Thursday, November 22, 2012

रूस 2014 में अंतरिक्ष में नई आईसीबीएम को करेगा तैनात

मोस्को। रूस 2014 में अपनी सबसे नई मध्यम भार वाली और ठोस ईंधन इस्तेमाल करने वाली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) स्थापित करेगा। एक सैन्य सूत्र ने यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के मुताबिक पूर्व में स्ट्रेट्जिक मिसाइल फोर्सेस (आरएसवीएन) के कमांडर सर्गेई कारकायेव ने कहा था कि रूस 2015 तक ही इस तरह का हथियार तैनात कर सकेगा।
सूत्र ने बताया कि नई जानकारी के मुताबिक इसे 2014 में ही सेना में शामिल कर लिया जाएगा। यह नई मिसाइल अमेरिकी बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा कार्यक्रम की प्रतिक्रिया स्वरूप शुरू किए गए कार्यक्रम के तहत बनाई गई है। उन्होंने बताया कि स्ट्रेट्जिक मिसाइल फोर्सेस ने अक्टूबर में कापुस्तिन यार प्रक्षेपण रेंज से इस नए हथियार के नमूने का परीक्षण प्रक्षेपण किया था। सूत्र ने बताया कि इस मिसाइल की 5,500 किलोमीटर तक की मारक क्षमता होगी।

भारत के मुकाबले पाक में पेट्रोल की कीमत हुई दोगुनी!



इस्लामाबाद। पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत में प्रति लीटर 1.57 रुपये की वृद्धि हुई है। इसके बाद पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर 135 रुपये हो गई है।
जियो टीवी के अनुसार पाकिस्तान के तेल एवं गैस नियामक प्राधिकरण ने पेट्रोल की कीमत में वृद्धि की घोषणा की। प्राधिकरण ने हालांकि डीजल की कीमत में 3.52 रुपये प्रति लीटर और केरोसिन की कीमत में 4.23 रुपये प्रति लीटर की कमी की।

समुद्र में गश्त के लिए ड्रोन पनडुब्बी तैनात करेगा अमेरिका

वॉशिंगटन। अमेरिका समुद में गश्त के लिए मानवरहित ड्रोन पनडुब्बियां तैनात करेगा। अमेरिकी रक्षा विभाग ऐसी पनडुब्बियां बना रहा है, जो समुद्री मार्गो को चिह्न्ति करने के साथ-साथ दुश्मनों की पनडुब्बियों की पहचान और उन्हें खदेड़ने का काम भी करेंगी।
सेना के लिए नई प्रौद्योगियां विकसित करने वाली द डिफेंस एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (डीएआरपीए) ने डीजल इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों के निर्माण एवं संचालन की शत्रुओं की क्षमता को देखते हुए यह परियोजना शुरू की है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है और अमेरिका और दुनिया में नौसेना के मैत्रीपूर्ण संचालन को प्रभावित करता है।
डिस्कवरी न्यूज के अनुसार, आम तौर पर पनडुब्बी रोधी युद्ध नौसेना के जहाज पर कैप्टन के नेतृत्व में होते हैं। लेकिन इस ड्रोन पर कोई इंसान तैनात नहीं होगा। इसे ‘कंटिन्यूअस ट्रायल ऑटोनॉमस वेसेल्स’ नाम दिया गया है।
डीएआरपीए ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि ये पनडुब्बियां एक बार में लगातार 80 दिन तक अमेरिकी समुद्र तटों पर गश्त करेंगी और हजारों किलोमीटर की दूरी तय करेंगी। इनका मुख्य कार्य समुद्र में शत्रुओं की पनडुब्बियों की पहचान करना तथा उन्हें खदेड़ना होगा। इसके अतिरिक्त पनडुब्बियां अमेरिकी सरकार के लिए सूचनाएं भी जुटाएंगी।

इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास की बढ़ाई गई सुरक्षा

नई दिल्ली। हमले की आशंका की वजह से पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। भारतीय दूतावास पर सैनिकों का कडा़ पहरा लगा दिया गया है।
मुंबई आतंकवादी हमले के दोषी अजमल आमिर कसाब को फांसी पर चढ़ाए जाने के मद्देनजर भारत ने पाकिस्तान को दूतावास को लेकर सुरक्षा संबंधी चिंता व्यक्त की थी। इस्लामाबाद में भारत के उप उच्चायुक्त गोपाल बागले ने पाक अधिकारियों से सुरक्षा प्रबंधों पर चर्चा की थी।
तालिबान ने कसाब को फांसी दिए जाने पर बदला लेने की धमकी दी है। गौरतलब है कि हाल ही में मुंबई हमले में एकमात्र जिंदा पकड़े गए आतंकवादी अजमल कसाब को पुणे की यरवड़ा जेल में फांसी दी गई थी।

मुंबई: IT एक्ट में सीधे FIR दर्ज नहीं कर पाएगी पुलिस

महाराष्ट्र में पुलिस को आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करने से पहले लॉ अफसर की इजाजत लेनी होगी। फेसबुक पर कमेंट करने वाली लड़कियों की गिरफ्तारी से मचे हंगामे के बाद गृहमंत्री आरआर पाटिल ने ये एलान किया। वैसे इस मामले पर एनसीपी पाटिल के खिलाफ हमलावर मूड में है।
सूबे के गृहमंत्री आर.आर.पाटिल ने एक ऐसा फैसला सुनाया जिससे नेटतंत्र पर टिप्पणियों को लोकतंत्र का पूरक बताने वाले राहत की सांस लेंगे।अब पुलिस को आईटी एक्ट के तहत सीधे एफआईआर दर्ज करने का अधिकार नहीं होगा। 
पाटिल के मुताबिक अब से आईटी एक्ट के तहत महाराष्ट्र पुलिस सीधे आईटी एक्ट के मामले में कोई केस नहीं दर्ज कर पाएगी। कोई भी केस किसी के खिलाफ दर्ज करने से पहले सरकार के लॉ ऑफिसर से परमिशन लेनी होगी।
जाहिर है, सरकार मान रही है कि पुलिस की कार्रवाई ठीक नहीं थी। शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे के निधन के बाद आयोजित बंद को गलत बताते हुए पालघर की शाहीन ने फेसबुक पर कमेंट किया था। उसकी एक दोस्त ने इस कमेंट को लाइक कर दिया था। इसे लेकर शिव सैनिक भड़क उठे थे और उन्होंने शाहीन के चाचा के क्लीनिक में तोड़-फोड़ कर दी थी। उधर पुलिस ने भावनाएं भड़काने के आरोप में दोनों लड़कियों को गिरफ्तार कर लिया था। धीरे-धीरे ये मुद्दा कांग्रेस बनाम एनसीपी का भी बनने लगा था। आर.आर.पाटिल एनसीपी कोटे के मंत्री हैं और कांग्रेस पुलिसिया कार्रावाई के बहाने उन पर निशाना साध रही थी। यहां तक कि कैबिनेट मंत्री भी खुलकर आलोचना कर रहे थे।
साफ है कि महाराष्ट्र में मिलकर सरकार चला रहीं कांग्रेस और एनसीपी में इस मुद्दे पर तीखा मतभेद रहा। बहरहाल, लड़कियों के खिलाफ हुई पुलिसिया कार्रवाई की जांच भी जारी है। कोंकण के आईजी सुखविंदर सिंह इस मामले की जांच कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक वे शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट पेश कर सकते हैं।


2जी घोटाले पर सवाल, बगैर सबूत घाटे का अनुमान!

एक लाख 76 हजार करोड़ के टेलीकॉम घोटाले के दावे पर सवाल खड़ा हो गया है। इस बार सीएजी के अंदर से ही सीएजी के खिलाफ आवाज उठी है। सीएजी में डीजी टेलीकॉम रहे आर पी सिंह ने कहा है कि वो इससे संबंधित रिपोर्ट से सहमत नहीं थे। डीजी टेलीकॉम आर पी सिंह ने दावा किया है कि विवादित रिपोर्ट उनकी नहीं थी और उस पर सीएजी मुख्यालय से जबरन दस्तखत करने के लिए दबाव बनाया गया। सिंह का कहना है कि बगैर सबूत के घाटे का अनुमान किया गया।
सिंह के मुताबिक दबाव में ही उन्होंने रिपोर्ट पर दस्तखत किए। सिंह के इस दावे के बाद टूजी की ऑडिट रिपोर्ट पर सवाल खड़े होने लगे हैं। सिंह ने पीएसी के चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी पर भी आरोप लगाए हैं और कहा है कि जोशी ने सीएजी रिपोर्ट को प्रभावित करने की कोशिश की। सिंह के मुताबिक सीएजी के अफसर गुड फ्राइडे यानी छुट्टी वाले दिन जोशी के घर पर गए थे। इन अफसरों ने जोशी को पीएसी रिपोर्ट तैयार करने में मदद की। 
 दूसरी तरफ पीएसी के चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी का कहना है कि आरपी सिंह ने खुद पीएसी चेयरमैन के सामने ये तमाम तथ्य रखे थे और सिंह ने उस समय उस आंकड़े को सही बताया था। जोशी के मुताबिक अब वो ऐसा क्यों कह रहे हैं उनको समझ नहीं आ रहा है। वो उस वक्त भी कह सकते थे कि उनसे जबरन हस्ताक्षर कराए गए थे।

ममता को झटका, अविश्वास प्रस्ताव नामंजूर

संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। हंगामे के बाद सत्र को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। लेकिन एक बार फिर संसद की कार्यवाही फिर से शुरू हो गई है। बीजेपी नियम 184 के तहत बहस पर अड़ी है और लेफ्ट भी बीजेपी के साथ है। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विपक्षी दल से एफडीआई पर समर्थन देने की अपील की है।
02.02PMहंगामे के बाद लोकसभा कल तक के लिए स्थगित
12.38PMहंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित। 
12.34PMलोकसभा में टीएमसी का अविश्वास प्रस्ताव नामंजूर
12.30PMलोकसभा की कार्यवाही एक बार फिर शुरू।
12.07PMहंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12.30 बजे तक स्थगित।
12.03PMहंगामे के चलते राज्यसभा कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित।
11.58AMबीजेपी के वेंकैया नायडू ने कहा पार्टी बहस के लिए तैयार है। लोकतंत्र में वोटिंग जरूरी है।
11.55AM-जेडीयू नेता शरद यादव ने मुलायम सिंह यादव और मायावती से सदन चलने देने की अपील की।
11.25AMहंगामे के बाद राज्यसभा 12 बजे तक के लिए स्थगित।
11.24AMहंगामे के बाद लोकसभा 12 बजे तक के लिए स्थगित।
11.21AMलोकसभा में प्रश्नकाल शूरू, एफडीआई पर हंगामा जारी।
11.18AM-लोकसभा में बालासाहेब ठाकरे की निधन की सूचना दी गई।
11.17AM राज्यसभा में बालासहेब ठाकरे की निधन की सूचना दी गई।
11.03AM-लोकसभा स्पीकर ने आइसलैंड से आए डेलीगेशन का परिचय सदन से कराया।
11.06AM अभिजीत मुखर्जी ने बतौर एमपी शपथ ली।
10.37AM टीएमसी ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस स्पीकर ऑफिस को दिया।
10.35AM बीजेपी नेता शहनवाज हुसैन ने कहा कि बीजेपी नियम 184 के तहत बहस चाहती है।
10.31AMकांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि सरकार वोटिंग के पक्ष में नहीं।
10.25सीपीआई-एम के बासुदेवाचार्य ने कहा पार्टी टीएमसी का समर्थन नहीं करेगी। अविश्वास प्रस्ताव पर टीएमसी के पास जरूरी आंकड़ें नहीं।
10.20AM- लेफ्ट ने एफडीआई पर चर्चा के लिए प्रश्नकला स्थगित करने की नोटिस दी।
10.05AM- प्रधानमंत्री ने कहा रोजगार के लिए निवेश जरूरी। सरकार हर चर्चा को तैयार।
10.00AM सरकार हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार। किस नियम के तहत बहस होगी स्पीकर तय करेंगे।
09.50AMबीएसपी के लिए संसद में एससी/एसटी कोटा बिल अहम। एफडीआई पर पुराने स्टैंड पर अड़ी बीएसपी।


पाक: पत्रकारों को कसाब के गांव जाने से रोका गया

लाहोर। पुणे के यरवडा जेल में पाकिस्तानी आतंकी कसाब को बुधवार को फांसी पर लटका दिया गया। दूसरी तरफ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कसाब के घर पर मीडिया को जाने से रोक दिया गया। पाक सुरक्षा एजेंसी और इंटेलीजेंस एजेंसी ने पाकिस्तानी मीडिया को कसाब के गांव और उसके घर जाने से रोक दिया।
बुधवार को जैसे ही कसाब की फांसी की खबर पाकिस्तान पहुंची तो वहां की मीडिया कसाब के गांव उसके घर जाने लगी। लेकिन सुरक्षा और इंटेलीजेंस एजेंसियों ने कसाब के गांव में मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दी। पत्रकारों और टीवी कैमरामैन के गांव में जाने नहीं दिया गया। सुरक्षाकर्मी सादा वर्दी में थे।
उन्होंने फरीदकोट में मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दी। फरीदकोट लाहौर से 150 किलोमीटर दूर है।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक कुछ टीवी चैनल के कैमरामैन से कैमरा छीनने की कोशिश की और उनसे बुरा वर्ताव किया। मीडिया फरीदकोट में कसाब के पड़ोसियों का इंटरव्यू करने गए थे। एक अंग्रेजी अखबार के पत्रकार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मीडिया के लोगों से कहा गया कि वो पाकिस्तान का नाम खराब नहीं करें।
उसने बताया कि एक्सप्रेस न्यूज, चैनल-5 और अपना टीवी के लोगों के साथ बुरा व्यहार किया गया। कैमरे छीनने की कोशिश की गई। पत्रकारों से कहा गया कि वो क्यों देश का नाम क्यों बदनाम करने पर पड़े हैं? उनसे कहा गया कि वो दुश्मन देशों के हाथों में नहीं खेलें।
एक्सप्रेस न्यूज के पत्रकार ने इस संबंध में जिले के चीफ पुलिस अधिकारी से बात की तो उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उनके लिए यही सही है कि वो कसाब के गांव से वापिस लौट जाएं। कसाब के गांव के लोग बहुत ही नाराज हैं। कसाब फरीदकोट में एक किसान के घर में 1987 में जन्मा था। कसाब बचपन में बॉलीवुड फिल्में और कराटे पसंद करता था।


