उत्तराखंड में सबकुछ बर्बाद हो चुका है। जिधर नजर घुमाओ उधर सिर्फ और
सिर्फ मलबा और लाशें। केदारनाथ मंदिर परिक्षेत्र के साथ ही मलबे के ढ़ेर
और पेड़ों की टहनियों तक सिर्फ लाशें ही लाशें। कौन किससे नाम पूछे और
अपनों का पता क्यों लाशें तो बोलती नहीं और मलबे इशारे करते हैं। इस
कुदरती आपदा ने पेड़ों को भी खामोश कर दिया है। ऐसे में जिनके अपने खो गये
हैं वो या तो गम मना रहे हैं या फिर उनकी वापसी के लिये दुआ मांग रहे हैं।
मगर आप सुनकर चौक जायेंगे कि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो केदारनाथ और उसके आसपास
आई तबाही का फायदा उठाने से भी नहीं चूक रहे हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तर
प्रदेश के मुजफ्फरनगर में सामने आया है।
उत्तराखंड: लाशों पर सिकने लगी रोटियां, मुआवजे को लिये बाप को बताया लापता
यहां एक युवक ने पहले से लापता अपने पिता के केदारनाथ में गुम होने का
मामला दर्ज करा दिया ताकि उसे मुआवजा मिल सके। मुजफ्फरनगर में मनोहर लाल
नाम के एक व्यक्ति ने जिला प्रशासन के पास शिकायत दर्ज कराई कि उसके पिता
भी केदारनाथ की तबाही के बाद से लापता हैं।
मनोहर ने अफसरों को बताया कि 60 साल के उसके पिता रेहतूलाल केदारनाथ गए थे।
आखिरी बार उनसे 10 जून को बात हुई थी लेकिन उसके बाद कोई संपर्क नहीं हो
पाया। हालांकि जिला प्रशासन ने जब इस मामले की जांच की तो पाया कि रेहतूलाल
तो पिछले सात साल से लापता है। उसके बेटे मनोहर ने मोटा मुआवजा पाने के
लालच में रेहतूलाल के केदारनाथ में गुम होने की शिकायत दर्ज कराई है।
प्रशासन अब मनोहर के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज करने पर कार्रवाई की तैयारी
में है।
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