माकपा के राज्यसभा सदस्य रीतब्रत बनर्जी को उनकी ‘आलीशान जीवनशैली’ को लेकर
पार्टी से तीन महीने के लिए निलंबित किया गया है. माकपा के एक वरिष्ठ नेता
ने नाम नहीं जाहिर होने की शर्त पर बताया कि रीतब्रत की जीवनशैली
कम्युनिस्ट जैसी नहीं है. शिकायत मिलने के बाद उन्हें तीन महीने के लिए
निलंबित कर दिया गया है.
रीतब्रत बनर्जी पर 'आलीशान जीवनशैली' जीने के आरोपों की जांच के लिए पार्टी ने तीन सदस्यीय आंतरिक समिति का गठन किया है. समिति अपनी रिपोर्ट आगामी तीन महीने में माकपा की प्रदेश समिति को सौंपेगी.
माकपा नेता ने कहा कि अगर आरोप सच साबित होते हैं तो आगे और कार्रवाई की जाएगी. यदि आरोप बेबुनियाद पाए गए तो तीन महीने बाद उनके निलंबन को समाप्त कर दिया जाएगा.
माकपा के प्रदेश सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, 'मैं अपनी पार्टी के आंतरिक मामलों के बारे में नहीं बोलूंगा. हम पार्टी के किसी भी नेता की सार्वजनिक निंदा या पार्टी से निकाले जाने पर ही बयान जारी करते हैं. 'अब इस पूरे मामले में रीतब्रत की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है.
बता दें कि फरवरी में पार्टी के एक सदस्य ने रीतब्रत द्वारा एप्पल वॉच और मांट ब्लैंक की कलम जैसे महंगे सामान के इस्तेमाल को लेकर सवाल खड़े किए थे. खबरों के मुताबिक रीतब्रत ने सांसद के तौर पर अपने पद का इस्तेमाल करते हुए उस पार्टी सदस्य के नियोक्ता को पत्र लिखकर उनके खिलाफ शिकायत की थी.
रीतब्रत बनर्जी पर 'आलीशान जीवनशैली' जीने के आरोपों की जांच के लिए पार्टी ने तीन सदस्यीय आंतरिक समिति का गठन किया है. समिति अपनी रिपोर्ट आगामी तीन महीने में माकपा की प्रदेश समिति को सौंपेगी.
माकपा नेता ने कहा कि अगर आरोप सच साबित होते हैं तो आगे और कार्रवाई की जाएगी. यदि आरोप बेबुनियाद पाए गए तो तीन महीने बाद उनके निलंबन को समाप्त कर दिया जाएगा.
माकपा के प्रदेश सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, 'मैं अपनी पार्टी के आंतरिक मामलों के बारे में नहीं बोलूंगा. हम पार्टी के किसी भी नेता की सार्वजनिक निंदा या पार्टी से निकाले जाने पर ही बयान जारी करते हैं. 'अब इस पूरे मामले में रीतब्रत की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है.
बता दें कि फरवरी में पार्टी के एक सदस्य ने रीतब्रत द्वारा एप्पल वॉच और मांट ब्लैंक की कलम जैसे महंगे सामान के इस्तेमाल को लेकर सवाल खड़े किए थे. खबरों के मुताबिक रीतब्रत ने सांसद के तौर पर अपने पद का इस्तेमाल करते हुए उस पार्टी सदस्य के नियोक्ता को पत्र लिखकर उनके खिलाफ शिकायत की थी.
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