासे बौखला गए हैं। इसका तो यही तरीका है कि सारे आरोप ठीक से जांचे जाएं और कार्रवाई की जाए।

पवार ने भूमि घोटाले में गडकरी की सहायता की: केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी पर खुलासा करते हुए बुधवार को सवाल उठाए हैं कि वो किसके हक में काम कर रहे हैं। वो किसके इंट्रेस्ट को रिप्रेजेंट करते हैं? महाराष्ट्र में 71 हजार करोड़ का सिचाई घोटाला सामने आया है। कांग्रेस-एनसीपी की मिलीजुली सरकार के दौरान बीजेपी ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने भी मदद नहीं की। गडकरी ने अंजली दमानिया को कहा कि शरद पवार से उनके अच्छे रिश्ते हैं। चार काम वो करते हैं तो चार काम वो उनका करते हैं।
हालांकि बाद में मीडिया में गडकरी ने इससे इंकार किया था। मुंबई में आईएसी की सदस्य अंजली दमानिया और प्रीति ने सिंचाई घोटाले की जांच की। एक महीने की जांच में चौंकानेवाले तथ्य सामने आए हैं। अरविंद ने सवाल उठाया कि विदर्भ में किसान खुदकुशी क्यों कर रहे हैं? जब आईएसी की सदस्य एक महीने में जांच कर तथ्य सामने ला सकती हैं तो सरकारें क्या कर रहीं हैं? जांच एजेंसियां क्या कर रही हैं?
अन्ना आंदोलन के दौरान अंजली दमानिया ने आरटीआई दाखिल की जिसके बाद उनको सबूत मिले की 70 हजार करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी किसानों को फायदा नहीं क्यों नहीं मिले? अरविंद ने खुलासा किया कि नागपुर के खुर्सापुर गांव में डैम बनाने के लिए जमीन अधिग्रहित की गई। इलाके के किसान गजानन रामभावजी घडगे की जमीन अधिग्रहित की गई। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जितनी जमीन चाहिए थी उससे ज्यादा जमीन अधिग्रहित की गई।
लेकिन डैम बनाने के बाद भी जमीन खाली पड़ी थी जिसपर सिंचाई विभाग के आदेश से गजानन उसपर खेती कर रहे थे, इसके लिए उन्होंने सिंचाई विभाग से आज्ञा ले रखी थी। बांध बन गया। 100 एकड़ जमीन खाली पडी थी। सिंचाई विभाग के इंजीनियर ने 18 एकड़ जमीन पर खेती की प्रमीशन दी। इसके बाद साल 2000 में किसानों ने सूबे के शासन को चिट्ठी लिखी और मांग की कि फालतु खाली पड़ी जमीन पर वो खेती करना चाहते हैं। वो जमीन उनको लीज पर या बेच दी जाए। लेकिन सिंचाई विभाग का जवाब आया कि जमीन पर सिंचाई बंद कर दी जाए। इस खाली पड़ी जमीन पर सौंदर्यीकरण का काम करना है।
4 जून 2005 को बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने अजित पवार को चिट्ठी लिखी की उनको 100 एकड़ जमीन चाहिए। अजित पवार ने चार दिन यानि 8 जून को वीआईडीसी को कहा कि गडकरी के प्रस्ताव को 22 जून की बैठक में पेश किया जाए। इस बैठक में नितिन गडकरी की मांग को मंजूरी दे दी गई। हालांकि इसका सिंचाई विभाग ने विरोध किया कि कानून के तहत ऐसा करना संभव नहीं है।
28 नवंबर 2007 को एक और मीटिंग हुई और 100 एकड़ जमीन गड़करी को दे दी गई। 6 जून 2008 को घडगे ने लोकल एमएलए को लिखा कि ज्यादा अधिग्रहण होने पर बची हुई जमीन किसानों को वापस होनी चाहिए ऐसा कानून है। ये हमें वापस मिलनी चाहिए।
21 जून 2008 को घड़गे को बुलाया गया ,वहां गड़करी की कंपनी के कुछ अधिकारी थे, घड़गे को कहा गया कि ये जमीन अब गड़करी की कंपनी को दे दी गई है। इसे आपको छोड़ना होगा। 28 जून 2008 को जब वो लौटा तो गड़करी की कंपनी के एमडी ने कहा कि जो कर सकते हो कर लो, अब ये जमीन हमारी है।
उसी गांव में पंचायत ने प्रस्ताव पारित किया 19 अगस्त 2007 को प्रस्ताव पारित किया कि गड़करी की कंपनी का जो पावर प्लांट है, उसका गंध पीने के पानी में मिलता है। इसे बंद किया जाए।
अरविंद ने खुलासा करते हुए कहा कि नितिन गडकरी का बड़ा एंपायर है। उनका इसमें व्यासायिक इंट्रेस्ट हैं। क्या वो महाराष्ट्र के विदर्भा के किसानों के विरोध में है? क्या महाराष्ट्र के अंदर व्यवसाय किसानों की खुदकुशी पर हो रहा है? केजरीवाल ने कहा कि वो एक प्रश्न देश के सामने रखना चाहते हैं कि क्या बीजेपी देश की विपक्षी पार्टी है या बीजेपी सत्ताधारी पार्टियों से मिली हुई है। सवाल उठाते हुए अरविंद ने खुलासा किया कि गडकरी साहब का इंटरेस्ट क्या है। उनके बिजनेस हित क्या महाराष्ट्र के किसानों के हितों से टकरा रहे हैं? महाराष्ट्र के अंदर जो गड़करी के हित हैं उनकी कीमत किसान चुका रहे हैं?
जिस वक्त अरविंद केजरीवाल गडकरी के बारे में खुलासा कर रहे थे तो उसी वक्त गडकरी के घर पर बीजेपी के बड़े नेता सुषमा स्वराज, विजय गोएल, बलबीर पुंज और प्रकाश जावड़ेकर मौजूद थे।


