Tuesday, July 9, 2013

1.5 लाख ने देखे मेट्रो MMS, DMRC बेखबर!


दिल्ली की मेट्रो ट्रेन में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगे हैं लेकिन इन कैमरों में कैद कई प्रेमी जोड़ों की अश्लील हरकत अब दुनिया भर की पोर्न वेबसाइट्स और यूट्यूब पर है। मेट्रो में लगे सीसीटीवी फुटेज को देखने और सुरक्षित रखने का जिम्मा सीआईएसएफ और डीएमआरसी के पास है। अब दोनों संस्थाएं अपनी-अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही हैं।
जानकारों की मानें तो तकरीबन 13 पॉर्न वेबसाइट्स और दूसरी साइट्स पर ये तस्वीरें अपलोड की गई हैं। इन सभी वीडियो में प्रेमी जोड़े अश्लील हरकतें करते नजर आ रहे हैं। मेट्रो की इन तस्वीरों के अश्लील वेबसाइट पर आने की खबर जैसे ही मीडिया में आई दिल्ली सन्न रह गई। लोग हैरान हैं कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है। आखिर कोई क्यों मेट्रो की सुरक्षा में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद ऐसे वीडियो इंटरनेट पर डालेगा।
किसी भी सार्वजनिक जगह पर ऐसी हरकतें करना भारतीय समाज में जायज नहीं माना जाता। हमारा कानून भी सार्वजनिक स्थल पर इस तरह की हरकत की इजाजत नहीं देता। भले ही कुछ लोग कहें कि ये प्राइवेट लाइफ है लेकिन बड़ी संख्या उन लोगों की है जो ऐसी हरकतों को गलत मानते हैं। ये गलत हरकतें मेट्रो के सीसीटीवी में कैद हुईं। लेकिन इन अश्लील तस्वीरों से ज्यादा चौंकाने वाली और अफसोसजनक बात ये है कि अब ये तस्वीरें इंटरनेट पर हैं। जाहिर है ये तस्वीरें चाहे जिसने भी इंटरनेट पर अपलोड की हों उसने सुरक्षा से गंभीर खिलवाड़ किया है।
जानकारों की मानें तो इन तस्वीरों को दो साल से इंटरनेट की अलग-अलग वेबसाइटों पर अपलोड किया जा रहा है। मई 2013 में एक वेबसाइट पर अपलोड वीडियो में कुछ लोगों की आवाज भी सुनाई दे रही है। ये आवाज इसे स्क्रीन से रिकॉर्ड करते वक्त एक शख्स की है। यानि वो अपने मोबाइल में सीसीटीवी की ये फुटेज रिकॉर्ड कर रहा है और अपने साथियों से रिकॉर्ड करने का एंगल भी पूछ रहा है। ये वीडियो क्लिप तकरीबन पांच मिनट की है।
दिल्ली में मेट्रो की सुरक्षा में लगी है सीआईएसएफ, स्टेशन से लेकर मेट्रो ट्रेन के भीतर तक हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगे होते हैं। इन कैमरों का वीडियो देखने और उन्हें सुरक्षित रखने के अधिकार सीआईएसएफ और डीएमआरसी दोनों के पास है। अब डीएमआरसी और सीआईएसएफ दोनों एक-दूसरे पर सुरक्षा के इस खिलवाड़ का ठीकरा फोड़ने में जुटी हैं। डीएमआरसी जांच का भरोसा भी दे रही है।
दरअसल डीएमआरसी अपने सभी सीसीटीवी कैमरों की तस्वीर अपने दो कंट्रोल रूम में रिकॉर्ड करती है। इन्हीं दोनों कंट्रोल रूम से यात्रियों पर लगातार नजर रखी जाती है। इस कंट्रोल रूम को ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर कहा जाता है। स्टेशन, प्लेटफॉर्म या बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की तस्वीरों को दिल्ली के शास्त्री पार्क में मौजूद कंट्रोल सेंटर में देखा और रिकॉर्ड किया जाता है। जबकि ट्रेन के अंदर लगी सीसीटीवी कैमरों की तस्वीरों को मेट्रो भवन में बने ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर में देखा और रिकॉर्ड किया जाता है।
डीएमआरसी का ये मानना है कि इंटरनेट पर जो भी अश्लील वीडियो अपलोड हुआ है उसे मोबाइल से बनाया गया है। यानि किसी शख्स ने कंट्रोल सेंटर में बैठकर सीसीटीवी फुटेज को देखने के लिए लगे टीवी स्क्रीन से इसे अपने मोबाइल में रिकॉर्ड किया है। लेकिन सवाल ये है कि आखिर इसे किया किसने। सीआईएसएफ के पीआरओ हेमेंद्र सिंह कहते हैं कि जितने भी फुटेज सामने आए हैं वो मेट्रो कोच के अंदर के हैं और इसकी मॉनिटरिंग खुद डीएमआरसी करती है तो फुटेज उन्हीं की तरफ से लीक हुई हो सकती हैं।
लेकिन डीएमआरसी का कहना ये भी है कि सीआईएसएफ के लोगों की भी इन सीसीटीवी फुटेज तक पहुंच है क्योंकि सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी है इसलिए वो कभी भी उनके ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर में आ-जा सकते हैं। वो सेंटर में बैठ सकते हैं। हर रिकॉर्डिंग और तस्वीर को देख सकते हैं। मेट्रो प्रशासन का तर्क है कि वो अश्लील फुटेज को इंटरनेट पर डालने वाला डीएमआरसी का भी हो सकता है और सीआईएसएफ का भी। बहरहाल दोषी की तलाश हो रही है।
गौरतलब है कि इस मामले में दोषी पाए जाने पर पांच साल की सजा का प्रावधान है। जानकारों के मुताबिक इस पर आईटी एक्ट के सेक्शन 66ई, 67 और आईपीसी की धारा 425 और 509 में मामला बनता है। आईटी एक्ट के दोनों मामलों में पांच साल तक सजा हो सकती है। दो से पांच लाख रुपये तक जुर्माना भी हो सकता है।
डीएमआरसी ने जांच शुरू कर दी है लेकिन ये मामला सिर्फ आईटी एक्ट के उल्लंघन का नहीं है। ये सुरक्षा इंतजामों को सरेआम करने का मामला भी है। ये मामला सुरक्षा में गंभीर चूक का भी है। मेट्रो ट्रेन के अंदर की जिन अश्लील तस्वीरों को इंटरनेट पर डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों ने देखा भला उसके बारे में अधिकारियों को इतनी देर से जानकारी क्यों हुई?
क्या कोई अफसर इस चूक की जिम्मेदारी लेगा? अति सुरक्षित मेट्रो की सीसीटीवी फुटेज कैसे पोर्न साइट पर जा रही हैं? क्या किसी अधिकारी को इस बात की भनक नहीं थी? सीआईएसएफ और डीएमआरसी में से किसकी जिम्मेदारी है? क्या फुटेज लीक होने की कभी जांच करवाई गई? वीडियो लीक के जिम्मेदार लोगों को सजा नहीं मिलनी चाहिए?

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