कृष्णा
और खार शनिवार को विदेश मंत्री स्तर की वार्ता के बाद मीडिया से रूबरू
हुए। खार कई मुद्दों पर बोलीं और उन्होंने अपने देश का पक्ष मजबूती से रखा।
इस क्रम में उन्होंने एक बार भी अपने लिखित बयान का सहारा नहीं लिया,
बल्कि इसके बगैर ही अपनी बात रखी।
वहीं, कृष्णा ने अपना लिखित बयान पढ़ा। इस
दौरान उनका प्रभाव अपनी युवा पाकिस्तानी समकक्ष की तुलना में फीका रहा। एक
पाकिस्तानी पत्रकार के कृष्णा से पूछे गए सवाल के दौरान भी खार उनके बचाव
में आईं।
यहां तक कि एक भारतीय महिला
पत्रकार ने भी जब उनसे सवाल किया तब भी उनका रवैया बहुत ढीला-ढाला था।
उन्होंने पहले तो सवाल सुना और फिर जवाब देने के लिए तैयार हुए, लेकिन अगले
ही पल फिर पूछ लिया, सवाल क्या था?
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