फ्रांस
की संवैधानिक परिषद के गुरुवार को आए एक फैसले में पूर्व राष्ट्रपति
निकोलस सरकोजी और उनकी दक्षिणपंथी पार्टी यूएमपी को पिछले साल के
राष्ट्रपति चुनाव में सरकारी धन का अधिक खर्च करने का दोषी पाया गया।
संवैधानिक
परिषद के इस फैसले के बाद विपक्षी दल यूएमपी आर्थिक परेशानियों में घिर
गया है। क्योंकि इसे 1.4 करोड़ डॉलर की सरकारी राशि जुर्माने के तौर पर
लौटाने का आदेश दिया गया है। इसे पार्टी के लिए एक नए झटके के तौर पर लिया
जा रहा है। पिछले साल के राष्ट्रपति चुनाव में हारने के बाद इसमें दो फाड़
हो गए थे।
सरकोजी
ने इस फैसले की मुखालफत करते हुए संवैधानिक परिषद के अपने पद से इस्तीफा
दे दिया। परिषद संवैधानिक मसलों और चुनाव से जुड़े विवादों के मामलों में
सुनवाई करती है और सभी पूर्व राष्ट्रपति भी इसके सदस्य होते हैं। फ्रांस
में चुनाव खर्च नियंत्रित होता है और पार्टियों को मिलने वाले भारी चंदे
प्रतिबंधित हैं। सरकार ही यहां चुनाव प्रचार में उम्मीदवारों को आर्थिक मदद
उपलब्ध कराती है।
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