देखें: ‘पांडे जी सीटी मारे’ में सलमान-सोनाक्षी का ठुमका

सलमान खान की ‘फिल्म दबंग-2’ जल्द ही रिलीज होने वाली है। फिल्म ‘दबंग-2’ में 'पांडे जी सीटी मारे' लोगों को काफी अच्छा लग रहा है। सलमान दोबारा चुलबुल पांडे के किरदार में नजर आएंगे और सोनाक्षी उनकी पत्नी की भूमिका में होगी। इस गाने में सलमान खान और सोनाक्षी सिन्हा ने ठुमके मारे हैं। ‘दबंग-2’ 21 दिसंबर को रिलीज होगी, फिल्म का निर्देशन सलमान के छोटे भाई अरबाज खान कर रहे हैं। आइए नजर डालते है ‘पांडे जी सीटी मारे’ गाने में सलमान और सोनाक्षी के ठुमकों पर।


पढ़ें: राजनीति के वो 5 बम, जो कर सकते हैं UPA को बेदम

संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। जैसा कि अंदेशा था, सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भारी हंगामा मच गया। सदन को सुचारू रूप से चलाने की सरकार की अपील बेअसर साबित हुईं। संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार के सामने कई संकट हैं। ना सिर्फ विपक्ष बल्कि उसके अपने सहयोगी भी उसके लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। आइए जानते हैं किन 5 बड़े संकटों से घिरी हुई है सरकार।
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी सरकार के लिए सबसे बड़ा संकट बनी हुई हैं। हालांकि एफडीआई के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ संसद में उनका अविश्वास प्रस्ताव नामंजूर हो गया है, लेकिन उन्होने साफ तौर पर बता दिया है कि आने वाले वक्त में वो सरकार के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द साबित होंगी। आज भले ही उन्हें समर्थन ना मिला हो, लेकिन भविष्य में ममता विपक्षी दलों को अपने साथ कर सकती हैं। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर ममता ने अपने धुर विरोधी लेफ्ट से भी समर्थन मांगा था। जाहिर है कि ममता यूपीए सरकार को आसानी से छोड़ने के मूड में नहीं हैं।
2. बीजेपी के आक्रामक तेवर
एफडीआई के मुद्दे पर बीजेपी ने भी सरकार को घेरने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी है। हालांकि बीजेपी ने अविश्वास प्रस्ताव पर ममता का खुलकर साथ नहीं दिया है। लेकिन बीजेपी का कहना है कि पिछले साल शीतकालीन सत्र में सदन के तत्कालीन नेता प्रणब मुखर्जी ने भरोसा दिया था कि एफडीआई मामले में सभी दलों से चर्चा के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। लेकिन सरकार ने वादा नहीं निभाया। लिहाजा संसद में नियम 184 के तहत एफडीआई के मुद्दे पर चर्चा हो। जिसमें वोटिंग का प्रावधान है। लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने कहा कि ये शर्त है कि एफडीआई पर वोटिंग के लिए सरकार तैयार हो। ये पूरी नहीं हुई तो सदन नहीं चल पाएगा।
3. लेफ्ट ने भी खोला मोर्चा
एफडीआई, महंगाई के मुद्दे पर लेफ्ट ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। एफडीआई पर लेफ्ट का रुख बेहद आक्रामक है। बीजेपी की ही तरह सीपीएम ने भी इस मसले पर बहस के बाद वोटिंग की मांग की है। नेता वासुदेव आचार्य ने कहा है कि उनकी पार्टी ने प्रश्नकाल सस्पेंड कर एफडीआई पर चर्चा और बाद में वोटिंग कराने की अपील की है। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन नहीं करती है।
4. कोल ब्लॉक आवंटन मामला
कोल ब्लॉक आवंटन का मामला भी सरकार के लिए संकट का सबब बना हुआ है। कोल ब्लॉक आवंटन पर कैग की रिपोर्ट के बाद सरकार बैकफुट पर है। इसे लेकर विपक्ष सरकार पर लगातार हमले कर रहा है। हालांकि मामले की जांच सीबीआई कर रही है, लेकिन विपक्ष के तेवरों में नरमी नहीं आई है। एफडीआई को लेकर भले ही कोल ब्लॉक का मामला थोड़ नरम पड़ता दिख रहा हो, लेकिन शीतकालीन सत्र के दौरान इस मसले पर जोरदार हंगामे के पूरे आसार हैं। यानी एफडीआई के मुद्दे से निपटने के बाद सरकार को कोल ब्लॉक पर हमले का सामना करना होगा।
5. माया-मुलायम की चुनौती
भले ही यूपीए सरकार को एसपी और बीएसपी का साथ मिल रहा हो, लेकिन वो निश्चिंत नहीं रह सकती। मनमोहन सिंह के लिए दोनों को मैनेज करना बेहद मुश्किल साबित हो रहा है। मौजूदा राजनीतिक हालातों की वजह से ही सरकार को मुलायम और माया का साथ मिला हुआ है। मुलायम ने जहां रसोई गैस की कीमत कम करने को लेकर सरकार पर हमला बोल रखा है, वहीं माया ने यूपी में कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाया है। सरकार के लिए दोनों को मैनेज करना भारी पड़ रहा

पढ़ें: कसाब को फांसी से दफनाने तक एक-एक पल का हाल

मुंबई हमले के दोषी अजमल आमिर कसाब को आखिरकार फांसी दे ही दी गई। चंद लोगों को ही पता चला कि किस तरह कसाब को फांसी दी गई। कैसे दो दिन पहले कसाब को मुंबई की आर्थर रोड जेल से पुणे की यरवडा जेल ले जाया गया, कैसे उसे फांसी दी गई और कैसे दफन किया गया। पूरी कहानी हम आपको बता रहे हैं।
कसाब को आर्थर रोड जेल से पुणे की यरवडा ले जाया गया।
26/11 की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच के 7 अफसरों के साथ कुल 9 गाडियों में आईटीबीपी के सुरक्षा में कसाब को निकाला गया।
मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच के 7 अफसरों के साथ 20 कमांडो और आईटीबीपी के 25 जवान लगाए गए।
20 नवंबर सुबह 4.10 बजे
पुलिस टीम कसाब को लेकर सुबह 4.10 पर यरवडा जेल पहुंची।
यहां पहुंचते ही जेल में मौजूद 3 डाक्टरों की टीम ने कसाब की मेडिकल जांच की।
जांच में सब कुछ नॉर्मल पाया गया, कसाब का वजन था 53 किलो और बीपी 120/80
कसाब ने डाक्टरों को अपने पेट दर्द के बारे में बताया।
उसने कहा रूक-रूक कर उसे कमर के उपर दर्द होता रहता है। फिर खुद ही कहा कि अब सबसे निजात मिलने वाली है।
कसाब की मेडिकल जांच करीब 24 मिनट चली।
जेल अधिकारियों ने उसे बताया कि उसे 21 नवंबर को फांसी दी जाएगी और ये पूरी प्रक्रिया सुबह 3.30 बजे शुरू होगी।
इसके बाद कसाब सोने चला गया। इस दौरान उसके लिए बने खास कमरे के पास भारी सुरक्षा रही।
कमरा फांसी वार्ड के तीन कमरे बाद ही था।
कसाब ने सोने की कोशिश की लेकिन उसे नींद नहीं आई।
कसाब पूरे वक्त परेशान और पसीने से भीगा रहा।
दोपहर 1.43 बजे जब उसे खाना देने जेल अधिकारी पहुंचे तो उसने पूछा कि क्या उसके घर या कहीं से उसकी खैरियत पूछी गई। जवाब में उसे ना मिला।
21 नवंबर सुबह 3.45 बजे
6 अधिकारियों की सुरक्षा में उसने नहाया फिर अपने कपड़े पहन कर अपनी उंगलियों पर तिलावत की।
करीब 4.15 बजे पर नमाज़ पढ़ी और चाय की ख्वाहिश बताई।
सुबह 4.45 बजे डॉक्टरों की टीम ने दोबारा उसकी मेडिकल जांच की।
जांच के दौरान कसाब ने कहा कि वह अपने घरवालों से मिलना चाहता है।
जवाब में उसे बताया गया कि उन्हें इत्तला किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया।
नाश्ते के तौर पर कसाब ने 2 टमाटर और एक बिस्किट खाया फिर लेट गया।
सुबह करीब 7.15 बजे जेल अधिकारी कसाब के कमरे में पहुंचे और उसे 7.20 बजे ही फांसी वाले कमरे में ले जाया गया।
कमरे से निकलते वक्त कसाब कैदियों के कमरे में था और उसके चेहरे पर काला कपड़ा लपेट दिया गया था।
करीब 7.30 बजे कसाब को फांसी के तख्ते पर लाया गया जहां उसे बताया गया कि अब उसे फांसी दी जा रही है।
गले में फंदा डालने से पहले कसाब ने अपने गुनाहों की माफी मांगी। उसने कहा, ‘अल्लाह माफ करे, दुबारा ऐसी गलती नहीं होगी’।
कसाब के हाथ पीछे की तरफ और पैर बांध दिए गए।
इसके बाद ठीक 7.36 बजे पर उसे फांसी दे दी गई।
कुछ मिनटों तक फंदे पर झूलने के बाद उसे 4 लोगों की मदद से उतारा गया। डाक्टरों की टीम ने उसकी जांच की और उसे मृत घोषित कर दिया।
सुबह 7.40 बजे गृह मंत्रालय को सूचित किया गया कि कसाब की फांसी पूरी हो गई है।
कसाब को दफनाने में भी जेल प्रशासन को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
पहले एक हाई सीक्रेट मीटिंग में ये चर्चा की गई कि कैसे कसाब को दफन किया जाए।
फिर तय हुआ का कुछ कब्रिस्तान कमिटी से बात की जाए। लेकिन सुरक्षा की बात कर इसे खारिज कर दिया गया। तय हुआ कि कसाब को जेल में ही दफनाया जाए।
इसके बाद एक साइज के 6 कब्र तैयार किए गए।
सुबह 9.39 बजे कसाब को दफन कर दिया गया।


Wednesday, November 21, 2012

...तब चित्रकूट में औरंगजेब ने बनवाया था बालाजी मंदिर!

बांदा। वैसे तो मुगल शासक औरंगजेब हिंदुओं के मंदिर तुड़वाने और धार्मिक कट्टरता के लिए बदनाम रहा। लेकिन भगवान श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट के मंदाकिनी तट पर 'बालाजी मंदिर' बनवाकर उसने धार्मिक सौहार्द की मिसाल भी कायम की थी। इतना ही नहीं हिंदू देवता की पूजा-अर्चना में कोई बाधा न आए इसलिए उसने इस मंदिर को 330 बीघा बे-लगानी कृषि भूमि भी दान की थी।
उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड के प्रसिद्ध तीर्थस्थल चित्रकूट में भगवान श्रीराम ने अपने बारह वर्ष वनवास के बिताए थे। इसी से यह हिंदू समाज के लिए विशेष श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है। यहां हर माह की अमावस्या को देश-विदेश से आए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होती है। यहां कुछ ऐसे भी ऐतिहासिक मंदिर हैं जो धार्मिक सद्भावना की मिसाल कायम किए हैं। इनमें से एक है मंदाकिनी नदी के किनारे गोपीपुरम का बालाजी मंदिर।
इसका निर्माण मुगल शासक औरंगजेब ने 328 साल पहले सन् 1683 में कराया था। जिसके अभिलेखीय प्रमाण अब भी मौजूद हैं। इतना ही नहीं इस मंदिर में विराजमान भगवान 'ठाकुर जी' की पूजा-अर्चना में कोई बाधा न आए इसके लिए आठ गांवों की 330 बीघा कृषि भूमि दान कर लगान (भूमि कर) भी माफ किया था।
इतिहासकार राधाकृष्ण बुंदेली बताते हैं कि मुगल शासक औरंगजेब ने अपनी सेना को सन् 1669 में जारी अपने एक हुक्मनामे पर हिंदुओं के सभी मंदिर ध्वस्त करने का आदेश दिया था। इस दौरान सोमनाथ मंदिर, वाराणसी का मंदिर, मथुरा का केशव राय मंदिर के अलावा कई हिंदू देवी-देवताओं के प्रसिद्ध मंदिर तोड़ दिए गए थे। वह बताते हैं कि सन् 1683 में औरंगजेब चित्रकूट आया यह तो इतिहास के पन्नों में दर्ज है। लेकिन किन परिस्थितियों में बालाजी के तिमंजिला मंदिर का निर्माण कराया इसकी प्रमाणिकता का उल्लेख नहीं मिलता।
मंदिर के पुजारी नारायण दास की मानें तो यहां दो किंवदंतियां प्रचारित हैं। एक तो यह कि औरंगजेब चित्रकूट आते ही सेना को आदेश दिया था कि सुबह होते ही यहां के सभी मठ-मंदिर तोड़ कर मूर्तियां नदी में बहा दी जाएं। लेकिन रात में सेना के सभी जवानों के पेट में भयंकर दर्द हुआ और औरंगजेब को बालाजी मंदिर के संत बाबा बालकदास की शरण में जाना पड़ा था।
बाबा की दी हुई 'भभूत' (भस्म) से जवानों का दर्द ठीक हुआ। इस चमत्कार से प्रभावित होकर औरंगजेब ने चित्रकूट के किसी भी मंदिर को छुआ तक नहीं और इस मंदिर का भव्य निर्माण भी कराया। दूसरा यह कि कालिंजर किला फतह करने के बाद औरंगजेब को बाबा बालकदास के चमत्कारों के बारे में पता चला तो वह चित्रकूट के मंदिर तुड़वाने की मंशा त्याग मंदिर का निर्माण कराया और दान दिया।
ताम्रपत्र में टंकित औरंगजेब के फरमान (जो मंदिर में मौजूद है) में उल्लेख है कि यह फरमान आलमगीर बादशाह ने शासन के 35 वर्ष रमजान की 19वीं तारीख को जारी किया है। फरमान के लेखक नवाब रफीउल कादर सआदत खां वाकया नवीश थे। फरमान को रमजान की 25वीं तारीख में जमाल मुल्क नाजिम आफताब खां ने शाही रजिस्टर में अंकित किया है। जिसका सत्यापन एवं प्रमाणीकरण मुख्य माल अधिकारी मातमिद्दौला रफीउल शाह ने किया है।
फारसी भाषा में लिखे गए इस राजाज्ञा फरमान की इबारत को कालिंजर के रहने वाले वशीर खां हिंदी अनुवाद कर बताते हैं कि इस राजाज्ञा में कहा गया है कि बादशाह का शाही आदेश है कि इलाहाबाद सूबे के कालिंजर परगना के अंतर्गत चित्रकूट पुरी के निर्वाणी महंत बालक दास जी को ठाकुर बाबा जी के सम्मान में उनकी पूजा व भोग के लिए बिना लगानी आठ गांव देवखरी, हिनौता, चित्रकूट, रौदेरा, सिरिया, पड़री, जरवा और दोहरिया दान स्वरूप प्रदान किए गए हैं और 330 बीघा बिना लगानी कृषि योग्य भूमि राठ परगना के जाराखाड़ गांव की 150 बीघा व अमरावती गांव की 180 बीघा के साथ-साथ कोनी परोष्ठा परगना की लगान वसूली से एक रुपया दैनिक अनुदान भी स्वीकृत किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस फरमान में बादशाह औरंगजेब का यह भी आदेश दर्ज है कि राज्य के वर्तमान तथा भावी सामंत जागीरदार आठों गांवों सहित दान की सारी जायदाद को पीढ़ी दर पीढ़ी लगानी माफी के रूप में मानते चले जाएंगे। इसमें किसी भी प्रकार का हस्ताक्षेप नहीं करेंगे तथा राजाज्ञा के विपरीति कोई कदम न उठाएंगे।
वह बताते हैं कि औरंगजेब के इस फरमान को सन् 1814 में चित्रकूट के आधिपति पन्ना नरेश महाराज हिंदूपत और बाद में ब्रिटिश हुकूमत ने भी स्वीकार कर बरकरार रखा। पुजारी के पास ब्रिटिश शासन काल में उच्च न्यायालय द्वारा प्रमाणित फारसी भाषा के अंग्रेजी अनुवाद की प्रति भी मौजूद है।
बाला जी मंदिर के पुजारी नारायण दास का कहना है कि वह दान में मिले गांवों मे से जरवा गांव की कृषि भूमि के लिए अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। अन्य गांवों की भूमि का अता-पता ही नहीं है। मंदिर के भवन पर नगर पालिका पषिद कर्वी में कई लोग नाम मात्र की किरायादारी दर्ज कराकर अवैध कब्जा कर लिए हैं और अवैध निर्माण कर मंदिर का नक्शा तक बदल दिया।
शायद देश में किसी हिंदू देवता का यह पहला मंदिर होगा जिसका निर्माण मुगल शासक औरंगजेब ने कराया है। मंदिर की दीवारें दरक चुकी हैं। मंदिर के परिसर में अवैध कब्जाधारकों के पालतू पशुओं के गोबर का ढेर लगा है। पुरातत्व विभाग ने इस धरोहर को अब तक अधिग्रहीत नहीं किया है और न ही संरक्षित करने का प्रयास ही किया है।
धार्मिक सौहार्द का प्रतीक का यह मंदिर सरकारी उपेक्षा से नेस्तनाबूद होने के कगार पर है। चित्रकूट के जिलाधिकारी डॉ. बलकार सिंह कहते हैं कि मैं जल्द ही इस मंदिर को पुरातत्व विभाग के हवाले करने के लिए शासन को पत्र लिखूंगा और मंदिर को अवैध कब्जाधारकों से मुक्त कराया जाएगा।

