इशरत जहां
मुठभेड़ कांड पर सीबीआई ने अपनी पहली चार्जशीट दाखिल कर दी है। इसके बाद से
ही इस पर सियासत गरम है और तमाम पार्टियों की ओर से बयानबाजी जोरों पर है।
जहां बीजेपी ने इसे नरेंद्र मोदी के खिलाफ साजिश बताया है, वहीं कांग्रेस
इसे सीबीआई की जांच की प्रक्रिया बता रही है। उधर, कांग्रेस महासचिव
दिग्विजय सिंह ने गृह मंत्रालय से इशरत के आतंकी लिंक पर रुख साफ करने को
कहा है।
इन
बयानबाजियों के बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी सरकारी एजेंसियों पर
निशाना साधा है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में उद्धव ठाकरे "इशरत मेव
जयते" नाम का एक संपादकीय लिखा है। इसमें ठाकरे ने लिखा है कि मुंबरा की
रहनेवाली यह युवती (इशरत) गुप्त तरीके से इन चार लोगों के साथ गुजरात में
क्यों आई थी? इसका जवाब मिल चुका है, ये चारों लशकर-ए-तैयबा के लोग थे।
उद्धव
लिखते हैं, इनका इरादा आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना था। शायद वो
नरेंद्र मोदी को भी मारना चाहते हों। आईबी की इस जानकारी के बाद पुलिस ने
एनकाउंटर किया। उन चार लोगों के आतंकी होने के सबूत मिले हैं। ऐसा होते हुए
भी इशरत को बेकसूर बताकर पुलिसवालों को गुनहगार बताने की कोशिश पर हमें
हंसी आती है
लेख
में आगे उद्धव ने लिखा है कि डेविड हेडली ने कहा है कि इशरत LET से जुड़ी
हुई थी। उसने जावेद के साथ मिलकर अहमदाबाद में रेकी की थी और खतरनाक साजिश
को अंजाम देने की फिराक में थी। इसकी पुलिस को जानकारी मिलते ही उसने
कार्रवाई की। अब क्या यह हेडली आरएसएस का लाठीबाज़ कार्यकर्ता है? जो मोदी
के इशारों पर इशरत को आतंकवादी करार दे रहा था। क्या सीबीआई को यही कहना
है।
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