गाजा पट्टी पर इजरायली फौज के हमले छठे दिन
भा जारी हैं। सोमवार को हुए हमले में 20 से ज्यादा लोग मारे गए। संघर्ष
विराम की तमाम कोशिशों के बावजूद इजरायली फौज ने गाजा के कई ठिकानों पर
रॉकेट बरसाए। जानकारी के मुताबिक गाजा मीडिया सेंटर को लगातार दूसरे दिन
निशाना बनाया गया। इस हमले में एक शख्स मारा गया। बीते बुधवार से शुरू हुए
इस हमले में अब तक 110 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
सोमवार
को गाजा मीडिया सेंटर पर हुए रॉकेट हमले में हमास के एक बड़े नेता रमीज
हार्ब की मौत हो गई। रमीज हमास के अल कुद्स ब्रिगेड का सदस्य थे। मीडिया
सेंटर पर दो दिन के भीतर ये दूसरा हवाई हमला था। गाजा में सरकार चला रहे
चरमपंथी संगठन हमास के खिलाफ बीते बुधवार से इजरायली हमले हो रहे हैं। 14
नवंबर को हुए हमले में हमास सैन्य प्रमुख अहमद जबारी की मौत हो गई थी।
आंकड़ों के मुताबिक अब तक 700 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं, जिनमें से 200
से ज्यादा बच्चे शामिल हैं। हालांकि इजरायल का दावा है कि वो उन्हीं जगहों
को निशाना बना रहा है जहां हमास का ठिकाना है लेकिन गाजा में मची तबाही की
तस्वीरें कुछ और ही हकीकत बयान कर रही हैं। रविवार को एक रिहाइशी इमारत पर
हुए रॉकेट हमले में 5 महिलाओं और 4 बच्चों की मौत हो गई थी।
इजरायली फौज अब तक करीब 1000 ठिकानों पर
हमला कर चुकी है। रॉकेट हमले में रिहाइशी इमारतों के साथ साथ मीडिया के
दफ्तरों को भी निशाना बनाया गया। गुरुवार को हुए ऐसे ही हमले में बीबीसी
संवाददाता जिहाद मिशारवी के 11 महीने के बेटे की मौत हो गई थी। जबकि रविवार
को हुए हमले में फिलिस्तीन टीवी अल कुदस के 3 पत्रकार जख्मी हो गए थे।
इजरायल
ने गाजा पर हवाई हमलों को ऑपरेशन पिलर ऑफ डिफेंस का नाम दिया है। ऐसा नहीं
है कि हमास की फौज इस हमले का जवाब नहीं दे रही है। हमास के लड़ाके लगातार
इजरायल के पवित्र शहर येरूशलम को निशाना बनाकर रॉकेट दाग रहे हैं लेकिन
इजरायल का एंटी रॉकेट सिस्टम आयरन डोम उन्हें बीच रास्ते में ही बेकार कर
दे रहा है।
यूरोप
और अरब के तमाम देश गाजा पट्टी पर जारी इस खूनी संघर्ष को रोकने की अपील
कर रहे हैं, लेकिन इजरायल किसी की सुनने को तैयार नहीं। इस बीच इजरायल ने
गाजा पट्टी की सीमा के आसपास सैन्य गतिविधियां तेज कर दी हैं। 75 हजार
जवानों के साथ साथ तमाम मिसाइलें और अत्याधुनिक हथियार तैनात कर दिए हैं।
कुल मिलाकर कहें तो माहौल दिसंबर 2008 में हुए गाजा वॉर की दिशा में बढ़
रहे हैं। 22 दिन चले इस संघर्ष में करीब 14 सौ फिलिस्तीनी और दर्जन भर
इजरायली मारे गए थे।
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