महिला आयोग पहुंचा फेसबुक गर्ल्स की गिरफ्तारी का केस

शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के निधन के बाद मुंबई में आयोजित बंद के औचित्य को लेकर सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर सवाल उठाने वाली दो लड़कियों की गिरफ्तारी के विरोध में बुधवार को महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग के समक्ष एक शिकायत दर्ज कराई गई है।
मुंबई की एक वकील आभा सिंह ने महिला आयोग के समक्ष दर्ज कराई गई अपनी शिकायत में कहा है कि बंद के औचित्य पर सवाल उठाने वाली लड़कियों को गिरफ्तार करना उनके मानवाधिकार का खुला उल्लंघन है। उन्होंने महिला आयोग से अपनी टीम संबंधित पुलिस थाने में भेजकर पूरे मामले की जांच करने का भी अनुरोध किया है।
सिंह ने कहा है कि दोनों युवतियों को जिस तरीके से पुलिस ने जल्दबाजी दिखाते हुए गिरफ्तार किया है वह न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है बल्कि यह गिरफ्तारी के संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का भी सीधा उल्लंघन है। उन्होंने संदेह जताया है कि पुलिस की यह कार्रवाई स्थानीय नेताओं के दबाव में की गई।
गौरतलब है कि मुंबई पुलिस ने शाहीन और रेणु को फेसबुक पर टिप्पणी लिखने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन इस मामले के तूल पकड़ने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। इन लड़कियों ने शिवसेना के दिवंगत प्रमुख के अंतिम संस्कार के समय समूची मुंबई को बंद रखने को गलत बताया था।


अंतिम समय में बोला कसाब, अल्लाह मुझे माफ करे

मुंबई हमले के दोषी पाकिस्तानी आतंकी आमिर अजमल कसाब को आज सुबह सात बजकर 36 मिनट पर फांसी दे दी गई। कसाब को फांसी पुणे की यरवडा जेल में दी गई। लेकिन फांसी से ठीक पहले कसाब अपने गुनाह पर शर्मिंदा हुआ और यरवडा जेल के जेलर से कहा कि अल्लाह मुझे माफ करे। कसाब ने यरवडा जेल के जेलर से कहा कि अल्लाह कसम, अल्लाह कसम ऐसी गलती गवारा नहीं होगी। अल्लाह माफ करे मुझे।
2008 में 26 नवंबर को मुंबई पर हुए हमले के एक मात्र जिंदा आतंकी आमिर अजमल कसाब को गुपचुप तरीके से पुणे की यरवडा जेल में मौत के घाट उतार दिया गया। इससे पहले कसाब को आर्थर रोड जेल से यरवडा जेल लाया गया क्योंकि आर्थर रोड जेल में फांसी देने की सुविधा नहीं है। यह सुविधा केवल पुणे की यरवडा जेल और नागपुर जेल में ही है। लिहाजा कसाब को गुपचुप तरीके से यरवडा जेल शिफ्ट कर दिया गया। जहा बुधवार सुबह साढ़े सात बजे कसाब को फांसी पर लटका दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट से भी फांसी की सजा मिलने के बाद कसाब ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के पास दया याचिका दायर की थी। गृहमंत्रालय ने कसाब की दया याचिका की फाइल 18 अक्टूबर को राष्ट्रपति के पास भेजी थी। 5 नवंबर को राष्ट्रपति ने कसाब की दया याचिका खारिज करते हुए उसे फांसी देने के परवाने पर दस्तखत कर दिए 7 नवंबर को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद फाइल गृह मंत्रालय वापस भेज दी गई और गृहमंत्री ने रोम में इंटरपोल की बैठक से वापस आते ही 7 नवंबर को इस फाइल पर फांसी की मंजूरी दे दी। 8 नवंबर को महाराष्ट्र सरकार को ये फाइल इस आदेश के साथ भेज दी गयी कि कसाब को 21 नवंबर को फांसी दे दी जाए।
कसाब की फांसी के पूरे ऑपरेशन को काफी गोपनीय रखा गया और बातचीत में इसका जिक्र न हो इसके सुनिश्चित करने के लिए इस पूरी कार्रवाई को आपरेशन एक्स का नाम दिया गया। कसाब को मुंबई पर हमले की रात 2008 को गिरफ्तार किया गया था। मुबंई की अदालत से फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद कसाब ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी 29 अगस्त 2012 को फांसी की सजा कायम रखी थी। जिसके बाद कसाब ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर की थी। जिसे खारिज कर दिया गया।
हालांकि ये बात साबित हो चुकी है कि कसाब पाकिस्तानी नागरिक था लेकिन पाकिस्तान ने अभी तक कसाब के शव की मांग नहीं की और शव को पुणे के यरवडा जेल में ही दफना दिया गया।


पढ़ें: कसाब को फांसी से पहले उन आखिरी घंटों का सच

आखिर क्या हुआ था उन दो दिनों में? किस तरह दी गई कसाब को फांसी? क्यों ले जाया गया कसाब को यरवडा जेल? क्यों रखी गई कसाब को फांसी की खबर गुप्त? क्या था इस ऑपरेशन का नाम? ये कहानी बेहद दिलचस्प है।
दरअसल, किसी भी झंझट से बचने के लिए कसाब को फांसी पर चढ़ाए जाने की खबर आखिरी समय तक बेहद गोपनीय रखी गई। सरकार ने इसे ऑपरेशन एक्स का सीक्रेट नाम दिया था। जेल सूत्रों के मुताबिक फांसी की तारीख मुकर्रर होने के बाद ऑपरेशन एक्स के तहत कसाब को बेहद गुप्त तरीके से 19 नवंबर को मुंबई के आर्थर रोड जेल से पुणे की यरवडा जेल लाया गया। इस दौरान सुरक्षा के बेहद कड़े मानकों का पालन किया गया। आर्थर रोड जेल में फांसी देने की सुविधा नहीं होने के कारण उसे यरवडा जेल लाया गया था।
इस पूरे ऑपरेशन को सीक्रेट कोड X नाम दिया गया था। ऑपरेशन X में 17 अफसरों को लगाया गया था। इनमें से सिर्फ दो अफसरों को कसाब के सेल तक जाने की इजाजत थी। दिलचस्प ये भी है कि कसाब को डेंगू होने की बात की जा रही थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं था। दरअसल, डेंगू के नाम पर फांसी से पहले उसका मेडिकल चेकअप करने की खातिर ये बात फैलाई गई थी। आर्थर रोड जेल में उसका रोज चेकअप हो रहा था। 5 डॉक्टरों की टीम 8 नवंबर से लगातार उस पर निगाह रख रही थी।
पिछले दो दिनों से कसाब को बेहद कड़ी सुरक्षा वाली सेल में रखा गया था। पल-पल उस पर निगाह रखी जा रही थी। उसके सेल में कोई भी ऐसी चीज नहीं रखी गई थी, जिससे वो खुद को चोट पहुंचा सके। फांसी दिए जाने से दो दिन पहले कसाब को फांसी को लेकर सभी प्रक्रियाएं बता दी गई थीं। कसाब को ये भी बता दिया गया था कि उसकी ओर से की गई सभी अपीलें पूरी हो चुकी हैं और अब उसकी फांसी का वक्त तय हो गया है।
फांसी के तख्ते तक ले जाने से पहले उसके चेहरे को ढक दिया गया था और नियमों के तहत उसे फांसी का तख्ता देखने नहीं दिया गया। कसाब को फांसी दिए जाने को लेकर खासी सावधानियां बरती गईं। चूंकि उसका वजह 60 किलो से ज्यादा था, इसलिए गहराई 7 फीट यानि 2.2 मीटर रखी गई थी। फंदे को दो दिन पहले ही तैयार किया गया था। इसके अलावा लीवर को भी इन दो दिनों में कई बार जांचा गया ताकि कहीं कोई कमी ना रह जाए।
फांसी का फंदा ज्यादा कड़ा नहीं था। लीवर को भी खींचते वक्त सावधानी बरती गई। ध्यान रखा गया कि कहीं ये इतनी तेजी से ना खिंच जाए कि कसाब के सिर को नुकसान पहुंचे। फंदे को तैयार करने में भी बेहद सावधानी बरती गई थी। कॉटन के घागे से बने फंदे पर घी, साबुन और केले की मालिश की गई थी ताकि ये आसानी से अपना काम कर सके।
कसाब को फांसी की बात को जिस तरह गुप्त रखा गया वैसा इससे पहले कभी नहीं हुआ। चंद लोगों को अलावा किसी को भी पता नहीं था कि कसाब को फांसी दी जा रही है। जब सुबह खबर आई कि कसाब को फांसी दे दी गई है तो हर कोई हैरत में पड़ गया।


Tuesday, November 20, 2012

भारत में डाक प्रणाली का प्रवर्तक था तुगलक!

