Friday, July 19, 2013

..जब जज ने किया सलमान को कटघरे में खड़ा


हिट एंड रन मामले में सलमान खान की कोर्ट में पेशी के दौरान जज सख्त नजर आए। सलमान जब कोर्ट पहुंचे तो अपनी बहनों अलवीरा और अर्पिता के साथ बेंच पर बैठे थे। लेकिन जज ने उन्हें आरोपियों की तरह कटघरे में खड़े होने का आदेश सुनाया। इसके बाद सलमान बहनों का साथ छोड़कर आरोपियों की तरह कटघरे में खड़े हो गए।
बहरहाल, इस केस में सलमान की मुश्किलें खत्म होती नहीं दिख रही है। लापरवाही का केस अब गैरइरादतन हत्या के मामले में तब्दील हो चुका है। सलमान के रुख से ये मामला लंबा खिंचता चला गया। सलमान हर बार पेशी से बचते रहे, लेकिन अब कोर्ट का रुख सख्त है। सलमान पर मामले को लटकाए रखने की वजह से जुर्माना भी लग चुका है।
वकील आभा सिंह ने बताया कि अब 228 सीआरपीसी के तहत ट्रायल शुरू होगा और सलमान को कोर्ट आना होगा। जज साहब आरोप सुनाएंगे उन्हें स्वीकार करना होगा या नकारना होगा।
यानि साफ है कि सलमान के सामने मुश्किलें ही मुश्किलें हैं। सलमान पर 24 जुलाई को आरोप तय होंगे और इस दौरान उन्हें कोर्ट में हाजिर रहना होगा। ये दिन सलमान के लिए सबसे अहम दिन साबित हो सकता है। बता दें कि इस मामले में सलमान को 10 साल तक की जेल भी हो सकती है।
क्या है मामला?
आपको बता दें कि मुंबई के सेशंस कोर्ट में अब सलमान खान पर गैर-इरादतन हत्या का मामला चल रहा है। इससे पहले कई सालों तक सलमान के ऊपर लापरवाही का मामला मुंबई के बांद्रा कोर्ट में चला। लेकिन सबूतों को देखते हुए कोर्ट ने सलमान के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला चलाने का आदेश दिया।
आरोप है कि सितंबर 2002 में सलमान खान शराब के नशे में धुत होकर काफी तेज रफ्तार में कार चला रहे थे। इसी दौरान गाड़ी का संतुलन बिगड़ने की बजह से सलमान खान की कार ने 5 लोगों को कुचल दिया था। जिसमें एक की मौत हो गई थी। हादसे में चार लोग घायल हो गए थे।
मिल सकती है 10 साल की सजा
जानकारों के मुताबिक अगर सलमान खान इस मामले में दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें दस साल तक की सजा हो सकती है। शुरुआत में सलमान के खिलाफ लापरवाही से गाड़ी चलाने का मामला दर्ज हुआ, लेकिन बाद में मिले कई सबूतों के बाद गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज करने का आदेश दिया गया। बांद्रा कोर्ट ने 17 गवाहों के बयान सुनने के बाद सलमान के खिलाफ ये आदेश दिया। इन बयानों में सलमान खान के खिलाफ सबसे अहम गवाही साबित हुई सरकारी पक्ष के गवाह रविंद्र पाटील की। रविंद्र पाटील पुलिस कर्मचारी थे जो सलमान खान की सुरक्षा में तैनात किए गए थे।
हादसे के वक्त रविंद्र पाटील सलमान खान के साथ थे। पाटील ने अदालत में कहा कि हादसे के वक्त सलमान नशे में थे। उन्होंने बहुत ज्यादा शराब पी रखी थी। उन्हें हादसे को लेकर आगाह भी किया गया, लेकिन सलमान ने सारी बातें अनसुनी कर दी। पाटील ने कहा कि शराब के नशे में बेहद तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने की वजह से ही हादसा हुआ।
हादसे के बाद जांच एजेंसी ने सलमान के खून के नमूने लिए। रिपोर्ट में सलमान के खून में शराब की मात्रा तय मानक से बहुत ज्यादा निकली। गवाहों के बयानों के बाद ही बांद्रा कोर्ट ने सलमान खान पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा चलाने के आदेश दिए। चूंकि गैर इरादतन हत्या के आरोपों के मामले में सेशन कोर्ट में मुकदमा चल सकता है, इसलिए बांद्रा कोर्ट ने मामले को सत्र अदालत के पास भेज दिया था। लेकिन सलमान ने याचिका दायर कर बांद्रा कोर्ट के इस आदेश को रद्द करने की अपील की, पर उन्हें सेशंस कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली और उन पर गैरइरादतन हत्या का मामला चलाने का आदेश दिया गया।
सलमान पर पहले धारा 304(A) के तहत मामल चल रहा था। इस धारा के तहत दोषी साबित होने पर महज 2 साल तक की सजा हो सकती है, लेकिन सेशन कोर्ट के फैसले के बाद सलमान पर धारा 304(2) के तहत केस चलेगा। ये गैर इरादतन हत्या की धारा है और इन धाराओं के तहत दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की सजा हो सकती है।

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