Saturday, December 15, 2012

77 हजार से सौ करोड़ी हुए मुलायम, CBI जांच तो बनती है!

समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव व प्रतीक यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की सीबीआई जांच होगी। सुप्रीम कोर्ट ने जांच के आदेश को चुनौती देने वाली मुलायम सिंह की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने मुलायम की बहू डिंपल यादव को राहत दे दी है। उनके खिलाफ इस मामले में अब कोई जांच नहीं होगी।
समाजवाद का झंडा उठाकर राजनीति की ऊंचाइयां नापने वाले मुलायम सिंह यादव की कमाई का हिसाब-किताब होगा। 1977 में उनके पास सिर्फ 77 हजार रुपये की संपत्ति थी जो 2005 में बढ़कर 100 करोड़ हो गई। 2007 में ये मामला सामने आने पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को मुलायम सिंह यादव, उनके दो बेटों अखिलेश और प्रतीक यादव और बहू डिंपल यादव की आय की जांच के आदेश दिए थे। 
जांच हो ही रही थी कि मुलायम सिंह ने आदेश को चुनौती देते हुए दावा किया कि सीबीआई जांच का आदेश देने का अधिकार सिर्फ सरकार को है, कोर्ट को नहीं। लेकिन गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और प्रतीक यादव के खिलाफ सीबीआई अपनी जांच जारी रख सकती है लेकिन डिंपल यादव के खिलाफ जांच को रद्द किया जाता है।  
कोर्ट की ओर से सीबीआई से कहा गया वो प्राथमिक जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई करे। सीबीआई को अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को देने की ज़रूरत नहीं है। जाहिर है, ये आदेश मुलायम सिंह और उनके मुख्यमंत्री बेटे अखिलेश यादव के लिए झटका है। लेकिन उन्होंने अदालत पर भरोसा जताया है।
सीबीआई सुप्रीम कोर्ट को पहले ही बता चुकी है उसके पास मुलायम सिंह और उनके परिवार के खिलाफ काफी सबूत हैं। ऐसे में वो एफआईआर दर्ज करके निचली अदालत में कानूनी कार्रवाई शुरू कर सकती है। हालांकि याचिकाकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी को सीबीआई की निष्पक्षता पर भरोसा नहीं है।
चतुर्वेदी का कहना है कि सीबीआई मनमोहन सिंह सरकार के हाथ में है। चतुर्वेदी के इस शक में दम भी है। अब तक के अनुभव बताते हैं कि मुलायम सिंह और केंद्र के रिश्तों में उतार-चढ़ाव के साथ सीबीआई भी रंग बदलती रही है। यहां तक कि वो सुप्रीम कोर्ट में जांच को वापस लेने की अर्जी भी लगा चुकी है। लेकिन कोर्ट की फटकार के बाद उसे जांच जारी रखने पर मजबूर होना पड़ा।

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