मिस्र की
राजधानी काहिरा में सेना के एक बैरक के बाहर हुई झड़प में सोमवार को कम से
कम 42 लोगों की मौत हो गई। यह जानकारी देश के स्वास्थ्य मंत्री ने दी। इस
बीच, सेना ने इसे राष्ट्रपति मोहम्मद मुरसी की बेदखली के विरोध में उनके
समर्थकों द्वारा किया गया हमला करार दिया है। मुरसी की मुस्लिम ब्रदरहुड
पार्टी ने एक वक्तव्य जारी कर इस हत्या के लिए सेना को दोषी ठहराया है। साथ
ही यह भी दावा किया है कि मारे गए लोग मुरसी समर्थक थे।
समाचार
एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक पार्टी का कहना है कि सुरक्षा बलों ने काहिरा
के नस्र सिटी इलाके में स्थित रिपब्लिकन गार्ड के मुख्यालय के बाहर
प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई। वक्तव्य के मुताबिक मुरसी के समर्थक
प्रदर्शन कर रहे थे और तभी पुलिस और सुरक्षाबलों ने उन पर गोली चलाई और उन
पर आंसू गैस के गोले छोड़े। मुस्लिम ब्रदरहुड की राजनीतिक इकाई फ्रीडम एंड
जस्टिस पार्टी ने इसे सेना के तख्तापलट के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर
रहे लोगों का जनसंहार करार दिया है। मुरसी के खिलाफ लाखों लोगों के सड़कों
पर उतर आने के बाद सेना ने पिछले हफ्ते उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया था।
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