लाहोर। पुणे के यरवडा जेल में
पाकिस्तानी आतंकी कसाब को बुधवार को फांसी पर लटका दिया गया। दूसरी तरफ
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कसाब के घर पर मीडिया को जाने से रोक दिया
गया। पाक सुरक्षा एजेंसी और इंटेलीजेंस एजेंसी ने पाकिस्तानी मीडिया को
कसाब के गांव और उसके घर जाने से रोक दिया।
बुधवार
को जैसे ही कसाब की फांसी की खबर पाकिस्तान पहुंची तो वहां की मीडिया कसाब
के गांव उसके घर जाने लगी। लेकिन सुरक्षा और इंटेलीजेंस एजेंसियों ने कसाब
के गांव में मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दी। पत्रकारों और टीवी कैमरामैन
के गांव में जाने नहीं दिया गया। सुरक्षाकर्मी सादा वर्दी में थे।
उन्होंने फरीदकोट में मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दी। फरीदकोट लाहौर से 150 किलोमीटर दूर है।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक कुछ टीवी चैनल के कैमरामैन से कैमरा छीनने की
कोशिश की और उनसे बुरा वर्ताव किया। मीडिया फरीदकोट में कसाब के पड़ोसियों
का इंटरव्यू करने गए थे। एक अंग्रेजी अखबार के पत्रकार ने नाम न छापने की
शर्त पर बताया कि मीडिया के लोगों से कहा गया कि वो पाकिस्तान का नाम खराब
नहीं करें।
उसने बताया कि एक्सप्रेस
न्यूज, चैनल-5 और अपना टीवी के लोगों के साथ बुरा व्यहार किया गया। कैमरे
छीनने की कोशिश की गई। पत्रकारों से कहा गया कि वो क्यों देश का नाम क्यों
बदनाम करने पर पड़े हैं? उनसे कहा गया कि वो दुश्मन देशों के हाथों में
नहीं खेलें।
एक्सप्रेस न्यूज के पत्रकार
ने इस संबंध में जिले के चीफ पुलिस अधिकारी से बात की तो उन्होंने
पत्रकारों से कहा कि उनके लिए यही सही है कि वो कसाब के गांव से वापिस लौट
जाएं। कसाब के गांव के लोग बहुत ही नाराज हैं। कसाब फरीदकोट में एक किसान
के घर में 1987 में जन्मा था। कसाब बचपन में बॉलीवुड फिल्में और कराटे पसंद
करता था।
No comments:
Post a Comment