नई दिल्ली। या बसे गुजर, या रहे उजड़, (यहां गुजर बसें वरना यह जगह उजाड़ रहे) संत निजामुद्दीन का यह श्राप प्रभावी रहा है। आधुनिक दिल्ली के बाहरी हिस्से तुगलकाबाद के भग्न परकोटों से शांत और इस शहर के निर्माता योद्धा सम्राट का तंबू जैसा मकबरा नजर आता है। केवल छह सौ साल पहले बनी राजधानी के उस समय के स्वरूप की कल्पना करना भी कठिन लगता है। लेकिन समय के बीतने के साथ यहां बने दुर्ग लोगों को उसकी अतीत की शान की याद दिलाते हैं। तुगलकाबाद बसाने वाला तुगलक भारत की डाक प्रणाली का प्रवर्तक भी था।
आज यहां खंडहर बने हुए हैं जहां गीदड़, शाही और अलवर के पास की पहाड़ियों से आकर तेंदुए इन भूमितल की पगडंडियों में शरण लेते हैं। केवल वहां अस्थायी झोपड़ियां ही मानव जीवन के एकमात्र चिह्न् थे। ये गरड़िए दुबले-पतले, तेज आंखों वाले और धूप में झुलसे चेहरे वाले हैं।
शहर को दिया गया श्राप फलीभूत हो गया है। उस समय गयासुद्दीन तुगलक एक ऐसा शासक था जो करीब-करीब एक निर्दोष चरित्र वाले शासक के रूप में उभरा। उसके जीवन का अधिकांश हिस्सा गद्दी पर चढ़ने के समय तक खिलजियों की लड़ाईयां लड़ने में बीत गया था। जब तक कि राजवंश कुतबुद्दीन मुबारक की मूर्खताओं के कारण नष्ट नहीं हो गया। तुगलक पर स्वयं राजगद्दी पर बैठने के लिए दबाव डाला गया था क्योंकि यह माना जाता था कि यह अनुभवी वृद्ध योद्धा ही एकमात्र ऐसा व्यक्ति था जो उस समय जारी अव्यवस्था को समाप्त करके वहां शांति स्थापित कर सकता था।
उसकी दिल्ली में गयासुद्दीन तुगलक की शाह के रूप में ताजपोशी की गई थी। उसका पिता तुगलक एक तुर्की गुलाम था और मां भारतीय मूल की जाटनी थी।
राजगद्दी पर बैठने के समय तुगलक बुजुर्ग हो गया था लेकिन मन और शरीर से वह अब भी बलशाली था। उसके कारनामों से पता लगता है कि उस पर ठीक ही विश्वास किया गया था। उसने पसंदीदा व्यक्तियों को भारी-भरकम उपहार देकर कुछ लोगों के साथ सुलह करने की कोशिश नहीं की। उससे केवल वही लोग अप्रसन्न थे जो उसकी बहुत अधिक धन-दौलत एकत्र करने की मुखालफत की नीति से निराश थे।
उसने खेती-बाड़ी को बढ़ावा दिया और जो जमीन बहुत लंबे समय के कुशासन से बंजर पड़ी थी उस पर फिर से खेती की जाने लगी। उसने राजस्व की वसूली की निगरानी की और फैसला किया कि कर संग्रह करने वालों को यही पुरस्कार मिलेगा कि उन्हें अपनी जोतों पर कर नहीं देना पड़ेगा।
तुगलक ने बहुत तेजी से अपनी ताकत का इस्तेमाल आंशिक रूप से संचार के उत्कृष्ट साधनों के लिए किया। जिसके माध्यम से संदेशों को हरकारे (मेल रनर) या घुड़सवार द्वारा हाथोंहाथ आगे पहुंचाया जाता था। वस्तुत: वह भारत की डाक प्रणाली का प्रवर्तक था। हरकारों का पड़ाव एक तिहाई मील पर था। ईस्ट इंडिया कंपनी के रनर्स के लिए यह आठ किलोमीटर हुआ करता था। इन हरकारों के रुकने के लिए रास्ते के किनारे झोपड़ियां बनाई गई थीं और ऐसा लगता है कि यह प्रणाली कामयाब थी।
उसके शासन में उत्तरी अफ्रीका से आने वाले यात्री इब्ने बतूता के सिंधु के मुहाने पर आने की खबर दिल्ली में चार दिन में पहुंच गई थी। जबकि यह दूरी लगभग आठ सौ या नौ सौ किलोमीटर की थी।
तुगलक शाह ने अपने पुरखों की राजधानी सीकरी को छोड़ दिया था। उस समय राजधानी बदलने का रिवाज था और उसने सीकरी के पूर्व में लगभग तीन मील दूर एक बंजर, चट्टानी चपेट भाग पर एक नया स्थान चुना और चार साल के थोड़ी से समय में एक विशाल कस्बे और दुर्ग का निर्माण कराया।
अब तुगलकाबाद के आसपास उदासी भरे वैभव का एहसास होता है। विनाश के बावजूद दुर्ग के दक्षिणी हिस्से से अब भी निकासी मार्ग वाली भव्य दीवारें और मीनारें नजर आती हैं। अफ्रीकी यात्री इब्न बतूता ने लिखा है कि यहां तुगलक के खजाने और भवन थे। उसने मुल्लमेवाली ईंटों से एक शानदार महल बनवाया था जो कि सूरज चमकने पर इतना चकाचौंध कर देता था कि उसकी ओर देखना कठिन था।
आज हमें यह सोचकर हैरानी होती है कि इतने बड़े शहरों का निर्माण अच्छे और पर्याप्त जल की आपूर्ति सुनिश्चित किए बिना कैसे किया गया था।
तुगलकाबाद के निर्माण कार्य में बहुत बाधाएं आई थीं। सुना जाता है कि तुगलक शाह और संत निजामुद्दीन के बीच दुश्मनी थी। संत निजामुद्दीन ने लगभग पांच मील की दूरी पर एक हौज का निर्माण कर रहा था। संत चाहता था कि तुगलकाबाद की दीवारों का निर्माण करने वाले कारीगर लैंपों की रोशनी में रात के समय उसके लिए काम करते रहें।
इस बात से नाराज होकर तुगलक ने निजामुद्दीन को तेल बेचने पर रोक लगा दी। लेकिन यह कहा जाता है कि संत ने हौज के पानी से रोशनी कर दी और काम जारी रखा। तब तुगलक शाह ने मकबरे के जल को कटुता से श्राप दिया। जिसके बदले में संत ने तुगलकाबाद को उजड़ने का श्राप दे दिया।
तुगलक यद्यपि धर्मभीरु था, फिर भी वह निजामुद्दीन की ताकत के सामने समर्पण नहीं करना चाहता था। उसी बीच संत ने सुल्तान के महत्वाकांक्षी बेटे जूना खान के साथ मिलकर सुल्तान की मौत का षड्यंत्र रचा।
जब तुगलक को अपने बेटे के विश्वासघात की खबर मिली तो वह दूर बंगाल में था। उसने निजामुद्दीन को पत्र लिखकर कहा कि जब वह दिल्ली लौटेगा तो वह राजधानी उन दोनों के रहने के लिए छोटी पड़ जाएगी। उसी समय निजामुद्दीन ने यह ऐतिहासिक टिप्पणी की थी कि हुजूर! दिल्ली दूर है।
तुगलकाबाद की यात्रा से लौट रहे सुल्तान के स्वागत में शहर को सजाया गया था। स्वागत के लिए जूना खान ने लकड़ी का एक खोखा बनवाया जो इतना कमजोर था कि यदि कोई हाथी उसे हिला दे तो वह गिर पड़ता। जुना खान ने स्वागत के लिए हाथियों की परेड का इंतजाम किया था। उसी दौरान वह खोखा ढह गया और उसके नीचे सुल्तान दब गया।
स्वागत के समय उपस्थित शेख रुकनुद्दीन ने बाद में इस घटना का वर्णन किया कि उसे भी खोखे के पलटने से थोड़ी देर पहले उससे दूर हटने की चेतावनी दी गई थी। जूना खान ने फावड़ों और अन्य औजारों के पहुंचने में देरी करा दी। बहुत देर बाद मलबे से तुगलक के शव को निकाला गया।
शायद तुगलक शाह का मकबरा आधुनिक दिल्ली के बाहर सबसे खूबसूरत इमारत है। कभी इसके चारों ओर एक छोटी-सी झील हुआ करती थी। मकबरे के भीतर तीन कब्रें हैं- तुगलक शाह, उसकी बेगम और स्वयं जूना खान की। इसी घटना ने जूना खान को खूनी सुल्तान की पदवी दिलाई थी। उसके उत्तराधिकारी फिरोज शाह ने उन सब लोगों से उपहार खरीदे जिनके साथ जूना खान ने अन्याय किया था और उन्हें अपनी कब्र के सिरहाने रख दिया ताकि कयामत के दिन वे वस्तुएं उन्हें सौंप दिए जाएं

Monday, November 19, 2012

छठ हादसे के लिए जिम्मेदार कौन, CM ने दिए जांच के आदेश

पटना। छठ पर अदालत घाट पर मचे भगदड़ में मारे गए लोगों की तादाद कम हो सकती थी। अगर उन्हें सही वक्त पर इलाज मिल गया होता। बिहार सरकार और प्रशासन पर ये आरोप लगा रहे हैं स्थानीय लोग। लोगों के इन आरोपों में दम भी है क्योंकि बांस का अस्थाई पुल बनाने से लेकर घायलों के इलाज में हर कदम पर प्रशासन की लापरवाही खुलकर सामने आई।
पुलिस और प्रशासन के लोग हादसे की जगह घंटे भर की देरी से पहुंचे। 
इसके बाद जब घायल राजधानी के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल यानी पीएमसीएच पहुंचे तो उन्हें ना तो वहां डॉक्टर मिले और ना ही जरूरी सुविधाएं।
छठ की छुट्टी के चलते पीएमसीएच के ज्यादातर डॉक्टर छुट्टी पर थे। लिहाजा घायलों का इलाज करने वाला वहां कोई नहीं था। हादसे की जानकारी होते ही आनन-फानन में पीजी हॉस्टल के छात्रों को बुलाया गया। जिन्होंने घायलों के इलाज की कमान संभाली।
अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने जिंदा लोगों को भी मुर्दा घोषित कर दिया। दो बच्चे जिन्हें अस्पताल प्रशासन ने मरा हुआ घोषित कर दिया था वो बाद में जिंदा पाए गए। इसके बाद बच्चों के घरवाले उन्हें पीएमसीएच से लेकर निजी अस्पताल की ओर दौड़ पड़े। ये जानकारी मिलते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। नाराज लोगों ने पीएमसीएच के बाहर नारेबाजी और आगजनी शुरू कर दी।
अदालत घाट से लेकर पीएमसीएच और दूसरे निजी अस्पतालों तक हर कहीं लोग प्रशासन और नीतीश सरकार को कोसते नजर आए। राजधानी पटना में हुए इस हादसे के बाद नीतीश सरकार पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
छठ पूजा के लिए पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं किए गए? प्रशासन ने भीड़ का अंदाजा क्यों नहीं लगाया? बांस के पुल पर ज्यादा लोगों को जाने की इजाजत क्यों दी गई? भगदड़ मचने के बाद देर से क्यों जागा प्रशासन?
एंबुलेंस पहुंचने में आधे घंटे से ज्यादा वक्त क्यों लगा? आपात स्थिति से निपटने के लिए अस्पताल में कोई तैयारी क्यों नहीं थी? इमरजेंसी के लिए डॉक्टरों की तैनाती क्यों नहीं की गई थी?
सवाल बेहद गंभीर हैं और जवाब किसी का नहीं। मुख्यमंत्री ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। लेकिन इतने भर से लोगों की नाराजगी नहीं खत्म होगी। जब तक इस हादसे के जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई नहीं होती इस हादसे के जख्म पीड़ितों को टीस देते रहेंगे।


गाजा पर इजराइल का हमला जारी, अब तक 110 की मौत

गाजा पट्टी पर इजरायली फौज के हमले छठे दिन भा जारी हैं। सोमवार को हुए हमले में 20 से ज्यादा लोग मारे गए। संघर्ष विराम की तमाम कोशिशों के बावजूद इजरायली फौज ने गाजा के कई ठिकानों पर रॉकेट बरसाए। जानकारी के मुताबिक गाजा मीडिया सेंटर को लगातार दूसरे दिन निशाना बनाया गया। इस हमले में एक शख्स मारा गया। बीते बुधवार से शुरू हुए इस हमले में अब तक 110 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
सोमवार को गाजा मीडिया सेंटर पर हुए रॉकेट हमले में हमास के एक बड़े नेता रमीज हार्ब की मौत हो गई। रमीज हमास के अल कुद्स ब्रिगेड का सदस्य थे। मीडिया सेंटर पर दो दिन के भीतर ये दूसरा हवाई हमला था। गाजा में सरकार चला रहे चरमपंथी संगठन हमास के खिलाफ बीते बुधवार से इजरायली हमले हो रहे हैं। 14 नवंबर को हुए हमले में हमास सैन्य प्रमुख अहमद जबारी की मौत हो गई थी। 
 आंकड़ों के मुताबिक अब तक 700 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं, जिनमें से 200 से ज्यादा बच्चे शामिल हैं। हालांकि इजरायल का दावा है कि वो उन्हीं जगहों को निशाना बना रहा है जहां हमास का ठिकाना है लेकिन गाजा में मची तबाही की तस्वीरें कुछ और ही हकीकत बयान कर रही हैं। रविवार को एक रिहाइशी इमारत पर हुए रॉकेट हमले में 5 महिलाओं और 4 बच्चों की मौत हो गई थी।
इजरायली फौज अब तक करीब 1000 ठिकानों पर हमला कर चुकी है। रॉकेट हमले में रिहाइशी इमारतों के साथ साथ मीडिया के दफ्तरों को भी निशाना बनाया गया। गुरुवार को हुए ऐसे ही हमले में बीबीसी संवाददाता जिहाद मिशारवी के 11 महीने के बेटे की मौत हो गई थी। जबकि रविवार को हुए हमले में फिलिस्तीन टीवी अल कुदस के 3 पत्रकार जख्मी हो गए थे।
इजरायल ने गाजा पर हवाई हमलों को ऑपरेशन पिलर ऑफ डिफेंस का नाम दिया है। ऐसा नहीं है कि हमास की फौज इस हमले का जवाब नहीं दे रही है। हमास के लड़ाके लगातार इजरायल के पवित्र शहर येरूशलम को निशाना बनाकर रॉकेट दाग रहे हैं लेकिन इजरायल का एंटी रॉकेट सिस्टम आयरन डोम उन्हें बीच रास्ते में ही बेकार कर दे रहा है।
यूरोप और अरब के तमाम देश गाजा पट्टी पर जारी इस खूनी संघर्ष को रोकने की अपील कर रहे हैं, लेकिन इजरायल किसी की सुनने को तैयार नहीं। इस बीच इजरायल ने गाजा पट्टी की सीमा के आसपास सैन्य गतिविधियां तेज कर दी हैं। 75 हजार जवानों के साथ साथ तमाम मिसाइलें और अत्याधुनिक हथियार तैनात कर दिए हैं। कुल मिलाकर कहें तो माहौल दिसंबर 2008 में हुए गाजा वॉर की दिशा में बढ़ रहे हैं। 22 दिन चले इस संघर्ष में करीब 14 सौ फिलिस्तीनी और दर्जन भर इजरायली मारे गए थे।

