बोधगया
महाबोधि मंदिर में सीरियल धमाकों के 3 दिन बाद भी जांच एजेंसिया अब तक कुछ
भी पुख्ता बताने की स्थिति में नहीं हैं। बीती रात पुलिस ने चार लोगों से
पूछताछ शुरू की, लेकिन जांच एजेंसियों के हाथ कुछ भी ठोस नहीं लगा है।
पकड़े गए लोग धमाकों में संदिग्ध हैं या नहीं इसकी पुष्टि पूछताछ के बाद ही
तय हो पाएगी। जांच एजेंसियों को एक महिला समते छह संदिग्ध लोगों की तलाश
है। वहीं आज कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और देश के गृहमंत्री सुशील
कुमार शिंदे भी आज बोधगया के दौरे पर जाने वाले हैं।
हालांकि
बोधगया के महाबोधि मंदिर में सबकुछ पहले जैसा हो गया है। रविवार को हुए दस
बम धमाकों के बावजूद कोई सहमा नहीं। बौद्ध भिक्षुओं के चेहरे पर वही
शांति। बस अब वो खुद को सुरक्षाकर्मियों से घिरे पाते हैं। वैसे बीच बीच
में यहां थोड़ी हलचल बढ़ जाती है। जब राजनेताओं का काफिला पहुंचता है।
बहरहाल
तमाम संभावनाओं और शंकाओं के बीच एक सवाल कायम है। आखिर किसने कराए बोधगया
में धमाके? किसके निशाने पर था महाबोधि मंदिर? जांच एजेंसियों को इस वक्त
छह संदिग्धों की तलाश है। सूत्रों के मुताबिक ये सभी छह संदिग्ध धमाके से
कुछ घंटे पहले मंदिर के आसपास देखे गए थे। धमाके से कुछ घंटे पहले रात
तकरीबन 2 बजे के करीब एक ऑटो में बैठकर तीन लोग मंदिर परिसर के पास आए थे।
ऑटो में बैठे लोगों में एक महिला भी शामिल थी। इसी के तकरीबन एक घंटे 20
मिनट बाद एक इंडिका कार भी मंदिर परिसर के पास पहुंची थी। इंडिका में भी
तीन लोग सवार थे। जांच एजेंसियां पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर ये
छह लोग इतनी रात को मंदिर परिसर के करीब क्यों आए थे। और आखिर ये अब कहां
हैं।
जांच
एजेंसियों की माने तो इस धमाके के तार इंडियन मुजाहिदिन के संदिग्ध आतंकी
अनवर हुसैन से भी जुड़ते नजर आ रहे हैं। पश्चिम बंगाल पुलिस ने अनवर को
शनिवार रात यानि धमाके से एक दिन पहले नादिया से गिरफ्तार किया था। पुलिस
ने इसके पास से बरामद विस्फोटक भी जांच के लिए भेजा हैृ। सूत्रों के
मुताबिक इसके पास से बरामद विस्फोटक गया में इस्तेमाल हुए विस्फोटक से
मिलाया जाएगा। अनवर से एनआईए, बिहार पुलिस और बेंगलुरू पुलिस की टीम भी
पूछताछ करेगी। इसके अलावा जांच एजेंसी उस दुकान की तलाश में भी है जहां से
विस्फोटक में इस्तेमाल हुए सिलेंडर खरीदे गए। धमाकों कराने वालों ने सभी 13
बमों को सिलेंडर में रखा था।
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