महाराष्ट्र में किसानों को हड़ताल पर गए 24 घंटे भी नहीं बीते कि गुजरात
में भी किसानों का गुस्सा फूट रहा है. राज्य के बनासकांठा जिले में नाराज
किसानों ने डिसा-राधनपुर हाइवे पर चक्का-जाम कर दिया. किसानों ने सड़कों पर
आलू की फसल फेंककर अपना विरोध जताया. साथ ही सरकार के विरोध में जमकर
नारेबाजी भी की.
ये किसान आलू की फसल का उचित मूल्य नहीं मिलने और खेती के काम के लिए पानी उपलब्ध न होने के कारण नाराज हैं. किसानों ने यह धमकी भी दी कि अगर उनकी मांगों की जल्द सुनवाई नहीं की गयी तो वे आत्महत्या कर लेंगे.
बीते कुछ वर्षों में आलू की फसल पर अच्छा रिटर्न मिलने के कारण गुजरात में किसानों ने आलू की बुवाई का रकबा बढ़ा दिया है. लेकिन कृषि उत्पादन में आ रही परेशानियों से किसान खफा हैं.
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक इस वर्ष गुजरात में 12 लाख हेक्टेयर से अधिक जमीन पर आलू की खेती की गयी है. पिछले वर्ष यह 10 लाख हेक्टेयर के करीब थी. आलू उत्पादन में गुजरात देश में पांचवे नंबर पर है. बंपर पैदावार ने कीमतों को भी प्रभावित किया है, इससे भी किसानों को घाटा हो रहा है.
गौरतलब है कि गुरुवार को महाराष्ट्र में किसानों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत की थी. यह हड़ताल पहले ही दिन हिंसक हो गयी. किसानों ने हड़ताल में शामिल न होकर सब्जियां ढो रहे ट्रकों में तोडफ़ोड़ की और दूध के टैंकर उलट दिये.
महाराष्ट्र के किसान कर्जमाफी और मुफ्त बिजली के संबंध में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ बातचीत विफल होने के बाद हड़ताल पर हैं. उनकी हड़ताल का आज दूसरा दिन है. इस हड़ताल से फलों-सब्जियों और दूध आदि की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका है.
ये किसान आलू की फसल का उचित मूल्य नहीं मिलने और खेती के काम के लिए पानी उपलब्ध न होने के कारण नाराज हैं. किसानों ने यह धमकी भी दी कि अगर उनकी मांगों की जल्द सुनवाई नहीं की गयी तो वे आत्महत्या कर लेंगे.
बीते कुछ वर्षों में आलू की फसल पर अच्छा रिटर्न मिलने के कारण गुजरात में किसानों ने आलू की बुवाई का रकबा बढ़ा दिया है. लेकिन कृषि उत्पादन में आ रही परेशानियों से किसान खफा हैं.
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक इस वर्ष गुजरात में 12 लाख हेक्टेयर से अधिक जमीन पर आलू की खेती की गयी है. पिछले वर्ष यह 10 लाख हेक्टेयर के करीब थी. आलू उत्पादन में गुजरात देश में पांचवे नंबर पर है. बंपर पैदावार ने कीमतों को भी प्रभावित किया है, इससे भी किसानों को घाटा हो रहा है.
गौरतलब है कि गुरुवार को महाराष्ट्र में किसानों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत की थी. यह हड़ताल पहले ही दिन हिंसक हो गयी. किसानों ने हड़ताल में शामिल न होकर सब्जियां ढो रहे ट्रकों में तोडफ़ोड़ की और दूध के टैंकर उलट दिये.
महाराष्ट्र के किसान कर्जमाफी और मुफ्त बिजली के संबंध में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ बातचीत विफल होने के बाद हड़ताल पर हैं. उनकी हड़ताल का आज दूसरा दिन है. इस हड़ताल से फलों-सब्जियों और दूध आदि की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका है.
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