मृत पति को रूसी महिला ने तीन साल तक घर में रखा

मॉस्को। रूस की राजधानी मॉस्को में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर शायद आप हैरत में पड़ जाएं। यहां एक महिला ने अपने पति का बिना सिर वाला शव 3 साल तक संभाले रखा। उसे भरोसा था कि एक दिन चमत्कार होगा और उसका पति जी उठेगा। जांचकर्ताओं के मुताबिक ये शव उन्हें एक खाई में मिला और ये किसी हत्या का परिणाम नहीं बल्कि असफल बाइबिल चमत्कार पर भरोसे का नतीजा था।
पेंटेकोस्टल मिशनरी से जुड़े इस व्यक्ति की मौत बीमारी से हुई थी। यारोस्लाव क्षेत्र के स्थानीय जांचकर्ताओं को पता चला कि उसी मिशनरी से संबंध रखने वाली उसकी पत्नी ने शव को तीन साल तक संरक्षित रखा। ये शव जुलाई में सेमीब्रातावो गांव में एक प्लास्टिक बैग में मिला था। इस शव का एक हाथ और सिर नहीं था। जल्द ही इन्हें भी पास की झाड़ियों से बरामद कर लिया गया। कमेटी ने पहले हत्या का मामला मानकर जांच शुरू की थी, लेकिन बाद में पाया कि सच्चाई कुछ और ही है।
 ये परिवार अलग-थलग जीवन गुजार रहा था। परिवार में महिला और उसके पांच बच्चे थे और ये महिला स्कूल टीचर थी। परिवार के मुखिया की मौत 2009 में हो गई थी, लेकिन उसकी पत्नी इसे स्वीकार नहीं कर सकी। उसने अपार्टमेंट में शव को सुरक्षित रख लिया और बच्चों को यकीन दिलाया कि एक दिन वो वापस आ जाएंगे। बच्चों को हर रोज अपने मृत पिता से मिलना होता था, उनसे बात करनी होती थी और शोरबा पिलाना पड़ता था।
बच्चों को बताना होता था कि पिता ने उनसे बात की। लेकिन महिला ने कभी कमरे में प्रवेश नहीं किया क्योंकि उसे डर था कि ऐसा करने से उसके पति के दोबारा जी उठने में मुश्किलें आ सकती हैं। इस परिवार ने अपने पड़सियों को बता रखा था कि वो बहुत बीमार हैं और किसी से बात नहीं कर सकते। वो लोग कमरे से शव की दुर्गंध हटाने के लिए एयर फ्रेशनर्स का इस्तेमाल कर रहे थे।

प्रॉपर्टी में आया बूम, दिल्ली और मुंबई सबसे महंगे

प्रॉपर्टी मार्केट में हर तरफ तेजी देखने को मिल रही है। खास तौर पर मेट्रो सिटी में प्रॉपर्टी के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। रियल एस्टेट सर्विस फर्म कुशमैन एंड वेकफील्ड की रिपोर्ट कुछ ऐसा ही बयां करती है। रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई में न सिर्फ घरों के दाम बल्कि कमर्शियल प्रॉपर्टी के किराए भी आसमान पर हैं। इसके अलावा दिल्ली में रिटेल मार्केट का इलाका सबसे महंगा है।
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक साल में मुंबई की दुकानों का किराया सबसे ज्यादा महंगा हुआ है। यहां प्रॉपर्टी खरीदना तो दूर किराए पर लेना भी सपना बनता जा रहा है। कुशमैन वेकफील्ड की रिपोर्ट के मुताबिक प्रॉपर्टी के दामों में मुंबई का पहला, कोलकाता का पांचवां और चेन्नई का दसवां स्थान है।
 वहीं दिल्ली का खान मार्केट भारत का सबसे महंगा रिटेल इलाका है। मुंबई के कोलाबा में 75 फीसदी, पार्क स्ट्रीट कोलकाता में 54 फीसदी और खादर निवास खान चेन्नई में प्रॉपर्टी के दाम 37 फीसदी बढ़ गए हैं।

आखिर कौन है पॉन्टी का दोस्त सुखदेव सिंह नामधारी?

शराब कारोबारी पॉन्टी चड्ढा की हत्या के बाद एक चेहरा सुर्खियों में आ गया है। ये चेहरा है उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन सुखदेव सिंह नामधारी का। नामधारी को 2010 में भाजपा की रमेश पोखरियाल निशंक सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्य अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
शनिवार को दिल्ली के फार्महाउस पर हुए शूटआउट के दौरान नामधारी भी पॉन्टी के साथ मौजूद थे। उन्होंने इस केस में एफआईआर भी लिखवाई है। बताया जाता है कि वो पॉन्टी के दोस्त हैं। लेकिन पॉन्टी मामले में नाम आने के बाद सुखदेव नामधारी सवालों के घेरे में हैं। उनके खिलाफ उत्तराखंड में दर्ज मामले फिर से उठाए जाने लगे हैं। सुखदेव सिंह नामधारी के खिलाफ उत्तराखंड में संगीन धाराओं के तहत 54 केस दर्ज हैं 
 शराब कारोबारी पॉन्टी चड्ढा की हत्या के बाद एक चेहरा सुर्खियों में आ गया है। ये चेहरा है उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन सुखदेव सिंह नामधारी का। नामधारी को 2010 में भाजपा की रमेश पोखरियाल निशंक सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्य अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
शनिवार को दिल्ली के फार्महाउस पर हुए शूटआउट के दौरान नामधारी भी पॉन्टी के साथ मौजूद थे। उन्होंने इस केस में एफआईआर भी लिखवाई है। बताया जाता है कि वो पॉन्टी के दोस्त हैं। लेकिन पॉन्टी मामले में नाम आने के बाद सुखदेव नामधारी सवालों के घेरे में हैं। उनके खिलाफ उत्तराखंड में दर्ज मामले फिर से उठाए जाने लगे हैं। सुखदेव सिंह नामधारी के खिलाफ उत्तराखंड में संगीन धाराओं के तहत 54 केस दर्ज हैं 
 मेरे संज्ञान में ऐसा नहीं है हम जांच करवाएंगे। वहीं मीडिया में नामधारी का नाम उछलने के बाद अब उत्तराखंड के सीएम ने नामधारी के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच का आदेश दे दिया है। नामधारी का हटना वैसे भी तय है क्योंकि तीन साल का उनका कार्यकाल जल्द ही खत्म होने वाला है।
उत्तराखंड के राजनीतिक हलकों में ये बात सभी को पता है कि छोटे मोटे नेता सुखदेव नामधारी को राज्य अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने के पीछे दरअसल पॉन्टी का ही हाथ था।

देखें: बिग बॉस की पूल पार्टी में झूम उठीं जलपरियां

बिग बॉस के घर में पूल पार्टीज का अपना ही जलवा होता है। सीजन-6 भी इससे अछूता नहीं रहा। ये ऐसा मौका होता है जब घर की फीमेल कंटेस्टेंट्स के बीच ज्यादा से ज्यादा सुर्खियां बटोरने की होड़ रहती है। देखें अब तक के बिग बॉस के सीजन के पूल के कुछ ऐसे ही मोमेट्स।

देखें: तब्बू की बड़े पर्दे पर वापसी पर अलग अंदाज में

लंबे समय बाद तब्बू की पर्दे पर वापसी हो रही है। लेकिन इस बार हॉलीवुड की 3D फिल्म के साथ। जी हां, लाइप ऑफ पई में तब्बू एक बार फिर से दर्शकों को देखने को मिलेंगी। मीडिया से थोड़ी खफा रहने वाली तब्बू ने इतने समय का ब्रेक क्यों लिया और लाइफ ऑफ पाई का ऑफर उनको कैसे मिला।

Friday, November 16, 2012

अमेरिका में 8 करोड़ डॉलर के आईपैड मिनी चोरी

अमेरिका के न्यू यॉर्क शहर में स्थित जेएफके हवाई अड्डे से 15 लाख डॉलर कीमत के एप्पल आईपैड मिनी चोरी हो गए। ‘न्यूयार्क पोस्ट’ के मुताबिक चोरी आईपैडों की संख्या 3600 बताई जा रही है। पत्र के मुताबिक दो लोग हवाई अड्डे परिसर में ट्रक के साथ घुसने में सफल रहे और हवाई अड्डे के वजन उठाने वाले एक वाहन की मदद से सभी आईपैड मिनी को ट्रक पर लाद दिया।
रात का खाना खाकर लौटे कुछ कर्मचारियों ने उनकी इस हरकत पर जब सवाल किया तो चोर कुछ डब्बे छोड़कर चले गए। जांचकर्ताओं का मानना है कि इस घटना में हवाई अड्डे के किसी कर्मचारी की मिलीभगत है। ये आईपैड चीन से अमेरिका लाए गए थे और अमेरिका के कई हिस्सों में भेजे जाने थे।

विद्या बालन चलीं ससुराल, 18 दिसंबर को शादी!

करीना कपूर के बाद अब विद्या बालन भी डोली चढ़ने को तैयार हैं। विद्या इसी साल दिसंबर में शादी करने वाली हैं जिसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। लेकिन विद्या अपनी शादी को लेकर बड़ी खामोश हैं। हालांकि शादी की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इसका राज खोला उन्हीं के एक करीबी ने।
दरअसल कभी डर्टी पिक्चर की बोल्ड सिल्क, तो कभी इंतकाम लेने वाली विद्या बागची। रील लाइफ में अलग-अलग रूप में आईं विद्या बालन। अब रियल लाइफ में नया रोल करने वाली हैं। क्योंकि विद्या अब दुल्हनिया बनने जा रही हैं। जी हां, एक नामी फिल्मी कंपनी के ‘सीईओ’ सिद्धार्थ राय कपूर से 2010 से उनकी दोस्ती गहराई, और बात शादी तक पहुंच गई। 
तो विद्या अपने रिश्ते बहुत पहले ही कबूल कर चुकी हैं। लेकिन शादी की बात पर विद्या ने हमेशा ही सवालों को टाल दिया है। लेकिन 18 साड़ियों के ऑडर ने सारे राज खोल दिए हैं। सुनने में आया है कि विद्या इसी साल 18 दिसंबर को सिद्धार्थ के साथ शादी करने जा रही हैं। विद्या की शादी तमिल रीति रिवाज से सुबह के मुहूर्त में दक्षिण भारत के एक मंदिर में होगी। और उसके तुरंत बाद मुंबई में एक रिसेप्शन भी रखा जाएगा।  
विद्या इस समय इमरान हाशमी के साथ फिल्म घनचक्कर की शूटिंग कर रही हैं और दिसंबर में उन्होंने छुट्टी ले ली है। कहा जा रहा है कि विद्या ने शादी का फैसला अचानक लिया है और अपने करीबियों के अलावा वो किसी को इस बारे में कुछ नहीं बता रही हैं। लेकिन आप को जान कर ताज्जुब होगा कि विद्या की शादी की खबर उनके ही करीबी डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी की तरफ से आई है।
ऐसी खबर है कि विद्या ने अपनी शादी के लिए दो दुल्हन की जोड़ी समेत 18 साड़ियों का भी आर्डर दिया है। सब्यसाची ही इन साड़ियों को डिजाइन कर रहे हैं। और दिसंबर में ये साड़ियां विद्या के पास पहुंच जाएंगी। विद्या ने अपने अफेयर से कभी इंकार नहीं किया। लेकिन शादी पर इकरार भी नहीं किया। शायद अपने ऊपर चढ़ते करियर को लेकर विद्या शादी की बात को पचा गईं। अब 1 महीने बाद विद्या के सारे खुल जाएंगे और विद्या भी करीना की तरह पराई हो जाएंगी।

सविता की मौत पर आयरलैंड में भारी विरोध प्रदर्शन जारी

भारत सरकार आज आयरलैंड से सविता हल्लपनवार के मसले पर बात करेगी। भारतीय दूतावास आयरलैंड से बात कर मामले की पूरी जानकारी लेगा। भारत इस मामले की आयरिश अधिकारियों की तरफ से दो जांचों के परिणामों का इंतज़ार किया जा रहा है। सविता हल्लपनवार की मौत की जांच के लिए स्वतंत्र विशेषज्ञ नियुक्त किया गया है। इससे पहले यूनिवर्सिटी अस्पताल गालवे में भी मामले की आंतरिक जांच शुरू हो गई थी।
गौरतलब है कि सविता हल्लपनवार की मौत के बाद आयरलैंड के गर्भपात कानून के खिलाफ विरोध शुरू हो गया है। आयरलैंड की राजधानी डबलिन में संसद के बाहर गुरुवार की शाम को लगभग 2000 लोग जमा हुए जो देश के गर्भपात कानून में बदलाव की मांग कर रहे थे। वहीं लंदन में आयरिश दूतावास के बाहर भी लगभग 40 लोगों का एक गुट जमा हुआ।
भारत सरकार ने भी आयरिश सरकार से जानकारी मांगी है। आरोप है कि डॉक्टरों ने 'कैथोलिक देश' होने का हवाला देकर सविता के गर्भपात से इंकार कर दिया था, जबकि उनकी जान बचाने के लिए गर्भपात बेहद जरूरी था।
सविता की मौत पर इंटरनेट से लेकर अंतराष्ट्रीय मीडिया तक में गुस्से की लहर है। लोग भौंचक्के हैं। 31 साल की सविता को 17 हफ्तों का गर्भ था। बीती 28 अक्टूबर को गालवे स्थित विश्वविद्यालय अस्पताल में सेप्टीसीमिया यानी घाव सड़ने के कारण सविता की मौत हो गई थी। 'द आइरिश टाइम्स’ की खबर में बुधवार को कहा गया कि आयरलैंड के अधिकारियों ने सविता की मौत की जांच शुरू कर दी है। आयरलैंड के प्रधानमंत्री एंडा केनी ने भी कहा है कि वो इस मामले में जांच के नतीजे का इंतजार कर रहे हैं।
सविता की मौत पर गुस्सा और विरोध जताने के लिए बेलफस्ट, गालवे, डबलिन समेत आयरलैंड के अलग-अलग हिस्सों में कैंडल लाइट मार्च और प्रदर्शनों का आयोजन किया जा रहा है।