अंजलि, प्रशांत और मयंक गांधी की जांच कराएंगे केजरीवाल

भ्रष्टाचार के आरोपों से आजिज अरविंद केजरीवाल ने एक अहम फैसला किया है। केजरीवाल ने तय किया है कि आईएसी के जिन कार्यकर्ताओं पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं, उनकी जांच कराई जाएगी। अंजलि दमानिया, प्रशांत भूषण और मयंक गांधी की जांच होगी।
केजरीवाल के मुताबिक आरोपों की जांच तीन पूर्व जज करेंगे। अब तक आईएसी के तीन कार्यकर्ताओं पर राजनीतिक दलों की तरफ से आरोप लगाए गए हैं। आईएसी के अंजलि दमानिया, प्रशांत भूषण और मयंक गांधी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। इनकी जांच आईएसी के घोषित लोकपाल और दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एपी शाह की अध्यक्षता में बनी तीन सदस्यों की कमेटी करेगी।
जांच करने वाली समिति में जस्टिस ए पी शाह के अलावा जस्टिस बी एम मर्लापल्ले और जस्टिस जसपा सिंह शामिल हैं। मालूम हो कि प्रशांत भूषण और शांति भूषण पर जमीन संबंधी गड़बड़ियों के आरोप लगते रहे हैं तो ऐसे ही आरोप अंजलि दमानिया पर भी लगे हैं। अरविंद केजरीवाल का कहना है कि उनकी संस्था की तरफ से लगातार ऐसे आरोपों की जांच कराने की मांग की जाती रही है, लेकिन सरकार कभी जांच करवाती नहीं। ऐसे में नेता बेवजह आरोप दोहराते रहते हैं। इसलिए अब इन आरोपों की खुद जांच कराने के सिवाय आईएसी के पास कोई दूसरा चारा नहीं है।
दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री नारायण सामी ने अरविंद केजरीवाल के उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें अरविंद ने कहा था कि सरकार उन लोगों के फोन टैप कर रही है। नारायण सामी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल कच्चे सबूतों पर आरोप लगा रहे हैं।


Thursday, October 18, 2012

180 किलोमीटर ट्रैफिक जाम वाला शहर

अगली बार अगर आप ट्रैफिक जाम की शिकायत करें, तो एक बार ब्राज़ील के सबसे बड़े शहर साओ पाअलो के ड्राइवरों को ज़रूर याद कर लें.
ये हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ये एक ऐसा शहर है जिसमें सबसे ख़राब ट्रैफिक जाम लगता है.

