Monday, September 24, 2012

अब महंगी होगी चीनी! कैबिनेट कमेटी की अहम बैठक आज

वैसे चीनी की कीमतें पहले ही आसमान छू रही हैं, उस पर अंदेशा यह है कि राशन की चीनी भी महंगी हो सकती है। यानी आम आदमी की थाली से सब्जी की तरह चाय में से शक्कर गायब होने की नौबत आ सकती है। कुल मिलाकर महंगाई विकराल रूप धारण करने को है!
सरकार अब राशन की दुकानों पर मिलने वाली सस्ती चीने के दाम भी बढ़ाने की तैयारी कर रही है। सरकार के मुताबिक शक्कर की कीमत 13.20 रु से बढ़ाकर 25 रु किलो करने का प्रस्ताव है।
सोमवार को होने वाली केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की कायापलट हो सकती है। सू्त्रों के मुताबिक मौजूदा वितरण प्रणाली में लगभग 62 प्रतिशत का रिसाव है। चीनी के तेज़ी से बढ़ते दामों की जांच करने के लिए अब सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली में 42,000 करोड़ रुपए खर्च करेगी। नई प्रणाली में उपभोक्ताओं को एसएमएस के द्बारा राशन स्टाक की जानकारी दी जाएगी।
चीनी के बढ़ते हुए दामों पर चिंता व्यक्त करते हुए अंतर मंत्रालयी समूह ने कहा कि खाद्य मंत्रालय को चीनी को अधिक मात्रा में खुले बाजार में लाना चाहिए। साथ ही इसका आवंटन का कोटा तीन महीने से बढ़ाकर छह महीने कर देना चाहिए।
चीनी उद्योग भारत सरकार के अधीन है। खाद्य मंत्रालय चीनी मिलों को खुले बाजार में और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के द्वारा बेचे जाने वाली चीनी का मात्रा निर्धारित करती है। संसद के मानसून सत्र में खाद्य मंत्री के.वी थॉमस ने यह कहा था कि जून,2012 तक चीनी के दाम में स्थिरता थी। लेकिन इसके बाद चीनी के दाम तेज़ी से बढ़ रहे हैं।
पिछले तीन महीनो में चीनी के दामों में लगभग 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है लेकिन वैश्विक बाजार में चीनी की कीमत स्थिर है, जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली में एक बड़े घालमेल की ओर इशारा करती है।
इसके अलावा सरकार एकीकृत बाल विकास योजना में भी सात लाख आंगनवाड़ी के लिए 1.25 लाख करोड़ का प्रस्ताव रख सकती है।

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