गुजरात के नरोडा पाटिया दंगा केस में एक ट्रायल कोर्ट ने 32 आरोपियों को
दोषी करार दिया है जबकि 29 लोगों को केस से बरी कर दिया गया है। इस फैसले
से मोदी सरकार को बड़ा झटका मिला है। नरोडा से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
की विधायक माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी को भी केस में
दोषी करार दिए गए हैं। सजा पर फैसला 31 अगस्त को आएगा।
बता दें कि साल 2002 के नरोदा पाटिया दंगे
में 97 लोगों का कत्ल कर दिया गया था। इस मामले में 62 लोगों को आरोपी
बनाया गया था। आरोपियों में से एक की मौत ट्रायल के दौरान ही हो गई थी।
नरोडा पाटिया दंगा केस की जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित स्पेशल
इंवेस्टिगेशन टीम को सौंपी गई थी।
स्पेशल कोर्ट के फैसले में विश्व हिंदू
परिषद के नेता बाबू बजरंगी को भी दोषी करार दिया गया है। बाबू बजरंगी इस
केस में आरोपी नंबर 18 हैं। सबसे बड़ी बात यह रही कि तत्कालीन बीजेपी सरकार
की विधायक माया कोडनानी को भी दोषी करार दिया गया है। माया कोडनानी
मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की करीबी थीं और दंगों के बाद उन्हें सरकार में
मंत्री भी बनाया गया था।
नरोदा
पाटिया कत्लेआम पहला मामला है जहां मोदी सरकार में मंत्री रहीं बीजेपी
विधायक माया कोडनानी की सीधी भूमिका का आरोप लगा और जिसके चलते उन्हें जेल
भी जाना पड़ा। आरोपी नंबर 37 माया कोडनानी पर लोगों को उकसाने का आरोप है।
एसआईटी ने भी कोडनानी के खिलाफ काफी सबूत पेश किए हैं।
माया
कोडनानी और बाबू बजरंगी पर 302 जैसी संगीन धाराएं लगाई हैं। 120 बी,
आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दोनों को दोषी पाया है। 149 की धारा का भी
कोर्ट ने उल्लेख किया है। इससे दोनों को उम्र कैद से लेकर फांसी तक की सजा
दी जा सकती है। 300 से ज्यादा लोगों ने इस केस में गवाही दी है।
नरोडा
पाटिया दंगा मामले में माया कोडनानी भी दोषी करार देने पर बीजेपी नेता
यतिन ओझा ने कहा कि लोकशाही में जो भी फैसला है उसका सम्मान करना पड़ता है।
किसी एक नेता पर आरोप लगना पूरी पार्टी पर आरोप नहीं लगाता।
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