उत्तर प्रदेश के रियल एस्टेट और शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा मर्डर केस
में पुलिस जांच में नए खुलासे सामने आ रहे हैं। गौरतलब है कि 17 नवंबर को
पोंटी चड्ढा और उसके भाई की एक गोलीकांड में मौत हो गयी थी। जिसमें जांच के
दौरान सुखदेव सिंह नामधारी का भी नाम जुड़ा है। पुलिस ने पूछताछ में पाया
कि सुखदेव पोंटी चड्ढा के काले कारोबार का साझीदार रहा है।ऐसे
में पुलिस का यह मानना रहा है कि नामधारी ने व्यक्तिगत लाभ के लिए पोंटी
और हरदीप के बीच विवाद को हवा देकर दोनों को रास्ते से हटाने की चाल चली।
पोंटी ने अभी कुछ समय पहले नामधारी के नाम से दक्षिण अफ्रीका में 2000 एकड़
जमीन खरीदी थी। पोंटी रियल एस्टेट के कारोबार को विदेशों में फैलाना चाह
रहा था। पुलिस का कहना है कि जब पोंटी को अपने यूपी और दिल्ली ठिकानों पर
इनकम टैक्स रेड की जानकारी मिली तो उसने अपने पास से 200 करोड़ रूपये रखने
के लिए नामधारी को दिये थे।
पुलिस के अनुसार नामधारी की गोली हरदीप की पीठ में लगी है जिससे नामधारी पर हत्या का मुकदमा भी चल रहा है। पोंटी और नामधारी के बीच करोड़ों रूपये का लेन देन भी हुआ है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं नामधारी ने ही तो हरदीप को भी अपने भाई के प्रति नहीं भड़काया। पुलिस नामधारी को साजिशकर्ता के तौर पर भी देख रही है।
पोंटी और हरदीप के बीच फॉर्म हाउस को लेकर पहले से ही विवाद था। हरदीप इसे बेच देना चाहता था जिससे कि पोंटी और नामधारी की गतिविधियां तेज हो गयी। ऐसे में इस हत्याकांड में नामधारी की भूमिका की जांच की जा रही है। यह हत्याकांड छतरपुर में 42 नंबर फार्महाउस पर हुआ था।
पुलिस के अनुसार नामधारी की गोली हरदीप की पीठ में लगी है जिससे नामधारी पर हत्या का मुकदमा भी चल रहा है। पोंटी और नामधारी के बीच करोड़ों रूपये का लेन देन भी हुआ है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं नामधारी ने ही तो हरदीप को भी अपने भाई के प्रति नहीं भड़काया। पुलिस नामधारी को साजिशकर्ता के तौर पर भी देख रही है।
पोंटी और हरदीप के बीच फॉर्म हाउस को लेकर पहले से ही विवाद था। हरदीप इसे बेच देना चाहता था जिससे कि पोंटी और नामधारी की गतिविधियां तेज हो गयी। ऐसे में इस हत्याकांड में नामधारी की भूमिका की जांच की जा रही है। यह हत्याकांड छतरपुर में 42 नंबर फार्महाउस पर हुआ था।
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