दिल्ली गैंगरेप की पीड़ित जिंदगी की
जंग हार गई। लेकिन ऐसी ही दरिंदगी की शिकार एक मासूम जयपुर के जे के लोन
अस्पताल में 131 दिन से जिंदगी की जंग लड़ रही है। 11 साल की इस मासूम को
दरिदों को ऐसे जख्म दिए हैं कि डॉक्टरों को उसके 12 ऑपरेशन करने पड़े।
11
साल की एक मासूम 131 दिनों से जयपुर के जे के लोन अस्पताल में हर रोज
मर-मर कर जीने को मजबूर है। चार महीने ज्यादा वक्त बीत चुका है। लेकिन
पीड़ित अस्पताल के बिस्तर से नहीं उठा पाई है। परिवार वाले उस मनहूस दिन को
कोस रहे हैं जिस दिन ये मासूम अपनी बहनों के साथ सीकर में फिल्म देखने गई
थी।
पीड़ित 20 अगस्त, 2012 को सीकर में
अपनी बहनों के साथ फिल्म देखकर लौट रही थी तो दो लोगों ने अगवाकर उसके साथ
गैंग रेप किया और लहूलुहान हालात में सड़क पर फेंक दिया। इसके आंत से लेकर
शरीर के कई अंगों में संक्रमण फैल चुका था। 11 साल की मासूम को दरिंदों ने
इतने जख्म दिए कि अब तक 12 ऑपरेशन हो चुके है, लेकिन जिंदगी के लिए उसका
संघर्ष कम नहीं हुआ है।
डॉ. एल डी अग्रवाल, पीडियाट्रिक सर्जन ने बताया कि आंत समेत कई अंगों में
गभीर संक्रमण है। जब वो अस्पताल में लाई गई थी तो बचने की उम्मीद नहीं थी।
मासूम का इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि 11 साल की ये बेटी अपने हौसले
से जिंदगी की जंग लड़ रही है। लंबे इलाज के बाद अब कुछ कुछ सुधार नजर आ
रहा है।
मासूम का परिवार सदमें में
है। तमाम कोशिश के बावजूद अभी भी मासूम को हर दिन मौत से जूझना पड़ रहा है।
पुलिस ने गैंग रैप के छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन आरोपियों की
गिरफ्तारी भर से क्या होगा? अब तो सवाल इस बात का है कि आखिर कब तक
बच्चियां हैवानियत का शिकार बनती रहेंगी। आखिर कब वो सुरक्षित होंगी।
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