शटरस्टॉक
से पहले उन्होंने दस कंपनियां खोलीं लेकिन वो हर बार नाकाम रहे. उन्होंने
कहा, "मैं कई बार असफल हो चुका था और एक बार फिर नाकाम होने को तैयार था."अक्तूबर
2012 में स्टॉक मार्केट में सफल पदार्पण करने वाली इस कंपनी के पास अब 2.8
करोड़ से ज़्यादा फ़ोटो, वीडियो और इलस्ट्रेशंस शामिल हैं.
ओरिंगर के पास कंपनी के 55 फ़ीसदी से अधिक शेयर हैं और वो न्यूयॉर्क की सिलिकॉन ऐली के पहले अरबपति हैं. उनकी कुल संपत्ति लगभग 1.05 अरब डॉलर है.
39 साल के ओरिंगर ने फ़ोटोग्राफ़ी व्यवसाय को लक्ष्य बनाकर इस कंपनी को शुरू नहीं किया था. दरअसल वो 2003 में एक ऐसे सॉफ्टवेयर पर काम कर रहे थे जो इंटरनेट ब्राउज़ करते समय अनचाही विंडो को खुलने से रोकता है.
उन्होंने कहा, "मैं उस समय एक सॉफ्टवेयर बना रहा था और कोशिश में लगा था कि लोग अपने सब्स्क्रिप्शन का नवीकरण करें. मुझे सामान्य चीज़ों की तस्वीरें चाहिए थीं लेकिन इन्हें हासिल कर पाना आसान नहीं था."
उस समय गिनी चुनी कंपनियां ही थीं जिन्हें स्थानों और चीज़ों की जेनेरिक तस्वीरें बनाने में महारत हासिल थी.
इनमें से गैटी इमेजेज़ जैसी कंपनियां न्यूज़ एजेंसियों को ध्यान में रखकर बनाई गई थीं. उनकी सर्विस महंगी थी और छोटी कंपनियों के लिए इतना ख़र्च उठाना आसान नहीं था.
उन्होंने न्यूयॉर्क शहर की ख़ाक छानी और फिर दुनियाभर में घूमे. पर्यटक जहां कुछ अलग तरह की तस्वीरें खींचने में रहते, वहीं ओरिंगर मामूली और जेनेरिक माहौल को अपने कैमरे में क़ैद करते.
पहले साल उन्होंने 30,000 तस्वीरें खींची और उन्हें शटरस्टॉक की वेबसाइट पर डाल दिया. अपनी वेबसाइट के प्रचार के लिए उन्होंने गूगल एडवर्ड्स जैसे सस्ते माध्यमों का सहारा लिया.
ओरिंगर ने कहा, "टर्निंग प्वाइंट तब आया जब मैं मांग पूरी नहीं कर सका." ये सब कुछ उन्होंने मैनहट्टन स्थित अपने घर से किया.
तकनीकी कंपनियों की तरह शटरस्टॉक को शुरू करने के लिए पूंजी की ज़रूरत नहीं पड़ी. ओरिंगर ने कुछ हज़ार ख़र्च करके एक कैमरा ख़रीदा और एक छोटा सा दफ़्तर किराए पर लिया.
शुरुआती में सब काम उन्होंने अकेले किया. वो ख़ुद ही तस्वीर खींचते थे और वेबसाइट डिज़ाइन करते थे. यहां तक कि फ़ोन कॉल का जवाब भी वही देते थे.
वो उपभोक्ताओं की शिकायतें सुनते और कमियों को नोट करते. जब उन्हें अपने शुरुआती कर्मचारियों की भर्ती की तो वो फ़ोटोग्राफर नहीं बल्कि इंजीनियर थे.
शटरस्टॉक 150 देशों में साढ़े सात लाख उपभोक्ताओं को सेवाएं देती है. बीते साल कंपनी ने 4.75 करोड़ डॉलर का मुनाफ़ा कमाया जो कि उससे पिछले साल की तुलना में 117 प्रतिशत अधिक था.
कंपनी का कहना है कि डिजिटल इमेजेज़ का मौजूदा बाज़ार चार अरब डॉलर का है और इसके साल 2016 में बढ़कर छह अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.
40,000 से ज़्यादा फ़ोटोग्राफर शटरस्टॉक पर अपनी तस्वीरें और वीडियो भेजते हैं. कंपनी का कहना है कि वो ऐसे फ़ोटोग्राफरों को 15 करोड़ डॉलर से अधिक का भुगतान कर चुकी है.
अरबपति बनने के बावजूद ओरिंगर बहुत विनम्र हैं और उन्होंने सफलता को सिर नहीं चढ़ने दिया है.
उन्हें एक ही चीज़ का शौक़ है और वो है हेलीकॉप्टर. उन्होंने हाल ही में पायलट का सर्टिफ़िकेट हासिल किया है और एक हेलिकॉप्टर भी ख़रीद लिया है.
ओरिंगर के पास कंपनी के 55 फ़ीसदी से अधिक शेयर हैं और वो न्यूयॉर्क की सिलिकॉन ऐली के पहले अरबपति हैं. उनकी कुल संपत्ति लगभग 1.05 अरब डॉलर है.
