केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था होने के बावजूद ऐसे चार प्रमुख विश्वविद्यालयों में इन वर्गों का एक भी व्यक्ति प्रोफेसर नहीं है। 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अध्यापक के पेशे में एससी/एसटी के लिए कुल आरक्षित सीटों में से एससी की सिर्फ 32 प्रतिशत और एसटी की सिर्फ 41.8 प्रतिशत सीटें ही भरी जा सकीं है।
महेंद्र
प्रताप सिंह की ओर से आरटीआई के जरिये मांगी सूचना में पता लगा है कि
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), दिल्ली विश्वविद्यालय(डीयू), बनारस
हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एक भी
एससी/एसटी प्रोफेसर नहीं है। जेएनयू और डीयू में इस वर्ग का कोई एसोसिएट
प्रोफेसर तक नहीं है।
No comments:
Post a Comment