भगवान बुद्ध
के शहर बोधगया के महाबोधि मंदिर में 10 बम विस्फोट हुए लेकिन सिवाय
सीसीटीवी और बम पर लगी कागज की पर्चियों के जांच एजेंसियों के हाथ अबतक
खाली हैँ। एनआईए और एनएसजी की टीम जांच में जुटी हैं। एक शख्स को हिरासत
में लेकर उससे पूछताछ हो रही है।
सीरियल
ब्लास्ट में गैस के छोटे सिलेंडरों का इस्तेमाल किया गया। हर सिलेंडर पर
कागज की पर्ची चिपकी मिली है, जिसमें अंग्रेजी और उर्दू में ये लिखा है कि
इस बम को रखना कहां है। जांच एजेंसियां ये पहेली सुलझाने में लगी हैं कि
आखिर 13 गैस सिलेंडर मंदिर और आसपास के इलाके में कैसे रखे गए और किसी को
भनक तक नहीं लगी। वहीं गया के महाबोधि मंदिर में प्रार्थना एक बार फिर शुरू
हो गई है। आम लोगों को आनाजाना भी शुरू हो गया है।
एनआईए
और एनएसजी की टीम ने सोमवार को भी धमाके की जगह पर जाकर कुछ सैंपल उठाए।
शुरुआती जांच के बाद एनएसजी ने अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेज दी है।
सूत्रों की मानें तो बम बनाने के लिए अमोनियम नाइट्रेट को सल्फर में मिलाया
गया था। इसके बाद बम को 2 से 3 किलो के गैस सिलेंडर में रख दिया गया था।
एजेंसियों के मुताबिक धमाके के लिए टाइमर में सुईयों वाली घड़ी का इस्तेमाल
किया गया।
एजेंसियों
के मुताबिक जांच के दौरान धमाके के लिए टीएनटी या और किसी विस्फोटक के
इस्तेमाल की बात सामने नहीं आई है। एजेंसियों को शक है कि मंदिर परिसर में
धमाके के बाद ज्यादा नुकसान इसलिए नहीं हुआ क्योंकि सभी 4 बम एक दूसरे के
बहुत पास रखे हुए थे। पहला बम फटा तो उसने दूसरे बम के असर को कम कर दिया।
यही नहीं जिंदा बमों की पड़ताल के बाद ये भी पता चला है कि हर बम पर कागज
की एक पर्ची लगी हुई थी। पर्ची पर ये लिखा था कि कौन सा बम कहां रखा जाना
है। पुलिस के मुताबिक कुछ पर्चियों पर अंग्रेजी में लिखा गया और कुछ पर
उर्दू में।
गौरतलब
है कि जिंदा बमों और सीसीटीवी तस्वीरों से मिले सुराग के बाद बिहार पुलिस
और केंद्रीय एजेंसियों के सामने कई अहम सवालों के जवाब तलाशने की चुनौती
है। 10 एकड़ में फैले मंदिर परिसर में क्या इतनी आसानी से बम रखे जा सकते
थे? सवाल ये कि
कैसे 13 सिलेंडर बम मंदिर
परिसर तक पहुंचाए गए? क्या ये काम सिर्फ एक आदमी कर सकता है? सीसीटीवी में
क्या बम रखने वाला कैद हुआ है? क्यों मंदिर की सुरक्षा में लगे लोगों ने
ये नहीं देखा कि गैस सिलेंडर रखे जा रहे हैं?
जांच
से जूझ रही एजेंसियों के रडार पर अब तक दो संदिग्ध आए हैं। एक शख्स को
धमाके के बाद गया से बाराचट्टी इलाके से पकड़ा गया था। मंदिर में गाइड के
तौर पर काम करने वाले इस आदमी से अब भी पूछताछ की जा रही है। दरअसल धमाके
के बाद मंदिर परिसर की तलाशी के दौरान पुलिस को एक बैग मिला था। इस बैग में
उस शख्स का वोटर आईडी कार्ड रखा हुआ था। वोटर आईडी कार्ड मिलने के बाद
पुलिस तुरंत ही उस आदमी तक पहुंच गई। इसके अलावा NIA की टीम पश्चिम बंगाल
के नाडिया जिले में गिरफ्तार किए गए इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकी
अनवर हुसैन से भी पूछताछ की तैयारी में है।
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