फ़ोटोग्राफ़ी
39 साल के ओरिंगर ने फ़ोटोग्राफ़ी व्यवसाय को लक्ष्य बनाकर इस कंपनी को शुरू नहीं किया था. दरअसल वो 2003 में एक ऐसे सॉफ्टवेयर पर काम कर रहे थे जो इंटरनेट ब्राउज़ करते समय अनचाही विंडो को खुलने से रोकता है.
उन्होंने कहा, "मैं उस समय एक सॉफ्टवेयर बना रहा था और कोशिश में लगा था कि लोग अपने सब्स्क्रिप्शन का नवीकरण करें. मुझे सामान्य चीज़ों की तस्वीरें चाहिए थीं लेकिन इन्हें हासिल कर पाना आसान नहीं था."
उस समय गिनी चुनी कंपनियां ही थीं जिन्हें स्थानों और चीज़ों की जेनेरिक तस्वीरें बनाने में महारत हासिल थी.
इनमें से गैटी इमेजेज़ जैसी कंपनियां न्यूज़ एजेंसियों को ध्यान में रखकर बनाई गई थीं. उनकी सर्विस महंगी थी और छोटी कंपनियों के लिए इतना ख़र्च उठाना आसान नहीं था.
कैमरा
ओरिंगर के पास कुछ ही हज़ार डॉलर थे और फ़ोटोग्राफ़ी का कोई अनुभव नहीं था. उन्होंने एक अच्छा कैमरा ख़रीदा और सामान्य चीज़ों की तस्वीरें खींचनी शुरू कर दी.उन्होंने न्यूयॉर्क शहर की ख़ाक छानी और फिर दुनियाभर में घूमे. पर्यटक जहां कुछ अलग तरह की तस्वीरें खींचने में रहते, वहीं ओरिंगर मामूली और जेनेरिक माहौल को अपने कैमरे में क़ैद करते.
पहले साल उन्होंने 30,000 तस्वीरें खींची और उन्हें शटरस्टॉक की वेबसाइट पर डाल दिया. अपनी वेबसाइट के प्रचार के लिए उन्होंने गूगल एडवर्ड्स जैसे सस्ते माध्यमों का सहारा लिया.
ओरिंगर ने कहा, "टर्निंग प्वाइंट तब आया जब मैं मांग पूरी नहीं कर सका." ये सब कुछ उन्होंने मैनहट्टन स्थित अपने घर से किया.
सिलिकॉन वैली
उन्होंने कहा, "लोग सोचते थे कि मैंने सिलिकॉन वैली जाकर शुरुआत क्यों नहीं की. मैं सौभाग्यशाली था कि मुझे ये सब शुरू करने के लिए पैसा नहीं जुटाना पड़ा."तकनीकी कंपनियों की तरह शटरस्टॉक को शुरू करने के लिए पूंजी की ज़रूरत नहीं पड़ी. ओरिंगर ने कुछ हज़ार ख़र्च करके एक कैमरा ख़रीदा और एक छोटा सा दफ़्तर किराए पर लिया.
शुरुआती में सब काम उन्होंने अकेले किया. वो ख़ुद ही तस्वीर खींचते थे और वेबसाइट डिज़ाइन करते थे. यहां तक कि फ़ोन कॉल का जवाब भी वही देते थे.
वो उपभोक्ताओं की शिकायतें सुनते और कमियों को नोट करते. जब उन्हें अपने शुरुआती कर्मचारियों की भर्ती की तो वो फ़ोटोग्राफर नहीं बल्कि इंजीनियर थे.
फायदा
ओरिंगर ने कहा, "मैं इसे अपने तरीक़े से करना चाहता था." उनका लक्ष्य शुरू से ही लाभ कमाना था और इसी सोच का उन्हें फ़ायदा हुआ.शटरस्टॉक 150 देशों में साढ़े सात लाख उपभोक्ताओं को सेवाएं देती है. बीते साल कंपनी ने 4.75 करोड़ डॉलर का मुनाफ़ा कमाया जो कि उससे पिछले साल की तुलना में 117 प्रतिशत अधिक था.
कंपनी का कहना है कि डिजिटल इमेजेज़ का मौजूदा बाज़ार चार अरब डॉलर का है और इसके साल 2016 में बढ़कर छह अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.
40,000 से ज़्यादा फ़ोटोग्राफर शटरस्टॉक पर अपनी तस्वीरें और वीडियो भेजते हैं. कंपनी का कहना है कि वो ऐसे फ़ोटोग्राफरों को 15 करोड़ डॉलर से अधिक का भुगतान कर चुकी है.
अरबपति बनने के बावजूद ओरिंगर बहुत विनम्र हैं और उन्होंने सफलता को सिर नहीं चढ़ने दिया है.
उन्हें एक ही चीज़ का शौक़ है और वो है हेलीकॉप्टर. उन्होंने हाल ही में पायलट का सर्टिफ़िकेट हासिल किया है और एक हेलिकॉप्टर भी ख़रीद लिया है.
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