राहुल द्रविड़ और वी वी एस लक्ष्मण के बाद अब सचिन तेंदुलकर की उम्र को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं और ये सवाल और कोई नहीं खुद लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर ने उठाया है। दरअसल ये मुद्दा शनिवार को बैंगलोर टेस्ट के दौरान सचिन के आउट होते ही उठा।
बैंगलोर
टेस्ट के दूसरे दिन पहली पारी में सचिन तेंदुलकर आज एक बार फिर एक तेज
गेंद को समझ नहीं पाए और गेंद उनके पैड और बैट के भीतर से निकलकर स्टंप पर
जा लगी। नतीजा सचिन बोल्ड हो गए। सचिन ने 17 रन बनाए। उनको ब्रेसवेल ने
बोल्ड किया। तेंदुलकर ने सहवाग के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 40 रन
जोड़े।
सचिन के बोल्ड होने के वक्त गावस्कर और संजय
मांजरेकर कमेंट्री कर रहे थे। दोनों ने इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए कहा
कि अगर सचिन इस तरह से बोल्ड हो रहे हैं तो ये अच्छे संकेत नहीं हैं।
गावस्कर
ने बार-बार दोहराया कि इस तरह बोल्ड होना ये बताता है कि सचिन की उम्र हो
रही है। इस दौरान दोनों ने जावेद मियांदाद का भी जिक्र किया जो क्रिकेट के
अपने आखिरी दौर में इसी तरह आउट हो जाया करते थे।
गावस्कर
ने कहा कि हमने ऑस्ट्रेलिया में देखा कि राहुल द्रविड़ लगातार इस तरह आउट
हो रहे थे। ये किसी भी महान बल्लेबाज के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। दो
लगातार पारियों में अगर सचिन बोल्ड होते हैं और उनके पैड और बैट के बीच के
गैप से गेंद निकलकर स्टंप पर लगती है तो ये निश्चित रूप से चिंता की बात
है। अगर कैच आउट हों या एलबीडब्ल्यू हों तो बात अलग होती है।
क्रिकेट
एक्सपर्ट मनिंदर सिंह ने कहा कि द्रविड़ के संन्यास लेने से सचिन पर दबाव
बढ़ गया है कि अगर शुरुआती दो विकेट जल्द ही गिर जाएं तो वो पारी को
संभालें। हाल ही में मैंने पढ़ा कि वे बहुत ज्यादा डिफेंस की प्रैक्टिस कर
रहे हैं जबकि सचिन ऐसे प्लेयर हैं जो अपने आक्रमण के लिए जाने जाते हैं।
गेंदबाज उनसे डरता है लेकिन द्रविड़ के संन्यास लेने के चलते सचिन पर पारी
को संभालने का दबाव बढ़ गया है। अब वे डिफेंसिव खेल रहे हैं और फुल लेंग्थ
गेंद पर बोल्ड हो रहे हैं। ये निराशाजनक है क्योंकि सचिन जैसे महान प्लेयर
की विदाई भी शानदार होनी चाहिए। सचिन पर उम्र का असर हो रहा है।
मांजरेकर
ने कहा कि जावेद मियांदाद करियर के अपने अंतिम दौर में फुल लेंग्थ गेंद पर
अक्सर बोल्ड हो जाया करते थे। टीम मीटिंग में हम अक्सर ये योजना बनाते थे
कि मियांदाद को फुल लेंग्थ गेंद फेंकी जाए। यहां तक कि स्पिनरों से भी फुल
लेंग्थ फेंकने को कहा जाता था।
पूर्व
क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने कहा कि अभी दो ही पारियों में सचिन बोल्ड हुए
हैं। इसलिए ये कह देना कि उनपर उम्र हावी हो गई है सही नहीं होगा। दो
पारियां किसी की भी खराब हो सकती हैं। सचिन संभवतः 2013 की ओर देख रहे हैं
और चूंकि वो फिट हैं इसलिए उनका ऐसा सोचना गलत भी नहीं है।
पूर्व
क्रिकेटर सैयद किरमानी ने कहा कि हर क्रिकेटर का अच्छा-बुरा समय होता है।
हर खिलाड़ी की तकनीक अलग-अलग होती है। ये ठीक है कि उनकी उम्र काफी हो चुकी
है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि उनके रिफलेक्शन कम हो चुके हैं। अभी उनसे
संन्यास की बात करना सही नहीं होगा।
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