दिल्ली
मेट्रो रेल में सुरक्षा के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरों से अश्लील वीडियो
क्लिप बन रहे हैं और क्लिप को पॉर्न साइट्स पर डाला जा रहा है। जानकारी के
मुताबिक अब तक मेट्रो में 250 से ज्यादा अश्लील वीडियो क्लिप बनाए जा चुके
हैं। ये सिलसिला बीते 2 साल से धड़ल्ले से चल रहा है।
ये
अश्लील वीडियो क्लिप पॉर्न साइट्स तक कैसे पहुंच रहे हैं इसे लेकर
डीएमआरसी और मेट्रो की सुरक्षा संभालने वाली सीआईएसएफ के बीच विवाद शुरू हो
गया है। मेट्रो के सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल का जिम्मा सीआईएसएफ के पास
है। जबकि इससे जुड़ा डेटाबेस डीएमआरसी के जिम्मे है। वहीं सवाल ये है कि
आखिर ये वीडियो क्लिप किसने बनाए?
जब
आईबीएन7 ने सीआईएसएफ से इस बारे में पूछा तो सीआईएसएफ के पीआरओ हेमेन्द्र
सिंह ने कहा कि जितनी भी फुटेज सामने आई है वो मेट्रो कोच के अंदर के हैं
और इसकी मॉनिटरिंग खुद डीएमआरसी करती है। सीआईएसएफ का दावा है कि एमएमएस
उनकी तरफ से लीक हुई है। वहीं डीएमआरसी ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश
दे दिए हैं।
जानकारों
का कहना है कि इस मामले में दोषी पाए जाने पर 5 साल की सजा का प्रावधान
है। जानकारों के मुताबिक इस मामले में आईटी एक्ट के सेक्शन 66ई, 67 और
आईपीसी की धारा 425 और 509 में मामला बनता है। आईटी एक्ट के दोनों मामलों
में पांच साल तक सजा हो सकती है। दो से पांच लाख रुपए तक जुर्माना भी हो
सकता है।
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