बिहार के छपरा
के एक सरकारी स्कूल में मिड-डे मील खाने के बाद 20 बच्चों समेत 21 लोगों
की मौत हो गई, जबकि करीब 50 बच्चे अभी भी अस्पताल में हैं। इनमें से 10 की
हालत नाजुक है। गंभीर रूप से बीमार बच्चों को इलाज के लिए पटना भेजा गया
है। इस हादसे में स्कूल में खाना बनाना वाली महिला की भी मौत हो गई है। इस
घटना ने नीतीश सरकार के सुशासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। वहीं सरकार ने जांच
के आदेश दे दिए हैं। वहीं छपरा में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी
सुरक्षा व्यवस्था इंतजाम किए गए हैं।
छपरा
के मसरख इलाके के सरकारी स्कूल में खिचड़ी परोसी गई थी। लेकिन जैसे ही
उन्होंने खिचड़ी खाई। बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। तुरंत ही बच्चों को
नजदीक के अस्पताल ले जाया गया। जब तबीयत ज्यादा खराब होने लगी तो बच्चों को
छपरा के जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
जानकारी
के मुताबिक छपरा के सरकारी स्कूल में करीब ढाई सौ बच्चों को एक साथ खिचड़ी
परोसी गई थी। खिचड़ी खाने के बाद करीब 60 बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी।
खाना बनाने वाली रसोईया मीना की भी तबीयत खराब हो गई। मीना ने बाद में
अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया,हालांकि खिचड़ी खाकर स्कूल के सभी
बच्चे बीमार नहीं पड़े। कुछ बच्चे ठीक भी हैं।
सरकार
ने फोरेंसिक एक्सपर्ट की एक टीम छपरा भेजी है जो मिड-डे मील में दी गई
खिचड़ी का सैंपल लेगी। वहीं पूरे मामले की जांच के औपचारिक आदेश भी दे दिए
गए हैं। सरकार ने मरने वाले बच्चों के परिवारों को दो लाख रुपया मुआवजा
देने का भी ऐलान किया है। राज्य सरकार का कहना है कि इस मामले में दोषियों
के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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