सुप्रीम
कोर्ट ने सहारा ग्रुप को पूरे पैसे किसी राष्ट्रीय बैंक में जमा कराने का
निर्देश दिया है। साथ ही, कंपनी को 10 दिन में निवेशकों की सूची सेबी को
देनी होगी।
पैसा निवेशकों को वापस मिला है कि नहीं इस
पर सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज बी एन अग्रवाल नजर रखेंगे। कोर्ट ने सेबी
को सहारा इंडिया रियल एस्टेट और सहारा हाउसिंग इंवेस्टमेंट कॉरपोरेशन की
जांच करने के भी आदेश दिए हैं।
सहारा
ग्रुप की दोनों कंपनियों ने 2008-09 में ऑप्शनी फुली कंवर्टिबल डिबेंचर्स
के जरिए बाजार से पैसे जुटाए थे। सेबी ने नियमों के उल्लंघन की वजह से
दोनों कंपनियों को पैसा लौटाने के लिए कहा था। साथ ही, ओएफसीडी के जरिए और
पैसा जुटाने पर रोक लगाई थी।
सेबी
के आदेश के खिलाफ सहारा ग्रुप ने इलाहबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
इलाहबाद हाई कोर्ट के सेबी के पक्ष में फैसला सुनाए जाने पर सहारा ने
सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी।
सुप्रीम
कोर्ट ने सिक्योरिटीज एपैलेट ट्राइब्यूनल को मामला सौंपा था। एसएटी ने
सहारा को 15 फीसदी के ब्याज के साथ पैसा लौटाने का निर्देश दिया था। फैसले
के खिलाफ कंपनी ने फिर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी।
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