गैंगरेप के आरोपियों को पकड़ने में पुलिस ने आखिरकार कामयाबी हासिल
कर ही ली। पुलिस ने इन्हें शिकंजे में लेने के लिए दिन-रात एक कर दिया था।
पुलिस ने आरोपियों तक पहुंचने के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी का सहारा लिया।
कैसे पुलिस आरोपियों तक पहुंची ये आपको बताते हैं।
सीसीटीवी फुटेज खंगाले
पुलिस ने सबसे पहले सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू किया। पुलिस को पहले एनएच 8 पर एक होटल के बाहर सीसीटीवी फुटेज मिली। इस फुटेज में पुलिस को एक बस नजरा आई। इस बस पर आगे काले रंग की पट्टी थी जिसमें स्कूल का नाम लिखा था। उसके बाद पुलिस ने प्राइवेट ट्रांसपोर्टर्स से बात करनी शुरू की। आर के पुरम सेक्टर 3 में रोज करीब 40 बसें खड़ी होती हैं। वहां पर ट्रांसपोर्टर्स से पूछताछ की तो एक ट्रांसपोर्टर ने इस काली पट्टी वाली बस को पहचान लिया।
सीसीटीवी फुटेज खंगाले
पुलिस ने सबसे पहले सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू किया। पुलिस को पहले एनएच 8 पर एक होटल के बाहर सीसीटीवी फुटेज मिली। इस फुटेज में पुलिस को एक बस नजरा आई। इस बस पर आगे काले रंग की पट्टी थी जिसमें स्कूल का नाम लिखा था। उसके बाद पुलिस ने प्राइवेट ट्रांसपोर्टर्स से बात करनी शुरू की। आर के पुरम सेक्टर 3 में रोज करीब 40 बसें खड़ी होती हैं। वहां पर ट्रांसपोर्टर्स से पूछताछ की तो एक ट्रांसपोर्टर ने इस काली पट्टी वाली बस को पहचान लिया।
ड्राइवर की हुई पहचान
इसके
बाद इस बस के ड्राइवर राम सिंह की पहचान हो गई। आरोपियों ने लड़के और
लड़कियों का मोबाइल फोन लूट लिया था। लड़की का एक और लड़के के दो मोबाइल
लूटे थे। पुलिस इन तीनों नंबर्स पर कल सुबह से ही ब्लैंक मैसेज दे रही थी,
लेकिन फोन स्विच ऑफ थे। दोपहर में चोरी किए लड़के के एक मोबाइल पर पुलिस का
एक ब्लैक मैसेज डिलीवर हुआ। मैसेज डिलीवर होते ही पुलिस को मोबाइल का
लोकेशन पता चल गया। ये जगह थी खोड़ा कालोनी। इसके बाद पुलिस वहां पहुंची और
आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
झुग्गी-झोपड़ी में रहते थे आरोपी
दिल्ली
पुलिस ने यहां से 3 आरोपियों राम सिंह, मुकेश और कालू को गिरफ्तार कर
लिया। दो नाबालिग आरोपी पुलिस की हिरासत में हैं। फिलहाल पुलिस को एक और
आरोपी की तलाश है। सूत्रों के मुताबिक आर के पुरम के पास एक झुग्गी-झोपड़ी
कालोनी में ये सभी आरोपी रहते थे। राम सिंह ड्राइवर और उसका भाई मुकेश
मुख्य आरोपी है। घटना के वक्त गाड़ी मुकेश चला रहा था। ये बस एक प्राइवेट
ऑपरेटर प्रदीप कुमार यादव की है। उसने ये बस कान्ट्रैक्ट पर एक स्कूल को दी
थी।
सबसे
हैरानी की बात है कि इस बस में पर्दे लगे हुए थे। जिस रास्ते से बस निकली
रविवार रात को उस 8 किलोमीटर के रास्ते में बस ने तीन पुलिस बैरकेड को
क्रॉस किया। साथ ही दो सीसीटीवी कैमरे इस रास्ते में लगे हैं। इसके बावजूद
ये बस बेधड़क सड़कों पर घूमती रही।
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