कांग्रेस को न सोनिया बचा पाएंगीं न ही राहुल: वेंकैया

नई दिल्ली। राहुल गांधी को समन्वय समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद विपक्ष ने एक बार फिर कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमला बोला है। बीजेपी नेता शहनवाज हुसैन ने कहा कि कांग्रेस को भी लगने लगा है कि चुनाव जल्द होने वाला है। राहुल गांधी के लिए पहले दो एसाइनमेंट सफलतम नहीं रहे हैं। पार्टी ने उनको ये तीसरी बार एसाइनमेंट दी है।
शाहनवाज ने कांग्रेस पार्टी की डिनर पॉलिसी पर कहा कि अगर कांग्रेस सोचती है कि डिनर से कॉन्सेंसस मिल जाएगी तो ये संभव नहीं होने वाला है। एफडीआई का हम पूरे देश में विरोध करेंगे।
गौरतलब है कि इससे पहले राहुल गांधी को कई राज्यों में विधानसभा चुनाव में कैमपेन की अगुआई दी गई थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को बढ़ाने के लिए प्रचार किया था लेकिन आशा के अनुरूप उनको सफलता नहीं मिली थी।
वहीं जेडीयू नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि सोनिया गांधी को छोड़कर राहुल गांधी में स्पार्क नहीं दिखाई देता। राजनीतिक परिपक्वता नहीं दिखती। कांग्रेस पार्टी की मजबूरी है लेकिन देश भर में जो माहौल है। उसको वो हैंडल नहीं कर पाएंगे।
बीजेपी नेता वेंकैया नायडू ने कहा कि कांग्रेस किसको क्या जिम्मेदारी देती है। उससे बीजेपी का कोई लेना देना नहीं है। राहुल गांधी से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। महंगाई और भ्रष्टाचार से देश के लोग परेशान हैं। कांग्रेस पार्टी को न सोनिया गांधी बचा पाएंगी न राहुल गांधी। वहीं देश के विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि कांग्रेस लगातार तीसरी बार सरकार बनाएगी।

2G पर CAG पर हमला सरकार-कॉर्पोरेट के पक्ष में: येचुरी

नई दिल्ली। टूजी की नीलामी में सीएजी की अनुमान से कम राजस्व की प्राप्ति पर जहां कांग्रेस पार्टी ने सीएजी पर हमला किया है तो वहीं लेफ्ट ने कहा कि कांग्रेस का सीएजी पर ये हमला कॉर्पोरेट और सरकार के पक्ष में है। सीपीएम के सीताराम येचुरी ने कहा कि सीएजी पर हमले से एक तरफ जहां कार्पोरेट को फायदा होगा वहीं सरकार को भी फायदा होगा। कार्पोरेट को सीएजी कम कीमत पर मिलेगी और सरकार सीएजी पर निशाना साधेगी।
सीताराम येचुरी ने कहा कि ये तो सरकार और कॉर्पोरेट की रणनीति है। जिससे कि टूजी स्पेक्ट्रम की कीमत कम की जाए। वहीं उन्होंने राहुल गांधी को 2014 की जिम्मेदारी दिए जाने पर कहा है कि राहुल के पास पहले से ही जिम्मेदारी है। वो सिर्फ इसकी घोषणा कर रहे हैं।
मालूम हो कि टूजी की नीलामी से सरकार को अनुमानित 40 हजार करोड़ की राजस्व की जगह करीब 10 हजार करोड़ राजस्व की ही प्राप्ति हो सकी थी, जिसके बाद कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने सीएजी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि अब समय आ गया है जो सीएजी ने टूजी स्पेक्ट्रम की नीलामी में जो नुकसान का अनुमान किया था उसपर फिर से विचार किया जाना चाहिए।

पढ़ें: ठाकरे निवास मातोश्री से जुड़ी पल-पल की खबरें

शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे की हालत स्थिर है। उद्धव ठाकरे ने समर्थकों को बाला साहेब के सेहत के बारे में दुआ करने की अपील की और कहा कि अभी उम्मीद खत्म नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि जो मैंने कल कहा था वही आज कह रहा हूं। मैंने उम्मीद नहीं छोड़ी है। आप भी उम्मीद न छोड़ें। पेश हैं ठाकरे निवास मातोश्री से जुड़ी पल पल की खबरें....
11:58 AM- पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर जावेद मियांदाद ने कहा कि मैं अल्ला से दुआ करूंगा कि बाला साहेब जल्द ठीक हों, उनको लंबी उम्र मिले।
11:53 AM- एक्टर विवेक ओबराय अपने पिता के साथ मातोश्री पहुंचे।
 11:21 AM- जलील पारकर और लीलावती अस्पताल के दो अन्य डॉक्टर मातोश्री के अंदर गए। वे करीब घंटे भर पहले बाहर गए थे और अब फिर अंदर लौटे हैं।
11:21 AM- मनोहर जोशी मातोश्री पहुंचे।
09:55 AM- शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने कहा कि बाला साहेब की हालत स्थिर है। दवाईयों का उन पर असर हो रहा है। हम शिवसेनिकों के अपील करते हैं कि वो शांति बनाए रखें और बाला साहेब के अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करें। आज भी अद्धव और आदित्य बाहर आकर बाला साहेब के स्वास्थ्य की जानकारी देंगे।
08:52 AM- अन्ना हजारे ने कहा कि महाराष्ट्र के युवा बालासाहेब से बहुत आकर्षित हैं क्योंकि उन्होंने हमेशा युवाओं की भाषा को समझा है। बाला साहेब की तबियत ठीक नहीं है। मैं दुआ करता हूं कि वो जल्द ठीक हो जाएं।
08:33 AM-राजस्थान के पुष्कर में बाल ठाकरे के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए महा मृत्युंजय जाप का आयोजन।
08:17 AM- मुरादाबाद में बाला साहेब के बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना।
07:19 AM- मातोश्री के बाहर लोगों की प्रार्थना का दौर जारी।

2014 लोकसभा चुनाव मैनपुरी से लड़ेंगे मुलायम, लिस्ट जारी

समाजवादी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। लिस्ट में मुलायम के रिश्तेदारों को खासी तरजीह दी गई है। समाजवादी पार्टी नेता रामगोपाल यादव ने आज 55 लोगों की लिस्ट जारी कर दी है। मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव चुनाव लड़ेंगे।
लिस्ट के मुताबिक डिंपल यादव कन्नौज से, रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव फिरोजाबाद से, धर्मेंद्र यादव बदायूं से चुनाव लड़ेंगे। समाजवादी पार्टी ने आज लखनऊ में 55 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है।


Saturday, November 10, 2012

घर में रह-रह ऊबा कछुआ, मटरगस्ती करने भागा!

न्यू मैक्सिको। एक ही जगह लंबे समय तक रहने से केवल इंसानों को ही नहीं जानवरों को भी ऊब हो जाती है। ऐसा ही कुछ उदाहरण अमेरिका के न्यू मैक्सिको राज्य के आलमोगार्दो में देखने को मिला जब एक घर में पल रहा कछुआ घर से गायब हो गया लेकिन वह इस सैर सपाटे का लुत्फ ज्यादा दिन तक नहीं उठा सका और अपने मालिक के घर से 50 मील की दूरी पर खोज लिया गया।
घर में पलने वाले पशुओं पर नजर रखने वाली संस्था को आलमोगार्दो में एक घर से कछुए के लापता होने की सूचना मिली। इसके बाद संस्था ने कछुए की खोजबीन का अभियान शुरू कर दिया। दूसरी ओर घर में बंद उबाऊ जिंदगी से तंग आकर बड़े दिनों बाद मिली अपनी आजादी का लुप्फ लेते हुए यह कछुआ टहलते टहलते अपने मालिक के घर से करीब 50 मील दूर आ गया।
इस बीच संस्था को इस कछुए को खोजते हुए लगभग डेढ़ सप्ताह हो गया लेकिन कछुए के बारे मे कहीं से कोई खबर नहीं मिली लेकिन इसके बाद खोजकर्मियों की मेहनत रंग लाई और इस कछुए की बदकिस्मती रही कि इसे रूईदोसो में क्री मिडोल्फ गोल्फ कोर्स केनिकट सड़क पार करते हुए देख लिया गया और इस तरह इस कछुए की मटरगस्ती की कहानी खत्म हो गई।

दुनिया के अचरज: बीजापुर का बेमिसाल गोल गुंबद

नई दिल्ली। प्राचीन भारत की ‘भवन-निर्माण कला’ बड़ी ही उच्च कोटि की है। आगरा के ताजमहल, फतेहपुर-सीकरी के बुलंद दरवाजे और बीजापुर के गोल गुंबद का आजकल के कलाकार भी लोहा मानते हैं। इतने भारी-भारी पत्थर बिना किसी मशीन की सहायता के इतनी ऊंचाई तक कैसे पहुंचाए गए यह सोचकर आजकल के कारीगर भी दंग रह जाते हैं। भारत की भवन निर्माण कला का एक बहुत ही सुंदर नमूना बीजापुर का गोल गुंबद है।
इस गुंबद को बीजापुर के शासक मुहम्मद आदिलशाह ने बनवाया था। इस विशाल समाधि के आगे इसके चारों ओर की सभी चीजें तुच्छ लगती हैं। अठारह हजार एक सौ दस वर्गफुट क्षेत्रफल का फर्श ऐसी छत से ढका हुआ है, जिसके सहारे के लिए भी खंभा नहीं है। संसार में अकेला कोई भी गुंबद इतना बड़ा नहीं। रोम नगर के विश्वविख्यात देव-मंदिर का फर्श भी केवल 15833 वर्गफुट छत से पटा हुआ है।
इस समाधि का भवन वर्गाकार है। यह बड़ी ऊंची चारदीवारी से घिरा हुआ है। ये चारों दीवारें चारों कोनों की आठभुजी मीनारों से मिला दी गई हैं। इन्हीं सबके ऊपर यह विशाल अर्धगोलाकार गुंबद बना है। दीवारों के ऊपरी सिरों से गुबंद के आर-पार मेहराब बनाए गए हैं। इन्हीं मेहराबों के सहारे इतनी बड़ी छत ठहरी हुई है।
इस इमारत की बनावट को देखकर अचरज होता है। समाधि के भीतर की चारों तरफ 11 फुट चौड़े बरामदे हैं। इन बरामदों की छतें भी 109 फुट 6 इंच की ऊंचाई पर मेहराबों के सहारे पाटी गई। मीनारों के ऊपर चढ़ाने के लिए उनमें जीने हैं। भवन के बीचों-बीच एक ऊंचे चबूतरे पर नकली समाधियां बनी हैं। असली कब्रें तो तहखाने के भीतर 205 वर्गफुट के विस्तार में हैं।
फर्श से गुंबद की चोटी की ऊंचाई 168 फुट 6 इंच है। गुंबद के भीतर का व्यास 124 फुट 5 इंच और बाहर का 144 फुट 5 इंच है। इस गुंबद की मोटाई 10 फुट है किंतु ऊपर जाकर 9 फुट रह गई है। सारी इमारत में ईंट, पत्थर, चुने और लकड़ी का ही प्रयोग किया गया है।
इस गुंबद की विशेषता इसका ‘ध्वनि-गुण’ है। प्रतिदिन हजारों दर्शक इस गुंबद को देखने आते हैं और इसकी जादूभरी ध्वनि सुनकर चकित रह जाते हैं। आप किसी भी जगह पर आवाज दीजिए तुरंत आपका स्वर बड़े वेग से दीवारों के सहारे दोनों ओर दौड़ेगा और उस स्थान के ठीक सामने से वही आवाज जोर से आएगी।
यह ध्वनि एक बार नहीं बल्कि कई बार सुनाई पड़ती है, परंतु धीरे-धीरे इसका वेग कम हो जाता है। आदमी के पैरों तक की आहट ऐसी सुनाई पड़ती है, मानो बहुत से लोग एक साथ चल रहे हैं। यदि आप कहीं जोर से हंस पड़े तो ऐसा सुनाई पड़ेगा मानो कोई बड़े जोर-जोर से शोर मचा रहा है, यहां तक कि कागज के टुकड़े को फाड़ने का शब्द भी बिजली की कड़क-सा सुनाई पड़ता है। इसलिए इस गुंबद के भीतर थोड़ी दूर पर खड़े होकर बातें करने में भी बड़ी कठिनाई पड़ती है, क्योंकि गूंज के कारण ध्वनि साफ-साफ सुनाई नहीं देती।
बहुत प्राचीन होने से इस गुंबद के धरातल में स्थान-स्थान पर टूट-फुट हो जाने के कारण ध्वनि-रोष होने लगा था, इसके बाद भारत सरकार ने लाखों रुपया खर्च कर इस स्मारक की मरम्मत करा दी है।

दुनिया के अचरज: 800 साल से झुकी हुई है एक मीनार

नई दिल्ली। इस संसार में बहुत-सी आश्चर्यजनक वस्तुएं हैं, जिनमें पीसा की मीनार संसार की वस्तुओं में सबसे अधिक आश्चर्यजनक है। यूरोप महाद्वीप के दक्षिण में इटली बड़ा ही मनोहर देश है। इसी देश में पीसा नगर है। इस नगर में जमीन की ओर झुकी हुई एक बहुत बड़ी मीनार है। इसका झुकाव 13 फुट है। इसे देखकर काफी अचरज होता है कि सैकड़ों साल पहले बनी हुई यह इतनी बड़ी मीनार झुकी हालत में कैसे खड़ी है।
यह मीनार आज से 800 साल पहले बनी थी। इसे पीसा के निवासियों ने बड़े ही चाव से बनाया था। वे अपने नगर में इटली के संसार-प्रसिद्ध सुंदर नगर वेनिस के घंटाघर से भी बढ़िया मीनार बनाने के इच्छुक थे, परंतु यह मीनार झुक गई। आज तक यह मीनार उसी हालत में खड़ी है। वेनिस का घंटाघर तो एक बार गिर भी चुका है। 
यह मीनार लकड़ी के लट्ठों को जमीन में गाड़कर उसके ऊपर बनाई गई है। मीनार थोड़ी ही बन पाई थी कि एक ओर से धरती में धंसनी शुरू हो गई, फिर भी इसको बनाना बंद नहीं किया गया। यह मीनार बहुत ऊंची ही नहीं बहुत सुंदर भी है। इसका बाहरी भाग संगमरमर का बना हुआ है। इस मीनार का महत्व और भी अधिक हो गया है, क्योंकि इस विश्वविख्यात इटालियन ज्योतिषी गैलीलियो ने आज से कोई 300 साल पहले अपनी विद्या का प्रयोग किया था।
गैलीलियो पीसा में प्रोफेसर थे। गैलीलियो से 2000 साल पहले इटली में एक और संसार-प्रसिद्ध विद्वान हो चुके थे, जिनका कहना था कि यदि हम एक ही सामग्री के बने हुए अलग-अलग बोझ के दो गोले लें और उन गोलों को एक पृथ्वी पर गिराएं तो भारी गोला पहले जमीन पर पहुंचेगा। 2000 साल तक सभी लोग इस सिद्धांत को सत्य मानते रहे, लेकिन गैलीलियो ने कहा कि नहीं भारी और हल्के दोनों ही गोले एक साथ जमीन पर पहुंचेंगे। लोग गैलीलियों का मजाक उड़ाने लगे लेकिन वह हताश नहीं हुए।
उन्होंने एक दिन पीसा विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों और छात्रों को एकत्र किया और अपना प्रयोग दिखलाने के लिए हाथ में दो गोले लेकर पीसा की मीनार के ऊपर चढ़ गए। एक गोले का बोझ दस पौंड था, दूसरे का एक पौंड। गैलीलियो ने मीनार पर दोनों गोले एक साथ गिराए और दोनों एक ही साथ जमीन पर आकर गिरे। फिर तो लोगों ने गैलीलियो की बड़ी प्रशंसा की परंतु इसी के साथ उन पर एक मुसीबत भी आई।
कुछ लोग गैलीलियो से बुरी तरह चिढ़ गए, इसलिए कि उन्होंने पूर्व प्रचलित सिद्धांत को असत्य सिद्ध कर दिखाया था। विरोधियों ने गैलीलियो के व्याख्यानों में गड़बड़ी पैदा करनी शुरू कर दी। विवश होकर गैलीलियो को पीसा नगर छोड़कर अन्यत्र जाना पड़ा।



