मॉस्को। रूस की राजधानी मॉस्को में
एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर शायद आप हैरत में पड़ जाएं। यहां एक
महिला ने अपने पति का बिना सिर वाला शव 3 साल तक संभाले रखा। उसे भरोसा था
कि एक दिन चमत्कार होगा और उसका पति जी उठेगा। जांचकर्ताओं के मुताबिक ये
शव उन्हें एक खाई में मिला और ये किसी हत्या का परिणाम नहीं बल्कि असफल
बाइबिल चमत्कार पर भरोसे का नतीजा था।
पेंटेकोस्टल
मिशनरी से जुड़े इस व्यक्ति की मौत बीमारी से हुई थी। यारोस्लाव क्षेत्र
के स्थानीय जांचकर्ताओं को पता चला कि उसी मिशनरी से संबंध रखने वाली उसकी
पत्नी ने शव को तीन साल तक संरक्षित रखा। ये शव जुलाई में सेमीब्रातावो
गांव में एक प्लास्टिक बैग में मिला था। इस शव का एक हाथ और सिर नहीं था।
जल्द ही इन्हें भी पास की झाड़ियों से बरामद कर लिया गया। कमेटी ने पहले
हत्या का मामला मानकर जांच शुरू की थी, लेकिन बाद में पाया कि सच्चाई कुछ
और ही है।
ये परिवार अलग-थलग जीवन गुजार रहा था। परिवार में महिला और उसके पांच बच्चे
थे और ये महिला स्कूल टीचर थी। परिवार के मुखिया की मौत 2009 में हो गई
थी, लेकिन उसकी पत्नी इसे स्वीकार नहीं कर सकी। उसने अपार्टमेंट में शव को
सुरक्षित रख लिया और बच्चों को यकीन दिलाया कि एक दिन वो वापस आ जाएंगे।
बच्चों को हर रोज अपने मृत पिता से मिलना होता था, उनसे बात करनी होती थी
और शोरबा पिलाना पड़ता था।
बच्चों को
बताना होता था कि पिता ने उनसे बात की। लेकिन महिला ने कभी कमरे में
प्रवेश नहीं किया क्योंकि उसे डर था कि ऐसा करने से उसके पति के दोबारा जी
उठने में मुश्किलें आ सकती हैं। इस परिवार ने अपने पड़सियों को बता रखा था
कि वो बहुत बीमार हैं और किसी से बात नहीं कर सकते। वो लोग कमरे से शव की
दुर्गंध हटाने के लिए एयर फ्रेशनर्स का इस्तेमाल कर रहे थे।
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