और अगर शुक्रवार की शाम हो, तो बस फिर गाड़ीवालों के लिए वो सबसे ख़राब दिन साबित हो जाता है.
ट्रैफिक से जुड़े अधिकारियों का कहना है, ''इस दिन गाड़ियों की शहर के अंदर और बाहर इतनी लंबी कतार लग जाती है कि 180 किलोमीटर लंबा गाड़ियों का कारवां लग जाता है.''

कारों का सागर

"मैं इस स्टेशन के शुरु होने से ही इसमें काम कर रही हूं और मैंने पाया है कि ट्रैफिक की स्थिति बदतर हुई है क्योंकि गाड़ियों की तादाद बढ़ी है."
विक्टोरिया रिबेरो
अपने दस महीने के बेटे के साथ कार चला रही फेबिना क्रेस्पो धीरे-धीरे गाड़ियों से भरी गली से अपनी गाड़ी निकालते हुए कहती है, ''ये एक सागर है, कारों का सागर.''
वे कहती है, ''मैं अपने परिवार के साथ शहर के दक्षिणी हिस्से में रही हूं और दूसरे छोर पर जाकर काम किया करती थी. जब मेरी शादी हुई, तो मैंने ऑफिस के नजदीक शहर के उत्तरी हिस्से में जाकर रहने का फैसला लिया क्योंकि ट्रैफिक में एक जगह से दूसरी जगह जाना आपकी जिंदगी जहन्नुम बना सकता है."
उन्होंने बताया कि उनके पहले बेटे की पैदाइश के बाद उन्हें अपने पारिवारिक व्यापार को संभालने के लिए वापस जाना पड़ा और अब उन्हें काम पर जाने के लिए रोज़ शहर के बीचों-बीच से गुजरना पड़ता है.
क्रेस्पो को सिर्फ़ एक तरफ का रास्ता दो घंटे में तय कर पाती हैं.

रेडियो देता यातायात सूचना

ट्रैफिक जाम एक ऐसी समस्या है जो साओ पाअलो ही नहीं दुनिया के हर देश में है.
क्रेस्पो कहती है, ''साओ पाअलो की सिर्फ़ इसी समस्या को लेकर हम शिकायत करते है.''
इस शहर में हर गाड़ी चलाने वाले की यही कहानी है और यहां स्थानीय रेडियो यातायात के बारे में सूचना भी देते रहते हैं.
यहां तो एक रेडियो स्टेशन खासतौर पर सातों दिन चौबीस घंटे लोगों को ट्रैफिक और विकल्प के तौर पर नए रास्ता अपनाने के बारे में जानकारी देने का काम करता है.
इस रेडियो स्टेशन 'सल अमरीका ट्रैफिक रेडियो' को सुनने वालो की तादाद भी बहुत है क्योंकि ये रेडियो स्टेशन उनके लिए रिपोर्टर का काम करता है.
अगर व्यस्त समय हो तो इस स्टेशन में काम करने वाले रिपोर्टर ही जाम में फंस जाते है और स्टेशन के पास हेलिकॉप्टर की भी सुविधा होती है.

सार्वजनिक परिवहन

ट्रैफिक
भारत में सबसे व्यस्त समय पर सड़कों पर यही नजारा होता है
इन्हीं में से एक हैं विक्टोरिया रिबेरो, जिनका काम है शहर में घूम कर ट्रैफिक का जायजा लेना.
वे कहती है, ''मैं इस स्टेशन के शुरू होने से ही इसमें काम कर रही हूं और मैंने पाया है कि ट्रैफिक की स्थिति बदतर हुई है क्योंकि गाड़ियों की तादाद बढ़ी है.''
पिछले एक दशक में ब्राज़ील के कार उद्योग में रिकॉर्ड स्तर पर उत्पादन हुआ है क्योंकि आर्थिक विकास दर की वजह से वहां लाखों लोगों की वेतन में इजाफा हुआ है.
साओ पाअलो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और परिवहन विशेषज्ञ कहते हैं, ''दुनिया में कोई भी शहर भीड़भाड़ को कम नहीं कर सकता क्योंकि जब ट्रैफिक बढ़ता है तो लोग अपनी कारों का रुख करते हैं. इसके समाधान के लिए संतुलन बनाना जरूरी है. इसके लिए लोगों को सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करना चाहिए.
वे कहते है कि इसका मतलब ये हुआ कि साओ पाअलो को नई सड़को या एक्सप्रेस-वे बनाने की बजाए सार्वजनिक परिवहन में निवेश करना चाहिए.

