शराब कारोबारी पॉन्टी चड्ढा की हत्या
के बाद एक चेहरा सुर्खियों में आ गया है। ये चेहरा है उत्तराखंड
अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन सुखदेव सिंह नामधारी का। नामधारी को 2010 में
भाजपा की रमेश पोखरियाल निशंक सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्य अल्पसंख्यक
आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
शनिवार
को दिल्ली के फार्महाउस पर हुए शूटआउट के दौरान नामधारी भी पॉन्टी के साथ
मौजूद थे। उन्होंने इस केस में एफआईआर भी लिखवाई है। बताया जाता है कि वो
पॉन्टी के दोस्त हैं। लेकिन पॉन्टी मामले में नाम आने के बाद सुखदेव
नामधारी सवालों के घेरे में हैं। उनके खिलाफ उत्तराखंड में दर्ज मामले फिर
से उठाए जाने लगे हैं। सुखदेव सिंह नामधारी के खिलाफ उत्तराखंड में संगीन
धाराओं के तहत 54 केस दर्ज हैं
शराब कारोबारी पॉन्टी चड्ढा की हत्या
के बाद एक चेहरा सुर्खियों में आ गया है। ये चेहरा है उत्तराखंड
अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन सुखदेव सिंह नामधारी का। नामधारी को 2010 में
भाजपा की रमेश पोखरियाल निशंक सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्य अल्पसंख्यक
आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
शनिवार
को दिल्ली के फार्महाउस पर हुए शूटआउट के दौरान नामधारी भी पॉन्टी के साथ
मौजूद थे। उन्होंने इस केस में एफआईआर भी लिखवाई है। बताया जाता है कि वो
पॉन्टी के दोस्त हैं। लेकिन पॉन्टी मामले में नाम आने के बाद सुखदेव
नामधारी सवालों के घेरे में हैं। उनके खिलाफ उत्तराखंड में दर्ज मामले फिर
से उठाए जाने लगे हैं। सुखदेव सिंह नामधारी के खिलाफ उत्तराखंड में संगीन
धाराओं के तहत 54 केस दर्ज हैं
मेरे संज्ञान में ऐसा नहीं है हम जांच करवाएंगे। वहीं मीडिया में नामधारी
का नाम उछलने के बाद अब उत्तराखंड के सीएम ने नामधारी के खिलाफ दर्ज मामलों
की जांच का आदेश दे दिया है। नामधारी का हटना वैसे भी तय है क्योंकि तीन
साल का उनका कार्यकाल जल्द ही खत्म होने वाला है।
उत्तराखंड
के राजनीतिक हलकों में ये बात सभी को पता है कि छोटे मोटे नेता सुखदेव
नामधारी को राज्य अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने के पीछे दरअसल
पॉन्टी का ही हाथ था।
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