कोई नहीं तोड़ सकता मेरे 99 टेस्ट मैच का रिकॉर्ड: अजहर

मैच फिक्सिंग के आरोपों के चलते लाइफ बैन झेल रहे टीम इंडिया के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन हैदराबाद हाईकोर्ट से मिला राहत से उत्साहित हैं। उनका कहना है कि वे अब क्रिकेट खेलने की स्थिति में तो नहीं हैं लेकिन क्रिकेट के लिए कुछ करना चाहते हैं और अपने अनुभव युवा खिलाड़ियों के साथ बांटना चाहते हैं।
अजहर ने कहा कि उन्होंने 99 टेस्ट मैच खेले हैं। अब वे क्रिकेट खेलने की स्थिति में नहीं है। मेरी किस्मत में 99 टेस्ट मैच खेलना ही लिखा था। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि 99 टेस्ट मैच खेलना भी उनका खास रिकॉर्ड है क्योंकि कोई भी दूसरा क्रिकेटर 99 टेस्ट मैच खेलने वाला नहीं मिलेगा।
अजहर ने कहा कि जो क्रिकेटर अपने 99 टेस्ट पूरे कर लेगा उसे सौवां टेस्ट तो वैसे ही खिला दिया जाएगा इसलिए उन्हें लगता है कि 99 टेस्ट मैच खेलने वाले वे इकलौते क्रिकेटर रहेंगे। अजहर ने कहा कि वे किसी के खिलाफ कोई लीगल एक्शन नहीं लेंगे। उनके लिए ये ठीक नहीं होगा कि जिनके साथ या जिनके लिए उन्होंने सालों क्रिकेट खेली, उनके खिलाफ अब वे ऐसी कार्यवाहियों में उलझें।
जहर ने कहा कि उन्होंने सब्र से काम लिया और उनके सब्र का ही ये फल है कि देर से सही लेकिन अच्छा फैसला आया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के इस फैसले से उनके पॉलिटिकल करियर पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि उनके संसदीय क्षेत्र के लोग पहले ही इन आरोपों को नकार चुके हैं।

‘स्विस बैंक में अंबानी बंधुओं की सैकड़ों करोड़ की ब्लैकमनी’

एक के बाद एक खुलासा कर भारतीय राजनीति में भूचाल ला देने वाले आईएसी के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को दावा किया कि उन्हें स्विस बैंक में पैसा जमा करने वाले कुछ भारतीयों के नाम पता चले हैं। केजरीवाल ने दावा किया कि इन जाने-माने भारतीयों के हजारों करोड़ रुपये स्विस बैंक में जमा हैं।
केजरीवाल ने कहा कि अब खुद कांग्रेस और बीजेपी के नेता उन्हें अपना नाम छुपाने की शर्त पर अहम जानकारियां दे रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि 25 लाख करोड़ रुपये स्विस बैंकों में जमा हैं। जुलाई 2011 में फ्रांस की सरकार से देश की सरकार को एक सीडी मिली, जिसमें स्विट्जरलैंड के एचएसबीसी की जेनेवा ब्रांच के खाताधारक सात सौ भारतीयों की लिस्ट सरकार को मिली।
केजरीवाल ने दावा किया कि इस जानकारी के मुताबिक दिसंबर 2006 में रिलायंस का 500 करोड़, मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के सौ-सौ करोड़, उन्नाव से कांग्रेस सांसद और राहुल गांधी की कोर टीम की सदस्य अनु टंडन के 125 करोड़ रुपये जमा हैं। इसके अलावा कोकिला धीरूबाई अंबानी का दिसंबर 2006 में कोई बैलेंस नहीं था। नरेश कुमार गोयल के 80 करोड़ रुपये, डाबर के आनंद, प्रदीप, रत्न चंदन बर्मन के 25 करोड़ रुपये जमा थे। यशोवर्धन बिड़ला का उस वक्त कोई बैलेंस नहीं था। रिलायंस ग्रुप की कंपनी मोटेक सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के 2100 करोड़ रुपये और संदीप टंडन के 125 करोड़ रुपये जमा हैं।
केजरीवाल ने दावा किया कि सरकार को 700 लोगों की लिस्ट मिली। इन लोगों के छह हजार करोड़ रुपये बैंक में जमा थे लेकिन सरकार ने गिनती के 100 लोगों के घर छापे मारे। बड़े उद्योगपतियों के घर कोई रेड नहीं हुई। केजरीवाल ने सवाल किया कि सरकार ने बाकी 600 लोगों को किस आधार पर छोड़ दिया? प्रणब मुखर्जी उस वक्त वित्त मंत्री थे, उन्हें जवाब देना पड़ेगा कि किस आधार पर उन्होंने केवल 100 लोगों पर कार्रवाई की?
केजरीवाल ने कहा कि भारत के एसबीआई में खाता खुलवाना मुश्किल है लेकिन अगर स्विस बैंक में खाता खुलवाना हो तो सिर्फ एक फोन करो शाम तक उनका एजेंट घर आकर खाता खुलवा देगा। ये पैसा बैंक में हवाला के जरिये जाता और वहां से आता है। यानी एचएसबीसी खुद हवाला करोबार में सक्रिय है।
केजरीवाल ने कहा कि एचएसबीसी बैंक देश में हवाला कारोबार, आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। एचएसबीसी अफसरों की गिरफ्तार किया जाए। उनका देश में ऑपरेशन सस्पेंड किया जाए। उनपर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाए। अंबानी, बिड़ला, गोयल, बर्मन के घर रेड की जाए। एचएसबीसी के कर्मचारियों से केजरीवाल ने अपील की कि अगर बैंक अपने खाताधारकों के नाम सार्वजनिक नहीं करता तो उसके भारतीय कर्मचारी देशहित में नौकरी छोड़ें।


नरेंद्र मोदी के मुखौटों से डरी बीजेपी, रातोंरात हटाए फोटो

गुजरात विधानसभा चुनाव में महज एक महीने का वक्त रह गया है। मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी हैं। लेकिन ब्रांड इमेज को लेकर हमेशा से सावधान रहे मोदी को इस बार उनके ही मुखौटे ने डरा दिया है। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में उनका मुखौटा लोगों के बीच काफी मशहूर हुआ था।
मालूम हो कि साल 2007 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान मोदी के मुखौटे बीजेपी की प्रचार रणनीति का अहम हिस्सा थे। मोदी के मुखौटे को लोगों ने हाथों हाथ लिया था। पांच साल बाद मोदी के मुखौटे बदल गए हैं। जो खासतौर पर चुनाव के लिए तैयार करवाए गए हैं लेकिन लोगों का कहना है कि इस बार के मुखौटे डरावने हैं। नए मुखौटों की हकीकत सामने आते ही उन्हें बांटने पर पाबंदी लगा दी गई है।
गौरतलब है कि 2007 में जो मुखौटे बनाए गए थे वो मोदी के चेहरे से हूबहू मिलते-जुलते थे। उन्हीं के जैसे सफेद बाल, सफेद दाढ़ी और यहां तक कि चश्मा भी ठीक मोदी जैसा ही थी। ये मुखौटे सिंगापुर की कंपनी से बनवाए गए थे। लेकिन इस साल के मुखौटे काफी अलग हैं। ना तो उनकी शक्ल मोदी से मिलती है और ना ही चश्मा है। इन मुखौटों में नरेंद्र मोदी की उम्र भी ज्यादा लग रही है। इस बार इन मुखौटों को भारत में ही बनवाया गया है
मुखौटों के डरावने होने की बात सामने आते ही बीजेपी नेताओं ने चुप्पी साध ली है। कोई ये बताने को तैयार नहीं कि आखिर इसका जिम्मेदार कौन है। नरेंद्र मोदी के लिए राहत की बात ये है कि नए मुखौटे बड़े पैमाने पर बांटे नहीं गए हैं।

सोनिया ने कांग्रेसियों को दिया सत्ता में वापसी का मंत्र

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 2014 के लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी नेताओं को सचेत किया और उन्हें मिलकर काम करने की नसीहत दी। सोनिया ने कहा कि अगर पार्टी को 2014 में फिर से सत्ता में आना है तो नेता और मंत्री संगठन के साथ हाथ से हाथ मिलाकर काम करें।
सोनिया गांधी ने हरियाणा के सूरजकुंड में आयोजित पार्टी की संवाद बैठक में कहा, अगले आम चुनाव में 18 महीने बचे हैं। जनादेश पाने के लिए सरकार और पार्टी को साथ मिलकर काम करना होगा। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने सोनिया के हवाले से कहा, सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल के लिए पार्टी ने तीन विशिष्ट समिति बनाई है। समिति के सदस्यों की घोषणा जल्द की जाएगी।
सोनिया ने इस मौके पर कहा कि सरकार को अभी और काम करने की जरूरत है ताकि सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उचित और जरूरतमंद लोगों को मिल सके। इससे पहले सोनिया ने 2009 के घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करने के लिए मंत्रियों को सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा, जो लोग सरकार में हैं उन्हें 2009 के घोषणा पत्र में किए गए वादों में अधूरे रह गए कामों को पूरा करना चाहिए।
सोनिया ने सरकार के कल्याणकारी कदमों को ज्यादा गम्भीर बनाने पर नेताओं से राय मांगी। उन्होंने मंत्रियों से यह भी कहा कि वे पार्टी नेताओं के साथ ज्यादा काम करें, ताकि कार्यक्रमों को लागू करने में एक संतुलन बिठाया जा सके। सोनिया ने कहा, कभी-कभी पार्टी के नेता असंतुष्ट हो जाते हैं, क्योंकि मंत्री उनकी चिंताओं और उनके सुझावों पर ध्यान नहीं देते।
सोनिया ने मंत्रियों से कहा कि वे जब भी राज्यों का दौरा करें, खासतौर से विपक्ष शासित राज्यों का, उन्हें पार्टी दफ्तरों और पार्टी कार्यक्रमों में अधिक समय देना चाहिए। सोनिया ने कहा कि सरकार को हाल में कुछ कठिन फैसले लेने पड़े हैं, और इसके बारे में जनता को समझाया जाना चाहिए। पार्टी की एक दिन बैठक में मंत्रियों और कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों सहित लगभग 66 नेताओं ने हिस्सा लिया।


तस्वीरों में देखें: स्विस बैंक के खातों पर केजरीवाल के दावे

नई दिल्ली। एक के बाद एक खुलासा कर भारतीय राजनीति में भूचाल ला देने वाले आईएसी के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को दावा किया कि उन्हें स्विस बैंक में पैसा जमा करने वाले कुछ भारतीयों के नाम पता चले हैं। केजरीवाल ने दावा किया कि इन जाने-माने भारतीयों के हजारों करोड़ रुपये स्विस बैंक में जमा हैं। पढ़ें-केजरीवाल की पूरी प्रेसवार्ता। 
केजरीवाल के आरोप

मुजफ्फरनगर: BSP विधायक के बेटे पर गैंगरेप का आरोप

मुजफ्फरनगर में मीरापुर के बीएसपी विधायक के बेटे पर एक लड़की ने गैंगरेप करने का आरोप लगाया है। पीड़ित लड़की का दावा है कि विधायक मौलाना जमील के बेटे ने विधायक के भांजे और एक अन्य लड़के के साथ मिलकर गैंगरेप किया। गैंगरेप करने के बाद पीड़ित को मुंह बंद रखने के लिए फोन पर धमकी दी गई।
आरोपों के मुताबिक पीड़ित लड़की अपनी मां के साथ बस स्टॉप पर खड़ी थी तभी विधायक का बेटा दो और लोगों के साथ विधायक की गाड़ी से आया और उसे जबरन उठाकर सुनसान इलाके में ले गया। कई घंटे बाद ये सभी लड़की को सड़क पर छोड़ कर फरार हो गए।
पुलिस ने पीड़ित लड़की का मेडिकल करवा कर मामला दर्ज कर लिया है। हालांकि विधायक ने पूरे मामले को सियासी साजिश करार दिया है। बीएसपी विधायक का दावा है कि इससे पहले भी उन पर हमले हो चुके हैं लेकिन जब उनका कुछ नहीं बिगड़ा तो हताश होकर विरोधियों ने साजिश के तहत उन पर ये इल्जाम लगाया है।


अब शेट्टीगर ने गडकरी पर खड़े किए सवाल, मांगा इस्तीफा

बीजेपी में गडकरी के खिलाफ असंतोष बढ़ता जा रहा है। इस बार निशाना साधा है बीजेपी नेता जगदीश शेट्टीगर ने। जगदीश शेट्टीगर ने सीधे-सीधे गडकरी पर सवाल खड़े किए हैं।
शेट्टीगर ने कहा है कि जिस तरह से आडवाणी ने भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था उसी तरह से गडकरी को भी इस्तीफा दे देना चाहिए।
से पहले गडकरी के खिलाफ खुले तौर पर बगावत का झंडा बुलंद करते हुए जेठमलानी ने दावा किया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा, जसवंत सिंह और शत्रुघ्न सिन्हा भी उनके साथ हैं। जेठमलानी के मुताबिक ये सभी चाहते हैं कि गडकरी अपना पद छोड़ दें।  
जेठमलानी ने कहा था कि मुझे उम्मीद है कि वे भी वैसा ही कदम उठाएंगे। हम एकमत हैं और मुझे इसमें कोई संशय नहीं है। उन्होंने अपने विचार सार्वजनिक नहीं किए हैं, मैं उम्मीद करता हूं कि वे जल्द ही अपने विचार प्रकट करेंगे।
गौरतलब है कि वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के मद्देनजर पार्टी के भीतर से सतह पर उठ रही आवाजों को नजरअंदाज करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने कहा था कि वो अपने अध्यक्ष नितिन गडकरी के साथ खड़ी है और उसे उनपर पूरा भरोसा है। पार्टी ने साथ ही अपने नेताओं को हिदायत दी कि वे इस मसले पर सार्वजनिक चर्चा ना करें। पार्टी ने गडकरी पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उन्होंने न तो कानूनी तौर पर और न ही नैतिक आधार पर कुछ गलत किया है।

कांग्रेसी एमपी ने कहा, दिल्ली से दुकानदारी चलाते हैं हमारे नेता!

