संस्था
ने सोमवार को अपने बयान में कहा है कि हालांकि साल के दौरान एशिया प्रशांत
के क्षेत्र में विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में मजबूत रफ्तार
रहेगी। स्टैंडर्ड ऐंड पूअर्स ने इसी साल अप्रैल में भारत की साख को स्थिर
से घटाकर नकारात्मक किया था।
गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष की पहली
तिमाही में एक तिमाही पहले के 5.3 प्रतिशत की तुलना में थोड़ा सुधार नजर
आया था और यह 5.5 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ी थी। संस्था ने चीन की जीडीपी
को भी आधा प्रतिशत घटाकर 7.5 प्रतिशत और जापान की दो प्रतिशत की है। दक्षिण
कोरिया की जीडीपी ढाई प्रतिशत, सिंगापुर की 2.1 प्रतिशत और ताईवान की 1.9
प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
क्रिसिल
पहले ही भारत के जीडीपी अनुमान को 6.5 प्रतिशत से घटाकर 5.5 प्रतिशत कर
चुका है। एचएसबीसी ने भी जीडीपी अनुमान कम किया है। योजना आयोग ने हाल में
संपन्न अपनी पूर्ण बैठक में 12 वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान जीडीपी के
अनुमान को पहले के नौ प्रतिशत की तुलना में कम कर 8.2 प्रतिशत किया है।
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