एक लाख 76 हजार करोड़ के टेलीकॉम घोटाले के
दावे पर सवाल खड़ा हो गया है। इस बार सीएजी के अंदर से ही सीएजी के खिलाफ
आवाज उठी है। सीएजी में डीजी टेलीकॉम रहे आर पी सिंह ने कहा है कि वो इससे
संबंधित रिपोर्ट से सहमत नहीं थे। डीजी टेलीकॉम आर पी सिंह ने दावा किया है
कि विवादित रिपोर्ट उनकी नहीं थी और उस पर सीएजी मुख्यालय से जबरन दस्तखत
करने के लिए दबाव बनाया गया। सिंह का कहना है कि बगैर सबूत के घाटे का
अनुमान किया गया।
सिंह
के मुताबिक दबाव में ही उन्होंने रिपोर्ट पर दस्तखत किए। सिंह के इस दावे
के बाद टूजी की ऑडिट रिपोर्ट पर सवाल खड़े होने लगे हैं। सिंह ने पीएसी के
चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी पर भी आरोप लगाए हैं और कहा है कि जोशी ने सीएजी
रिपोर्ट को प्रभावित करने की कोशिश की। सिंह के मुताबिक सीएजी के अफसर गुड
फ्राइडे यानी छुट्टी वाले दिन जोशी के घर पर गए थे। इन अफसरों ने जोशी को
पीएसी रिपोर्ट तैयार करने में मदद की।
दूसरी तरफ पीएसी के चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी का कहना है कि आरपी सिंह ने
खुद पीएसी चेयरमैन के सामने ये तमाम तथ्य रखे थे और सिंह ने उस समय उस
आंकड़े को सही बताया था। जोशी के मुताबिक अब वो ऐसा क्यों कह रहे हैं उनको
समझ नहीं आ रहा है। वो उस वक्त भी कह सकते थे कि उनसे जबरन हस्ताक्षर कराए
गए थे।
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