नौकर का यौन
शोषण करने के आरोप से घिरे मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री राघवजी ने अपने पद
से इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनका इस्तीफा
फौरन स्वीकार कर लिया। उधर, कांग्रेस ने मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने
की मांग की है। नौकर का दावा है कि उसके पास सबूत के तौर पर एक सीडी है
जिसमें 75 साल के राघव जी की हरकत दर्ज है। बहरहाल, राघव जी ने आरोपों को
बेबुनियाद बताया है।
मध्य प्रदेश की
राजनीति में आरएसएस और बीजेपी के दिग्गज नेता राघवजी की वजह से भूचाल आ गया
है। दरअसल, विदिशा जिले के एक युवक ने भोपाल के हबीबगंज थाने में एक
चौंकाने वाली शिकायत दर्ज कराई है। उसने शपथपत्र देकर कहा है कि वो राघवजी
के यहां 2010 से रहता है। नौकरी दिलाने के नाम पर राघवजी पहले तो मालिश
कराते थे, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने अश्लील हरकतें करना शुरू कर दिया। कुछ
दिनों बाद उन्होंने यौन शोषण करना शुरू कर दिया। ये सिलसिला मई 2013 तक
चलता रहा। मंत्री के बंगले में रहने वाले दो और लोगों को जब इसका पता चला
तो उन्होंने भी युवक का यौन शोषण किया।
अपने
आरोप के सबूत बतौर युवक के पास एक सीडी है जो उसके एक दोस्त ने शूट की है।
बहरहाल, पुलिस ने न तो केस दर्ज किया औऱ न ही शिकायत मिलने की कोई पावती
ही दी। मगर सेक्स सीडी और पुलिस शिकायत की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान औऱ पार्टी
अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने आनन-फानन में राघव जी का वित्तमंत्री पद से
इस्तीफा ले लिया। ये अलग बात है कि राघवजी और उनका परिवार इस सबके पीछे कोई
साजिश देख रहे हैं। पत्नी हीरा बेन कहती हैं कि इसके पीछे कोई साजिश है।
मुझे याद भी नहीं है कि वो लड़का आखिरी बार कब आया था।
उधर
चुनाव करीब देखते हुए कांग्रेस मौका चूकना नहीं चाहती। वो राघवजी के खिलाफ
सड़कों पर उतर आई है। पार्टी ने भोपाल में पूर्व वित्त मंत्री का पुतला
जलाया और जमकर नारेबाजी की। कांग्रेस के मुताबिक सरकार को युवक की शिकायत
पर कार्रवाई कराते हुए राघवजी के खिलाफ मामला दर्ज कराना चाहिए।
राघवजी
1958 से भारतीय जनसंघ से जुड़े हैं। दो बार लोकसभा और दो बार राज्य सभा
में सांसद रह चुके हैं। विधानसभा में हैट्रिक बना चुके हैं। बीजेपी के इतने
कद्दावर मंत्री के ऊपर एक लड़के की तरफ से लगाए गए आरोप आने वाले विधानसभा
चुनाव में कांग्रेस के लिए मसालेदार मुद्दा तो बनेंगे ही जिनका जवाब देना
शिवराज सरकार के लिए मुश्किल होगा।
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