विश्व स्तरीय शहरों से कोसों दूर भारतीय शहर

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के दो बड़े महानगर विश्व स्तरीय शहर का दर्जा पाने से अभी भी बहुत दूर हैं.
संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी की गई विश्व स्तरीय 95 शहरों की सूची में देश की व्यापारिक राजधानी मुंबई का 52वाँ और देश की राजनीतिक राजधानी दिल्ली का 58वाँ स्थान है.
रिपोर्ट में सबसे ऊपर जिन पाँच शहरों को रखा गया है, वे हैं- वियना (ऑस्ट्रिया), न्यूयॉर्क (अमरीका), टोरंटो (कनाडा), लंदन (यूके), स्टॉकहोम (स्वीडेन).
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि नई दिल्ली और मुंबई समृद्धि की ओर बढ़ रहे विश्व के 95 शहरों की सूची में शुमार हैं, लेकिन भारत के ये दोनों महानगर खराब आधारभूत ढांचे और खराब पर्यावरण स्थितियों जैसी वजहों के चलते इस दिशा में केवल 'आधा सफर’ ही तय कर पाए हैं.
'यूएन हैबिटेट' के विशेषज्ञों की रिपोर्ट 'स्टेट ऑफ वर्ल्ड सिटीज' में पांच मानदंडों के आधार पर शहरों का मूल्यांकन किया गया है. ये पाँच मानदंड हैं- उत्पादकता, जीवन की गुणवत्ता, आधारभूत ढांचा, पर्यावरण और समानता, इन्हीं के आधार पर शहरों की समृद्धि का आकलन किया जाता है.
इन सभी पांच श्रेणियों में भारतीय शहर ढाका, काठमांडू और कंपाला जैसे शहरों से थोड़ा ही ऊपर हैं.

पेइचिंग

नई दिल्ली में जारी इस रिपोर्ट में चीन के दो शहरों-शंघाई और पेइचिंग का स्थान काफी ऊपर है.
रिपोर्ट से जुड़े मुख्य अध्ययनकर्ता एडवर्डो लॉपेज मॉरेनो ने नई दिल्ली में बताया, 'दोनों भारतीय शहर समूह 4 के तहत आते हैं और वे समृद्धि के मध्यम स्तर पर हैं. समृद्धि से मतलब सिर्फ आर्थिक संपन्नता से नहीं, बल्कि शहर में आधारभूत ढांचे और जीवन की गुणवत्ता से भी है.’
"दोनों भारतीय शहर समूह 4 के तहत आते हैं और वे समृद्धि के मध्यम स्तर पर हैं. समृद्धि से मतलब सिर्फ आर्थिक संपन्नता से नहीं, बल्कि शहर में आधारभूत ढांचे और जीवन की गुणवत्ता से भी है"
एडवर्डो लॉपेज मॉरेनो, मुख्य अध्ययनकर्ता
उनके मुताबिक इन दोनों शहरों को खराब पर्यावरण स्थितियों का खामियाजा भुगतना पड़ा है, खासकर नई दिल्ली को.
रिपोर्ट में हालांकि, बंगलौर में हुई सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति की सराहना की गई है और हैदराबाद को भारत की औषधीय राजधानी कहा गया है.
रिपोर्ट में भारत के सबसे बड़े शहरों-कोलकता, दिल्ली, मुंबई और चेन्नई को जोडऩे के लिए देश की स्वर्णिम चतुर्भुज योजना का भी उल्लेख किया गया है.
इसमें यह भी कहा गया है कि पिछले कुछ दशकों में एशियाई शहरों ने अपने आधारभूत ढांचे में जबर्दस्त निवेश किया है.
रिपोर्ट में उल्लेख है कि भारत में ग्रामीण क्षेत्रों की कीमत पर शहरों का तेजी से विस्तार हो रहा है और सुझाव दिया गया है कि शहरों में जमीन के इस्तेमाल को लेकर उचित नीति बनाई जानी चाहिए.