ये कहना बहुत आसान है कि गृहमंत्री को वहां
जाना चाहिए। कल को अगर माओवादी हथियारों के साथ प्रदर्शन करने लगें तो क्या
मैं वहां भी जाऊंगा’? ये सवाल है देश के गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे का।
आईबीएन7 के एडिटर-इन-चीफ राजदीप सरदेसाई से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि
वो महिलाओं के खिलाफ बढ़ती रेप की घटनाओं का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों
से नहीं मिलेंगे।
शिंदे का कहना कि रेप
कानून पर संशोधन पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की जरूरत नहीं है। शिंदे ने
अपने बयान को जायज ठहराते हुए कहा कि अगर हम इन सबसे मिलेंगे तो हमें
राज्यों के भी तमाम प्रदर्शनकारियों से मिलना पड़ेगा।
गृहमंत्री
ने ये भी कहा कि बलात्कार के मसले को लेकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की
कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर छत्तीसगढ़ और गढ़चिरौली में कोई
घटना घटेगी तो सरकार वहां नहीं जाएगी।
उन्होंने कहा कि इसलिए उन्होंने देश के डीजीपी की बैठक बुलाई है। वो अपनी
सरकार की तारीफ भी नहीं करेंगे। वो भी संवेदनशील हैं। वो कठोर कदम उठाएंगे।
वहीं
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश के नाम संबोधन में कहा कि महिलाओं की
सुरक्षा पर लगातार सरकार की नजर है। सुरक्षा के सारे कदम उठाए जा रहे हैं।
लोग शांति बनाए रखें और सरकार की मदद करें। प्रदर्शन में हिंसा नहीं होनी
चाहिए।
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