मध्य प्रदेश के नीमच में कांग्रेस सांसद सज्जन सिंह वर्मा ने अपनी ही पार्टी के आला नेताओं के खिलाफ जंग छेड़ दी है। सज्जन सिंह ने कहा कि दिल्ली में बैठे कांग्रेस के नेताओं की दुकानदारी चल रही है और उन्हें कोई कष्ट नहीं होता है।
सज्जन सिंह ने कहा कि चुनाव जीतना है तो आरएसएस की तरह जज्बा रखना होगा। उन्होंने कहा कि आरएसएस के कार्यकर्ता आज भी चने खाकर मिशन 2014 के लिए गांव-गांव में निकल सकते हैं, जबकि काग्रेंसी नेता एसी से बाहर नहीं निकलते हैं।
उन्होंने कहा कि जब तक कांग्रेस के बड़े नेता जमीनी कार्यकर्ताओं की पूछ-परख नहीं करेंगे, तब तक कांग्रेस की राह आसान नहीं होगी। वर्मा ने ये बात मध्यप्रदेश के नीमच में एक कार्यक्रम में कही।

Thursday, November 8, 2012

'ट्रैफिक' की अपील, दीवाली पर मत दो उल्लुओं की बलि

दीवाली से पहले उल्लुओं की अवैध खरीद-फरोख्त और इसका बलिदान दिए जाने के खिलाफ वन्यजीवों के व्यापार का अध्ययन करने वाले संगठन 'ट्रैफिक' ने मुहिम की शुरूआत की है। 'ट्रैफिक' ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों से इस पर रोक लगाने के लिए कोशिशें तेज करने की अपील की है।
देशभर में दीवाली का त्योहार 13 नवंबर को मनाया जा रहा है। दीवाली पर उल्लुओं का बलिदान दिया जाता है और तांत्रिक उनके शरीर के विभिन्न हिस्सों का इस्तेमाल 'पूजा' और काला जादू के अनुष्ठानों के लिए करते हैं। 
ट्रैफिक, इंडिया वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर और इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर का संयुक्त उपक्रम है। देश में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत उल्लुओं का व्यापार बंद है। फिर भी हर साल दीवाली पर सैकड़ों उल्लुओं को फंसाया और उनका गैर-कानूनी व्यापार किया जाता है। क्योंकि लोग इसे धन की देवी लक्ष्मी से जोड़कर देखते हैं।
भारतीय पक्षियों के व्यापार पर अध्ययन करने वाले विशेषज्ञ और ट्रैफिक इंडिया से जुड़े अबरार अहमद का कहना है कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश में उल्लुओं की भूमिका को समझा जाना चाहिए और उनका संरक्षण किया जाना चाहिए। क्योंकि चूहों और कीटों को नियंत्रित करने में पारिस्थितिकी की दृष्टि से वह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।


रायबरेली पहुंची सोनिया, रेल कोच फैक्टरी की दी सौगात

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को रायबरेली के लालगंज में रेल कोच फैक्टरी का उदघाटन किया। रेल मंत्री पवन बंसल की मौजूदगी में सोनिया ने रेल कोच कारखाने से निर्मित 20 अत्याधुनिक वातानुकूलित डिब्बों को भारतीय रेल में शामिल करने के लिए हरी झंडी दिखाई। सोनिया गांधी अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली के दो दिवसीय दौरे पर हैं।
सोनिया ने इस मौके पर कहा कि सोनिया गांधी ने रेलगाड़ी में साफ सफाई बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जल्द ही रेलगाड़ियों में जैव तकनीकी पर आधारित शौचालय की व्यवस्था की जाएगी।
सोनिया गांधी छोटे उद्योगों को रोजगार पैदा करने में महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, जब मैंने फैक्टरी की आधारशिला रखी तो कई तरह के दुष्प्रचार किए गए। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उन 613 किसानों को नौकरी का प्रस्ताव पत्र दिया गया जिनकी जमीन फैक्टरी के लिए अधिग्रहित की गई थी। इस मौके पर सोनिया ने रायबरेली रेलवे स्टेशन पर बहुउद्देश्यीय व्यावसायिक कॉम्पलेक्स और लखनऊ -रायबरेली रेलवे लाइन के दोहरीकरण का भी शिलान्यास किया।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नॉलाजी के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा कि फैशन का मतलब सिर्फ तड़क भड़क नहीं होता है। आजकल के फैशन डिजाइनरों को सादगी का समावेश करना चाहिए। सादगी से भी फैशन को समृद्ध बनाया जा सकता है।
सोनिया गांधी ने पूर्व प्रधानंमत्री इंदिरा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा, इंदिरा जी का पहनावा बहुत सहज होता था। वह पूरी दुनिया में अपनी सादगी से जानी जाती थीं। सोनिया ने 59 छात्रों को डिग्रियां बांटने के साथ संस्थान की नई इमारत का भी शिलान्यास किया।


देखें: युवाओं को लुभाने आ रही है नई सुपरबाइक



युवाओं की पर्सनेलिटी में चार चांद लगाने के लिए बाइक कंपनियां ला रही है कुछ ऐसी नई बाइक जिन्हें देखकर आपका दिल उन्हें लेने को मचल जाएगा। भारतीय दोपहिया बाजार में बहुत जल्द नई बाइक पेश होने वाली है। नए लुक, नए फीचर्स वाली ये बाइक अगले साल भारतीय बाजार में पेश होंगी। इटली की बाइक निर्माता कंपनी एमवी अगस्टा लेकर आ रही है नई सुपरबाइक ‘EICMA’। 800सीसी के ट्रिपल इंजन वाली ये बाइक मौजूदा बाइक से काफी अलग हटकर होगी। आगे देखिए भारत आने वाली नई-नवेली बाइक।


टीवी बिग बॉस 6: मनमोहक मिंक की वाइल्ड कार्ड एंट्री

टेलीविजन रियलिटी शो बिग बॉस 6 में वाइल्ड कार्ड से प्रवेश करनेवाली अभिनेत्री मिंक बरार का कहना है कि बिग बॉस का घर काफी नीरस है और वह उसमें जोश और रंग भर देंगी। बिग बॉस के घर में प्रवेश से पहले मिंक ने बताया, घर में हर कोई बहुत अच्छा है, लेकिन थोड़ा नीरस है। मैं थोड़े मनोरंजन और शरारतों से घर में उमंग, जोश और रंग भर दूंगी।

इंडिगो फ्लाइट में छेड़छाड़, एक हिरासत में फोटो

मुंबई से दिल्ली आ रही इंडिगो फ्लाइट में एक यात्री पर फ्लाइट में ही मौजूद महिला यात्रियों से छेड़छाड़ का आरोप लगा है। इस शख्स का नाम मोहम्मद शेख है। जो मुंबई से दिल्ली की फ्लाइट संख्या 6ई196 में आ रहा था। दिल्ली पुलिस शेख से पूछातछ कर रही है।
दरअसल एक लड़की ने एयर होस्टेस से शिकायत की कि आगे की सीट पर बैठा शख्स बार-बार पीछे मुड़ कर देख रहा है। इस पर जब उस एयर होस्टेस ने शेख से बात की तो वो भड़क गया और झगड़ा करने लगा। पुलिस के मुताबिक उसने नारे लगाने शुरू कर दिए। फ्लाइट के क्रू मेंबर ने तुरंत ही इस घटना की जानकारी प्लेन के पायलट को दी। पायलट ने दिल्ली एयरपोर्ट अथॉरिटी को पूरे मामले से अवगत कराया। इसके बाद शाम सवा 6 बजे जैसे ही फ्लाइट दिल्ली एयर पोर्ट पहुंची तो सीआईएसएफ ने शेख को हिरासत में ले लिया। बाद में शेख को दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया गया।
दिल्ली पुलिस शेख से पूछताछ कर रही है। इसके अलावा शेख पर ये भी आरोप है कि वो शोर मचाता हुआ कॉकपिट की तरफ जा रहा था तभी उसका झगड़ा क्रू मेंबर के साथ हो गया। फिलहाल दिल्ली पुलिस इस मामले की पूरी तहकीकात कर रही है।
पुलिस के मुताबिक शेख अपने आप को एक व्यापारी बता रहा है। वो मुंबई के विरार इलाके में काम करता है। फिलहाल दिल्ली पुलिस ने शेख की पहचान मुंबई पुलिस को दे दी है। मुंबई पुलिस शेख के बयानों की छानबीन कर रही है।


मोदी की चरण वंदना को तैयार अफसर का तबादला

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के पैरों में गिरने वाले अफसर पर चुनाव आयोग की गाज गिरी है। उसका तुरंत प्रभाव से तबादला कर दिया गया है। महत्वपूर्ण बात ये है कि ये अफसर कोई और नहीं आयोग का ही डिप्टी सेक्रेटरी था।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग के डिप्टी सेक्रेटरी भरत वैष्णव की एक तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर में वैष्णव मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के पैरों में गिरते दिखाई पड़ रहे हैं। कांग्रेस ने इस तस्वीर के सामने आने के बाद चुनाव आयोग से शिकायत की।
सवाल था कि मोदी के प्रति खुलेआम भक्ति दिखाने वाला अफसर आखिर निष्पक्ष चुनाव को कैसे अंजाम तक पहुंचा पाएगा। आयोग ने शिकायत को गंभीर माना और भरत वैष्णव का तबादला कर दिया।

अजहरुद्दीन पर आजीवन बैन लगाना गलत: हाई कोर्ट

आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने मैच फिक्सिंग की वजह से अजहर पर लगे प्रतिबंध पर आज फैसला सुना दिया है। हाई कोर्ट ने अजहर पर लगाए गए प्रतिबंध को गलत ठहराया है। कोर्ट ने कहा कि अजहर पर ताउम्र प्रतिबंध लगाना गैरकानूनी है। गौरतलब है कि अजहर पर बीसीसीआई ने अजहर पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद अजहर ने आंध्र हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
हाई कोर्ट ने अजहर को मैच फिक्सिंग के मामले में बड़ी राहत देते हुए कहा कि क्रिकेट खेलने से आजीवन प्रतिबंध लगाना गलत था। बीसीसीआई ने मैच फिक्सिंग के आरोप के बाद अजहरुद्दीन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था। अजहर ने सिटी सिविल कोर्ट के फैसले के खिलाफ 27 अगस्त 2001 को आंध्र हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
v

Wednesday, November 7, 2012

IBN7 IBN7 पॉलिटिक्स केजरीवाल ने मांगा था चंदा, पर नहीं दिया : नारायणमूर्ति

सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दूसरी बडी कंपनी इंफोसिस के संस्थापक नारायणमूर्ति ने अरविंद केजरीवाल को राजनीतिक गतिविधियां संचालित करने के लिए चंदा देने की बात से इंकार किया है। मूर्ति ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल या आईएसी को कोई चंदा नहीं दिया है।
टाटा समाज कल्याण न्यास के राजनीतिक गतिविधियों के लिए केजरीवाल को दान देने से इंकार करने के एक दिन बाद मूर्ति ने कहा कि साल 2008 में वह केजरीवाल के गैर सरकारी संगठन पब्लिक काउज रिसर्च फाउंडेशन को सूचना का अधिकार के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से पांच सालों तक 25 लाख रूपये हर साल देने पर सहमत हुए थे। उन्होंने टाटा समाज कल्याण न्यास को इतनी ही राशि इसके लिए देने को तैयार किया था।
मूर्ति के मुताबिक केजरीवाल ने सितंबर 2012 में वित्तीय मदद देने की गुजारिश की थी। उसके बाद उन्होंने फैसला लिया कि केजरीवाल को राजनीतिक गतिविधियों के लिए वित्तीय मदद नहीं दी जायेगी। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने साल 2008 में उनसे संपर्क कर आरटीआई के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले अधिकारियों, गैर सरकारी संगठनों और आम लोगों को पुरस्कृत करने के लिए धनराशि देने का निवेदन किया था। 


केजरीवाल का वार, रविवार की रैली का हिसाब दे कांग्रेस

IAC के अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए रविवार को हुई रैली में खर्चे का हिसाब सार्वजनिक करने की मांग की है। दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई रैली में प्रधानमंत्री, सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित पूरा कांग्रेसी अमला मौजूद था। इस रैली में कांग्रेस ने एफडीआई की तरफदारी करते हुए इसके फायदे गिनाए थे।
रामलीला मैदान में हुई कांग्रेस की रैली पर सवाल उठाते हुए अरविंद केजरीवाल ने पूछा है कि कांग्रेस ने रैली में भीड़ जुटाने के लिए दूसरे राज्यों से लोगों को बुलाने पर कितना खर्च किया।
उन्होंने ये भी पूछा कि क्या लोगों को रैली में शामिल होने के लिए पैसे दिए गए। केजरीवाल ने कहा कि अगर कांग्रेस इन सवालों का जवाब देती है तो ठीक है, नहीं तो आरटीआई का क्रेडिट लेना बंद करे। गौरतलब है कि इस रैली में कांग्रेस ने आरटीआई लागू करने का क्रेडिट भी खुद को दिया था।